< יואל 3 >

כִּי הִנֵּה בַּיָּמִים הָהֵמָּה וּבָעֵת הַהִיא אֲשֶׁר (אשוב) [אָשִׁיב] אֶת־שְׁבוּת יְהוּדָה וִירוּשָׁלָֽ͏ִם׃ 1
उन दिनों में और उसी वक़्त, जब मैं यहूदाह और येरूशलेम के क़ैदियों को वापस लाऊँगा;
וְקִבַּצְתִּי אֶת־כׇּל־הַגּוֹיִם וְהוֹרַדְתִּים אֶל־עֵמֶק יְהוֹשָׁפָט וְנִשְׁפַּטְתִּי עִמָּם שָׁם עַל־עַמִּי וְנַחֲלָתִי יִשְׂרָאֵל אֲשֶׁר פִּזְּרוּ בַגּוֹיִם וְאֶת־אַרְצִי חִלֵּֽקוּ׃ 2
तो सब क़ौमों को जमा' करूँगा और उन्हें यहूसफ़त की वादी में उतार लाऊँगा, और वहाँ उन पर अपनी क़ौम और मीरास, इस्राईल के लिए, जिनको उन्होंने क़ौमों के बीच हलाक किया और मेरे मुल्क को बाँट लिया, दलील साबित करूँगा।
וְאֶל־עַמִּי יַדּוּ גוֹרָל וַֽיִּתְּנוּ הַיֶּלֶד בַּזּוֹנָה וְהַיַּלְדָּה מָכְרוּ בַיַּיִן וַיִּשְׁתּֽוּ׃ 3
हाँ, उन्होंने मेरे लोगों पर पर्ची डाली, और एक कस्बी के बदले एक लड़का दिया, और मय के लिए एक लड़की बेची ताकि मयख़्वारी करें।
וְגַם מָה־אַתֶּם לִי צֹר וְצִידוֹן וְכֹל גְּלִילוֹת פְּלָשֶׁת הַגְּמוּל אַתֶּם מְשַׁלְּמִים עָלָי וְאִם־גֹּמְלִים אַתֶּם עָלַי קַל מְהֵרָה אָשִׁיב גְּמֻֽלְכֶם בְּרֹאשְׁכֶֽם׃ 4
“फिर ऐ सूर — ओ — सैदा और फ़िलिस्तीन के तमाम 'इलाक़ो, मेरे लिए तुम्हारी क्या हक़ीक़त है? क्या तुम मुझ को बदला दोगे? और अगर दोगे, तो मैं वहीं फ़ौरन तुम्हारा बदला तुम्हारे सिर पर फेंक दूँगा।
אֲשֶׁר־כַּסְפִּי וּזְהָבִי לְקַחְתֶּם וּמַֽחֲמַדַּי הַטֹּבִים הֲבֵאתֶם לְהֵיכְלֵיכֶֽם׃ 5
क्यूँकि तुम ने मेरा सोना चाँदी ले लिया है, और मेरी लतीफ़ — ओ — नफ़ीस चीज़ें अपने हैकलों में ले गए हो।
וּבְנֵי יְהוּדָה וּבְנֵי יְרוּשָׁלַ͏ִם מְכַרְתֶּם לִבְנֵי הַיְּוָנִים לְמַעַן הַרְחִיקָם מֵעַל גְּבוּלָֽם׃ 6
और तुम ने यहूदाह और येरूशलेम की औलाद को यूनानियों के हाथ बेचा है, ताकि उनको उनकी हदों से दूर करो।
הִנְנִי מְעִירָם מִן־הַמָּקוֹם אֲשֶׁר־מְכַרְתֶּם אֹתָם שָׁמָּה וַהֲשִׁבֹתִי גְמֻֽלְכֶם בְּרֹאשְׁכֶֽם׃ 7
इसलिए मैं उनको उस जगह से जहाँ तुम ने बेचा है, बरअंगेख़्ता करूँगा और तुम्हारा बदला तुम्हारे सिर पर लाऊँगा।
וּמָכַרְתִּי אֶת־בְּנֵיכֶם וְאֶת־בְּנֽוֹתֵיכֶם בְּיַד בְּנֵי יְהוּדָה וּמְכָרוּם לִשְׁבָאיִם אֶל־גּוֹי רָחוֹק כִּי יְהֹוָה דִּבֵּֽר׃ 8
और तुम्हारे बेटे बेटियों को बनी यहूदाह के हाथ बेचूँगा, और वह उनको अहल — ए — सबा के हाथ, जो दूर के मुल्क में रहते हैं, बेचेंगे, क्यूँकि यह ख़ुदावन्द का फ़रमान है।”
