< יְחֶזְקֵאל 37 >
הָיְתָ֣ה עָלַי֮ יַד־יְהוָה֒ וַיֹּוצִאֵ֤נִי בְר֙וּחַ֙ יְהוָ֔ה וַיְנִיחֵ֖נִי בְּתֹ֣וךְ הַבִּקְעָ֑ה וְהִ֖יא מְלֵאָ֥ה עֲצָמֹֽות׃ | 1 |
याहवेह का हाथ मुझ पर था, और वह मुझे याहवेह के आत्मा के द्वारा बाहर ले आया और एक घाटी के बीच में खड़ा कर दिया; वह घाटी हड्डियों से भरी पड़ी थी.
וְהֶעֱבִירַ֥נִי עֲלֵיהֶ֖ם סָבִ֣יב ׀ סָבִ֑יב וְהִנֵּ֨ה רַבֹּ֤ות מְאֹד֙ עַל־פְּנֵ֣י הַבִּקְעָ֔ה וְהִנֵּ֖ה יְבֵשֹׁ֥ות מְאֹֽד׃ | 2 |
उसने मुझे उनके बीच आने जाने में मेरी अगुवाई की, और मैंने घाटी की तल पर बहुत सारी हड्डियां देखी, जो बहुत सूखी थी.
וַיֹּ֣אמֶר אֵלַ֔י בֶּן־אָדָ֕ם הֲתִחְיֶ֖ינָה הָעֲצָמֹ֣ות הָאֵ֑לֶּה וָאֹמַ֕ר אֲדֹנָ֥י יְהוִ֖ה אַתָּ֥ה יָדָֽעְתָּ׃ | 3 |
उसने मुझसे पूछा, “हे मनुष्य के पुत्र, क्या ये हड्डियां जीवित हो सकती हैं?” मैंने कहा, “परम प्रधान याहवेह, यह तो आप ही जानते हैं.”
וַיֹּ֣אמֶר אֵלַ֔י הִנָּבֵ֖א עַל־הָעֲצָמֹ֣ות הָאֵ֑לֶּה וְאָמַרְתָּ֣ אֲלֵיהֶ֔ם הָעֲצָמֹות֙ הַיְבֵשֹׁ֔ות שִׁמְע֖וּ דְּבַר־יְהוָֽה׃ | 4 |
तब उसने मुझसे कहा, “इन हड्डियों से भविष्यवाणी करके कहो, ‘हे सूखी हड्डियो, याहवेह की बात सुनो!
כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה לָעֲצָמֹ֖ות הָאֵ֑לֶּה הִנֵּ֨ה אֲנִ֜י מֵבִ֥יא בָכֶ֛ם ר֖וּחַ וִחְיִיתֶֽם׃ | 5 |
परम प्रधान याहवेह का इन अस्थियों से यह कहना है: मैं तुममें सांस डाल दूंगा, और तुम जीवित हो जाओगे.
וְנָתַתִּי֩ עֲלֵיכֶ֨ם גִּדִ֜ים וְֽהַעֲלֵתִ֧י עֲלֵיכֶ֣ם בָּשָׂ֗ר וְקָרַמְתִּ֤י עֲלֵיכֶם֙ עֹ֔ור וְנָתַתִּ֥י בָכֶ֛ם ר֖וּחַ וִחְיִיתֶ֑ם וִידַעְתֶּ֖ם כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ | 6 |
मैं तुममें स्नायु-तंत्र जोड़कर तुम्हारे ऊपर मांस चढ़ा दूंगा और तुम्हें चमड़े से ढांप दूंगा; मैं तुममें सांस फूंक दूंगा, और तुम जीवित हो जाओगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.’”
