< דְּבָרִים 8 >

כָּל־הַמִּצְוָ֗ה אֲשֶׁ֨ר אָנֹכִ֧י מְצַוְּךָ֛ הַיֹּ֖ום תִּשְׁמְר֣וּן לַעֲשֹׂ֑ות לְמַ֨עַן תִּֽחְי֜וּן וּרְבִיתֶ֗ם וּבָאתֶם֙ וִֽירִשְׁתֶּ֣ם אֶת־הָאָ֔רֶץ אֲשֶׁר־נִשְׁבַּ֥ע יְהוָ֖ה לַאֲבֹתֵיכֶֽם׃ 1
वे सभी आदेश, जो आज मैं तुम्हें दे रहा हूं, यह ज़रूरी है कि तुम सावधानीपूर्वक उनका पालन करोगे, कि तुम जीवित रह सको, गिनती में बढ़ते जाओ और जाकर उस देश पर अधिकार कर लो, जिसे देने की शपथपूर्वक प्रतिज्ञा याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों से की थी.
וְזָכַרְתָּ֣ אֶת־כָּל־הַדֶּ֗רֶךְ אֲשֶׁ֨ר הֹלִֽיכֲךָ֜ יְהוָ֧ה אֱלֹהֶ֛יךָ זֶ֛ה אַרְבָּעִ֥ים שָׁנָ֖ה בַּמִּדְבָּ֑ר לְמַ֨עַן עַנֹּֽתְךָ֜ לְנַסֹּֽתְךָ֗ לָדַ֜עַת אֶת־אֲשֶׁ֧ר בִּֽלְבָבְךָ֛ הֲתִשְׁמֹ֥ר מִצְוֹתֹו (מִצְוֹתָ֖יו) אִם־לֹֽא׃ 2
उस पूरे मार्ग को कभी न भुलाना, जिस पर तुम्हें याहवेह तुम्हारे परमेश्वर इन चालीस सालों में निर्जन प्रदेश से होते हुए लेकर आए हैं, कि वह इसके द्वारा तुम्हें नम्र बना सकें. वह तुम्हें परखते रहे, कि तुम्हारे हृदय की थाह ले सकें. कि तुम उनके आदेशों का पालन करोगे भी या नहीं.
וַֽיְעַנְּךָ֮ וַיַּרְעִבֶךָ֒ וַיַּֽאֲכִֽלְךָ֤ אֶת־הַמָּן֙ אֲשֶׁ֣ר לֹא־יָדַ֔עְתָּ וְלֹ֥א יָדְע֖וּן אֲבֹתֶ֑יךָ לְמַ֣עַן הֹודִֽעֲךָ֗ כִּ֠י לֹ֣א עַל־הַלֶּ֤חֶם לְבַדֹּו֙ יִחְיֶ֣ה הָֽאָדָ֔ם כִּ֛י עַל־כָּל־מֹוצָ֥א פִֽי־יְהוָ֖ה יִחְיֶ֥ה הָאָדָֽם׃ 3
याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें नम्र बना दिया, उन्होंने तुम्हें भूखा ही रहने दिया और तुम्हें खाने के लिए मन्‍ना प्रदान किया जो तुम्हारे लिए एकदम नई वस्तु थी, तुम्हारे लिए और तुम्हारे पूर्वजों के लिए भी. इसका उद्देश्य यह था कि तुम यह पहचान लो कि मनुष्य का जीवन सिर्फ भोजन पर नहीं, बल्कि याहवेह के मुख से निकले हुए हर एक शब्द पर भी निर्भर है.
שִׂמְלָ֨תְךָ֜ לֹ֤א בָֽלְתָה֙ מֵֽעָלֶ֔יךָ וְרַגְלְךָ֖ לֹ֣א בָצֵ֑קָה זֶ֖ה אַרְבָּעִ֥ים שָׁנָֽה׃ 4
इन चालीस सालों में तुम्हारे द्वारा पहने गए वस्त्र न तो जर्जर हुए, और न तुम्हारे पांवों में कभी सूजन आई.
וְיָדַעְתָּ֖ עִם־לְבָבֶ֑ךָ כִּ֗י כַּאֲשֶׁ֨ר יְיַסֵּ֥ר אִישׁ֙ אֶת־בְּנֹ֔ו יְהוָ֥ה אֱלֹהֶ֖יךָ מְיַסְּרֶֽךָּ׃ 5
तब अपने हृदय में यह सच्चाई अच्छी तरह से बैठा लो, कि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम पर उसी प्रकार अनुशासन कर रहे थे, जिस प्रकार पिता अपने पुत्र पर.
וְשָׁ֣מַרְתָּ֔ אֶת־מִצְוֹ֖ת יְהוָ֣ה אֱלֹהֶ֑יךָ לָלֶ֥כֶת בִּדְרָכָ֖יו וּלְיִרְאָ֥ה אֹתֹֽו׃ 6
तब तुम याहवेह अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, कि तुम उनकी नीतियों का पालन करो और उनके प्रति श्रद्धा और भय बनाए रखो.
