< יְחֶזְקֵאל 35 >
וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃ | 1 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
בֶּן־אָדָ֕ם שִׂ֥ים פָּנֶ֖יךָ עַל־הַ֣ר שֵׂעִ֑יר וְהִנָּבֵ֖א עָלָֽיו׃ | 2 |
“हे मनुष्य के पुत्र, सेईर पर्वत की ओर अपना मुंह करो; उसके विरुद्ध भविष्यवाणी करो
וְאָמַ֣רְתָּ לֹּ֗ו כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה הִנְנִ֥י אֵלֶ֖יךָ הַר־שֵׂעִ֑יר וְנָטִ֤יתִי יָדִי֙ עָלֶ֔יךָ וּנְתַתִּ֖יךָ שְׁמָמָ֥ה וּמְשַׁמָּֽה׃ | 3 |
और कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे सेईर पर्वत, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, और मैं तुम्हारे विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाऊंगा, और मैं तुम्हें निर्जन और उजाड़ कर दूंगा.
עָרֶ֙יךָ֙ חָרְבָּ֣ה אָשִׂ֔ים וְאַתָּ֖ה שְׁמָמָ֣ה תִֽהְיֶ֑ה וְיָדַעְתָּ֖ כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ | 4 |
मैं तुम्हारे नगरों को खंडहर कर दूंगा और तुम निर्जन हो जाओगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
יַ֗עַן הֱיֹ֤ות לְךָ֙ אֵיבַ֣ת עֹולָ֔ם וַתַּגֵּ֥ר אֶת־בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל עַל־יְדֵי־חָ֑רֶב בְּעֵ֣ת אֵידָ֔ם בְּעֵ֖ת עֲוֹ֥ן קֵֽץ׃ | 5 |
“‘क्योंकि तुम पुराने समय से शत्रुता रखते थे और इस्राएलियों के विपत्ति के समय तुमने उन्हें तलवार की शक्ति के अधीन कर दिया, यह वह समय था जब उनका दंड अपने चरम पर था,
לָכֵ֣ן חַי־אָ֗נִי נְאֻם֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה כִּֽי־לְדָ֥ם אֶעֶשְׂךָ֖ וְדָ֣ם יִרְדֲּפֶ֑ךָ אִם־לֹ֥א דָ֛ם שָׂנֵ֖אתָ וְדָ֥ם יִרְדֲּפֶֽךָ׃ | 6 |
इसलिये, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं तुम्हें रक्तपात के लिये दे दूंगा और रक्तपात तुम्हारा पीछा करेगा. क्योंकि तुम्हें तो रक्तपात से घृणा नहीं है, इसलिये रक्तपात तुम्हारा पीछा करेगा.
וְנָֽתַתִּי֙ אֶת־הַ֣ר שֵׂעִ֔יר לְשִֽׁמְמָ֖ה וּשְׁמָמָ֑ה וְהִכְרַתִּ֥י מִמֶּ֖נּוּ עֹבֵ֥ר וָשָֽׁב׃ | 7 |
मैं सेईर पर्वत को निर्जन और उजाड़ कर दूंगा और उन सबको नष्ट कर दूंगा, जो यहां से होकर आते जाते हैं.
וּמִלֵּאתִ֥י אֶת־הָרָ֖יו חֲלָלָ֑יו גִּבְעֹותֶ֤יךָ וְגֵאֹותֶ֙יךָ֙ וְכָל־אֲפִיקֶ֔יךָ חַלְלֵי־חֶ֖רֶב יִפְּל֥וּ בָהֶֽם׃ | 8 |
मैं तुम्हारे पहाड़ों को हत्या किए गये लोगों से भर दूंगा; जो तलवार से मारे जाएंगे, वे तुम्हारे पहाड़ियों पर और तुम्हारे घाटियों में और तुम्हारे सब दर्रों में गिरेंगे.