וְנִבֵּ֖אתִי כַּאֲשֶׁ֣ר צֻוֵּ֑יתִי וַֽיְהִי־קֹ֤ול כְּהִנָּֽבְאִי֙ וְהִנֵּה־רַ֔עַשׁ וַתִּקְרְב֣וּ עֲצָמֹ֔ות עֶ֖צֶם אֶל־עַצְמֹֽו׃ | 7 |
तब मैंने इस आज्ञा के अनुसार भविष्यवाणी की. और जब मैं भविष्यवाणी कर रहा था, तब वहां एक खड़खड़ाहट की आवाज हुई, और हड्डियां इकट्ठी हो गईं और एक हड्डी से दूसरी हड्डी जुड़ गई.
וְרָאִ֜יתִי וְהִנֵּֽה־עֲלֵיהֶ֤ם גִּדִים֙ וּבָשָׂ֣ר עָלָ֔ה וַיִּקְרַ֧ם עֲלֵיהֶ֛ם עֹ֖ור מִלְמָ֑עְלָה וְר֖וּחַ אֵ֥ין בָּהֶֽם׃ | 8 |
तब मैंने देखा कि उनमें स्नायु-तंत्र और मांसपेशियां आ गईं और उनके ऊपर चमड़ा चढ़ गया, परंतु उनमें सांस नहीं थी.
וַיֹּ֣אמֶר אֵלַ֔י הִנָּבֵ֖א אֶל־הָר֑וּחַ הִנָּבֵ֣א בֶן־אָ֠דָם וְאָמַרְתָּ֙ אֶל־הָר֜וּחַ כֹּֽה־אָמַ֣ר ׀ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֗ה מֵאַרְבַּ֤ע רוּחֹות֙ בֹּ֣אִי הָר֔וּחַ וּפְחִ֛י בַּהֲרוּגִ֥ים הָאֵ֖לֶּה וְיִֽחְיֽוּ׃ | 9 |
तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, सांस से भविष्यवाणी करो; भविष्यवाणी करो, और उसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे सांस, चारों दिशाओं से आओ और इन मारे गये लोगों में समा जाओ कि वे जीवित हो जाएं.’”
וְהִנַּבֵּ֖אתִי כַּאֲשֶׁ֣ר צִוָּ֑נִי וַתָּבֹוא֩ בָהֶ֨ם הָר֜וּחַ וַיִּֽחְי֗וּ וַיַּֽעַמְדוּ֙ עַל־רַגְלֵיהֶ֔ם חַ֖יִל גָּדֹ֥ול מְאֹד־מְאֹֽד׃ ס | 10 |
याहवेह के इस आज्ञा के अनुसार मैंने भविष्यवाणी की, और सांस उनमें समा गयी; वे जीवित होकर अपने-अपने पांवों पर खड़े हो गए—एक बहुत बड़ी सेना.
וַיֹּאמֶר֮ אֵלַי֒ בֶּן־אָדָ֕ם הָעֲצָמֹ֣ות הָאֵ֔לֶּה כָּל־בֵּ֥ית יִשְׂרָאֵ֖ל הֵ֑מָּה הִנֵּ֣ה אֹמְרִ֗ים יָבְשׁ֧וּ עַצְמֹותֵ֛ינוּ וְאָבְדָ֥ה תִקְוָתֵ֖נוּ נִגְזַ֥רְנוּ לָֽנוּ׃ | 11 |
तब याहवेह ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, ये हड्डियां इस्राएल के लोग हैं. वे कहते हैं, ‘हमारी हड्डियां सूख गई हैं और हमारी आशा जाती रही; हम अलग हो गये हैं.’
לָכֵן֩ הִנָּבֵ֨א וְאָמַרְתָּ֜ אֲלֵיהֶ֗ם כֹּֽה־אָמַר֮ אֲדֹנָ֣י יְהוִה֒ הִנֵּה֩ אֲנִ֨י פֹתֵ֜חַ אֶת־קִבְרֹֽותֵיכֶ֗ם וְהַעֲלֵיתִ֥י אֶתְכֶ֛ם מִקִּבְרֹותֵיכֶ֖ם עַמִּ֑י וְהֵבֵאתִ֥י אֶתְכֶ֖ם אֶל־אַדְמַ֥ת יִשְׂרָאֵֽל׃ ס | 12 |
इसलिये भविष्यवाणी करके उनसे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे मेरे लोगों, मैं तुम्हारी कब्रों को खोलने जा रहा हूं और वहां से तुम्हें बाहर निकालूंगा; मैं तुम्हें वापस इस्राएल देश में ले आऊंगा.
