< מיכה 4 >

וְהָיָה ׀ בְּאַחֲרִית הַיָּמִים יִהְיֶה הַר בֵּית־יְהֹוָה נָכוֹן בְּרֹאשׁ הֶהָרִים וְנִשָּׂא הוּא מִגְּבָעוֹת וְנָהֲרוּ עָלָיו עַמִּֽים׃ 1
लेकिन आख़िरी दिनों में यूँ होगा कि ख़ुदावन्द के घर का पहाड़ पहाड़ों की चोटियों पर क़ाईम किया जाएगा, और सब टीलों से बलंद होगा और उम्मतें वहाँ पहुँचेंगी।
וְֽהָלְכוּ גּוֹיִם רַבִּים וְאָֽמְרוּ לְכוּ ׀ וְנַעֲלֶה אֶל־הַר־יְהֹוָה וְאֶל־בֵּית אֱלֹהֵי יַעֲקֹב וְיוֹרֵנוּ מִדְּרָכָיו וְנֵלְכָה בְּאֹֽרְחֹתָיו כִּי מִצִּיּוֹן תֵּצֵא תוֹרָה וּדְבַר־יְהֹוָה מִירוּשָׁלָֽ͏ִם׃ 2
और बहुत सी क़ौमें आएँगी, और कहेंगी, 'आओ, ख़ुदावन्द के पहाड़ पर चढ़ें, और या'क़ूब के ख़ुदा के घर में दाख़िल हों, और वह अपनी राहें हम को बताएगा और हम उसके रास्तों पर चलेंगे। क्यूँकि शरी'अत सिय्यून से, और ख़ुदावन्द का कलाम येरूशलेम से सादिर होगा।
וְשָׁפַט בֵּין עַמִּים רַבִּים וְהוֹכִיחַ לְגוֹיִם עֲצֻמִים עַד־רָחוֹק וְכִתְּתוּ חַרְבֹתֵיהֶם לְאִתִּים וַחֲנִיתֹֽתֵיהֶם לְמַזְמֵרוֹת לֹֽא־יִשְׂאוּ גּוֹי אֶל־גּוֹי חֶרֶב וְלֹא־יִלְמְדוּן עוֹד מִלְחָמָֽה׃ 3
और वह बहुत सी उम्मतों के बीच 'अदालत करेगा, और दूर की ताक़तवर क़ौमों को डाँटेगा; और वह अपनी तलवारों को तोड़ कर फालें, और अपने भालों को हँसुवे बना डालेंगे; और क़ौम — क़ौम पर तलवार न चलाएगी, और वह फिर कभी जंग करना न सीखेंगे।
וְיָשְׁבוּ אִישׁ תַּחַת גַּפְנוֹ וְתַחַת תְּאֵנָתוֹ וְאֵין מַחֲרִיד כִּי־פִי יְהֹוָה צְבָאוֹת דִּבֵּֽר׃ 4
तब हर एक आदमी अपनी ताक और अपने अंजीर के दरख़्त के नीचे बैठेगा, और उनको कोई न डराएगा, क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़वाज ने अपने मुँह से ये फ़रमाया है।
כִּי כׇּל־הָעַמִּים יֵלְכוּ אִישׁ בְּשֵׁם אֱלֹהָיו וַאֲנַחְנוּ נֵלֵךְ בְּשֵׁם־יְהֹוָה אֱלֹהֵינוּ לְעוֹלָם וָעֶֽד׃ 5
क्यूँकि सब उम्मतें अपने — अपने मा'बूद के नाम से चलेंगी, लेकिन हम हमेशा से हमेशा तक ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के नाम से चलेंगे।
בַּיּוֹם הַהוּא נְאֻם־יְהֹוָה אֹֽסְפָה הַצֹּלֵעָה וְהַנִּדָּחָה אֲקַבֵּצָה וַאֲשֶׁר הֲרֵעֹֽתִי׃ 6
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि मैं उस रोज़ लंगड़ों को जमा' करूँगा और जो हाँक दिए गए और जिनको मैंने दुख दिया, इकठ्ठा करूँगा;
