< 2 מְלָכִים 9 >
וֶאֱלִישָׁע֙ הַנָּבִ֔יא קָרָ֕א לְאַחַ֖ד מִבְּנֵ֣י הַנְּבִיאִ֑ים וַיֹּ֨אמֶר לֹ֜ו חֲגֹ֣ר מָתְנֶ֗יךָ וְ֠קַח פַּ֣ךְ הַשֶּׁ֤מֶן הַזֶּה֙ בְּיָדֶ֔ךָ וְלֵ֖ךְ רָמֹ֥ת גִּלְעָֽד׃ | 1 |
भविष्यद्वक्ता एलीशा ने भविष्यद्वक्ता मंडल के एक भविष्यद्वक्ता को आदेश दिया, “कमर बांधो, अपने हाथ में यह तेल की कुप्पी लो और रामोथ-गिलआद चले जाओ.
וּבָ֖אתָ שָׁ֑מָּה וּרְאֵֽה־שָׁ֠ם יֵה֨וּא בֶן־יְהֹושָׁפָ֜ט בֶּן־נִמְשִׁ֗י וּבָ֙אתָ֙ וַהֲקֵֽמֹתֹו֙ מִתֹּ֣וך אֶחָ֔יו וְהֵבֵיאתָ֥ אֹתֹ֖ו חֶ֥דֶר בְּחָֽדֶר׃ | 2 |
वहां पहुंचकर निमशी के पोते, यहोशाफ़ात के पुत्र, येहू नामक व्यक्ति को खोजना. वहां तुम उसके कमरे में जाना, वह अपने साथियों के साथ बैठा होगा. उसे खड़े होने को कहना और उसे अंदर के कमरे में ले जाना.
וְלָקַחְתָּ֤ פַךְ־הַשֶּׁ֙מֶן֙ וְיָצַקְתָּ֣ עַל־רֹאשֹׁ֔ו וְאָֽמַרְתָּ֙ כֹּֽה־אָמַ֣ר יְהוָ֔ה מְשַׁחְתִּ֥יךָֽ לְמֶ֖לֶךְ אֶל־יִשְׂרָאֵ֑ל וּפָתַחְתָּ֥ הַדֶּ֛לֶת וְנַ֖סְתָּה וְלֹ֥א תְחַכֶּֽה׃ | 3 |
तब इस तेल की कुप्पी का तेल उसके सिर पर उंडेल देना और कहना, यह संदेश याहवेह की ओर से है, ‘मैं तुम्हें इस्राएल का राजा अभिषिक्त करता हूं.’ तब द्वार खोलकर वहां से बिन देर किए भाग जाना.”
וַיֵּ֧לֶךְ הַנַּ֛עַר הַנַּ֥עַר הַנָּבִ֖יא רָמֹ֥ת גִּלְעָֽד׃ | 4 |
तब वह युवा भविष्यद्वक्ता, एलीशा का सेवक, रामोथ-गिलआद के लिए चला.
וַיָּבֹ֗א וְהִנֵּ֨ה שָׂרֵ֤י הַחַ֙יִל֙ יֹֽשְׁבִ֔ים וַיֹּ֕אמֶר דָּבָ֥ר לִ֛י אֵלֶ֖יךָ הַשָּׂ֑ר וַיֹּ֤אמֶר יֵהוּא֙ אֶל־מִ֣י מִכֻּלָּ֔נוּ וַיֹּ֖אמֶר אֵלֶ֥יךָ הַשָּֽׂר׃ | 5 |
वहां पहुंचकर उसने देखा कि सेनापति की समिति का सत्र चल रहा था. युवा भविष्यद्वक्ता ने घोषणा की, “सेनापति महोदय, मेरे पास आपके लिए एक संदेश है.” येहू ने उत्तर दिया, “हम सब में से किसके लिए?” भविष्यद्वक्ता ने उत्तर दिया, “सेनापति जी, आपके ही लिए.”