וִֽידַעְתֶּ֖ם כִּֽי־אֲנִ֣י יְהוָ֑ה בְּפִתְחִ֣י אֶת־קִבְרֹֽותֵיכֶ֗ם וּבְהַעֲלֹותִ֥י אֶתְכֶ֛ם מִקִּבְרֹותֵיכֶ֖ם עַמִּֽי׃ | 13 |
तब हे मेरे लोगो, तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं, जब मैं तुम्हारी कब्रों को खोल दूंगा और तुम्हें बाहर निकालूंगा.
וְנָתַתִּ֨י רוּחִ֤י בָכֶם֙ וִחְיִיתֶ֔ם וְהִנַּחְתִּ֥י אֶתְכֶ֖ם עַל־אַדְמַתְכֶ֑ם וִידַעְתֶּ֞ם כִּי־אֲנִ֧י יְהוָ֛ה דִּבַּ֥רְתִּי וְעָשִׂ֖יתִי נְאֻם־יְהוָֽה׃ פ | 14 |
मैं अपना आत्मा तुममें डालूंगा और तुम जीवित होंगे, और मैं तुम्हें तुम्हारे स्वयं के देश में बसाऊंगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह ने कहा है, और मैंने यह किया है, याहवेह की घोषणा है.’”
וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃ | 15 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
וְאַתָּ֣ה בֶן־אָדָ֗ם קַח־לְךָ֙ עֵ֣ץ אֶחָ֔ד וּכְתֹ֤ב עָלָיו֙ לִֽיהוּדָ֔ה וְלִבְנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל חֲבֵרֹו (חֲבֵרָ֑יו) וּלְקַח֙ עֵ֣ץ אֶחָ֔ד וּכְתֹ֣וב עָלָ֗יו לְיֹוסֵף֙ עֵ֣ץ אֶפְרַ֔יִם וְכָל־בֵּ֥ית יִשְׂרָאֵ֖ל חֲבֵרֹו (חֲבֵרָֽיו)׃ | 16 |
“हे मनुष्य के पुत्र, लकड़ी की एक लाठी लो और उस पर यह लिखो, ‘यहूदिया और इस्राएल से संबंधित लोग उसके साथ जुड़ गये हैं.’ तब लकड़ी की एक और लाठी लेकर उस पर लिखो, ‘योसेफ़ (एफ्राईम) और सब इस्राएली उसके साथ जुड़ गये हैं.’
וְקָרַ֨ב אֹתָ֜ם אֶחָ֧ד אֶל־אֶחָ֛ד לְךָ֖ לְעֵ֣ץ אֶחָ֑ד וְהָי֥וּ לַאֲחָדִ֖ים בְּיָדֶֽךָ׃ | 17 |
उन लाठियों को जोड़कर एक ही लाठी बना लो ताकि वे तुम्हारे हाथ में एक ही बन जाएं.
וְכַֽאֲשֶׁר֙ יֹאמְר֣וּ אֵלֶ֔יךָ בְּנֵ֥י עַמְּךָ֖ לֵאמֹ֑ר הֲלֹֽוא־תַגִּ֥יד לָ֖נוּ מָה־אֵ֥לֶּה לָּֽךְ׃ | 18 |
“जब तुम्हारे लोग तुमसे पूछे, ‘क्या तुम हमें नहीं बताओगे कि इनका क्या मतलब है?’
