< 2 דִּבְרֵי הַיָּמִים 14 >
וַיִּשְׁכַּ֨ב אֲבִיָּ֜ה עִם־אֲבֹתָ֗יו וַיִּקְבְּר֤וּ אֹתֹו֙ בְּעִ֣יר דָּוִ֔יד וַיִּמְלֹ֛ךְ אָסָ֥א בְנֹ֖ו תַּחְתָּ֑יו בְּיָמָ֛יו שָׁקְטָ֥ה הָאָ֖רֶץ עֶ֥שֶׂר שָׁנִֽים׃ פ | 1 |
अबीयाह अपने पूर्वजों के साथ हमेशा के लिए सो गया और उसे उसके पूर्वजों के साथ दावीद के नगर की कब्र में रखा गया. उसके स्थान पर आसा राजा बना. उसके शासनकाल के दस सालों में देश में शांति बनी रही.
וַיַּ֤עַשׂ אָסָא֙ הַטֹּ֣וב וְהַיָּשָׁ֔ר בְּעֵינֵ֖י יְהוָ֥ה אֱלֹהָֽיו׃ | 2 |
आसा ने वह किया जो याहवेह उसके परमेश्वर की दृष्टि में सही और उचित है.
וַיָּ֛סַר אֶת־מִזְבְּחֹ֥ות הַנֵּכָ֖ר וְהַבָּמֹ֑ות וַיְשַׁבֵּר֙ אֶת־הַמַּצֵּבֹ֔ות וַיְגַדַּ֖ע אֶת־הָאֲשֵׁרִֽים׃ | 3 |
उसने अन्य जातीय वेदियों और पूजा स्थलों को हटा दिया, पूजा के खंभों को नाश कर दिया, अशेराह के मीनारों को काट गिराया.
וַיֹּ֙אמֶר֙ לִֽיהוּדָ֔ה לִדְרֹ֕ושׁ אֶת־יְהוָ֖ה אֱלֹהֵ֣י אֲבֹותֵיהֶ֑ם וְלַעֲשֹׂ֖ות הַתֹּורָ֥ה וְהַמִּצְוָֽה׃ | 4 |
उसने यहूदिया को आदेश दिया कि वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह की खोज करें और व्यवस्था और नियमों का पालन करते रहें.
וַיָּ֙סַר֙ מִכָּל־עָרֵ֣י יְהוּדָ֔ה אֶת־הַבָּמֹ֖ות וְאֶת־הַֽחַמָּנִ֑ים וַתִּשְׁקֹ֥ט הַמַּמְלָכָ֖ה לְפָנָֽיו׃ | 5 |
यहूदिया के सभी नगरों में से उसके शासनकाल में राज्य में कोई अव्यवस्था देखी न गई.
וַיִּ֛בֶן עָרֵ֥י מְצוּרָ֖ה בִּיהוּדָ֑ה כִּֽי־שָׁקְטָ֣ה הָאָ֗רֶץ וְאֵין־עִמֹּ֤ו מִלְחָמָה֙ בַּשָּׁנִ֣ים הָאֵ֔לֶּה כִּֽי־הֵנִ֥יחַ יְהוָ֖ה לֹֽו׃ | 6 |
यहूदिया में उसने गढ़ नगरों को बनाया क्योंकि राज्य में शांति थी. इन सालों में किसी ने भी उससे युद्ध नहीं किया, क्योंकि उसे मिली यह शांति याहवेह ने दी थी.
וַיֹּ֨אמֶר לִֽיהוּדָ֜ה נִבְנֶ֣ה ׀ אֶת־הֶעָרִ֣ים הָאֵ֗לֶּה וְנָסֵ֨ב חֹומָ֣ה וּמִגְדָּלִים֮ דְּלָתַ֣יִם וּבְרִיחִים֒ עֹודֶ֨נּוּ הָאָ֜רֶץ לְפָנֵ֗ינוּ כִּ֤י דָרַ֙שְׁנוּ֙ אֶת־יְהוָ֣ה אֱלֹהֵ֔ינוּ דָּרַ֕שְׁנוּ וַיָּ֥נַֽח לָ֖נוּ מִסָּבִ֑יב וַיִּבְנ֖וּ וַיַּצְלִֽיחוּ׃ פ | 7 |
यहूदिया से उसने कहा था, “चलो, हम इन नगरों को बनाएं. हम इन्हें दीवारों से घेर देंगे, हम इन पर पहरेदारों की ऊंची चौकियां बनाएं और इनमें द्वार और शालाएं लगा दें. हम याहवेह अपने परमेश्वर की इच्छा के खोजी रहे हैं इसलिये यह देश अब तक हमारा है और याहवेह ने हमें सभी ओर से शांति दी है.” इसलिये वे नगर बनाते गए और उन्नति करते गए.
וַיְהִ֣י לְאָסָ֗א חַיִל֮ נֹשֵׂ֣א צִנָּ֣ה וָרֹמַח֒ מִֽיהוּדָה֙ שְׁלֹ֣שׁ מֵאֹ֣ות אֶ֔לֶף ס וּמִבִּנְיָמִ֗ן נֹשְׂאֵ֤י מָגֵן֙ וְדֹ֣רְכֵי קֶ֔שֶׁת מָאתַ֥יִם וּשְׁמֹונִ֖ים אָ֑לֶף כָּל־אֵ֖לֶּה גִּבֹּ֥ורֵי חָֽיִל׃ | 8 |
यहूदिया राज्य से आसा की सेना में तीन लाख सैनिक थे, ये विशाल ढालों और बर्छियों से लैस थे. दो लाख अस्सी हज़ार सैनिक बिन्यामिन प्रदेश के थे, ये भी ढालों से लैस धनुर्धारी थे. सारे सैनिक वीर योद्धा थे.