וַיָּ֙קָם֙ וַיָּבֹ֣א הַבַּ֔יְתָה וַיִּצֹ֥ק הַשֶּׁ֖מֶן אֶל־רֹאשֹׁ֑ו וַיֹּ֣אמֶר לֹ֗ו כֹּֽה־אָמַ֤ר יְהוָה֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל מְשַׁחְתִּ֧יךָֽ לְמֶ֛לֶךְ אֶל־עַ֥ם יְהוָ֖ה אֶל־יִשְׂרָאֵֽל׃ | 6 |
तब येहू उठा और घर के भीतर चला गया. युवा भविष्यद्वक्ता ने तुरंत यह कहते हुए उसके सिर पर तेल उंडेल दिया, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का यह संदेश है ‘मैं याहवेह की प्रजा, इस्राएल के लिए तुम्हारा राजाभिषेक कर रहा हूं.
וְהִ֨כִּיתָ֔ה אֶת־בֵּ֥ית אַחְאָ֖ב אֲדֹנֶ֑יךָ וְנִקַּמְתִּ֞י דְּמֵ֣י ׀ עֲבָדַ֣י הַנְּבִיאִ֗ים וּדְמֵ֛י כָּל־עַבְדֵ֥י יְהוָ֖ה מִיַּ֥ד אִיזָֽבֶל׃ | 7 |
तुम अपने स्वामी अहाब के वंश को नाश करना, कि मैं इसके द्वारा ईजेबेल से अपने सेवक भविष्यवक्ताओं के लहू का और याहवेह के सारे सेवकों के लहू का बदला ले सकूं.
וְאָבַ֖ד כָּל־בֵּ֣ית אַחְאָ֑ב וְהִכְרַתִּ֤י לְאַחְאָב֙ מַשְׁתִּ֣ין בְּקִ֔יר וְעָצ֥וּר וְעָז֖וּב בְּיִשְׂרָאֵֽל׃ | 8 |
क्योंकि अहाब का सारा परिवार नाश होगा, मैं अहाब के वंश से हर एक पुरुष को इस्राएल राष्ट्र से मिटा डालूंगा: दास या स्वतंत्र.
וְנָֽתַתִּי֙ אֶת־בֵּ֣ית אַחְאָ֔ב כְּבֵ֖ית יָרָבְעָ֣ם בֶּן־נְבָ֑ט וּכְבֵ֖ית בַּעְשָׁ֥א בֶן־אֲחִיָּֽה׃ | 9 |
मैं अहाब के वंश को नेबाथ के पुत्र यरोबोअम के समान और अहीयाह के पुत्र बाशा के समान बना दूंगा.
וְאֶת־אִיזֶ֜בֶל יֹאכְל֧וּ הַכְּלָבִ֛ים בְּחֵ֥לֶק יִזְרְעֶ֖אל וְאֵ֣ין קֹבֵ֑ר וַיִּפְתַּ֥ח הַדֶּ֖לֶת וַיָּנֹֽס׃ | 10 |
येज़्रील ही की सीमा के भीतर कुत्ते ईजेबेल के शव को खाएंगे—कोई उसे गाड़ने भी न पाएगा.’” तब युवा भविष्यद्वक्ता द्वार खोल वहां से भाग गया.
וְיֵה֗וּא יָצָא֙ אֶל־עַבְדֵ֣י אֲדֹנָ֔יו וַיֹּ֤אמֶר לֹו֙ הֲשָׁלֹ֔ום מַדּ֛וּעַ בָּֽא־הַמְשֻׁגָּ֥ע הַזֶּ֖ה אֵלֶ֑יךָ וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵיהֶ֔ם אַתֶּ֛ם יְדַעְתֶּ֥ם אֶת־הָאִ֖ישׁ וְאֶת־שִׂיחֹֽו׃ | 11 |
जब येहू कमरे से बाहर अपने स्वामी के सेवकों के पास लौटा, वे उससे पूछने लगे, “सब कुशल तो है न? यह पागल व्यक्ति क्यों आया था तुम्हारे पास?” येहू ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम लोग तो इस व्यक्ति को और उसकी हरकतों को जानते ही हो.”
