< יְחֶזְקֵאל 27 >
וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃ | 1 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
וְאַתָּ֣ה בֶן־אָדָ֔ם שָׂ֥א עַל־צֹ֖ר קִינָֽה׃ | 2 |
“हे मनुष्य के पुत्र, सोर के लिए एक विलापगीत लो.
וְאָמַרְתָּ֣ לְצֹ֗ור הַיֹּשְׁבֹתֵי (הַיֹּשֶׁ֙בֶת֙) עַל־מְבֹואֹ֣ת יָ֔ם רֹכֶ֙לֶת֙ הָֽעַמִּ֔ים אֶל־אִיִּ֖ים רַבִּ֑ים כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה צֹ֕ור אַ֣תְּ אָמַ֔רְתְּ אֲנִ֖י כְּלִ֥ילַת יֹֽפִי׃ | 3 |
सोर से कहो, जो समुद्र के प्रवेश द्वार पर बसा है और बहुत से समुद्रतट पर लोगों का व्यापारी है, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘हे सोर, तुम कहते हो, “मैं पूरी तरह सुंदर हूं.”
בְּלֵ֥ב יַמִּ֖ים גְּבוּלָ֑יִךְ בֹּנַ֕יִךְ כָּלְל֖וּ יָפְיֵֽךְ׃ | 4 |
तुम्हारी सीमा समुद्र के गर्भ तक थी; तुम्हें बनाने वालों ने तुम्हें पूरी तरह सुंदर बनाया.
בְּרֹושִׁ֤ים מִשְּׂנִיר֙ בָּ֣נוּ לָ֔ךְ אֵ֖ת כָּל־לֻֽחֹתָ֑יִם אֶ֤רֶז מִלְּבָנֹון֙ לָקָ֔חוּ לַעֲשֹׂ֥ות תֹּ֖רֶן עָלָֽיִךְ׃ | 5 |
उन्होंने तुम्हारी सब इमारती लकड़ी सेनीर पहाड़ के सनौवर के पेड़ों से ली हैं; उन्होंने तुम्हारे लिये एक मस्तूल बनाने के लिये लबानोन के देवदार की लकड़ी का उपयोग किया है.
אַלֹּונִים֙ מִבָּ֔שָׁן עָשׂ֖וּ מִשֹּׁוטָ֑יִךְ קַרְשֵׁ֤ךְ עָֽשׂוּ־שֵׁן֙ בַּת־אֲשֻׁרִ֔ים מֵאִיֵּ֖י כִּתִּיִּם (כִּתִּיִּֽים)׃ | 6 |
तुम्हारे पतवारों के लिए उन्होंने बाशान के बांज वृक्षों की लकड़ी का उपयोग किया है; तुम्हारे पानी जहाज़ का छत कित्तिम समुद्रतट के चीड़ वृक्ष का है, जिसे हाथी-दांत से सजाया गया है.
שֵׁשׁ־בְּרִקְמָ֤ה מִמִּצְרַ֙יִם֙ הָיָ֣ה מִפְרָשֵׂ֔ךְ לִהְיֹ֥ות לָ֖ךְ לְנֵ֑ס תְּכֵ֧לֶת וְאַרְגָּמָ֛ן מֵאִיֵּ֥י אֱלִישָׁ֖ה הָיָ֥ה מְכַסֵּֽךְ׃ | 7 |
तुम्हारे जहाज़ का पाल मिस्र देश के सुंदर कसीदा किए हुए मलमल के कपड़े का था, और यह तुम्हारे ध्वज के रूप में काम करता था; तुम्हारा तिरपाल (चांदनी) एलिशाह के समुद्रतट का था, जिसका रंग नीला और बैंगनी था.
יֹשְׁבֵ֤י צִידֹון֙ וְאַרְוַ֔ד הָי֥וּ שָׁטִ֖ים לָ֑ךְ חֲכָמַ֤יִךְ צֹור֙ הָ֣יוּ בָ֔ךְ הֵ֖מָּה חֹבְלָֽיִךְ׃ | 8 |
सीदोन और आरवद के लोग तुम्हारे मल्लाह थे; हे सोर, तुम्हारे निपुण लोग नाविक के रूप में जहाज़ पर थे.
