< בְּרֵאשִׁית 40 >
וַיְהִ֗י אַחַר֙ הַדְּבָרִ֣ים הָאֵ֔לֶּה חָ֥טְא֛וּ מַשְׁקֵ֥ה מֶֽלֶךְ־מִצְרַ֖יִם וְהָאֹפֶ֑ה לַאֲדֹנֵיהֶ֖ם לְמֶ֥לֶךְ מִצְרָֽיִם׃ | 1 |
कुछ समय बाद राजा फ़रोह के कटोरा-वाहक और उनके खाना बनानेवाले ने अपने स्वामी फ़रोह के विरुद्ध कुछ गलती की.
וַיִּקְצֹ֣ף פַּרְעֹ֔ה עַ֖ל שְׁנֵ֣י סָרִיסָ֑יו עַ֚ל שַׂ֣ר הַמַּשְׁקִ֔ים וְעַ֖ל שַׂ֥ר הָאֹופִֽים׃ | 2 |
और प्रधान खानसामे और प्रधान पिलाने वाले दोनों पर राजा गुस्सा हुए,
וַיִּתֵּ֨ן אֹתָ֜ם בְּמִשְׁמַ֗ר בֵּ֛ית שַׂ֥ר הַטַבָּחִ֖ים אֶל־בֵּ֣ית הַסֹּ֑הַר מְקֹ֕ום אֲשֶׁ֥ר יֹוסֵ֖ף אָס֥וּר שָֽׁם׃ | 3 |
इसलिये राजा ने उन दोनों को कारावास में डाल दिया, जहां योसेफ़ भी बंदी थे.
וַ֠יִּפְקֹד שַׂ֣ר הַטַּבָּחִ֧ים אֶת־יֹוסֵ֛ף אִתָּ֖ם וַיְשָׁ֣רֶת אֹתָ֑ם וַיִּהְי֥וּ יָמִ֖ים בְּמִשְׁמָֽר׃ | 4 |
अंगरक्षकों के प्रधान ने योसेफ़ के हाथ उन दोनों को सौंप दिया. योसेफ़ उनका ध्यान रखते थे. और वे दोनों कुछ समय तक कारावास में रहे,
וַיַּֽחַלְמוּ֩ חֲלֹ֨ום שְׁנֵיהֶ֜ם אִ֤ישׁ חֲלֹמֹו֙ בְּלַ֣יְלָה אֶחָ֔ד אִ֖ישׁ כְּפִתְרֹ֣ון חֲלֹמֹ֑ו הַמַּשְׁקֶ֣ה וְהָאֹפֶ֗ה אֲשֶׁר֙ לְמֶ֣לֶךְ מִצְרַ֔יִם אֲשֶׁ֥ר אֲסוּרִ֖ים בְּבֵ֥ית הַסֹּֽהַר׃ | 5 |
तब एक रात दोनों ने अलग-अलग सपना देखा, और हर एक सपने का अपना अलग-अलग अर्थ था.
וַיָּבֹ֧א אֲלֵיהֶ֛ם יֹוסֵ֖ף בַּבֹּ֑קֶר וַיַּ֣רְא אֹתָ֔ם וְהִנָּ֖ם זֹעֲפִֽים׃ | 6 |
जब सुबह योसेफ़ वहां आए और उन दोनों को देखा कि वे उदास थे.
וַיִּשְׁאַ֞ל אֶת־סְרִיסֵ֣י פַרְעֹ֗ה אֲשֶׁ֨ר אִתֹּ֧ו בְמִשְׁמַ֛ר בֵּ֥ית אֲדֹנָ֖יו לֵאמֹ֑ר מַדּ֛וּעַ פְּנֵיכֶ֥ם רָעִ֖ים הַיֹּֽום׃ | 7 |
योसेफ़ ने जो उसके साथ उसके स्वामी के घर में कारावास में थे, उनसे पूछा: “आप दोनो ऐसे उदास क्यों हैं?”
וַיֹּאמְר֣וּ אֵלָ֔יו חֲלֹ֣ום חָלַ֔מְנוּ וּפֹתֵ֖ר אֵ֣ין אֹתֹ֑ו וַיֹּ֨אמֶר אֲלֵהֶ֜ם יֹוסֵ֗ף הֲלֹ֤וא לֽ͏ֵאלֹהִים֙ פִּתְרֹנִ֔ים סַפְּרוּ־נָ֖א לִֽי׃ | 8 |
उन्होंने कहा, “हम दोनों ही ने स्वप्न देखा है, किंतु कोई भी नहीं है, जो उसका मतलब बता सके.” यह सुनकर योसेफ़ ने कहा, “क्या आप नहीं जानते कि स्वप्न की व्याख्या परमेश्वर की ओर से होती है? कृपया आप मुझे अपना स्वप्न बताएं.”