וַיֹּאמְר֣וּ שֶׁ֔קֶר הַגֶּד־נָ֖א לָ֑נוּ וַיֹּ֗אמֶר כָּזֹ֤את וְכָזֹאת֙ אָמַ֤ר אֵלַי֙ לֵאמֹ֔ר כֹּ֚ה אָמַ֣ר יְהוָ֔ה מְשַׁחְתִּ֥יךָֽ לְמֶ֖לֶךְ אֶל־יִשְׂרָאֵֽל׃ | 12 |
सब एक साथ कहने लगे, “नहीं, नहीं, हम नहीं जानते. हमें सच-सच सब बताओ.” तब उसने उत्तर दिया, “उसने मुझसे यह सब कहा है ‘यह याहवेह का संदेश है, “मैं तुम्हें इस्राएल का राजा अभिषिक्त कर रहा हूं.”’”
וַֽיְמַהֲר֗וּ וַיִּקְחוּ֙ אִ֣ישׁ בִּגְדֹ֔ו וַיָּשִׂ֥ימוּ תַחְתָּ֖יו אֶל־גֶּ֣רֶם הַֽמַּעֲלֹ֑ות וַֽיִּתְקְעוּ֙ בַּשֹּׁופָ֔ר וַיֹּאמְר֖וּ מָלַ֥ךְ יֵהֽוּא׃ | 13 |
यह सुनते ही उनमें से हर एक ने अपना अपना बाहरी वस्त्र उतारकर पत्थर की सीढ़ियों पर बिछा दिया और उन्होंने नरसिंगे के साथ घोषणा की, “येहू राजा हैं.”
וַיִּתְקַשֵּׁ֗ר יֵה֛וּא בֶּן־יְהֹושָׁפָ֥ט בֶּן־נִמְשִׁ֖י אֶל־יֹורָ֑ם וְיֹורָם֩ הָיָ֨ה שֹׁמֵ֜ר בְּרָמֹ֣ת גִּלְעָ֗ד ה֚וּא וְכָל־יִשְׂרָאֵ֔ל מִפְּנֵ֥י חֲזָאֵ֖ל מֶֽלֶךְ־אֲרָֽם׃ | 14 |
निमशी के पोते, यहोशाफ़ात के पुत्र येहू ने योराम के विरुद्ध षड़्यंत्र रचा. योराम सारी इस्राएली सेना के साथ अराम के राजा हाज़ाएल से रामोथ-गिलआद की रक्षा कर रहा था,
וַיָּשָׁב֩ יְהֹורָ֨ם הַמֶּ֜לֶךְ לְהִתְרַפֵּ֣א בִיְזְרְעֶ֗אל מִן־הַמַּכִּים֙ אֲשֶׁ֣ר יַכֻּ֣הוּ אֲרַמִּ֔ים בְּהִלָּ֣חֲמֹ֔ו אֶת־חֲזָאֵ֖ל מֶ֣לֶךְ אֲרָ֑ם וַיֹּ֤אמֶר יֵהוּא֙ אִם־יֵ֣שׁ נַפְשְׁכֶ֔ם אַל־יֵצֵ֤א פָלִיט֙ מִן־הָעִ֔יר לָלֶ֖כֶת לַגִּיד (לְהַגִּ֥יד) בְּיִזְרְעֶֽאל׃ | 15 |
मगर वास्तव में राजा यहोराम यहां अरामी सेना से लगे घावों से स्वस्थ होने के उद्देश्य से येज़्रील लौट आया था. ये घाव उसे अराम के राजा हाज़ाएल से युद्ध करते हुए अरामी सेना द्वारा लगे थे. येहू ने यहां यह घोषणा की, “यदि तुम सभी का यही मानना है, कि मैं अब राजा हूं, तो किसी को भी नगर से बाहर न जाने दिया जाए, कि यह समाचार येज़्रील न पहुंच सके.”
וַיִּרְכַּ֤ב יֵהוּא֙ וַיֵּ֣לֶךְ יִזְרְעֶ֔אלָה כִּ֥י יֹורָ֖ם שֹׁכֵ֣ב שָׁ֑מָּה וֽ͏ַאֲחַזְיָה֙ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֔ה יָרַ֖ד לִרְאֹ֥ות אֶת־יֹורָֽם׃ | 16 |
तब येहू अपने रथ पर येज़्रील जा पहुंचा, क्योंकि इस समय योराम वहीं येज़्रील में था. यहूदिया का राजा अहज़्याह इस समय योराम का कुशल मंगल पता करने यहां आया हुआ था.
