< יְשַׁעְיָהוּ 27 >
בַּיֹּ֣ום הַה֡וּא יִפְקֹ֣ד יְהוָה֩ בְּחַרְבֹ֨ו הַקָּשָׁ֜ה וְהַגְּדֹולָ֣ה וְהֽ͏ַחֲזָקָ֗ה עַ֤ל לִוְיָתָן֙ נָחָ֣שׁ בָּרִ֔חַ וְעַל֙ לִוְיָתָ֔ן נָחָ֖שׁ עֲקַלָּתֹ֑ון וְהָרַ֥ג אֶת־הַתַּנִּ֖ין אֲשֶׁ֥ר בַּיָּֽם׃ ס | 1 |
उस दिन, याहवेह अपनी बड़ी और भयानक तलवार से, टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान को दंड दिया करेंगे, टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान; वह उसको मार देंगे जो समुद्र में रहता है.
בַּיֹּ֖ום הַה֑וּא כֶּ֥רֶם חֶ֖מֶד עַנּוּ־לָֽהּ׃ | 2 |
उस दिन— “आप दाख की बारी के विषय में एक गीत गाओगे:
אֲנִ֤י יְהוָה֙ נֹֽצְרָ֔הּ לִרְגָעִ֖ים אַשְׁקֶ֑נָּה פֶּ֚ן יִפְקֹ֣ד עָלֶ֔יהָ לַ֥יְלָה וָיֹ֖ום אֶצֳּרֶֽנָּה׃ | 3 |
मैं, याहवेह इसका रक्षक हूं; हर क्षण मैं इसकी सिंचाई करता हूं. मैं दिन-रात इसका पहरा देता हूं कि कोई इसको नुकसान न पहुंचाएं.
חֵמָ֖ה אֵ֣ין לִ֑י מִֽי־יִתְּנֵ֜נִי שָׁמִ֥יר שַׁ֙יִת֙ בַּמִּלְחָמָ֔ה אֶפְשְׂעָ֥ה בָ֖הּ אֲצִיתֶ֥נָּה יָּֽחַד׃ | 4 |
मैं कठोर नहीं हूं. किंतु यदि कंटीले झाड़ मेरे विरुद्ध खड़े होंगे! तो मैं उन्हें पूर्णतः भस्म कर दूंगा.
אֹ֚ו יַחֲזֵ֣ק בְּמָעוּזִּ֔י יַעֲשֶׂ֥ה שָׁלֹ֖ום לִ֑י שָׁלֹ֖ום יֽ͏ַעֲשֶׂה־לִּֽי׃ | 5 |
या मेरे साथ मिलकर मेरी शरण में आना चाहे तो वे मेरे पास आए.”
הַבָּאִים֙ יַשְׁרֵ֣שׁ יַֽעֲקֹ֔ב יָצִ֥יץ וּפָרַ֖ח יִשְׂרָאֵ֑ל וּמָלְא֥וּ פְנֵי־תֵבֵ֖ל תְּנוּבָֽה׃ ס | 6 |
उस दिन याकोब अपनी जड़ मजबूत करेगा, इस्राएल और पूरा संसार इसके फल से भर जाएगा.
הַכְּמַכַּ֥ת מַכֵּ֖הוּ הִכָּ֑הוּ אִם־כְּהֶ֥רֶג הֲרֻגָ֖יו הֹרָֽג׃ | 7 |
क्या याहवेह ने उन पर वैसा ही आक्रमण किया है, जैसा उनके मारने वालों पर आक्रमण करता है? या उनका वध उस प्रकार कर दिया गया, जिस प्रकार उनके हत्यारों का वध किया गया था?
בְּסַאסְּאָ֖ה בְּשַׁלְחָ֣הּ תְּרִיבֶ֑נָּה הָגָ֛ה בְּרוּחֹ֥ו הַקָּשָׁ֖ה בְּיֹ֥ום קָדִֽים׃ | 8 |
जब तूने उसे निकाला तब सोच समझकर उसे दुःख दिया, पूर्वी हवा के समय उसको आंधी से उड़ा दिया.
