< תהילים 9 >
לַמְנַצֵּחַ עַל־מוּת לַבֵּן מִזְמוֹר לְדָוִֽד׃ אוֹדֶה יְהֹוָה בְּכׇל־לִבִּי אֲסַפְּרָה כׇּל־נִפְלְאוֹתֶֽיךָ׃ | 1 |
संगीत निर्देशक के लिये. मूथलब्बेन धुन पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, मैं संपूर्ण हृदय से आपका आभार मानूंगा; मैं आपके हर एक आश्चर्य कर्मों का वर्णन करूंगा.
אֶשְׂמְחָה וְאֶעֶלְצָה בָךְ אֲזַמְּרָה שִׁמְךָ עֶלְיֽוֹן׃ | 2 |
मैं आप में उल्लसित होकर आनंद मनाता हूं; सर्वोच्च प्रभु, मैं आपका भजन गाता हूं.
בְּשׁוּב־אוֹיְבַי אָחוֹר יִכָּשְׁלוּ וְיֹאבְדוּ מִפָּנֶֽיךָ׃ | 3 |
जब मेरे शत्रु पीठ दिखाकर भागे; वे आपकी उपस्थिति के कारण नाश होकर लड़खड़ा कर गिर पड़े.
כִּֽי־עָשִׂיתָ מִשְׁפָּטִי וְדִינִי יָשַׁבְתָּ לְכִסֵּא שׁוֹפֵט צֶֽדֶק׃ | 4 |
आपने न्याय किया और मेरे पक्ष में निर्णय दिया, आपने अपने सिंहासन पर बैठ सच्चाई में न्याय किया.
גָּעַרְתָּ גוֹיִם אִבַּדְתָּ רָשָׁע שְׁמָם מָחִיתָ לְעוֹלָם וָעֶֽד׃ | 5 |
आपने जनताओं को डांटा और दुष्टों को नष्ट कर दिया; आपने सदा के लिए उनका नाम मिटा दिया.
הָֽאוֹיֵב ׀ תַּמּוּ חֳרָבוֹת לָנֶצַח וְעָרִים נָתַשְׁתָּ אָבַד זִכְרָם הֵֽמָּה׃ | 6 |
कोई भी शत्रु शेष न रहा, उनके नगर अब स्थायी विध्वंस मात्र रह गए हैं; शत्रु का नाम भी शेष न रहा.
וַֽיהֹוָה לְעוֹלָם יֵשֵׁב כּוֹנֵן לַמִּשְׁפָּט כִּסְאֽוֹ׃ | 7 |
परंतु याहवेह सदैव सिंहासन पर विराजमान हैं; उन्होंने अपना सिंहासन न्याय के लिए स्थापित किया है.
וְהוּא יִשְׁפֹּֽט־תֵּבֵל בְּצֶדֶק יָדִין לְאֻמִּים בְּמֵישָׁרִֽים׃ | 8 |
वह संसार का न्याय तथा राष्ट्रों का निर्णय धार्मिकता से करते हैं.
וִיהִי יְהֹוָה מִשְׂגָּב לַדָּךְ מִשְׂגָּב לְעִתּוֹת בַּצָּרָֽה׃ | 9 |
याहवेह ही दुःखित को शरण देते हैं, संकट के समय वही ऊंचा गढ़ हैं.
וְיִבְטְחוּ בְךָ יוֹדְעֵי שְׁמֶךָ כִּי לֹֽא־עָזַבְתָּ דֹרְשֶׁיךָ יְהֹוָֽה׃ | 10 |
जिन्होंने आपकी महिमा को पहचान लिया है, वे आप पर भरोसा करेंगे, याहवेह, जिन्होंने आपसे प्रार्थना की, आपने उन्हें निराश न होने दिया.
