< 1 מְלָכִים 19 >
וַיַּגֵּ֤ד אַחְאָב֙ לְאִיזֶ֔בֶל אֵ֛ת כָּל־אֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה אֵלִיָּ֑הוּ וְאֵ֨ת כָּל־אֲשֶׁ֥ר הָרַ֛ג אֶת־כָּל־הַנְּבִיאִ֖ים בֶּחָֽרֶב׃ | 1 |
अहाब ने एलियाह के सारे कामों का वर्णन ईजेबेल को जा सुनाया, कि किस प्रकार उसने बाल के सारे भविष्यवक्ताओं को तलवार से घात कर दिया था.
וַתִּשְׁלַ֤ח אִיזֶ֙בֶל֙ מַלְאָ֔ךְ אֶל־אֵלִיָּ֖הוּ לֵאמֹ֑ר כֹּֽה־יַעֲשׂ֤וּן אֱלֹהִים֙ וְכֹ֣ה יֹוסִפ֔וּן כִּֽי־כָעֵ֤ת מָחָר֙ אָשִׂ֣ים אֶֽת־נַפְשְׁךָ֔ כְּנֶ֖פֶשׁ אַחַ֥ד מֵהֶֽם׃ | 2 |
इस पर ईजेबेल ने एलियाह के पास एक दूत के द्वारा यह संदेश भेज दिया, “अगर कल इस समय तक मैं तुम्हारा जीवन उन भविष्यवक्ताओं में से एक के जीवन के समान न बना दूं, तो देवता मेरे साथ ऐसा ही, बल्कि इससे भी अधिक करें.”
וַיַּ֗רְא וַיָּ֙קָם֙ וַיֵּ֣לֶךְ אֶל־נַפְשֹׁ֔ו וַיָּבֹ֕א בְּאֵ֥ר שֶׁ֖בַע אֲשֶׁ֣ר לִֽיהוּדָ֑ה וַיַּנַּ֥ח אֶֽת־נַעֲרֹ֖ו שָֽׁם׃ | 3 |
यह सुन एलियाह इतने डर गए, कि वह अपने प्राण लेकर भागे. वह भागते हुए यहूदिया के बेअरशेबा नगर जा पहुंचे. उन्होंने अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया,
וְהֽוּא־הָלַ֤ךְ בַּמִּדְבָּר֙ דֶּ֣רֶךְ יֹ֔ום וַיָּבֹ֕א וַיֵּ֕שֶׁב תַּ֖חַת רֹ֣תֶם אֶחָת (אֶחָ֑ד) וַיִּשְׁאַ֤ל אֶת־נַפְשֹׁו֙ לָמ֔וּת וַיֹּ֣אמֶר ׀ רַ֗ב עַתָּ֤ה יְהוָה֙ קַ֣ח נַפְשִׁ֔י כִּֽי־לֹא־טֹ֥וב אָנֹכִ֖י מֵאֲבֹתָֽי׃ | 4 |
और वह खुद एक दिन की यात्रा कर बंजर भूमि में जा पहुंचे, जहां वह एक झाऊ के पेड़ के नीचे बैठ गए. वहां उन्होंने इन शब्दों में अपनी मृत्यु की प्रार्थना की, “याहवेह, अब तो बहुत हो चुका. मेरे प्राण ले लीजिए. मुझमें मेरे पूर्वजों की तुलना में कुछ भी अच्छा नहीं है.”
וַיִּשְׁכַּב֙ וַיִּישַׁ֔ן תַּ֖חַת רֹ֣תֶם אֶחָ֑ד וְהִנֵּֽה־זֶ֤ה מַלְאָךְ֙ נֹגֵ֣עַ בֹּ֔ו וַיֹּ֥אמֶר לֹ֖ו ק֥וּם אֱכֹֽול׃ | 5 |
वह उस झाऊ के पेड़ के नीचे लेट गए और वहीं सो गए. एक स्वर्गदूत वहां आया और उन्हें छूकर उनसे कहा, “उठिए, भोजन कर लीजिए.”
וַיַּבֵּ֕ט וְהִנֵּ֧ה מְרַאֲשֹׁתָ֛יו עֻגַ֥ת רְצָפִ֖ים וְצַפַּ֣חַת מָ֑יִם וַיֹּ֣אכַל וַיֵּ֔שְׁתְּ וַיָּ֖שָׁב וַיִּשְׁכָּֽב׃ | 6 |
उन्होंने देखा कि उनके सिर के पास रोटी रखी थी, जो गर्म पत्थर पर पकाई हुई थी, और वहीं एक बर्तन में पानी भी रखा था. उन्होंने भोजन किया, जल पिया और दोबारा लेट गए.