לָכֵ֗ן בְּזֹאת֙ יְכֻפַּ֣ר עֲוֹֽן־יַעֲקֹ֔ב וְזֶ֕ה כָּל־פְּרִ֖י הָסִ֣ר חַטָּאתֹ֑ו בְּשׂוּמֹ֣ו ׀ כָּל־אַבְנֵ֣י מִזְבֵּ֗חַ כְּאַבְנֵי־גִר֙ מְנֻפָּצֹ֔ות לֹֽא־יָקֻ֥מוּ אֲשֵׁרִ֖ים וְחַמָּנִֽים׃ | 9 |
जब याकोब वेदियों के पत्थरों को चूर-चूर कर देगा, फिर न कोई अशेराह और न कोई धूप वेदी खड़ी रहेगी: तब इसके द्वारा याकोब का अपराध क्षमा किया जाएगा; यह उसके पापों का प्रायश्चित होगा.
כִּ֣י עִ֤יר בְּצוּרָה֙ בָּדָ֔ד נָוֶ֕ה מְשֻׁלָּ֥ח וְנֶעֱזָ֖ב כַּמִּדְבָּ֑ר שָׁ֣ם יִרְעֶ֥ה עֵ֛גֶל וְשָׁ֥ם יִרְבָּ֖ץ וְכִלָּ֥ה סְעִפֶֽיהָ׃ | 10 |
क्योंकि नगर निर्जन हो गया है, घर मरुभूमि, छोड़ी हुई और बंजर भूमि समान कर दिया गया है; वहां बछड़े चरेंगे, और आराम करेंगे; और इसकी शाखाओं से भोजन करेंगे.
בִּיבֹ֤שׁ קְצִירָהּ֙ תִּשָּׁבַ֔רְנָה נָשִׁ֕ים בָּאֹ֖ות מְאִירֹ֣ות אֹותָ֑הּ כִּ֣י לֹ֤א עַם־בִּינֹות֙ ה֔וּא עַל־כֵּן֙ לֹֽא־יְרַחֲמֶ֣נּוּ עֹשֵׂ֔הוּ וְיֹצְרֹ֖ו לֹ֥א יְחֻנֶּֽנּוּ׃ ס | 11 |
जब इसकी शाखाएं सूख जाएंगी, तब महिलाएं आकर इन्हें आग जलाने के लिए काम में लेंगी. क्योंकि ये निर्बुद्धि लोग हैं; इसलिये उनका सृष्टि करनेवाला उन पर अनुग्रह नहीं करेगा, जिन्होंने उन्हें सृजा, वे उन पर दया नहीं करेंगे.
וְהָיָה֙ בַּיֹּ֣ום הַה֔וּא יַחְבֹּ֧ט יְהוָ֛ה מִשִּׁבֹּ֥לֶת הַנָּהָ֖ר עַד־נַ֣חַל מִצְרָ֑יִם וְאַתֶּ֧ם תְּלֻקְּט֛וּ לְאַחַ֥ד אֶחָ֖ד בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ ס | 12 |
उस दिन याहवेह फरात नदी से मिस्र की घाटी तक अपने अनाज को झाड़ेंगे और इस्राएल, तुम्हें एक-एक करके एकत्र किया जाएगा.
וְהָיָ֣ה ׀ בַּיֹּ֣ום הַה֗וּא יִתָּקַע֮ בְּשֹׁופָ֣ר גָּדֹול֒ וּבָ֗אוּ הָאֹֽבְדִים֙ בְּאֶ֣רֶץ אַשּׁ֔וּר וְהַנִּדָּחִ֖ים בְּאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם וְהִשְׁתַּחֲו֧וּ לַיהוָ֛ה בְּהַ֥ר הַקֹּ֖דֶשׁ בִּירוּשָׁלָֽ͏ִם׃ | 13 |
उस दिन नरसिंगा फूंका जाएगा. वे जो अश्शूर देश में नष्ट किए गए थे और वे जो मिस्र देश में तितर-बितर कर दिए गए थे, वे सब आएंगे और येरूशलेम में पवित्र पर्वत पर याहवेह की आराधना करेंगे.