< הוֹשֵׁעַ 8 >

אֶל־חִכְּךָ֣ שֹׁפָ֔ר כַּנֶּ֖שֶׁר עַל־בֵּ֣ית יְהוָ֑ה יַ֚עַן עָבְר֣וּ בְרִיתִ֔י וְעַל־תֹּורָתִ֖י פָּשָֽׁעוּ׃ 1
तुरही अपने मुँह से लगा! वह 'उक़ाब की तरह ख़ुदावन्द के घर पर टूट पड़ा है, क्यूँकि उन्होंने मेरे अहद से तजावुज़ किया और मेरी शरी'अत के ख़िलाफ़ चले।
לִ֖י יִזְעָ֑קוּ אֱלֹהַ֥י יְֽדַעֲנ֖וּךָ יִשְׂרָאֵֽל׃ 2
वह मुझे यूँ पुकारते हैं कि ऐ हमारे ख़ुदा, हम बनी — इस्राईल तुझे पहचानते हैं।
זָנַ֥ח יִשְׂרָאֵ֖ל טֹ֑וב אֹויֵ֖ב יִרְדְּֽפֹו׃ 3
इस्राईल ने भलाई को छोड़ दिया, दुश्मन उसका पीछा करेंगे।
הֵ֤ם הִמְלִיכוּ֙ וְלֹ֣א מִמֶּ֔נִּי הֵשִׂ֖ירוּ וְלֹ֣א יָדָ֑עְתִּי כַּסְפָּ֣ם וּזְהָבָ֗ם עָשׂ֤וּ לָהֶם֙ עֲצַבִּ֔ים לְמַ֖עַן יִכָּרֵֽת׃ 4
उन्होंने बादशाह मुक़र्रर किए लेकिन मेरी तरफ़ से नहीं। उन्होंने उमरा को ठहराया है और मैंने उनको न जाना। उन्होंने अपने सोने चाँदी से बुत बनाए ताकि बर्बाद हों।
זָנַח֙ עֶגְלֵ֣ךְ שֹֽׁמְרֹ֔ון חָרָ֥ה אַפִּ֖י בָּ֑ם עַד־מָתַ֕י לֹ֥א יוּכְל֖וּ נִקָּיֹֽן׃ 5
ऐ सामरिया, तेरा बछड़ा मरदूद है। मेरा क़हर उन पर भड़का है। वह कब तक गुनाह से पाक न होंगे।
כִּ֤י מִיִּשְׂרָאֵל֙ וְה֔וּא חָרָ֣שׁ עָשָׂ֔הוּ וְלֹ֥א אֱלֹהִ֖ים ה֑וּא כִּֽי־שְׁבָבִ֣ים יִֽהְיֶ֔ה עֵ֖גֶל שֹׁמְרֹֽון׃ 6
क्यूँकि ये भी इस्राईल ही की करतूत है। कारीगर ने उसको बनाया है। वह ख़ुदा नहीं। सामरिया का बछड़ा यक़ीनन टुकड़े — टुकड़े किया जाएगा।
כִּ֛י ר֥וּחַ יִזְרָ֖עוּ וְסוּפָ֣תָה יִקְצֹ֑רוּ קָמָ֣ה אֵֽין־לֹ֗ו צֶ֚מַח בְּלִ֣י יַֽעֲשֶׂה־קֶּ֔מַח אוּלַ֣י יַֽעֲשֶׂ֔ה זָרִ֖ים יִבְלָעֻֽהוּ׃ 7
बेशक उन्होंने हवा बोई। वह गर्दबाद काटेंगे, न उसमें डंठल निकलेगा न उसकी बालों से ग़ल्ला पैदा होगा और अगर पैदा हो भी तो अजनबी उसे चट कर जाएँगे।
נִבְלַ֖ע יִשְׂרָאֵ֑ל עַתָּה֙ הָי֣וּ בַגֹּויִ֔ם כִּכְלִ֖י אֵֽין־חֵ֥פֶץ בֹּֽו׃ 8