כִּ֚י יְהוָ֣ה אֱלֹהֶ֔יךָ מְבִֽיאֲךָ֖ אֶל־אֶ֣רֶץ טֹובָ֑ה אֶ֚רֶץ נַ֣חֲלֵי מָ֔יִם עֲיָנֹת֙ וּתְהֹמֹ֔ת יֹצְאִ֥ים בַּבִּקְעָ֖ה וּבָהָֽר׃ 7
क्योंकि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें एक उत्तम देश में ले जा रहे हैं. वह देश, जो नदियों, झरनों और जल-स्रोतों का देश है, जिनका बहाव घाटियों और पहाड़ियों के बीच है;
אֶ֤רֶץ חִטָּה֙ וּשְׂעֹרָ֔ה וְגֶ֥פֶן וּתְאֵנָ֖ה וְרִמֹּ֑ון אֶֽרֶץ־זֵ֥ית שֶׁ֖מֶן וּדְבָֽשׁ׃ 8
इस देश में गेहूं, जौ उत्पन्‍न होते हैं; यह अंगूर की लताओं, अंजीर, अनार, जैतून और शहद का देश है;
אֶ֗רֶץ אֲשֶׁ֨ר לֹ֤א בְמִסְכֵּנֻת֙ תֹּֽאכַל־בָּ֣הּ לֶ֔חֶם לֹֽא־תֶחְסַ֥ר כֹּ֖ל בָּ֑הּ אֶ֚רֶץ אֲשֶׁ֣ר אֲבָנֶ֣יהָ בַרְזֶ֔ל וּמֵהֲרָרֶ֖יהָ תַּחְצֹ֥ב נְחֹֽשֶׁת׃ 9
इस देश में तुम्हें भोजन का कोई अभाव न होगा; तुम्हें किसी भी वस्तु का अभाव न होगा. यह ऐसा देश है, जिसकी चट्टानों में लौह के भंडार हैं, इसकी पहाड़ियों में से तांबा प्राप्‍त किया जा सकता है.
וְאָכַלְתָּ֖ וְשָׂבָ֑עְתָּ וּבֵֽרַכְתָּ֙ אֶת־יְהוָ֣ה אֱלֹהֶ֔יךָ עַל־הָאָ֥רֶץ הַטֹּבָ֖ה אֲשֶׁ֥ר נָֽתַן־לָֽךְ׃ 10
जब तुम भोजन के बाद तृप्‍त हो जाओ, तो तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर की स्तुति करोगे, कि उन्होंने तुम्हें यह उत्तम देश प्रदान किया है.
הִשָּׁ֣מֶר לְךָ֔ פֶּן־תִּשְׁכַּ֖ח אֶת־יְהוָ֣ה אֱלֹהֶ֑יךָ לְבִלְתִּ֨י שְׁמֹ֤ר מִצְוֹתָיו֙ וּמִשְׁפָּטָ֣יו וְחֻקֹּתָ֔יו אֲשֶׁ֛ר אָנֹכִ֥י מְצַוְּךָ֖ הַיֹּֽום׃ 11
यह ध्यान रहे कि तुम आज मेरे द्वारा प्रस्तुत उनके आदेशों, अध्यादेशों और नियमों का पालन न करने के द्वारा तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर को भुला न दो;
פֶּן־תֹּאכַ֖ל וְשָׂבָ֑עְתָּ וּבָתִּ֥ים טֹובִ֛ים תִּבְנֶ֖ה וְיָשָֽׁבְתָּ׃ 12
नहीं तो तृप्‍त हो जाने के बाद और जब तुमने अपने घरों का उत्तम निर्माण कर लिया है, जब तुम उनमें निवास करने लगो,
וּבְקָֽרְךָ֤ וְצֹֽאנְךָ֙ יִרְבְּיֻ֔ן וְכֶ֥סֶף וְזָהָ֖ב יִרְבֶּה־לָּ֑ךְ וְכֹ֥ל אֲשֶׁר־לְךָ֖ יִרְבֶּֽה׃ 13
जब तुम्हारे पशु और भेड़-बकरी बढ़ने लगें, तुम्हारे सोने और चांदी में वृद्धि होने लगे और तुम्हारी पूरी संपत्ति में ही वृद्धि हो जाए,
וְרָ֖ם לְבָבֶ֑ךָ וְשָֽׁכַחְתָּ֙ אֶת־יְהוָ֣ה אֱלֹהֶ֔יךָ הַמֹּוצִיאֲךָ֛ מֵאֶ֥רֶץ מִצְרַ֖יִם מִבֵּ֥ית עֲבָדִֽים׃ 14
तब तो तुम्हारे हृदय में घमण्ड़ का आना स्वाभाविक ही होगा और तुम याहवेह अपने परमेश्वर को, जिन्होंने तुम्हें मिस्र देश से, उस दासत्व के जीवन से निकाल लिया है, भुला दो.