וַיָּשָׁב֩ מַלְאַ֨ךְ יְהוָ֤ה ׀ שֵׁנִית֙ וַיִּגַּע־בֹּ֔ו וַיֹּ֖אמֶר ק֣וּם אֱכֹ֑ל כִּ֛י רַ֥ב מִמְּךָ֖ הַדָּֽרֶךְ׃ | 7 |
याहवेह का दूत दूसरी बार उनके पास प्रकट हुआ, उन्हें छुआ और उनसे कहा, “उठिए, भोजन कीजिए. आपको एक लंबी यात्रा करनी है.”
וַיָּ֖קָם וַיֹּ֣אכַל וַיִּשְׁתֶּ֑ה וַיֵּ֜לֶךְ בְּכֹ֣חַ ׀ הָאֲכִילָ֣ה הַהִ֗יא אַרְבָּעִ֥ים יֹום֙ וְאַרְבָּעִ֣ים לַ֔יְלָה עַ֛ד הַ֥ר הָאֱלֹהִ֖ים חֹרֵֽב׃ | 8 |
एलियाह उठे, उन्होंने भोजन किया, जल पिया और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन और चालीस रात लगातार चलते-चलते वह परमेश्वर के पर्वत होरेब पहुंच गए.
וַיָּבֹא־שָׁ֥ם אֶל־הַמְּעָרָ֖ה וַיָּ֣לֶן שָׁ֑ם וְהִנֵּ֤ה דְבַר־יְהוָה֙ אֵלָ֔יו וַיֹּ֣אמֶר לֹ֔ו מַה־לְּךָ֥ פֹ֖ה אֵלִיָּֽהוּ׃ | 9 |
वहां पहुंचकर उन्होंने एक गुफा में शरण ली. उनके लिए वहां याहवेह का भेजा यह संदेश मिला, “तुम यहां क्या कर रहे हो, एलियाह?”
וַיֹּאמֶר֩ קַנֹּ֨א קִנֵּ֜אתִי לַיהוָ֣ה ׀ אֱלֹהֵ֣י צְבָאֹ֗ות כִּֽי־עָזְב֤וּ בְרִֽיתְךָ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אֶת־מִזְבְּחֹתֶ֣יךָ הָרָ֔סוּ וְאֶת־נְבִיאֶ֖יךָ הָרְג֣וּ בֶחָ֑רֶב וֽ͏ָאִוָּתֵ֤ר אֲנִי֙ לְבַדִּ֔י וַיְבַקְשׁ֥וּ אֶת־נַפְשִׁ֖י לְקַחְתָּֽהּ׃ | 10 |
एलियाह ने उत्तर दिया, “मैं सर्वशक्तिमान याहवेह परमेश्वर के लिए बहुत ही उत्साही रहा हूं; मगर इस्राएलियों ने आपकी वाचा को त्याग दिया है, आपकी वेदियां गिरा दी हैं, और तलवार से आपके भविष्यवक्ताओं को मार दिया है और मैं, सिर्फ मैं, बाकी रह गया हूं. अब वे मेरे प्राणों के खोजी हैं, कि वे उन्हें भी ले लें.”
וַיֹּ֗אמֶר צֵ֣א וְעָמַדְתָּ֣ בָהָר֮ לִפְנֵ֣י יְהוָה֒ וְהִנֵּ֧ה יְהוָ֣ה עֹבֵ֗ר וְר֣וּחַ גְּדֹולָ֡ה וְחָזָ֞ק מְפָרֵק֩ הָרִ֨ים וּמְשַׁבֵּ֤ר סְלָעִים֙ לִפְנֵ֣י יְהוָ֔ה לֹ֥א בָר֖וּחַ יְהוָ֑ה וְאַחַ֤ר הָר֨וּחַ רַ֔עַשׁ לֹ֥א בָרַ֖עַשׁ יְהוָֽה׃ | 11 |
उन्होंने आदेश दिया, “बाहर निकलकर पर्वत पर याहवेह के सामने खड़े हो जाओ, याहवेह वहां से होकर अभी निकल रहे हैं!” तब याहवेह के आगे-आगे प्रचंड आंधी ने पहाड़ को हिला दिया, चट्टानें तड़क गईं, मगर याहवेह की उपस्थिति वायु में न थी. प्रचंड आंधी के बाद एक भूकंप आया, मगर याहवेह की उपस्थिति भूकंप में भी न थी.