זִקְנֵ֨י גְבַ֤ל וַחֲכָמֶ֙יהָ֙ הָ֣יוּ בָ֔ךְ מַחֲזִיקֵ֖י בִּדְקֵ֑ךְ כָּל־אֳנִיֹּ֨ות הַיָּ֤ם וּמַלָּֽחֵיהֶם֙ הָ֣יוּ בָ֔ךְ לַעֲרֹ֖ב מַעֲרָבֵֽךְ׃ | 9 |
जहाज़ के जोड़ों को ठीक करने के लिये जहाज़ पर गेबल के अनुभवी शिल्पकार जहाज़ के शिल्पी के रूप में थे. समुद्र के सारे जहाज़ और उनके नाविक तुम्हारे व्यापारिक माल का लेनदेन करने के लिये तुम्हारे साथ थे.
פָּרַ֨ס וְל֤וּד וּפוּט֙ הָי֣וּ בְחֵילֵ֔ךְ אַנְשֵׁ֖י מִלְחַמְתֵּ֑ךְ מָגֵ֤ן וְכֹובַע֙ תִּלּוּ־בָ֔ךְ הֵ֖מָּה נָתְנ֥וּ הֲדָרֵֽךְ׃ | 10 |
“‘तुम्हारी सेना में परसिया, लूद और पूत के लोग शामिल थे. उन्होंने तुम्हारी शोभा बढ़ाते हुए, अपनी ढाल और टोप दीवारों पर टांग दिये थे.
בְּנֵ֧י אַרְוַ֣ד וְחֵילֵ֗ךְ עַל־חֹומֹותַ֙יִךְ֙ סָבִ֔יב וְגַ֨מָּדִ֔ים בְּמִגְדְּלֹותַ֖יִךְ הָי֑וּ שִׁלְטֵיהֶ֞ם תִּלּ֤וּ עַל־חֹומֹותַ֙יִךְ֙ סָבִ֔יב הֵ֖מָּה כָּלְל֥וּ יָפְיֵֽךְ׃ | 11 |
आरवद और हेलेक के लोग चारों तरफ से तुम्हारी दीवारों का पहरा दिये; गम्माद के लोग तुम्हारे स्तंभों पर थे. उन्होंने अपनी ढालें तुम्हारी दीवारों पर टांग दी; उन्होंने तुम्हारी सुंदरता में चार चांद लगाया.
תַּרְשִׁ֥ישׁ סֹחַרְתֵּ֖ךְ מֵרֹ֣ב כָּל־הֹ֑ון בְּכֶ֤סֶף בַּרְזֶל֙ בְּדִ֣יל וְעֹופֶ֔רֶת נָתְנ֖וּ עִזְבֹונָֽיִךְ׃ | 12 |
“‘सभी प्रकार की चीज़ों की अधिकता के कारण तरशीश के लोगों ने तुम्हारे साथ व्यापार किया; उन्होंने तुम्हारे सामानों को चांदी, लोहा, टीन और सीसा देकर खरीदा.
יָוָ֤ן תֻּבַל֙ וָמֶ֔שֶׁךְ הֵ֖מָּה רֹֽכְלָ֑יִךְ בְּנֶ֤פֶשׁ אָדָם֙ וּכְלֵ֣י נְחֹ֔שֶׁת נָתְנ֖וּ מַעֲרָבֵֽךְ׃ | 13 |
“‘यावन (ग्रीस), तूबल और मेशेख तुमसे व्यापार करते थे; वे तुम्हें तुम्हारे व्यापारिक सामानों के बदले मानव प्राणी और कांसे के चीज़ों को देते थे.
מִבֵּ֖ית תֹּוגַרְמָ֑ה סוּסִ֤ים וּפָֽרָשִׁים֙ וּפְרָדִ֔ים נָתְנ֖וּ עִזְבֹונָֽיִךְ׃ | 14 |
“‘बेथ-तोगरमाह के लोग तुम्हारे व्यापारिक सामानों के बदले रथ खींचनेवाले घोड़े, सेना के घोड़े और खच्चर दिया करते थे.
בְּנֵ֤י דְדָן֙ רֹֽכְלַ֔יִךְ אִיִּ֥ים רַבִּ֖ים סְחֹרַ֣ת יָדֵ֑ךְ קַרְנֹ֥ות שֵׁן֙ וְהֹובְנִים (וְהָבְנִ֔ים) הֵשִׁ֖יבוּ אֶשְׁכָּרֵֽךְ׃ | 15 |
“‘रोडीस के लोग तुमसे व्यापार करते थे, और समुद्रतट के बहुतेरे देश तुम्हारे ग्राहक थे; वे अपना भुगतान हाथी-दांत और आबनूस (तेंदू) की लकड़ी देकर करते थे.
