< תהילים 116 >
אָהַבְתִּי כִּי־יִשְׁמַע ׀ יְהֹוָה אֶת־קוֹלִי תַּחֲנוּנָֽי׃ | 1 |
मैं ख़ुदावन्द से मुहब्बत रखता हूँ क्यूँकि उसने मेरी फ़रियाद और मिन्नत सुनी है
כִּי־הִטָּה אׇזְנוֹ לִי וּבְיָמַי אֶקְרָֽא׃ | 2 |
चुँकि उसने मेरी तरफ़ कान लगाया, इसलिए मैं उम्र भर उससे दू'आ करूँगा
אֲפָפוּנִי ׀ חֶבְלֵי־מָוֶת וּמְצָרֵי שְׁאוֹל מְצָאוּנִי צָרָה וְיָגוֹן אֶמְצָֽא׃ (Sheol ) | 3 |
मौत की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, और पाताल के दर्द मुझ पर आ पड़े; मैं दुख और ग़म में गिरफ़्तार हुआ। (Sheol )
וּבְשֵֽׁם־יְהֹוָה אֶקְרָא אָנָּה יְהֹוָה מַלְּטָה נַפְשִֽׁי׃ | 4 |
तब मैंने ख़ुदावन्द से दुआ की, ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरी मिन्नत करता हूँ मेरी जान की रिहाई बख्श!
חַנּוּן יְהֹוָה וְצַדִּיק וֵאלֹהֵינוּ מְרַחֵֽם׃ | 5 |
ख़ुदावन्द सादिक़ और करीम है; हमारा ख़ुदा रहीम है।
שֹׁמֵר פְּתָאיִם יְהֹוָה דַּלֹּתִי וְלִי יְהוֹשִֽׁיעַ׃ | 6 |
ख़ुदावन्द सादा लोगों की हिफ़ाज़त करता है; मैं पस्त हो गया था, उसी ने मुझे बचा लिया।
שׁוּבִי נַפְשִׁי לִמְנוּחָיְכִי כִּֽי־יְהֹוָה גָּמַל עָלָֽיְכִי׃ | 7 |
ऐ मेरी जान, फिर मुत्मइन हो; क्यूँकि ख़ुदावन्द ने तुझ पर एहसान किया है।
כִּי חִלַּצְתָּ נַפְשִׁי מִמָּוֶת אֶת־עֵינִי מִן־דִּמְעָה אֶת־רַגְלִי מִדֶּֽחִי׃ | 8 |
इसलिए के तूने मेरी जान को मौत से, मेरी आँखों को आँसू बहाने से, और मेरे पाँव को फिसलने से बचाया है।
אֶתְהַלֵּךְ לִפְנֵי יְהֹוָה בְּאַרְצוֹת הַחַיִּֽים׃ | 9 |
मैं ज़िन्दों की ज़मीन में, ख़ुदावन्द के सामने चलता रहूँगा।
הֶאֱמַנְתִּי כִּי אֲדַבֵּר אֲנִי עָנִיתִי מְאֹֽד׃ | 10 |
मैं ईमान रखता हूँ इसलिए यह कहूँगा, मैं बड़ी मुसीबत में था।
אֲנִי אָמַרְתִּי בְחׇפְזִי כׇּֽל־הָאָדָם כֹּזֵֽב׃ | 11 |
मैंने जल्दबाज़ी से कह दिया, कि “सब आदमी झूटे हैं।”
מָה־אָשִׁיב לַיהֹוָה כׇּֽל־תַּגְמוּלוֹהִי עָלָֽי׃ | 12 |
ख़ुदावन्द की सब ने'मतें जो मुझे मिलीं, मैं उनके बदले में उसे क्या दूँ?
כּוֹס־יְשׁוּעוֹת אֶשָּׂא וּבְשֵׁם יְהֹוָה אֶקְרָֽא׃ | 13 |
मैं नजात का प्याला उठाकर, ख़ुदावन्द से दुआ करूँगा।
נְדָרַי לַיהֹוָה אֲשַׁלֵּם נֶגְדָה־נָּא לְכׇל־עַמּֽוֹ׃ | 14 |
मैं ख़ुदावन्द के सामने अपनी मन्नतें, उसकी सारी क़ौम के सामने पूरी करूँगा।
יָקָר בְּעֵינֵי יְהֹוָה הַמָּוְתָה לַחֲסִידָֽיו׃ | 15 |
ख़ुदावन्द की निगाह में, उसके पाक लोगों की मौत गिरा क़द्र है।
אָנָּה יְהֹוָה כִּֽי־אֲנִי עַבְדֶּךָ אֲנִי־עַבְדְּךָ בֶּן־אֲמָתֶךָ פִּתַּחְתָּ לְמֽוֹסֵרָֽי׃ | 16 |
आह! ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरा बन्दा हूँ। मैं तेरा बन्दा, तेरी लौंडी का बेटा हूँ। तूने मेरे बन्धन खोले हैं।
לְֽךָ־אֶזְבַּח זֶבַח תּוֹדָה וּבְשֵׁם יְהֹוָה אֶקְרָֽא׃ | 17 |
मैं तेरे सामने शुक्रगुज़ारी की कु़र्बानी पेश करूँगा और ख़ुदावन्द से दुआ करूँगा।
נְדָרַי לַיהֹוָה אֲשַׁלֵּם נֶגְדָה־נָּא לְכׇל־עַמּֽוֹ׃ | 18 |
मैं ख़ुदावन्द के सामने अपनी मन्नतें, उसकी सारी क़ौम के सामने पूरी करूँगा।
בְּחַצְרוֹת ׀ בֵּית יְהֹוָה בְּֽתוֹכֵכִי יְֽרוּשָׁלָ͏ִם הַֽלְלוּ־יָֽהּ׃ | 19 |
ख़ुदावन्द के घर की बारगाहों में, तेरे अन्दर ऐ येरूशलेम! ख़ुदावन्द की हम्द करो।