דַּבֵּ֣ר אֲלֵהֶ֗ם כֹּֽה־אָמַר֮ אֲדֹנָ֣י יְהוִה֒ הִנֵּה֩ אֲנִ֨י לֹקֵ֜חַ אֶת־עֵ֤ץ יֹוסֵף֙ אֲשֶׁ֣ר בְּיַד־אֶפְרַ֔יִם וְשִׁבְטֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל חֶבְרֹו (חֲבֵרָ֑יו) וְנָתַתִּי֩ אֹותָ֨ם עָלָ֜יו אֶת־עֵ֣ץ יְהוּדָ֗ה וַֽעֲשִׂיתִם֙ לְעֵ֣ץ אֶחָ֔ד וְהָי֥וּ אֶחָ֖ד בְּיָדִֽי׃ | 19 |
तब उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं योसेफ़ की लाठी को ले लूंगा—जो एफ्राईम के हाथ में है—और इस्राएल के जो गोत्र उसके साथ जुड़े हुए हैं, उन्हें लेकर मैं यहूदिया की लाठी से जोड़ दूंगा. मैं उन्हें लकड़ी की एक लाठी बना दूंगा, और वे मेरे हाथ में एक हो जाएंगे.’
וְהָי֨וּ הָעֵצִ֜ים אֲֽשֶׁר־תִּכְתֹּ֧ב עֲלֵיהֶ֛ם בְּיָדְךָ֖ לְעֵינֵיהֶֽם׃ | 20 |
जिन लाठियों पर तुमने लिखा है, उन्हें उनके सामने पकड़ो
וְדַבֵּ֣ר אֲלֵיהֶ֗ם כֹּֽה־אָמַר֮ אֲדֹנָ֣י יְהוִה֒ הִנֵּ֨ה אֲנִ֤י לֹקֵ֙חַ֙ אֶת־בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל מִבֵּ֥ין הַגֹּויִ֖ם אֲשֶׁ֣ר הָֽלְכוּ־שָׁ֑ם וְקִבַּצְתִּ֤י אֹתָם֙ מִסָּבִ֔יב וְהֵבֵאתִ֥י אֹותָ֖ם אֶל־אַדְמָתָֽם׃ | 21 |
और उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं इस्राएलियों को उन राष्ट्रों से बाहर निकाल लूंगा, जहां वे गये हैं, मैं उन्हें चारों ओर से इकट्ठा करूंगा और उन्हें उनके स्वयं के देश में ले आऊंगा.
וְעָשִׂ֣יתִי אֹ֠תָם לְגֹ֨וי אֶחָ֤ד בָּאָ֙רֶץ֙ בְּהָרֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל וּמֶ֧לֶךְ אֶחָ֛ד יִֽהְיֶ֥ה לְכֻלָּ֖ם לְמֶ֑לֶךְ וְלֹ֤א יִהְיֶה־ (יִֽהְיוּ)־עֹוד֙ לִשְׁנֵ֣י גֹויִ֔ם וְלֹ֨א יֵחָ֥צוּ עֹ֛וד לִשְׁתֵּ֥י מַמְלָכֹ֖ות עֹֽוד׃ | 22 |
मैं उन्हें देश में इस्राएल के पर्वतों पर एक राष्ट्र बनाऊंगा. उन सबके ऊपर एक ही राजा होगा और वे फिर कभी दो जातियों में नहीं होंगे या दो राज्यों में नहीं बंटेंगे.
וְלֹ֧א יִֽטַמְּא֣וּ עֹ֗וד בְּגִלּֽוּלֵיהֶם֙ וּבְשִׁקּ֣וּצֵיהֶ֔ם וּבְכֹ֖ל פִּשְׁעֵיהֶ֑ם וְהֹושַׁעְתִּ֣י אֹתָ֗ם מִכֹּ֤ל מֹושְׁבֹֽתֵיהֶם֙ אֲשֶׁ֣ר חָטְא֣וּ בָהֶ֔ם וְטִהַרְתִּ֤י אֹותָם֙ וְהָיוּ־לִ֣י לְעָ֔ם וַאֲנִ֕י אֶהְיֶ֥ה לָהֶ֖ם לֵאלֹהִֽים׃ | 23 |
वे फिर अपने मूर्तियों और निकम्मे प्रतिमाओं या अपने किसी बुरे कार्यों के द्वारा अपने आपको अशुद्ध नहीं करेंगे, क्योंकि मैं उन्हें उनके पहले के सब पापमय कामों से बचाऊंगा, और मैं उन्हें शुद्ध करूंगा. वे मेरे लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा.