וְהַצֹּפֶה֩ עֹמֵ֨ד עַֽל־הַמִּגְדָּ֜ל בְּיִזְרְעֶ֗אל וַיַּ֞רְא אֶת־שִׁפְעַ֤ת יֵהוּא֙ בְּבֹאֹ֔ו וַיֹּ֕אמֶר שִׁפְעַ֖ת אֲנִ֣י רֹאֶ֑ה וַיֹּ֣אמֶר יְהֹורָ֗ם קַ֥ח רַכָּ֛ב וּֽשְׁלַ֥ח לִקְרָאתָ֖ם וְיֹאמַ֥ר הֲשָׁלֹֽום׃ | 17 |
येज़्रील की शहरपनाह पर पहरेदार खड़ा हुआ था. येहू और उसके साथ बढ़ते चले आ रहे दल को देखकर उसने सूचना दी, “मुझे एक दल दिखाई दे रहा है.” यहोराम ने आदेश दिया, “एक घुड़सवार उनसे भेंटकरने भेजा जाए, जो उसे देख उससे पूछे, ‘शांति में ही आ रहे हो न?’”
וַיֵּלֶךְ֩ רֹכֵ֨ב הַסּ֜וּס לִקְרָאתֹ֗ו וַיֹּ֙אמֶר֙ כֹּֽה־אָמַ֤ר הַמֶּ֙לֶךְ֙ הֲשָׁלֹ֔ום וַיֹּ֧אמֶר יֵה֛וּא מַה־לְּךָ֥ וּלְשָׁלֹ֖ום סֹ֣ב אֶֽל־אַחֲרָ֑י וַיַּגֵּ֤ד הַצֹּפֶה֙ לֵאמֹ֔ר בָּֽא־הַמַּלְאָ֥ךְ עַד־הֵ֖ם וְלֹֽא־שָֽׁב׃ | 18 |
तब उससे भेंटकरने एक घुड़सवार गया. उसने येहू से कहा, “राजा ने पूछा है, ‘शांति के लिए ही आ रहे हो न?’” येहू का उत्तर था, “तुम्हें शांति से क्या लेना देना? मुड़कर हमारा अनुसरण करो.” वहां पहरेदार ने यह सूचना फैला दी: “दूत वहां पहुंचा तो ज़रूर, मगर वह लौटकर नहीं आ रहा.”
וַיִּשְׁלַ֗ח רֹכֵ֣ב סוּס֮ שֵׁנִי֒ וַיָּבֹ֣א אֲלֵהֶ֔ם וַיֹּ֛אמֶר כֹּֽה־אָמַ֥ר הַמֶּ֖לֶךְ שָׁלֹ֑ום וַיֹּ֧אמֶר יֵה֛וּא מַה־לְּךָ֥ וּלְשָׁלֹ֖ום סֹ֥ב אֶֽל־אַחֲרָֽי׃ | 19 |
इस पर एक दूसरे घुड़सवार को भी भेजा गया, जो उनके पास पहुंचा, जिसने येहू से कहा, “यह राजा का संदेश है ‘क्या सब कुशल मंगल है?’” येहू ने उसे उत्तर दिया, “क्या लेना देना है तुम्हारा कुशल मंगल से? मुड़कर हमारा अनुसरण करो.”
וַיַגֵּ֤ד הַצֹּפֶה֙ לֵאמֹ֔ר בָּ֥א עַד־אֲלֵיהֶ֖ם וְלֹֽא־שָׁ֑ב וְהַמִּנְהָ֗ג כְּמִנְהַג֙ יֵה֣וּא בֶן־נִמְשִׁ֔י כִּ֥י בְשִׁגָּעֹ֖ון יִנְהָֽג׃ | 20 |
पहरेदार ने दोबारा सूचना फैला दी, “वह उनके पास पहुंचा तो ज़रूर, मगर वह लौटकर नहीं आ रहा. घुड़सवार का व्यवहार निमशी के पुत्र येहू समान है—क्योंकि घोड़ा तेजी से दौड़ाया जा रहा है.”