אֲרָ֥ם סֹחַרְתֵּ֖ךְ מֵרֹ֣ב מַעֲשָׂ֑יִךְ בְּ֠נֹפֶךְ אַרְגָּמָ֨ן וְרִקְמָ֤ה וּבוּץ֙ וְרָאמֹ֣ת וְכַדְכֹּ֔ד נָתְנ֖וּ בְּעִזְבֹונָֽיִךְ׃ | 16 |
“‘तुम्हारे पास सामानों की अधिकता के कारण, अराम ने तुमसे व्यापार किया; वे तुम्हारी वस्तुओं के मूल्य के बदले तुम्हें हरित नीलमणि, बैंगनी रंग के कपड़े, कसीदा किए हुए कपड़े, अच्छे किस्म के मलमल कपड़े, मूंगा और लाल रत्न देते थे.
יְהוּדָה֙ וְאֶ֣רֶץ יִשְׂרָאֵ֔ל הֵ֖מָּה רֹכְלָ֑יִךְ בְּחִטֵּ֣י מִ֠נִּית וּפַנַּ֨ג וּדְבַ֤שׁ וָשֶׁ֙מֶן֙ וָצֹ֔רִי נָתְנ֖וּ מַעֲרָבֵֽךְ׃ | 17 |
“‘यहूदिया तथा इस्राएल देश ने भी तुमसे व्यापार किया; वे तुम्हारे सामानों के भुगतान के बदले तुम्हें मिन्निथ में उपजे गेहूं, मिठाई, मधु, जैतून तेल और मलहम देते थे.
דַּמֶּ֧שֶׂק סֹחַרְתֵּ֛ךְ בְּרֹ֥ב מַעֲשַׂ֖יִךְ מֵרֹ֣ב כָּל־הֹ֑ון בְּיֵ֥ין חֶלְבֹּ֖ון וְצֶ֥מֶר צָֽחַר׃ | 18 |
“‘तुम्हारे पास उत्पादन की अधिकता और सामानों की अत्यधिक प्रचुरता के कारण दमेशेक ने तुमसे व्यापार किया. तुम्हारे सामान: बना हुआ लोहा, दालचीनी और तेजपत्ती के बदले उन्होंने तुम्हें हेलबोन की दाखमधु,
וְדָ֤ן וְיָוָן֙ מְאוּזָּ֔ל בְּעִזְבֹונַ֖יִךְ נָתָ֑נּוּ בַּרְזֶ֤ל עָשֹׁות֙ קִדָּ֣ה וְקָנֶ֔ה בְּמַעֲרָבֵ֖ךְ הָיָֽה׃ | 19 |
जाहर का ऊन और उजाल में बने दाखमधु की लकड़ी के पीपे देने का प्रस्ताव दिया.
דְּדָן֙ רֹֽכַלְתֵּ֔ךְ בְבִגְדֵי־חֹ֖פֶשׁ לְרִכְבָּֽה׃ | 20 |
“‘देदान नगर तुम्हें घोड़े की पीठ पर बिछानेवाले कंबल देता था.
עֲרַב֙ וְכָל־נְשִׂיאֵ֣י קֵדָ֔ר הֵ֖מָּה סֹחֲרֵ֣י יָדֵ֑ךְ בְּכָרִ֤ים וְאֵילִים֙ וְעַתּוּדִ֔ים בָּ֖ם סֹחֲרָֽיִךְ׃ | 21 |
“‘अरेबिया के लोग और केदार देश के सब राजकुमार तुम्हारे ग्राहक थे; वे तुम्हें तुम्हारे सामान के बदले मेमने, मेढ़े और बकरियां देकर तुमसे लेनदेन करते थे.
רֹכְלֵ֤י שְׁבָא֙ וְרַעְמָ֔ה הֵ֖מָּה רֹכְלָ֑יִךְ בְּרֹ֨אשׁ כָּל־בֹּ֜שֶׂם וּבְכָל־אֶ֤בֶן יְקָרָה֙ וְזָהָ֔ב נָתְנ֖וּ עִזְבֹונָֽיִךְ׃ | 22 |
“‘शीबा तथा रामाह के व्यापारियों ने तुमसे व्यापार किया; तुम्हारे व्यापारिक सामानों के बदले वे तुम्हें सब प्रकार के सर्वोत्तम मसाले, बहुमूल्य रत्न एवं सोना देते थे.