הַמֹּולִ֨יכֲךָ֜ בַּמִּדְבָּ֣ר ׀ הַגָּדֹ֣ל וְהַנֹּורָ֗א נָחָ֤שׁ ׀ שָׂרָף֙ וְעַקְרָ֔ב וְצִמָּאֹ֖ון אֲשֶׁ֣ר אֵֽין־מָ֑יִם הַמֹּוצִ֤יא לְךָ֙ מַ֔יִם מִצּ֖וּר הֽ͏ַחַלָּמִֽישׁ׃ 15
जिन्होंने तुम्हें उस बड़े और भयानक निर्जन प्रदेश से यहां लाया है, जहां विषैले सांप और बिच्छू थे, भूमि सूखी थी, जहां जल नहीं मिलता था, वहां याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने ही उस चकमक की चट्टान में से जल निकाला.
הַמּֽ͏ַאֲכִ֨לְךָ֥ מָן֙ בַּמִּדְבָּ֔ר אֲשֶׁ֥ר לֹא־יָדְע֖וּן אֲבֹתֶ֑יךָ לְמַ֣עַן עַנֹּֽתְךָ֗ וּלְמַ֙עַן֙ נַסֹּתֶ֔ךָ לְהֵיטִֽבְךָ֖ בְּאַחֲרִיתֶֽךָ׃ 16
निर्जन प्रदेश में उन्होंने तुम्हें मन्‍ना का भोजन दिया, जो तुम्हारे पूर्वज जानते भी न थे, कि वे तुम्हें नम्र बना दें, कि वह तुम्हारी जांच करें, कि इससे अंततः तुम्हारा ही भला हो.
וְאָמַרְתָּ֖ בִּלְבָבֶ֑ךָ כֹּחִי֙ וְעֹ֣צֶם יָדִ֔י עָ֥שָׂה לִ֖י אֶת־הַחַ֥יִל הַזֶּֽה׃ 17
नहीं तो यह संभव है कि तुम मन में यह मान लो, “यह तो मेरी ही शक्ति और मेरी ही क्षमता से कमाई मेरी संपत्ति है.”
וְזָֽכַרְתָּ֙ אֶת־יְהוָ֣ה אֱלֹהֶ֔יךָ כִּ֣י ה֗וּא הַנֹּתֵ֥ן לְךָ֛ כֹּ֖חַ לַעֲשֹׂ֣ות חָ֑יִל לְמַ֨עַן הָקִ֧ים אֶת־בְּרִיתֹ֛ו אֲשֶׁר־נִשְׁבַּ֥ע לַאֲבֹתֶ֖יךָ כַּיֹּ֥ום הַזֶּֽה׃ פ 18
मगर तुम याहवेह, अपने परमेश्वर को नहीं भुलाओगे, क्योंकि यह उन्हीं का दिया हुआ है, जिससे तुमने इस संपत्ति को इकट्ठा किया है, कि जैसा आज तुम्हारे सामने साफ़ ही है, उन्होंने यह तुम्हारे पूर्वजों से शपथपूर्वक की गई प्रतिज्ञा पूरी करने के लिया किया है.
וְהָיָ֗ה אִם־שָׁכֹ֤חַ תִּשְׁכַּח֙ אֶת־יְהוָ֣ה אֱלֹהֶ֔יךָ וְהָֽלַכְתָּ֗ אַחֲרֵי֙ אֱלֹהִ֣ים אֲחֵרִ֔ים וַעֲבַדְתָּ֖ם וְהִשְׁתַּחֲוִ֣יתָ לָהֶ֑ם הַעִדֹ֤תִי בָכֶם֙ הַיֹּ֔ום כִּ֥י אָבֹ֖ד תֹּאבֵדֽוּן׃ 19
यदि भविष्य में तुम पराए देवताओं का अनुगमन कर उनकी उपासना और वंदना करने लगो और याहवेह अपने परमेश्वर को भुला दो, तो आज मैं तुम्हारे विषय में यह घोषणा कर रहा हूं: तुम निःसंदेह नाश हो जाओगे.
כַּגֹּויִ֗ם אֲשֶׁ֤ר יְהוָה֙ מַאֲבִ֣יד מִפְּנֵיכֶ֔ם כֵּ֖ן תֹאבֵד֑וּן עֵ֚קֶב לֹ֣א תִשְׁמְע֔וּן בְּקֹ֖ול יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶֽם׃ פ 20
जैसे उन जनताओं को याहवेह ने तुम्हारे सामने से खदेड़ कर नाश किया था, वैसी ही होगी तुम्हारी स्थिति, क्योंकि तुमने याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों की उपेक्षा की.

< דְּבָרִים 8 >