וַיֹּ֤אמֶר יְהֹורָם֙ אֱסֹ֔ר וַיֶּאְסֹ֖ר רִכְבֹּ֑ו וַיֵּצֵ֣א יְהֹורָ֣ם מֶֽלֶךְ־יִ֠שְׂרָאֵל וַאֲחַזְיָ֨הוּ מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֜ה אִ֣ישׁ בְּרִכְבֹּ֗ו וַיֵּֽצְאוּ֙ לִקְרַ֣את יֵה֔וּא וַיִּמְצָאֻ֔הוּ בְּחֶלְקַ֖ת נָבֹ֥ות הַיִּזְרְעֵאלִֽי׃ | 21 |
यहोराम ने आदेश दिया, “तैयारी की जाए!” योराम का रथ तैयार किया गया. तब इस्राएल का राजा योराम और यहूदिया का राजा अहज़्याह दोनों ही अपने-अपने रथों पर येहू से भेंटकरने चल पड़े. येहू से उनकी भेंट येज़्रीलवासी नाबोथ की भूमि पर हुई.
וַיְהִ֗י כִּרְאֹ֤ות יְהֹורָם֙ אֶת־יֵה֔וּא וַיֹּ֖אמֶר הֲשָׁלֹ֣ום יֵה֑וּא וַיֹּ֙אמֶר֙ מָ֣ה הַשָּׁלֹ֔ום עַד־זְנוּנֵ֞י אִיזֶ֧בֶל אִמְּךָ֛ וּכְשָׁפֶ֖יהָ הָרַבִּֽים׃ | 22 |
येहू को देखते ही यहोराम ने उससे पूछा, “येहू, क्या सब कुशल मंगल है?” येहू ने उत्तर दिया, “कैसे हो सकती है, शांति, जब राज्य में आपकी माता ईजेबेल की देखरेख में वेश्यावृत्ति और जादू-टोना फैलते जा रहे हैं?”
וַיַּהֲפֹ֧ךְ יְהֹורָ֛ם יָדָ֖יו וַיָּנֹ֑ס וַיֹּ֥אמֶר אֶל־אֲחַזְיָ֖הוּ מִרְמָ֥ה אֲחַזְיָֽה׃ | 23 |
यह सुनते ही यहोराम ने घोड़े को हांकते हुए अहज़्याह से कहा, “देशद्रोह, अहज़्याह, देशद्रोह!”
וְיֵה֞וּא מִלֵּ֧א יָדֹ֣ו בַקֶּ֗שֶׁת וַיַּ֤ךְ אֶת־יְהֹורָם֙ בֵּ֣ין זְרֹעָ֔יו וַיֵּצֵ֥א הַחֵ֖צִי מִלִּבֹּ֑ו וַיִּכְרַ֖ע בְּרִכְבֹּֽו׃ | 24 |
येहू ने पूरी शक्ति लगाकर धनुष ताना और यहोराम के दोनों कंधों के बीच निशाना साध कर बाण छोड़ दिया. बाण ने योराम के हृदय को बेध दिया और वह अपने रथ में ही ढेर हो गया.
וַיֹּ֗אמֶר אֶל־בִּדְקַר֙ שְׁלֹשָׁה (שָֽׁלִשֹׁ֔ו) שָׂ֚א הַשְׁלִכֵ֔הוּ בְּחֶלְקַ֕ת שְׂדֵ֖ה נָבֹ֣ות הַיִּזְרְעֵאלִ֑י כִּֽי־זְכֹ֞ר אֲנִ֣י וָאַ֗תָּה אֵ֣ת רֹכְבִ֤ים צְמָדִים֙ אַֽחֲרֵי֙ אַחְאָ֣ב אָבִ֔יו וַֽיהוָה֙ נָשָׂ֣א עָלָ֔יו אֶת־הַמַּשָּׂ֖א הַזֶּֽה׃ | 25 |
येहू ने अपने सहायक बिदकर को आदेश दिया, “उसे उठाकर येज़्रीलवासी नाबोथ की भूमि पर फेंक दो. तुम्हें वह समय याद होगा जब तुम और मैं साथ साथ उसके पिता अहाब के पीछे-पीछे जा रहे थे, स्वयं याहवेह ने कैसे उसके विरुद्ध यह घोषणा की थी:
אִם־לֹ֡א אֶת־דְּמֵ֣י נָבֹות֩ וְאֶת־דְּמֵ֨י בָנָ֜יו רָאִ֤יתִי אֶ֙מֶשׁ֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה וְשִׁלַּמְתִּ֥י לְךָ֛ בַּחֶלְקָ֥ה הַזֹּ֖את נְאֻם־יְהוָ֑ה וְעַתָּ֗ה שָׂ֧א הַשְׁלִכֵ֛הוּ בַּחֶלְקָ֖ה כִּדְבַ֥ר יְהוָֽה׃ | 26 |
‘ठीक जिस प्रकार कल मैंने नाबोथ और उसके पुत्रों का खून खराबा देखा था, यह याहवेह का संदेश है—तुम्हारा बदला मैं इसी भूमि पर लूंगा.’ इसलिये अब उसे उठाओ और उसे उसी भूमि पर फेंक आओ.”