חָרָ֤ן וְכַנֵּה֙ וָעֶ֔דֶן רֹכְלֵ֖י שְׁבָ֑א אַשּׁ֖וּר כִּלְמַ֥ד רֹכַלְתֵּֽךְ׃ | 23 |
“‘हारान, कन्नेह, एदेन, शीबा, अश्शूर तथा किलमाद के व्यापारियों ने भी तुम्हारे ही साथ व्यापार किया.
הֵ֤מָּה רֹכְלַ֙יִךְ֙ בְמַכְלֻלִ֔ים בִּגְלֹומֵי֙ תְּכֵ֣לֶת וְרִקְמָ֔ה וּבְגִנְזֵ֖י בְּרֹמִ֑ים בַּחֲבָלִ֧ים חֲבֻשִׁ֛ים וַאֲרֻזִ֖ים בְּמַרְכֻלְתֵּֽךְ׃ | 24 |
तुम्हारे बाज़ार के जगह में, वे तुम्हें तुम्हारे सामानों के बदले सुंदर कपड़े, नीले कपड़े, कसीदा किए हुए कपड़े और आंटी गई और कसकर बांधी गई डोरियों वाले रंग-बिरंगे कंबल देते थे.
אֳנִיֹּ֣ות תַּרְשִׁ֔ישׁ שָׁרֹותַ֖יִךְ מַעֲרָבֵ֑ךְ וַתִּמָּלְאִ֧י וַֽתִּכְבְּדִ֛י מְאֹ֖ד בְּלֵ֥ב יַמִּֽים׃ | 25 |
“‘तुम्हारे व्यापारिक सामानों का परिवहन तरशीश के पानी जहाजों से होता है जब तुम समुद्री यात्रा में जाते हो तो जहाज़ में तुम्हारा भारी माल भरा रहता है.
בְּמַ֤יִם רַבִּים֙ הֱבִיא֔וּךְ הַשָּׁטִ֖ים אֹתָ֑ךְ ר֚וּחַ הַקָּדִ֔ים שְׁבָרֵ֖ךְ בְּלֵ֥ב יַמִּֽים׃ | 26 |
तुम्हारे जहाज़ के चालक तुम्हें गहरे समुद्र में ले जाते हैं. पर पूर्व की हवा दूर समुद्र में तुम्हारे जहाज़ के टुकड़े-टुकड़े कर देगी.
הֹונֵךְ֙ וְעִזְבֹונַ֔יִךְ מַעֲרָבֵ֕ךְ מַלָּחַ֖יִךְ וְחֹבְלָ֑יִךְ מַחֲזִיקֵ֣י בִדְקֵ֣ך וְֽעֹרְבֵ֣י מַ֠עֲרָבֵךְ וְכָל־אַנְשֵׁ֨י מִלְחַמְתֵּ֜ךְ אֲשֶׁר־בָּ֗ךְ וּבְכָל־קְהָלֵךְ֙ אֲשֶׁ֣ר בְּתֹוכֵ֔ךְ יִפְּלוּ֙ בְּלֵ֣ב יַמִּ֔ים בְּיֹ֖ום מַפַּלְתֵּֽךְ׃ | 27 |
तुम्हारी संपत्ति, व्यापारिक सामान और वस्तुएं, तुम्हारे नाविक, जहाज़ चलानेवाले और जहाज़ बनानेवाले, तुम्हारे व्यापारी और तुम्हारे सब सैनिक, और जहाज़ के सारे लोग उस दिन समुद्र की गहराई में डूब जाएंगे जब तुम्हारा जहाज़ टूट जाएगा.
לְקֹ֖ול זַעֲקַ֣ת חֹבְלָ֑יִךְ יִרְעֲשׁ֖וּ מִגְרֹשֹֽׁות׃ | 28 |
तुम्हारे जहाज़ चलानेवालों की चिल्लाहट से समुद्रतट कांप उठेगा;
וְֽיָרְד֞וּ מֵאָנִיֹּֽותֵיהֶ֗ם כֹּ֚ל תֹּפְשֵׂ֣י מָשֹׁ֔וט מַלָּחִ֕ים כֹּ֖ל חֹבְלֵ֣י הַיָּ֑ם אֶל־הָאָ֖רֶץ יַעֲמֹֽדוּ׃ | 29 |
पतवार चलानेवाले सबके सब अपने जहाजों को छोड़ देंगे, मल्लाह और जहाज़ को चलानेवाले सबके सब जहाज़ से उतरकर समुद्रतट पर खड़े हो जाएंगे.
