< יְשַׁעְיָהוּ 4 >
וְהֶחֱזִיקוּ֩ שֶׁ֨בַע נָשִׁ֜ים בְּאִ֣ישׁ אֶחָ֗ד בַּיֹּ֤ום הַהוּא֙ לֵאמֹ֔ר לַחְמֵ֣נוּ נֹאכֵ֔ל וְשִׂמְלָתֵ֖נוּ נִלְבָּ֑שׁ רַ֗ק יִקָּרֵ֤א שִׁמְךָ֙ עָלֵ֔ינוּ אֱסֹ֖ף חֶרְפָּתֵֽנוּ׃ ס | 1 |
उस वक़्त सात 'औरतें एक मर्द को पकड़ कर कहेंगी, कि हम अपनी रोटी खाएँगी और अपने कपड़े पहनेंगी; तू हम सबसे सिर्फ़ इतना कर कि तेरे नाम से कहलायें ताकि हमारी शर्मिंदगी मिटे।
בַּיֹּ֣ום הַה֗וּא יִֽהְיֶה֙ צֶ֣מַח יְהוָ֔ה לִצְבִ֖י וּלְכָבֹ֑וד וּפְרִ֤י הָאָ֙רֶץ֙ לְגָאֹ֣ון וּלְתִפְאֶ֔רֶת לִפְלֵיטַ֖ת יִשְׂרָאֵֽל׃ | 2 |
तब ख़ुदावन्द की तरफ़ से रोएदगी ख़ूबसूरत — ओ — शानदार होगी, और ज़मीन का फल उनके लिए जो बनी — इस्राईल में से बच निकले, लज़ीज़ और ख़ुशनुमा होगा।
וְהָיָ֣ה ׀ הַנִּשְׁאָ֣ר בְּצִיֹּ֗ון וְהַנֹּותָר֙ בִּיר֣וּשָׁלַ֔͏ִם קָדֹ֖ושׁ יֵאָ֣מֶר לֹ֑ו כָּל־הַכָּת֥וּב לַחַיִּ֖ים בִּירוּשָׁלָֽ͏ִם׃ | 3 |
और यूँ होगा कि जो कोई सिय्यून में छूट जाएगा, और जो कोई येरूशलेम में बाक़ी रहेगा, बल्कि हर एक जिसका नाम येरूशलेम के ज़िन्दों में लिखा होगा, मुक़द्दस कहलाएगा।
אִ֣ם ׀ רָחַ֣ץ אֲדֹנָ֗י אֵ֚ת צֹאַ֣ת בְּנֹות־צִיֹּ֔ון וְאֶת־דְּמֵ֥י יְרוּשָׁלַ֖͏ִם יָדִ֣יחַ מִקִּרְבָּ֑הּ בְּר֥וּחַ מִשְׁפָּ֖ט וּבְר֥וּחַ בָּעֵֽר׃ | 4 |
जब ख़ुदावन्द सिय्यून की बेटियों की गन्दगी को दूर करेगा और येरूशलेम का ख़ून रूह — ए — 'अद्ल और रूह — ए — सोज़ान के ज़रिए' से धो डालेगा।
וּבָרָ֣א יְהוָ֡ה עַל֩ כָּל־מְכֹ֨ון הַר־צִיֹּ֜ון וְעַל־מִקְרָאֶ֗הָ עָנָ֤ן ׀ יֹומָם֙ וְעָשָׁ֔ן וְנֹ֛גַהּ אֵ֥שׁ לֶהָבָ֖ה לָ֑יְלָה כִּ֥י עַל־כָּל־כָּבֹ֖וד חֻפָּֽה׃ | 5 |
तब ख़ुदावन्द फिर सिय्यून पहाड़ के हर एक मकान पर और उसकी मजलिसगाहों पर, दिन को बादल और धुवाँ और रात को रोशन शोला पैदा करेगा; तमाम जलाल पर एक सायबान होगा।
וְסֻכָּ֛ה תִּהְיֶ֥ה לְצֵל־יֹומָ֖ם מֵחֹ֑רֶב וּלְמַחְסֶה֙ וּלְמִסְתֹּ֔ור מִזֶּ֖רֶם וּמִמָּטָֽר׃ פ | 6 |
और एक ख़ेमा होगा जो दिन को गर्मी में सायादार मकान, और आँधी और झड़ी के वक़्त आरामगाह और पनाह की जगह हो।