וַאֲחַזְיָ֤ה מֶֽלֶךְ־יְהוּדָה֙ רָאָ֔ה וַיָּ֕נָס דֶּ֖רֶךְ בֵּ֣ית הַגָּ֑ן וַיִּרְדֹּ֨ף אַחֲרָ֜יו יֵה֗וּא וַ֠יֹּאמֶר גַּם־אֹתֹ֞ו הַכֻּ֣הוּ אֶל־הַמֶּרְכָּבָ֗ה בְּמַֽעֲלֵה־גוּר֙ אֲשֶׁ֣ר אֶֽת־יִבְלְעָ֔ם וַיָּ֥נָס מְגִדֹּ֖ו וַיָּ֥מָת שָֽׁם׃ | 27 |
जब यहूदिया के राजा अहज़्याह ने यह सब देखा, वह बेथ-हग्गान नगर की दिशा में भागने लगा. उसका पीछा करते हुए येहू ने आदेश दिया, “उस पर भी बाण चलाओ!” सैनिकों ने उसे उसके रथ में ही गुर की चढ़ाई पर चढ़ते हुए मार गिराया. यह जगह इब्लीम के पास है. अहज़्याह मगिद्दो की ओर भागा, जहां उसकी मृत्यु हो गई.
וַיַּרְכִּ֧בוּ אֹתֹ֛ו עֲבָדָ֖יו יְרוּשָׁלָ֑͏ְמָה וַיִּקְבְּר֨וּ אֹתֹ֧ו בִקְבֻרָתֹ֛ו עִם־אֲבֹתָ֖יו בְּעִ֥יר דָּוִֽד׃ פ | 28 |
उसके सेवक आकर उसे रथ में ही येरूशलेम ले गए और दावीद के नगर में उसे उसके पूर्वजों के साथ कब्र में रख दिया.
וּבִשְׁנַת֙ אַחַ֣ת עֶשְׂרֵ֣ה שָׁנָ֔ה לְיֹורָ֖ם בֶּן־אַחְאָ֑ב מָלַ֥ךְ אֲחַזְיָ֖ה עַל־יְהוּדָֽה׃ | 29 |
अहज़्याह ने अहाब के पुत्र योराम के शासनकाल के ग्यारहवें साल में यहूदिया पर शासन शुरू किया था.
וַיָּבֹ֥וא יֵה֖וּא יִזְרְעֶ֑אלָה וְאִיזֶ֣בֶל שָׁמְעָ֗ה וַתָּ֨שֶׂם בַּפּ֤וּךְ עֵינֶ֙יהָ֙ וַתֵּ֣יטֶב אֶת־רֹאשָׁ֔הּ וַתַּשְׁקֵ֖ף בְּעַ֥ד הַחַלֹּֽון׃ | 30 |
जब येहू येज़्रील नगर पहुंचा ईजेबेल को सारी घटना का समाचार मिला. उसने अपनी आंखों में काजल लगाया, बाल संवारे और खिड़की से बाहर का नज़ारा देखने लगी.
וְיֵה֖וּא בָּ֣א בַשָּׁ֑עַר וַתֹּ֣אמֶר הֲשָׁלֹ֔ום זִמְרִ֖י הֹרֵ֥ג אֲדֹנָֽיו׃ | 31 |
जैसे ही येहू ने प्रवेश किया, उसने पूछा, “सब कुशल तो है, अपने ही स्वामी के हत्यारे ज़िमरी?”