שִֽׁמְמֹ֤ות עֹולָם֙ אֶתֶּנְךָ֔ וְעָרֶ֖יךָ לֹ֣א תֵישַׁבְנָה (תָשֹׁ֑בְנָה) וִֽידַעְתֶּ֖ם כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ | 9 |
मैं तुम्हें सदाकाल के लिये उजाड़ बना दूंगा; तुम्हारे नगर फिर बसाये नहीं जाएंगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
יַ֣עַן אֲ֠מָרְךָ אֶת־שְׁנֵ֨י הַגֹּויִ֜ם וְאֶת־שְׁתֵּ֧י הָאֲרָצֹ֛ות לִ֥י תִהְיֶ֖ינָה וִֽירַשְׁנ֑וּהָ וַֽיהוָ֖ה שָׁ֥ם הָיָֽה׃ | 10 |
“‘क्योंकि तुमने कहा है, “ये दो जातियां और ये दो देश हमारे होंगे और हम उनको अपने अधिकार में ले लेंगे,” यद्यपि मैं याहवेह वहां था,
לָכֵ֣ן חַי־אָ֗נִי נְאֻם֮ אֲדֹנָ֣י יְהוִה֒ וְעָשִׂ֗יתִי כְּאַפְּךָ֙ וּכְקִנְאָ֣תְךָ֔ אֲשֶׁ֣ר עָשִׂ֔יתָה מִשִּׂנְאָתֶ֖יךָ בָּ֑ם וְנֹודַ֥עְתִּי בָ֖ם כַּאֲשֶׁ֥ר אֶשְׁפְּטֶֽךָ׃ | 11 |
इसलिये, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, उनके प्रति तुम्हारी घृणा के समय, तुमने जो क्रोध और ईर्ष्या दिखाई, उसके अनुसार मैं तुमसे व्यवहार करूंगा और जब मैं तुम्हारा न्याय करूंगा, तब मैं स्वयं को उनके बीच प्रगट करूंगा.
וְֽיָדַעְתָּ֮ כִּֽי־אֲנִ֣י יְהוָה֒ שָׁמַ֣עְתִּי ׀ אֶת־כָּל־נָאָֽצֹותֶ֗יךָ אֲשֶׁ֥ר אָמַ֛רְתָּ עַל־הָרֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל לֵאמֹ֣ר ׀ שָׁמֵמָה (שָׁמֵ֑מוּ) לָ֥נוּ נִתְּנ֖וּ לְאָכְלָֽה׃ | 12 |
तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह ने उन सब तुच्छ बातों को सुना है, जो तुमने इस्राएल के पर्वतों के विरुद्ध कहा. तुमने कहा, “वे उजाड़ पड़े हैं और उन्हें हमारा आहार होने के लिये दिया गया है.”
וַתַּגְדִּ֤ילוּ עָלַי֙ בְּפִיכֶ֔ם וְהַעְתַּרְתֶּ֥ם עָלַ֖י דִּבְרֵיכֶ֑ם אֲנִ֖י שָׁמָֽעְתִּי׃ ס | 13 |
तुमने मेरे विरुद्ध डींग मारी और बेधड़क मेरे विरुद्ध बातें कही, और मैंने वह सब सुना.
כֹּ֥ה אָמַ֖ר אֲדֹנָ֣י יְהוִ֑ה כִּשְׂמֹ֙חַ֙ כָּל־הָאָ֔רֶץ שְׁמָמָ֖ה אֶעֱשֶׂה־לָּֽךְ׃ | 14 |
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब सारी पृथ्वी आनंदित होगी, तब मैं तुम्हें उजाड़ दूंगा.
כְּשִׂמְחָ֨תְךָ֜ לְנַחְלַ֧ת בֵּֽית־יִשְׂרָאֵ֛ל עַ֥ל אֲשֶׁר־שָׁמֵ֖מָה כֵּ֣ן אֶעֱשֶׂה־לָּ֑ךְ שְׁמָמָ֨ה תִֽהְיֶ֤ה הַר־שֵׂעִיר֙ וְכָל־אֱדֹ֣ום כֻּלָּ֔הּ וְיָדְע֖וּ כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ פ | 15 |
क्योंकि जब इस्राएल का उत्तराधिकार उजड़ गया, तब तुम आनंद मनाये, वैसा ही व्यवहार मैं तुम्हारे साथ करूंगा. हे सेईर पर्वत, तुम उजाड़ हो जाओगे, तुम और पूरा एदोम. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.’”