וַיֵּצֵ֨א אֲלֵיהֶ֜ם זֶ֣רַח הַכּוּשִׁ֗י בְּחַ֙יִל֙ אֶ֣לֶף אֲלָפִ֔ים וּמַרְכָּבֹ֖ות שְׁלֹ֣שׁ מֵאֹ֑ות וַיָּבֹ֖א עַד־מָרֵשָֽׁה׃ | 9 |
कूश देशवासी ज़ेराह ने दस लाख सैनिकों और 300 रथों की सेना लेकर यहूदिया पर हमला कर दिया. वह मारेशाह नामक स्थान तक आ पहुंचा.
וַיֵּצֵ֥א אָסָ֖א לְפָנָ֑יו וַיַּֽעַרְכוּ֙ מִלְחָמָ֔ה בְּגֵ֥יא צְפַ֖תָה לְמָרֵשָֽׁה׃ | 10 |
तब आसा उसका सामना करने आगे बढ़ा. उसकी सेना मारेशाह के निकट सापथा घाटी में युद्ध के लिये तैयार हुई.
וַיִּקְרָ֨א אָסָ֜א אֶל־יְהוָ֣ה אֱלֹהָיו֮ וַיֹּאמַר֒ יְהוָ֗ה אֵֽין־עִמְּךָ֤ לַעְזֹור֙ בֵּ֥ין רַב֙ לְאֵ֣ין כֹּ֔חַ עָזְרֵ֜נוּ יְהוָ֤ה אֱלֹהֵ֙ינוּ֙ כִּֽי־עָלֶ֣יךָ נִשְׁעַ֔נּוּ וּבְשִׁמְךָ֣ בָ֔אנוּ עַל־הֶהָמֹ֖ון הַזֶּ֑ה יְהוָ֤ה אֱלֹהֵ֙ינוּ֙ אַ֔תָּה אַל־יַעְצֹ֥ר עִמְּךָ֖ אֱנֹֽושׁ׃ ס | 11 |
आसा ने याहवेह, अपने परमेश्वर की दोहाई दी और यह याचना की, “याहवेह, शक्तिशाली और कमजोर के बीच युद्ध की स्थिति में आपके अलावा और कोई भी नहीं है, जो सहायता के लिए उपलब्ध हो. इसलिये याहवेह, हमारे परमेश्वर, हमारी सहायता कीजिए, क्योंकि हमारा भरोसा आप पर है. हम आपकी महिमा के कारण इस विशाल सेना के विरुद्ध खड़े हैं. याहवेह, हमारे परमेश्वर आप हैं. ऐसा कभी न हो कि कोई मनुष्य आप पर प्रबल हो.”
וַיִּגֹּ֤ף יְהוָה֙ אֶת־הַכּוּשִׁ֔ים לִפְנֵ֥י אָסָ֖א וְלִפְנֵ֣י יְהוּדָ֑ה וַיָּנֻ֖סוּ הַכּוּשִֽׁים׃ | 12 |
तब याहवेह ने आसा और यहूदिया की सेना के सामने कूश देशवासियों को हरा दिया और कूश देशवासी उनके सामने से भाग गए.
וַיִּרְדְּפֵ֨ם אָסָ֜א וְהָעָ֣ם אֲשֶׁר־עִמֹּו֮ עַד־לִגְרָר֒ וַיִּפֹּ֤ל מִכּוּשִׁים֙ לְאֵ֣ין לָהֶ֣ם מִֽחְיָ֔ה כִּֽי־נִשְׁבְּר֥וּ לִפְנֵֽי־יְהוָ֖ה וְלִפְנֵ֣י מַחֲנֵ֑הוּ וַיִּשְׂא֥וּ שָׁלָ֖ל הַרְבֵּ֥ה מְאֹֽד׃ | 13 |
आसा और उसकी सेना ने गेरार तक उनका पीछा किया; इतने अधिक कूश देशवासी मारे गए कि उनका दोबारा इकट्ठा हो पाना असंभव हो गया. कारण यह था कि वे याहवेह और उनकी सेना के सामने चूर-चूर हो चुके थे. यहूदी सैनिकों ने बहुत बड़ी मात्रा में लूट की सामग्री इकट्ठा कर ली.
וַיַּכּ֗וּ אֵ֤ת כָּל־הֶֽעָרִים֙ סְבִיבֹ֣ות גְּרָ֔ר כִּי־הָיָ֥ה פַֽחַד־יְהוָ֖ה עֲלֵיהֶ֑ם וַיָּבֹ֙זּוּ֙ אֶת־כָּל־הֶ֣עָרִ֔ים כִּֽי־בִזָּ֥ה רַבָּ֖ה הָיְתָ֥ה בָהֶֽם׃ | 14 |
गेरार के निकटवर्ती नगरों को उन्होंने नाश कर दिया. सभी पर याहवेह का घोर आतंक छा चुका था. यहूदी सेना ने सभी नगरों को लूट लिया. उनमें लूट का सामान बहुत सारा था.
וְגַם־אָהֳלֵ֥י מִקְנֶ֖ה הִכּ֑וּ וַיִּשְׁבּ֨וּ צֹ֤אן לָרֹב֙ וּגְמַלִּ֔ים וַיָּשֻׁ֖בוּ יְרוּשָׁלָֽ͏ִם׃ ס | 15 |
उन्होंने उनके शिविर भी नाश कर दिए, जो पशु पालक थे. इनसे सेना ने बड़ी संख्या में भेड़ें और ऊंट ले लिए. इसके बाद वे येरूशलेम लौट गए.