וַיִּשָּׂ֤א פָנָיו֙ אֶל־הַ֣חַלֹּ֔ון וַיֹּ֕אמֶר מִ֥י אִתִּ֖י מִ֑י וַיַּשְׁקִ֣יפוּ אֵלָ֔יו שְׁנַ֥יִם שְׁלֹשָׁ֖ה סָרִיסִֽים׃ | 32 |
येहू ने खिड़की की ओर दृष्टि करते हुए कहा, “कौन-कौन है मेरी ओर?” दो या तीन अधिकारी खोजों ने झांककर उसकी ओर देखा.
וַיֹּ֥אמֶר שִׁמְטֻהוּ (שִׁמְט֖וּהָ) וַֽיִּשְׁמְט֑וּהָ וַיִּ֨ז מִדָּמָ֧הּ אֶל־הַקִּ֛יר וְאֶל־הַסּוּסִ֖ים וַֽיִּרְמְסֶֽנָּה׃ | 33 |
येहू ने आदेश दिया, “फेंक दो उसे वहां से!” तब उन्होंने उसे उठाकर वहां से नीचे फेंक दिया. उसके खून के कुछ छींटे दीवार पर और कुछ छींटे घोड़ों पर जा पड़े और घोड़ों ने उसे रौंद डाला.
וַיָּבֹ֖א וַיֹּ֣אכַל וַיֵּ֑שְׁתְּ וַיֹּ֗אמֶר פִּקְדוּ־נָ֞א אֶת־הָאֲרוּרָ֤ה הַזֹּאת֙ וְקִבְר֔וּהָ כִּ֥י בַת־מֶ֖לֶךְ הִֽיא׃ | 34 |
येहू राजघराने के भीतर गया और तृप्त होने तक भोजन किया. उसने आदेश दिया, “जाकर उस शापित स्त्री को देखो! उसे गाड़ दो, क्योंकि वह राजकुमारी थी.”
וַיֵּלְכ֖וּ לְקָבְרָ֑הּ וְלֹא־מָ֣צְאוּ בָ֗הּ כִּ֧י אִם־הַגֻּלְגֹּ֛לֶת וְהָרַגְלַ֖יִם וְכַפֹּ֥ות הַיָּדָֽיִם׃ | 35 |
वे उसे गाड़ने के उद्देश्य से जब उसे उठाने गए, उन्होंने पाया कि वहां सिर्फ उसकी खोपड़ी, पैर और उसके हाथों की हथेलियां ही बची थी.
וַיָּשֻׁבוּ֮ וַיַּגִּ֣ידוּ לֹו֒ וַיֹּ֙אמֶר֙ דְּבַר־יְהוָ֣ה ה֔וּא אֲשֶׁ֣ר דִּבֶּ֗ר בְּיַד־עַבְדֹּ֛ו אֵלִיָּ֥הוּ הַתִּשְׁבִּ֖י לֵאמֹ֑ר בְּחֵ֣לֶק יִזְרְעֶ֔אל יֹאכְל֥וּ הַכְּלָבִ֖ים אֶת־בְּשַׂ֥ר אִיזָֽבֶל׃ | 36 |
जब वे लौटकर येहू को बताने गए, उसने याद दिलाया, “यह याहवेह की भविष्यवाणी के अनुसार हुआ है, जो उन्होंने अपने सेवक तिशबेवासी एलियाह के माध्यम से भेजी थी: येज़्रील की सीमा के ही भीतर कुत्ते ईजेबेल का मांस खा जाएंगे,
וְהָיָת (וְֽהָיְתָ֞ה) נִבְלַ֣ת אִיזֶ֗בֶל כְּדֹ֛מֶן עַל־פְּנֵ֥י הַשָּׂדֶ֖ה בְּחֵ֣לֶק יִזְרְעֶ֑אל אֲשֶׁ֥ר לֹֽא־יֹאמְר֖וּ זֹ֥את אִיזָֽבֶל׃ פ | 37 |
और ईजेबेल का शव येज़्रील की सीमा के भीतर की भूमि पर गोबर के समान होगा, कि कोई यह न कह सके, ‘यह ईजेबेल है.’”