וְשַׂמְתִּי אֶת־הַצֹּֽלֵעָה לִשְׁאֵרִית וְהַנַּהֲלָאָה לְגוֹי עָצוּם וּמָלַךְ יְהֹוָה עֲלֵיהֶם בְּהַר צִיּוֹן מֵעַתָּה וְעַד־עוֹלָֽם׃ 7
और लंगड़ों को बक़िया, और जिलावतनों को ताक़तवर क़ौम बनाऊँगा; और ख़ुदावन्द कोह — ए — सिय्यून पर अब से हमेशा हमेश तक उन पर सल्तनत करेगा।
וְאַתָּה מִגְדַּל־עֵדֶר עֹפֶל בַּת־צִיּוֹן עָדֶיךָ תֵּאתֶה וּבָאָה הַמֶּמְשָׁלָה הָרִאשֹׁנָה מַמְלֶכֶת לְבַת יְרוּשָׁלָֽ͏ִם׃ 8
ऐ गल्ले की दीदगाह, ऐ बिन्त — ए — सिय्यून की पहाड़ी, ये तेरे ही लिए है; क़दीम सल्तनत, या'नी दुख्तर — ए — येरूशलेम की बादशाही तुझे मिलेगी।
עַתָּה לָמָּה תָרִיעִי רֵעַ הֲמֶלֶךְ אֵֽין־בָּךְ אִֽם־יוֹעֲצֵךְ אָבָד כִּֽי־הֶחֱזִיקֵךְ חִיל כַּיּוֹלֵדָֽה׃ 9
अब तू क्यूँ चिल्लाती है, जैसे दर्द — ए — ज़िह में मुब्तिला है? क्या तुझ में कोई बादशाह नहीं? क्या तेरा सलाहकार हलाक हो गया?
חוּלִי וָגֹחִי בַּת־צִיּוֹן כַּיּֽוֹלֵדָה כִּֽי־עַתָּה תֵצְאִי מִקִּרְיָה וְשָׁכַנְתְּ בַּשָּׂדֶה וּבָאת עַד־בָּבֶל שָׁם תִּנָּצֵלִי שָׁם יִגְאָלֵךְ יְהֹוָה מִכַּף אֹיְבָֽיִךְ׃ 10
ऐ बिन्त — ए — सिय्यून, ज़च्चा की तरह तकलीफ़ उठा और पैदाइश के दर्द में मुब्तिला हो; क्यूँकि अब तू शहर से निकल कर मैदान में रहेगी और बाबुल तक जाएगी वहाँ तू रिहाई पायेगी। और वहीं ख़ुदावन्द तुझ को तेरे दुश्मनों के हाथ से छुड़ाएगा।
וְעַתָּה נֶאֶסְפוּ עָלַיִךְ גּוֹיִם רַבִּים הָאֹמְרִים תֶּחֱנָף וְתַחַז בְּצִיּוֹן עֵינֵֽינוּ׃ 11
अब बहुत सी क़ौमें तेरे ख़िलाफ़ जमा' हुई हैं और कहती हैं “सिय्यून नापाक हो और हमारी आँखें उसकी रुस्वाई देखें।”
וְהֵמָּה לֹא יָֽדְעוּ מַחְשְׁבוֹת יְהֹוָה וְלֹא הֵבִינוּ עֲצָתוֹ כִּי קִבְּצָם כֶּעָמִיר גֹּֽרְנָה׃ 12
लेकिन वह ख़ुदावन्द की तदबीर से आगाह नहीं, और उसकी मसलहत को नहीं समझतीं; क्यूँकि वह उनको खलीहान के पूलों की तरह जमा' करेगा।
קוּמִי וָדוֹשִׁי בַת־צִיּוֹן כִּֽי־קַרְנֵךְ אָשִׂים בַּרְזֶל וּפַרְסֹתַיִךְ אָשִׂים נְחוּשָׁה וַהֲדִקּוֹת עַמִּים רַבִּים וְהַחֲרַמְתִּי לַֽיהֹוָה בִּצְעָם וְחֵילָם לַאֲדוֹן כׇּל־הָאָֽרֶץ׃ 13
ऐ बिन्त — ए — सिय्यून, उठ और पायमाल कर, क्यूँकि मैं तेरे सींग को लोहा और तेरे खुरों को पीतल बनाऊँगा, और तू बहुत सी उम्मतों को टुकड़े — टुकड़े करेगी; उनके ज़ख़ीरे ख़ुदावन्द को नज़्र करेगी और उनका माल रब्ब — उल — 'आलमीन के सामने लाएगी।

< מיכה 4 >