זַמְּרוּ לַיהֹוָה יֹשֵׁב צִיּוֹן הַגִּידוּ בָעַמִּים עֲלִֽילוֹתָֽיו׃ | 11 |
याहवेह का गुणगान करो, जो ज़ियोन में सिंहासन पर विराजमान हैं; राष्ट्रों में उनके आश्चर्य कार्यों की उद्घोषणा करो.
כִּֽי־דֹרֵשׁ דָּמִים אוֹתָם זָכָר לֹֽא־שָׁכַח צַעֲקַת (עניים) [עֲנָוִֽים]׃ | 12 |
वह, जो पीड़ितों के बदला लेनेवाले हैं, उन्हें स्मरण रखते हैं; दीनों की वाणी को वह अनसुनी नहीं करते.
חָֽנְנֵנִי יְהֹוָה רְאֵה עׇנְיִי מִשֹּׂנְאָי מְרוֹמְמִי מִשַּׁעֲרֵי מָֽוֶת׃ | 13 |
हे याहवेह, मुझ पर कृपादृष्टि कीजिए! मेरी पीड़ा पर दृष्टि कीजिए. आप ही हैं, जो मुझे मृत्यु-द्वार के निकट से झपटकर उठा सकते हैं,
לְמַעַן אֲסַפְּרָה כׇּֽל־תְּהִלָּתֶיךָ בְּשַׁעֲרֵי בַת־צִיּוֹן אָגִילָה בִּישֽׁוּעָתֶֽךָ׃ | 14 |
कि मैं ज़ियोन की पुत्री के द्वारों के भीतर आपके हर एक गुण का वर्णन करूं, कि मैं आपके द्वारा किए उद्धार में उल्लसित होऊं.
טָבְעוּ גוֹיִם בְּשַׁחַת עָשׂוּ בְּרֶֽשֶׁת־זוּ טָמָנוּ נִלְכְּדָה רַגְלָֽם׃ | 15 |
अन्य जनता उसी गड्ढे में जा गिरे, जिसे स्वयं उन्हीं ने खोदा था; उनके पैर उसी जाल में जा फंसे, जिसे उन्होंने बिछाया था.
נוֹדַע ׀ יְהֹוָה מִשְׁפָּט עָשָׂה בְּפֹעַל כַּפָּיו נוֹקֵשׁ רָשָׁע הִגָּיוֹן סֶֽלָה׃ | 16 |
याहवेह ने स्वयं को प्रकट किया, उन्होंने न्याय सम्पन्न किया; दुष्ट अपने ही फंदे में उलझ कर रह गए.
יָשׁוּבוּ רְשָׁעִים לִשְׁאוֹלָה כׇּל־גּוֹיִם שְׁכֵחֵי אֱלֹהִֽים׃ (Sheol ) | 17 |
दुष्ट अधोलोक में लौट जाएंगे, यही नियति है उन सभी राष्ट्रों की भी, जिन्होंने परमेश्वर की उपेक्षा की है. (Sheol )
כִּי לֹא לָנֶצַח יִשָּׁכַח אֶבְיוֹן תִּקְוַת (ענוים) [עֲנִיִּים] תֹּאבַד לָעַֽד׃ | 18 |
दीन दरिद्र सदा भुला नहीं दिए जाएंगे; पीड़ितों की आशा सदा के लिए चूर नहीं होगी.
קוּמָה יְהֹוָה אַל־יָעֹז אֱנוֹשׁ יִשָּׁפְטוּ גוֹיִם עַל־פָּנֶֽיךָ׃ | 19 |
याहवेह, आप उठ जाएं, कि कोई मनुष्य प्रबल न हो जाए; जनताओं का न्याय आपके सामने हो.
שִׁיתָה יְהֹוָה ׀ מוֹרָה לָהֶם יֵדְעוּ גוֹיִם אֱנוֹשׁ הֵמָּה סֶּֽלָה׃ | 20 |
याहवेह, आप उन्हें भयभीत कर दें; जनताओं को यह बोध हो जाए कि वे मात्र मनुष्य हैं.