וַיְסַפֵּ֧ר שַֽׂר־הַמַּשְׁקִ֛ים אֶת־חֲלֹמֹ֖ו לְיֹוסֵ֑ף וַיֹּ֣אמֶר לֹ֔ו בַּחֲלֹומִ֕י וְהִנֵּה־גֶ֖פֶן לְפָנָֽי׃ | 9 |
तब प्रधान पिलाने वाले ने योसेफ़ से कहा, “अपने स्वप्न में मैंने देखा कि मेरे पास एक दाखलता है,
וּבַגֶּ֖פֶן שְׁלֹשָׁ֣ה שָׂרִיגִ֑ם וְהִ֤יא כְפֹרַ֙חַת֙ עָלְתָ֣ה נִצָּ֔הּ הִבְשִׁ֥ילוּ אַשְׁכְּלֹתֶ֖יהָ עֲנָבִֽים׃ | 10 |
जिसमें तीन शाखाएं हैं. जैसे ही इन पर कलियां खिली, उनमें फूल खिलें और अंगूर लगकर पक गए.
וְכֹ֥וס פַּרְעֹ֖ה בְּיָדִ֑י וָאֶקַּ֣ח אֶת־הָֽעֲנָבִ֗ים וָֽאֶשְׂחַ֤ט אֹתָם֙ אֶל־כֹּ֣וס פַּרְעֹ֔ה וָאֶתֵּ֥ן אֶת־הַכֹּ֖וס עַל־כַּ֥ף פַּרְעֹֽה׃ | 11 |
और मैं फ़रोह का प्याला मेरे हाथ में था, और मैंने अंगूर लेकर प्याले में रस निचोड़ा. फिर मैंने प्याला फ़रोह के हाथों में दिया.”
וַיֹּ֤אמֶר לֹו֙ יֹוסֵ֔ף זֶ֖ה פִּתְרֹנֹ֑ו שְׁלֹ֙שֶׁת֙ הַשָּׂ֣רִגִ֔ים שְׁלֹ֥שֶׁת יָמִ֖ים הֵֽם׃ | 12 |
स्वप्न सुनकर योसेफ़ ने कहा, “वे तीन शाखाएं तीन दिन हैं.
בְּעֹ֣וד ׀ שְׁלֹ֣שֶׁת יָמִ֗ים יִשָּׂ֤א פַרְעֹה֙ אֶת־רֹאשֶׁ֔ךָ וַהֲשִֽׁיבְךָ֖ עַל־כַּנֶּ֑ךָ וְנָתַתָּ֤ כֹוס־פַּרְעֹה֙ בְּיָדֹ֔ו כַּמִּשְׁפָּט֙ הָֽרִאשֹׁ֔ון אֲשֶׁ֥ר הָיִ֖יתָ מַשְׁקֵֽהוּ׃ | 13 |
और तीन दिन में फ़रोह आपको वापस बुला लेंगे और आपका काम दुबारा आपको सौंप देंगे और आप फिर से पिलाने का काम शुरू करेंगे.
כִּ֧י אִם־זְכַרְתַּ֣נִי אִתְּךָ֗ כַּאֲשֶׁר֙ יִ֣יטַב לָ֔ךְ וְעָשִֽׂיתָ־נָּ֥א עִמָּדִ֖י חָ֑סֶד וְהִזְכַּרְתַּ֙נִי֙ אֶל־פַּרְעֹ֔ה וְהֹוצֵאתַ֖נִי מִן־הַבַּ֥יִת הַזֶּֽה׃ | 14 |
योसेफ़ ने उनसे कहा जब आप फ़रोह राजा के पास जायेंगे तब मुझे मत भूलना, लेकिन राजा को मेरे बारे में बताना और मुझे कारावास से बाहर निकलवाना.
כִּֽי־גֻנֹּ֣ב גֻּנַּ֔בְתִּי מֵאֶ֖רֶץ הָעִבְרִ֑ים וְגַם־פֹּה֙ לֹא־עָשִׂ֣יתִֽי מְא֔וּמָה כִּֽי־שָׂמ֥וּ אֹתִ֖י בַּבֹּֽור׃ | 15 |
मुझे अपने घर इब्रियों के देश से ज़बरदस्ती से लाया गया था और यहां पर भी मैंने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है जिसके लिये मुझे इस काल-कोठरी में डाला गया.”