וְהִשְׁמִ֤יעוּ עָלַ֙יִךְ֙ בְּקֹולָ֔ם וְיִזְעֲק֖וּ מָרָ֑ה וְיַעֲל֤וּ עֽ͏ָפָר֙ עַל־רָ֣אשֵׁיהֶ֔ם בָּאֵ֖פֶר יִתְפַּלָּֽשׁוּ׃ | 30 |
वे तुम्हारे कारण चिल्लाएंगे और बिलख-बिलखकर रोएंगे; वे अपने सिर पर धूल छिड़क कर राख में लोटेंगे.
וְהִקְרִ֤יחוּ אֵלַ֙יִךְ֙ קָרְחָ֔ה וְחָגְר֖וּ שַׂקִּ֑ים וּבָכ֥וּ אֵלַ֛יִךְ בְּמַר־נֶ֖פֶשׁ מִסְפֵּ֥ד מָֽר׃ | 31 |
वे तुम्हारे कारण अपना सिर मुंड़ा लेंगे और टाट का कपड़ा पहनेंगे. वे मन की वेदना और भारी शोक से तुम्हारे विषय रोएंगे.
וְנָשְׂא֨וּ אֵלַ֤יִךְ בְּנִיהֶם֙ קִינָ֔ה וְקֹונְנ֖וּ עָלָ֑יִךְ מִ֣י כְצֹ֔ור כְּדֻמָ֖ה בְּתֹ֥וךְ הַיָּֽם׃ | 32 |
जब वे तुम्हारे विषय में बहुत रोएंगे और शोक मनाएंगे, तो वे तुम्हारे विषय एक विलापगीत गाएंगे: “कौन समुद्र से घिरे हुए सोर के समान चुप था?”
בְּצֵ֤את עִזְבֹונַ֙יִךְ֙ מִיַּמִּ֔ים הִשְׂבַּ֖עַתְּ עַמִּ֣ים רַבִּ֑ים בְּרֹ֤ב הֹונַ֙יִךְ֙ וּמַ֣עֲרָבַ֔יִךְ הֶעֱשַׁ֖רְתְּ מַלְכֵי־אָֽרֶץ׃ | 33 |
जब तुम्हारे व्यापार का माल समुद्र में होकर जाता था, तो उससे तुम बहुत सी जाति के लोगों को संतुष्ट करते थे; अपनी अपार संपत्ति और व्यापारिक माल से तुमने पृथ्वी के राजाओं को समृद्ध कर दिया.
עֵ֛ת נִשְׁבֶּ֥רֶת מִיַּמִּ֖ים בְּמַֽעֲמַקֵּי־מָ֑יִם מַעֲרָבֵ֥ךְ וְכָל־קְהָלֵ֖ךְ בְּתֹוכֵ֥ךְ נָפָֽלוּ׃ | 34 |
अब तुम पानी की गहराइयों में समुद्र के द्वारा चकनाचूर हो गये हो; तुम्हारा व्यापार का माल और जहाज़ में तुम्हारे पूरे लोगों का जत्था तुम्हारे साथ डूब गया है.
כֹּ֚ל יֹשְׁבֵ֣י הָאִיִּ֔ים שָׁמְמ֖וּ עָלָ֑יִךְ וּמַלְכֵיהֶם֙ שָׂ֣עֲרוּ שַׂ֔עַר רָעֲמ֖וּ פָּנִֽים׃ | 35 |
समुद्रतट पर सब रहनेवाले तुम्हारी दशा देख डर गये हैं; उनके राजा तो आतंक से कांपते हैं और डर से उनके चेहरे का रंग उड़ गया है.
סֹֽחֲרִים֙ בָּ֣עַמִּ֔ים שָׁרְק֖וּ עָלָ֑יִךְ בַּלָּהֹ֣ות הָיִ֔ית וְאֵינֵ֖ךְ עַד־עֹולָֽם׃ ס | 36 |
जनता के बीच जो व्यापारी है, वे तुम्हारी खिल्ली उड़ाते हैं; तुम्हारा एक डरावना अंत हो गया है और तुम्हारा अस्तित्व अब नहीं रहेगा.’”