इस्राईल निगला गया। अब वह क़ौमों के बीच ना पसंदीदा बर्तन की तरह होंगे।
כִּֽי־הֵ֙מָּה֙ עָל֣וּ אַשּׁ֔וּר פֶּ֖רֶא בֹּודֵ֣ד לֹ֑ו אֶפְרַ֖יִם הִתְנ֥וּ אֲהָבִֽים׃ 9
क्यूँकि वह तन्हा गोरख़र की तरह असूर को चले गए हैं। इफ़्राईम ने उजरत पर यार बुलाए।
גַּ֛ם כִּֽי־יִתְנ֥וּ בַגֹּויִ֖ם עַתָּ֣ה אֲקַבְּצֵ֑ם וַיָּחֵ֣לּוּ מְּעָ֔ט מִמַּשָּׂ֖א מֶ֥לֶךְ שָׂרִֽים׃ 10
अगरचे उन्होंने क़ौमों को उजरत दी है तो भी अब मै उनको जमा' करूँगा और वह बादशाह — ओ — उमरा के बोझ से ग़मग़ीन होंगे।
כִּֽי־הִרְבָּ֥ה אֶפְרַ֛יִם מִזְבְּחֹ֖ת לַחֲטֹ֑א הָיוּ־לֹ֥ו מִזְבְּחֹ֖ות לַחֲטֹֽא׃ 11
चूँकि इफ़्राईम ने गुनहगारी के लिए बहुत सी क़ुर्बानगाहें बनायीं इसलिए वह क़ुर्बानगाहें उसकी गुनहगारी का ज़रिया' हुई।
אֶכתֹוב־ (אֶ֨כְתָּב)־לֹ֔ו רִבֹּו (רֻבֵּ֖י) תֹּֽורָתִ֑י כְּמֹו־זָ֖ר נֶחְשָֽׁבוּ׃ 12
अगरचे मैंने अपनी शरी'अत के अहकाम को उनके लिए हज़ारों बार लिखा, लेकिन वह उनको अजनबी ख़्याल करते हैं।
זִבְחֵ֣י הַבְהָבַ֗י יִזְבְּח֤וּ בָשָׂר֙ וַיֹּאכֵ֔לוּ יְהוָ֖ה לֹ֣א רָצָ֑ם עַתָּ֞ה יִזְכֹּ֤ר עֲוֹנָם֙ וְיִפְקֹ֣ד חַטֹּאותָ֔ם הֵ֖מָּה מִצְרַ֥יִם יָשֽׁוּבוּ׃ 13
वह मेरे तोहफ़ों की क़ुर्बानियों के लिए गोश्त पेश करते और खाते हैं, लेकिन ख़ुदावन्द उनको क़ुबूल नहीं करता। अब वह उनकी बदकिरदारी की याद करेगा और उनको उनके गुनाहों की सज़ा देगा। वह मिस्र को वापस जाएँगे।
וַיִּשְׁכַּ֨ח יִשְׂרָאֵ֜ל אֶת־עֹשֵׂ֗הוּ וַיִּ֙בֶן֙ הֵֽיכָלֹ֔ות וִֽיהוּדָ֕ה הִרְבָּ֖ה עָרִ֣ים בְּצֻרֹ֑ות וְשִׁלַּחְתִּי־אֵ֣שׁ בְּעָרָ֔יו וְאָכְלָ֖ה אַרְמְנֹתֶֽיהָ׃ ס 14
इस्राईल ने अपने ख़ालिक़ को फ़रामोश करके बुतख़ाने बनाए हैं और यहूदाह ने बहुत से हसीन शहर ता'मीर किए हैं, लेकिन मैं उसके शहरों पर आग भेजूँगा और वह उनके कस्रों को भसम कर देगी।

< הוֹשֵׁעַ 8 >