וְעַבְדִּ֤י דָוִד֙ מֶ֣לֶךְ עֲלֵיהֶ֔ם וְרֹועֶ֥ה אֶחָ֖ד יִהְיֶ֣ה לְכֻלָּ֑ם וּבְמִשְׁפָּטַ֣י יֵלֵ֔כוּ וְחֻקֹּתַ֥י יִשְׁמְר֖וּ וְעָשׂ֥וּ אֹותָֽם׃ | 24 |
“‘मेरा सेवक दावीद उनका राजा होगा, और उन सबका एक चरवाहा होगा. वे मेरे कानूनों के पीछे चलेंगे और मेरे नियमों का पालन करने में सावधानी बरतेंगे.
וְיָשְׁב֣וּ עַל־הָאָ֗רֶץ אֲשֶׁ֤ר נָתַ֙תִּי֙ לְעַבְדִּ֣י לְיַֽעֲקֹ֔ב אֲשֶׁ֥ר יָֽשְׁבוּ־בָ֖הּ אֲבֹֽותֵיכֶ֑ם וְיָשְׁב֣וּ עָלֶ֡יהָ הֵ֠מָּה וּבְנֵיהֶ֞ם וּבְנֵ֤י בְנֵיהֶם֙ עַד־עֹולָ֔ם וְדָוִ֣ד עַבְדִּ֔י נָשִׂ֥יא לָהֶ֖ם לְעֹולָֽם׃ | 25 |
वे उस देश में रहेंगे, जिसे मैंने अपने सेवक याकोब को दिया था, वह देश जहां तुम्हारे पूर्वज रहा करते थे. वे और उनके बच्चे और उनके बच्चों के बच्चे सदाकाल के लिये वहां रहेंगे, और मेरा सेवक दावीद सदाकाल के लिये उनका राजकुमार होगा.
וְכָרַתִּ֤י לָהֶם֙ בְּרִ֣ית שָׁלֹ֔ום בְּרִ֥ית עֹולָ֖ם יִהְיֶ֣ה אֹותָ֑ם וּנְתַתִּים֙ וְהִרְבֵּיתִ֣י אֹותָ֔ם וְנָתַתִּ֧י אֶת־מִקְדָּשִׁ֛י בְּתֹוכָ֖ם לְעֹולָֽם׃ | 26 |
मैं उनके साथ शांति की एक वाचा बांधूंगा; यह चिरकाल तक बनी रहनेवाली वाचा होगी. मैं उन्हें बसाऊंगा और उनकी संख्या को बढ़ाऊंगा, और मैं अपने पवित्र स्थान को उनके बीच सदाकाल के लिये बनाये रखूंगा.
וְהָיָ֤ה מִשְׁכָּנִי֙ עֲלֵיהֶ֔ם וְהָיִ֥יתִי לָהֶ֖ם לֵֽאלֹהִ֑ים וְהֵ֖מָּה יִֽהְיוּ־לִ֥י לְעָֽם׃ | 27 |
मेरा निवास स्थान उनके साथ होगा; मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा और वे मेरे लोग होंगे.
וְיָֽדְעוּ֙ הַגֹּויִ֔ם כִּ֚י אֲנִ֣י יְהוָ֔ה מְקַדֵּ֖שׁ אֶת־יִשְׂרָאֵ֑ל בִּהְיֹ֧ות מִקְדָּשִׁ֛י בְּתֹוכָ֖ם לְעֹולָֽם׃ ס | 28 |
जब मेरा पवित्र स्थान सदा के लिये उनके बीच होगा, तब सब राष्ट्रों के लोग जानेंगे कि मैं याहवेह इस्राएल को पवित्र करता हूं.’”