< יְשַׁעְיָהוּ 12 >

וְאָֽמַרְתָּ֙ בַּיֹּ֣ום הַה֔וּא אֹודְךָ֣ יְהוָ֔ה כִּ֥י אָנַ֖פְתָּ בִּ֑י יָשֹׁ֥ב אַפְּךָ֖ וּֽתְנַחֲמֵֽנִי׃ 1
उस दिन तू कहेगा, “हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि यद्यपि तू मुझ पर क्रोधित हुआ था, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ, और तूने मुझे शान्ति दी है।”
הִנֵּ֨ה אֵ֧ל יְשׁוּעָתִ֛י אֶבְטַ֖ח וְלֹ֣א אֶפְחָ֑ד כִּֽי־עָזִּ֤י וְזִמְרָת֙ יָ֣הּ יְהוָ֔ה וַֽיְהִי־לִ֖י לִֽישׁוּעָֽה׃ 2
देखो “परमेश्वर मेरा उद्धार है, मैं भरोसा रखूँगा और न थरथराऊँगा; क्योंकि प्रभु यहोवा मेरा बल और मेरे भजन का विषय है, और वह मेरा उद्धारकर्ता हो गया है।”
וּשְׁאַבְתֶּם־מַ֖יִם בְּשָׂשֹׂ֑ון מִמַּעַיְנֵ֖י הַיְשׁוּעָֽה׃ 3
तुम आनन्दपूर्वक उद्धार के सोतों से जल भरोगे।
וַאֲמַרְתֶּ֞ם בַּיֹּ֣ום הַה֗וּא הֹוד֤וּ לַֽיהוָה֙ קִרְא֣וּ בִשְׁמֹ֔ו הֹודִ֥יעוּ בָֽעַמִּ֖ים עֲלִֽילֹתָ֑יו הַזְכִּ֕ירוּ כִּ֥י נִשְׂגָּ֖ב שְׁמֹֽו׃ 4
और उस दिन तुम कहोगे, “यहोवा की स्तुति करो, उससे प्रार्थना करो; सब जातियों में उसके बड़े कामों का प्रचार करो, और कहो कि उसका नाम महान है।
זַמְּר֣וּ יְהוָ֔ה כִּ֥י גֵא֖וּת עָשָׂ֑ה מְיֻדַּעַת (מוּדַ֥עַת) זֹ֖את בְּכָל־הָאָֽרֶץ׃ 5
“यहोवा का भजन गाओ, क्योंकि उसने प्रतापमय काम किए हैं, इसे सारी पृथ्वी पर प्रगट करो।
צַהֲלִ֥י וָרֹ֖נִּי יֹושֶׁ֣בֶת צִיֹּ֑ון כִּֽי־גָדֹ֥ול בְּקִרְבֵּ֖ךְ קְדֹ֥ושׁ יִשְׂרָאֵֽל׃ פ 6
हे सिय्योन में बसनेवाली तू जयजयकार कर और ऊँचे स्वर से गा, क्योंकि इस्राएल का पवित्र तुझ में महान है।”

< יְשַׁעְיָהוּ 12 >