וַיַּ֥רְא שַׂר־הָאֹפִ֖ים כִּ֣י טֹ֣וב פָּתָ֑ר וַיֹּ֙אמֶר֙ אֶל־יֹוסֵ֔ף אַף־אֲנִי֙ בַּחֲלֹומִ֔י וְהִנֵּ֗ה שְׁלֹשָׁ֛ה סַלֵּ֥י חֹרִ֖י עַל־רֹאשִֽׁי׃ | 16 |
फिर प्रधान खाना बनानेवाले ने देखा कि दूसरे नौकर के स्वप्न की व्याख्या उनके पक्ष में थी, तब उसने योसेफ़ से कहा, “मैंने भी एक स्वप्न देखा है: मैंने देखा कि मेरे सिर पर सफ़ेद रोटी की तीन टोकरियां रखी हैं.
וּבַסַּ֣ל הָֽעֶלְיֹו֔ן מִכֹּ֛ל מַאֲכַ֥ל פַּרְעֹ֖ה מַעֲשֵׂ֣ה אֹפֶ֑ה וְהָעֹ֗וף אֹכֵ֥ל אֹתָ֛ם מִן־הַסַּ֖ל מֵעַ֥ל רֹאשִֽׁי׃ | 17 |
सबसे ऊपर की टोकरी में फ़रोह के लिए तैयार किए गए सभी प्रकार के व्यंजन थे, टोकरी सिर पर रखी हुई थी; पक्षी उसमें से खाते जा रहे थे.”
וַיַּ֤עַן יֹוסֵף֙ וַיֹּ֔אמֶר זֶ֖ה פִּתְרֹנֹ֑ו שְׁלֹ֙שֶׁת֙ הַסַּלִּ֔ים שְׁלֹ֥שֶׁת יָמִ֖ים הֵֽם׃ | 18 |
स्वप्न सुनकर योसेफ़ ने अर्थ बताया: “वे तीन टोकरियां तीन दिन हैं.
בְּעֹ֣וד ׀ שְׁלֹ֣שֶׁת יָמִ֗ים יִשָּׂ֨א פַרְעֹ֤ה אֶת־רֹֽאשְׁךָ֙ מֵֽעָלֶ֔יךָ וְתָלָ֥ה אֹותְךָ֖ עַל־עֵ֑ץ וְאָכַ֥ל הָעֹ֛וף אֶת־בְּשָׂרְךָ֖ מֵעָלֶֽיךָ׃ | 19 |
इन तीन दिनों में फ़रोह तुम्हारा सिर काट देंगे और शरीर को पेड़ पर लटका देंगे और पक्षी आकर तुम्हारे शरीर को नोचेंगे.”
וַיְהִ֣י ׀ בַּיֹּ֣ום הַשְּׁלִישִׁ֗י יֹ֚ום הֻלֶּ֣דֶת אֶת־פַּרְעֹ֔ה וַיַּ֥עַשׂ מִשְׁתֶּ֖ה לְכָל־עֲבָדָ֑יו וַיִּשָּׂ֞א אֶת־רֹ֣אשׁ ׀ שַׂ֣ר הַמַּשְׁקִ֗ים וְאֶת־רֹ֛אשׁ שַׂ֥ר הָאֹפִ֖ים בְּתֹ֥וךְ עֲבָדָֽיו׃ | 20 |
यही हुआ. तीसरे दिन फ़रोह का जन्मदिन था उसने अपने सभी सेवकों को भोज दिया उस दिन प्रधान पिलाने वाले और प्रधान पकाने वाले दोनों को कारावास से बाहर लाया गया.
וַיָּ֛שֶׁב אֶת־שַׂ֥ר הַמַּשְׁקִ֖ים עַל־מַשְׁקֵ֑הוּ וַיִּתֵּ֥ן הַכֹּ֖וס עַל־כַּ֥ף פַּרְעֹֽה׃ | 21 |
प्रधान पिलाने वाले को फिर से उसकी जवाबदारी दे दी गई; वह फ़रोह के हाथ में फिर से प्याला देने लगे.
וְאֵ֛ת שַׂ֥ר הָאֹפִ֖ים תָּלָ֑ה כַּאֲשֶׁ֥ר פָּתַ֛ר לָהֶ֖ם יֹוסֵֽף׃ | 22 |
लेकिन प्रधान पकाने वाले को फांसी पर लटका दिया; सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा योसेफ़ ने बताया था.
וְלֹֽא־זָכַ֧ר שַֽׂר־הַמַּשְׁקִ֛ים אֶת־יֹוסֵ֖ף וַיִּשְׁכָּחֵֽהוּ׃ פ | 23 |
यह सब देखकर भी प्रधान पिलाने वाले ने योसेफ़ को याद न किया; पर भूल गया.