וְאַחַ֤ר הָרַ֙עַשׁ֙ אֵ֔שׁ לֹ֥א בָאֵ֖שׁ יְהוָ֑ה וְאַחַ֣ר הָאֵ֔שׁ קֹ֖ול דְּמָמָ֥ה דַקָּֽה׃ | 12 |
भूकंप के बाद आग बरसी, मगर याहवेह की उपस्थिति आग में भी न थी, आग के बाद एक धीमी सी आवाज!
וַיְהִ֣י ׀ כִּשְׁמֹ֣עַ אֵלִיָּ֗הוּ וַיָּ֤לֶט פָּנָיו֙ בְּאַדַּרְתֹּ֔ו וַיֵּצֵ֕א וַֽיַּעֲמֹ֖ד פֶּ֣תַח הַמְּעָרָ֑ה וְהִנֵּ֤ה אֵלָיו֙ קֹ֔ול וַיֹּ֕אמֶר מַה־לְּךָ֥ פֹ֖ה אֵלִיָּֽהוּ׃ | 13 |
जब एलियाह ने यह सुना, उसने अपने वस्त्र से अपना मुख ढांप लिया. वह गुफा से बाहर निकल गुफा के द्वार पर खड़े हो गए. तब उन्हें एक आवाज सुनाई दी, “एलियाह, तुम यहां क्या कर रहे हो?”
וַיֹּאמֶר֩ קַנֹּ֨א קִנֵּ֜אתִי לַיהוָ֣ה ׀ אֱלֹהֵ֣י צְבָאֹ֗ות כִּֽי־עָזְב֤וּ בְרִֽיתְךָ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אֶת־מִזְבְּחֹתֶ֣יךָ הָרָ֔סוּ וְאֶת־נְבִיאֶ֖יךָ הָרְג֣וּ בֶחָ֑רֶב וָאִוָּתֵ֤ר אֲנִי֙ לְבַדִּ֔י וַיְבַקְשׁ֥וּ אֶת־נַפְשִׁ֖י לְקַחְתָּֽהּ׃ ס | 14 |
एलियाह ने उत्तर दिया, “मैं सर्वशक्तिमान याहवेह परमेश्वर के लिए बहुत ही उत्साही रहा हूं; मगर इस्राएलियों ने आपकी वाचा को त्याग दिया है, आपकी वेदियां गिरा दी हैं, और तलवार से आपके भविष्यवक्ताओं को मार दिया है, और सिर्फ मैं बाकी रह गया हूं, अब वे मुझे भी मारने की कोशिश कर रहे हैं.”
וַיֹּ֤אמֶר יְהוָה֙ אֵלָ֔יו לֵ֛ךְ שׁ֥וּב לְדַרְכְּךָ֖ מִדְבַּ֣רָה דַמָּ֑שֶׂק וּבָ֗אתָ וּמָשַׁחְתָּ֧ אֶת־חֲזָאֵ֛ל לְמֶ֖לֶךְ עַל־אֲרָֽם׃ | 15 |
याहवेह ने उन्हें आदेश दिया, “दमेशेक के बंजर भूमि के मार्ग पर चले जाओ, वहां पहुंचकर अराम के राजपद के लिए हाज़ाएल का राजाभिषेक करना,
וְאֵת֙ יֵה֣וּא בֶן־נִמְשִׁ֔י תִּמְשַׁ֥ח לְמֶ֖לֶךְ עַל־יִשְׂרָאֵ֑ל וְאֶת־אֱלִישָׁ֤ע בֶּן־שָׁפָט֙ מֵאָבֵ֣ל מְחֹולָ֔ה תִּמְשַׁ֥ח לְנָבִ֖יא תַּחְתֶּֽיךָ׃ | 16 |
इस्राएल के राजपद के लिए निमशी के पुत्र येहू का राजाभिषेक करना और अपने स्थान पर भविष्यद्वक्ता होने के लिए आबेल-मेहोलाह वासी शाफात के पुत्र एलीशा का अभिषेक करना.
