< יהושע 3 >
וַיַּשְׁכֵּם יְהוֹשֻׁעַ בַּבֹּקֶר וַיִּסְעוּ מֵהַשִּׁטִּים וַיָּבֹאוּ עַד־הַיַּרְדֵּן הוּא וְכׇל־בְּנֵי יִשְׂרָאֵל וַיָּלִנוּ שָׁם טֶרֶם יַעֲבֹֽרוּ׃ | 1 |
तब यशू'अ सुबह सवेरे उठा, और वह सब बनी इस्राईल शित्तीम से रवाना हो कर यरदन पर आए, और पार उतरने से पहले वहीं टिके।
וַיְהִי מִקְצֵה שְׁלֹשֶׁת יָמִים וַיַּעַבְרוּ הַשֹּׁטְרִים בְּקֶרֶב הַֽמַּחֲנֶֽה׃ | 2 |
और तीन दिन के बाद मनसबदार लश्कर के बीच होकर गुज़रे।
וַיְצַוּוּ אֶת־הָעָם לֵאמֹר כִּרְאֹתְכֶם אֵת אֲרוֹן בְּרִית־יְהֹוָה אֱלֹהֵיכֶם וְהַכֹּֽהֲנִים הַלְוִיִּם נֹשְׂאִים אֹתוֹ וְאַתֶּם תִּסְעוּ מִמְּקוֹמְכֶם וַהֲלַכְתֶּם אַחֲרָֽיו׃ | 3 |
और उन्होंने लोगों को हुक्म दिया कि जब तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के अहद के सन्दूक़ को देखो और काहिनों और लावी उसे उठाये हुए हों, तो तुम अपनी जगह से उठ कर उसके पीछे पीछे चलना।
אַךְ ׀ רָחוֹק יִֽהְיֶה בֵּֽינֵיכֶם וּבֵנָיו כְּאַלְפַּיִם אַמָּה בַּמִּדָּה אַֽל־תִּקְרְבוּ אֵלָיו לְמַעַן אֲשֶׁר־תֵּֽדְעוּ אֶת־הַדֶּרֶךְ אֲשֶׁר תֵּֽלְכוּ־בָהּ כִּי לֹא עֲבַרְתֶּם בַּדֶּרֶךְ מִתְּמוֹל שִׁלְשֽׁוֹם׃ | 4 |
लेकिन तुम्हारे और उस के बीच पैमाइश करके क़रीब दो हज़ार हाथ का फ़ासला रहे, उसके नज़दीक न जाना; ताकि तुम को मा'लूम हो कि किस रास्ते तुमको चलना है, क्यूँकि तुम अब तक इस राह से कभी नहीं गुज़रे।
וַיֹּאמֶר יְהוֹשֻׁעַ אֶל־הָעָם הִתְקַדָּשׁוּ כִּי מָחָר יַעֲשֶׂה יְהֹוָה בְּקִרְבְּכֶם נִפְלָאֽוֹת׃ | 5 |
और यशू'अ ने लोगों से कहा, “तुम अपने आप को पाक करो क्यूँकि कल के दिन ख़ुदावन्द तुम्हारे बीच 'अजीब — ओ — ग़रीब काम करेगा।”
וַיֹּאמֶר יְהוֹשֻׁעַ אֶל־הַכֹּהֲנִים לֵאמֹר שְׂאוּ אֶת־אֲרוֹן הַבְּרִית וְעִבְרוּ לִפְנֵי הָעָם וַיִּשְׂאוּ אֶת־אֲרוֹן הַבְּרִית וַיֵּֽלְכוּ לִפְנֵי הָעָֽם׃ | 6 |
फिर यशू'अ ने काहिनों से कहा कि तुम 'अहद के सन्दूक़ को ले कर लोगों के आगे आगे पार उतरो। चुनाँचे वह 'अहद के सन्दूक़ को लेकर लोगों के आगे आगे चले।
וַיֹּאמֶר יְהֹוָה אֶל־יְהוֹשֻׁעַ הַיּוֹם הַזֶּה אָחֵל גַּדֶּלְךָ בְּעֵינֵי כׇּל־יִשְׂרָאֵל אֲשֶׁר יֵֽדְעוּן כִּי כַּאֲשֶׁר הָיִיתִי עִם־מֹשֶׁה אֶהְיֶה עִמָּֽךְ׃ | 7 |
और ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा, “आज के दिन से मैं तुझे सब इस्राईलियों के सामने सरफ़राज़ करना शुरू'' करूँगा, ताकि वह जान लें कि जैसे मैं मूसा के साथ रहा वैसे ही तेरे साथ रहूँगा।
וְאַתָּה תְּצַוֶּה אֶת־הַכֹּהֲנִים נֹֽשְׂאֵי אֲרֽוֹן־הַבְּרִית לֵאמֹר כְּבֹאֲכֶם עַד־קְצֵה מֵי הַיַּרְדֵּן בַּיַּרְדֵּן תַּעֲמֹֽדוּ׃ | 8 |
और तू उन काहिनों को जो 'अहद के सन्दूक़ को उठायें यह हुक्म देना, कि जब तुम यरदन के पानी के किनारे पहुँचो तो यरदन में खड़े रहना।”
וַיֹּאמֶר יְהוֹשֻׁעַ אֶל־בְּנֵי יִשְׂרָאֵל גֹּשׁוּ הֵנָּה וְשִׁמְעוּ אֶת־דִּבְרֵי יְהֹוָה אֱלֹהֵיכֶֽם׃ | 9 |
और यशू'अ ने बनी इस्राईल से कहा कि पास आकर ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की बातें सुनो।