וְהָיָ֗ה הַנִּמְלָ֛ט מֵחֶ֥רֶב חֲזָאֵ֖ל יָמִ֣ית יֵה֑וּא וְהַנִּמְלָ֛ט מֵחֶ֥רֶב יֵה֖וּא יָמִ֥ית אֱלִישָֽׁע׃ | 17 |
तब जो कोई हाज़ाएल की तलवार से बच निकलेगा, उसको येहू मार देगा. और जो कोई येहू की तलवार से बच निकलेगा, उसके प्राण एलीशा ले लेगा.
וְהִשְׁאַרְתִּ֥י בְיִשְׂרָאֵ֖ל שִׁבְעַ֣ת אֲלָפִ֑ים כָּל־הַבִּרְכַּ֗יִם אֲשֶׁ֤ר לֹֽא־כָֽרְעוּ֙ לַבַּ֔עַל וְכָ֨ל־הַפֶּ֔ה אֲשֶׁ֥ר לֹֽא־נָשַׁ֖ק לֹֽו׃ | 18 |
फिर भी इस्राएल देश में मैं उन सात हज़ार व्यक्तियों को बचाकर रखूंगा, जिन्होंने न तो बाल के सामने घुटने टेके हैं और न अपने होंठों से उसका चुंबन ही लिया है.”
וַיֵּ֣לֶךְ מִ֠שָּׁם וַיִּמְצָ֞א אֶת־אֱלִישָׁ֤ע בֶּן־שָׁפָט֙ וְה֣וּא חֹרֵ֔שׁ שְׁנֵים־עָשָׂ֤ר צְמָדִים֙ לְפָנָ֔יו וְה֖וּא בִּשְׁנֵ֣ים הֶעָשָׂ֑ר וַיַּעֲבֹ֤ר אֵלִיָּ֙הוּ֙ אֵלָ֔יו וַיַּשְׁלֵ֥ךְ אַדַּרְתֹּ֖ו אֵלָֽיו׃ | 19 |
तब एलियाह वहां से चल दिए. उन्हें शाफात के पुत्र एलीशा खेत में हल चलाते हुए मिले. हल में बारह जोड़े बैल जुते हुए थे, और वह खुद बारहवीं जोड़ी के साथ थे. एलीशा के पास से निकलते हुए एलियाह ने अपना बाहरी कपड़ा उन पर डाल दिया.
וַיַּעֲזֹ֣ב אֶת־הַבָּקָ֗ר וַיָּ֙רָץ֙ אַחֲרֵ֣י אֽ͏ֵלִיָּ֔הוּ וַיֹּ֗אמֶר אֶשְּׁקָה־נָּא֙ לְאָבִ֣י וּלְאִמִּ֔י וְאֵלְכָ֖ה אַחֲרֶ֑יךָ וַיֹּ֤אמֶר לֹו֙ לֵ֣ךְ שׁ֔וּב כִּ֥י מֶה־עָשִׂ֖יתִי לָֽךְ׃ | 20 |
एलीशा अपने बैलों को वहीं छोड़ एलियाह के पीछे दौड़े और उन्होंने एलियाह से कहा, “मुझे आज्ञा दीजिए कि मैं अपने पिता और माता का चुंबन ले सकूं; तब लौटकर मैं आपका अनुसरण करूंगा.” एलियाह ने उससे कहा, “जाओ मैं तुम्हें रोक नहीं रहा.”
וַיָּ֨שָׁב מֵאַחֲרָ֜יו וַיִּקַּ֣ח אֶת־צֶ֧מֶד הַבָּקָ֣ר וַיִּזְבָּחֵ֗הוּ וּבִכְלִ֤י הַבָּקָר֙ בִּשְּׁלָ֣ם הַבָּשָׂ֔ר וַיִּתֵּ֥ן לָעָ֖ם וַיֹּאכֵ֑לוּ וַיָּ֗קָם וַיֵּ֛לֶךְ אַחֲרֵ֥י אֵלִיָּ֖הוּ וַיְשָׁרְתֵֽהוּ׃ פ | 21 |
एलीशा एलियाह के पास से खेत में लौट आए, एक जोड़ी बैल लिए और उन्हें बलि के रूप में भेंट किया. उसके बाद जोते गए जूए को लेकर उससे उनके मांस को उबाला और उस मांस को लोगों में बांट दिया और उन्होंने भोजन किया. इसके बाद एलीशा एलियाह का अनुसरण करने चला गया और एलियाह के सेवक बन गया.