וַיֹּאמֶר יְהוֹשֻׁעַ בְּזֹאת תֵּֽדְעוּן כִּי אֵל חַי בְּקִרְבְּכֶם וְהוֹרֵשׁ יוֹרִישׁ מִפְּנֵיכֶם אֶת־הַכְּנַעֲנִי וְאֶת־הַחִתִּי וְאֶת־הַחִוִּי וְאֶת־הַפְּרִזִּי וְאֶת־הַגִּרְגָּשִׁי וְהָאֱמֹרִי וְהַיְבוּסִֽי׃ | 10 |
और यशू'अ कहने लगा कि इस से तुम जान लोगे कि ज़िन्दा ख़ुदा, तुम्हारे बीच है, और वही ज़रूर कना'नियों और हित्तियों और हव्वियों, और फ़रिज़्ज़ियों और जरजासियों, और अमोरियों और यबूसियों को तुम्हारे आगे से दफ़ा करेगा।
הִנֵּה אֲרוֹן הַבְּרִית אֲדוֹן כׇּל־הָאָרֶץ עֹבֵר לִפְנֵיכֶם בַּיַּרְדֵּֽן׃ | 11 |
देखो, सारी ज़मीन के मालिक के 'अहद का सन्दूक़ तुम्हारे आगे आगे यरदन में जाने को है।
וְעַתָּה קְחוּ לָכֶם שְׁנֵי עָשָׂר אִישׁ מִשִּׁבְטֵי יִשְׂרָאֵל אִישׁ־אֶחָד אִישׁ־אֶחָד לַשָּֽׁבֶט׃ | 12 |
इसलिए अब तुम हर क़बीला पीछे एक आदमी के हिसाब से बारह आदमी इस्राईल के क़बीलों में से चुन लो।
וְהָיָה כְּנוֹחַ כַּפּוֹת רַגְלֵי הַכֹּהֲנִים נֹשְׂאֵי אֲרוֹן יְהֹוָה אֲדוֹן כׇּל־הָאָרֶץ בְּמֵי הַיַּרְדֵּן מֵי הַיַּרְדֵּן יִכָּרֵתוּן הַמַּיִם הַיֹּרְדִים מִלְמָעְלָה וְיַעַמְדוּ נֵד אֶחָֽד׃ | 13 |
और जब यरदन के पानी में उन काहिनों के पाँव के तलवे टिक जाएँगे, जो ख़ुदावन्द या'नी सारी दुनिया के मालिक के 'अहद का सन्दूक़ उठाते हैं तो यरदन का पानी या'नी वह पानी जो उपर से बहता हुआ नीचे आता है थम जायेगा, और उस का ढेर लग जाएगा।
וַיְהִי בִּנְסֹעַ הָעָם מֵאׇהֳלֵיהֶם לַֽעֲבֹר אֶת־הַיַּרְדֵּן וְהַכֹּהֲנִים נֹשְׂאֵי הָאָרוֹן הַבְּרִית לִפְנֵי הָעָֽם׃ | 14 |
और जब लोगों ने यरदन के पार जाने को अपने ख़ेमों से रवानगी की और वह काहिन जो 'अहद का सन्दूक़ उठाये हुए थे, लोगों के आगे आगे हो लिए।
וּכְבוֹא נֹשְׂאֵי הָֽאָרוֹן עַד־הַיַּרְדֵּן וְרַגְלֵי הַכֹּֽהֲנִים נֹשְׂאֵי הָאָרוֹן נִטְבְּלוּ בִּקְצֵה הַמָּיִם וְהַיַּרְדֵּן מָלֵא עַל־כׇּל־גְּדוֹתָיו כֹּל יְמֵי קָצִֽיר׃ | 15 |
और जब 'अहद के संदूक़ के उठाने वाले यरदन पर पहुँचे और उन काहिनों के पाँव जो संदूक़ को उठाये हुए थे, किनारे के पानी में डूब गए क्यूँकि फ़सल के तमाम दिनों में यरदन का पानी चारों तरफ़ अपने किनारों से ऊपर चढ़कर बहा करता है,
וַיַּֽעַמְדוּ הַמַּיִם הַיֹּרְדִים מִלְמַעְלָה קָמוּ נֵד־אֶחָד הַרְחֵק מְאֹד (באדם) [מֵֽאָדָם] הָעִיר אֲשֶׁר מִצַּד צָֽרְתָן וְהַיֹּרְדִים עַל יָם הָעֲרָבָה יָם־הַמֶּלַח תַּמּוּ נִכְרָתוּ וְהָעָם עָבְרוּ נֶגֶד יְרִיחֽוֹ׃ | 16 |
तो जो पानी ऊपर से आता था वह ख़ूब दूर आदम के पास जो ज़रतान के बराबर एक शहर है, रुक कर एक ढेर हो गया; और वह पानी जो मैदान के दरिया या'नी दरिया — ए — शोर की तरफ़ बह कर गया था बिल्कुल अलग हो गया और लोग 'ऐन यरीहू के मुक़ाबिल पार उतरे।
וַיַּעַמְדוּ הַכֹּהֲנִים נֹשְׂאֵי הָאָרוֹן בְּרִית־יְהֹוָה בֶּחָרָבָה בְּתוֹךְ הַיַּרְדֵּן הָכֵן וְכׇל־יִשְׂרָאֵל עֹֽבְרִים בֶּחָרָבָה עַד אֲשֶׁר־תַּמּוּ כׇּל־הַגּוֹי לַעֲבֹר אֶת־הַיַּרְדֵּֽן׃ | 17 |
और वह काहिन जो ख़ुदावन्द के 'अहद का संदूक़ उठाये हुए थे यरदन के बीच में सूखी ज़मीन पर खड़े रहे; और सब इस्राईली ख़ुश्क ज़मीन पर हो कर गुज़रे, यहाँ तक कि सारी क़ौम साफ़ यरदन के पार हो गयी।