קִרְאוּ־זֹאת בַּגּוֹיִם קַדְּשׁוּ מִלְחָמָה הָעִירוּ הַגִּבּוֹרִים יִגְּשׁוּ יַֽעֲלוּ כֹּל אַנְשֵׁי הַמִּלְחָמָֽה׃ 9
क़ौमों के बीच इस बात का 'ऐलान करो: लड़ाई की तैयारी करो “बहादुरों को बरअंगेख़्ता करो, जंगी जवान हाज़िर हों, वह चढ़ाई करें।
כֹּתּוּ אִתֵּיכֶם לַחֲרָבוֹת וּמַזְמְרֹֽתֵיכֶם לִרְמָחִים הַֽחַלָּשׁ יֹאמַר גִּבּוֹר אָֽנִי׃ 10
अपने हल की फालों को पीटकर तलवारें बनाओ और हँसुओं को पीट कर भाले, कमज़ोर कहे, मैं ताक़तवर हूँ।”
עוּשׁוּ וָבֹאוּ כׇֽל־הַגּוֹיִם מִסָּבִיב וְנִקְבָּצוּ שָׁמָּה הַֽנְחַת יְהֹוָה גִּבּוֹרֶֽיךָ׃ 11
ऐ आस पास की सब क़ौमों, जल्द आकर जमा' हो जाओ। ऐ ख़ुदावन्द, अपने बहादुरों को वहाँ भेज दे।
יֵעוֹרוּ וְיַעֲלוּ הַגּוֹיִם אֶל־עֵמֶק יְהוֹשָׁפָט כִּי שָׁם אֵשֵׁב לִשְׁפֹּט אֶת־כׇּל־הַגּוֹיִם מִסָּבִֽיב׃ 12
क़ौमें बरअंगेख़्ता हों, और यहूसफ़त की वादी में आएँ; क्यूँकि मैं वहाँ बैठकर आस पास की सब क़ौमों की 'अदालत करूँगा।
שִׁלְחוּ מַגָּל כִּי בָשַׁל קָצִיר בֹּאֽוּ רְדוּ כִּֽי־מָלְאָה גַּת הֵשִׁיקוּ הַיְקָבִים כִּי רַבָּה רָעָתָֽם׃ 13
हँसुआ लगाओ, क्यूँकि खेत पक गया है। आओ रौंदो, क्यूँकि हौज़ लबालब। और कोल्हू लबरेज़ है क्यूँकि उनकी शरारत 'अज़ीम है।
הֲמוֹנִים הֲמוֹנִים בְּעֵמֶק הֶחָרוּץ כִּי קָרוֹב יוֹם יְהֹוָה בְּעֵמֶק הֶחָרֽוּץ׃ 14
गिरोह पर गिरोह इनफ़िसाल की वादी में है, क्यूँकि ख़ुदावन्द का दिन इनफ़िसाल की वादी में आ पहुँचा।
שֶׁמֶשׁ וְיָרֵחַ קָדָרוּ וְכוֹכָבִים אָסְפוּ נׇגְהָֽם׃ 15
सूरज और चाँद तारीक हो जाएँगे, और सितारों का चमकना बंद हो जाएगा। अपने लोगों को ख़ुदावन्द बरकत देगा
וַיהֹוָה מִצִּיּוֹן יִשְׁאָג וּמִירוּשָׁלַ͏ִם יִתֵּן קוֹלוֹ וְרָעֲשׁוּ שָׁמַיִם וָאָרֶץ וַֽיהֹוָה מַחֲסֶה לְעַמּוֹ וּמָעוֹז לִבְנֵי יִשְׂרָאֵֽל׃ 16
क्यूँकि ख़ुदावन्द सिय्यून से ना'रा मारेगा, और येरूशलेम से आवाज़ बुलंद करेगा और आसमान और ज़मीन काँपेंगे। लेकिन ख़ुदावन्द अपने लोगों की पनाहगाह और बनी — इस्राईल का क़िला' है।
וִידַעְתֶּם כִּי אֲנִי יְהֹוָה אֱלֹהֵיכֶם שֹׁכֵן בְּצִיּוֹן הַר־קׇדְשִׁי וְהָיְתָה יְרֽוּשָׁלַ͏ִם קֹדֶשׁ וְזָרִים לֹא־יַֽעַבְרוּ־בָהּ עֽוֹד׃ 17
“तब तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ, जो सिय्यून में अपने पाक पहाड़ पर रहता हूँ। तब येरूशलेम भी पाक होगा और फिर उसमे किसी अजनबी का गुज़र न होगा।
וְהָיָה בַיּוֹם הַהוּא יִטְּפוּ הֶהָרִים עָסִיס וְהַגְּבָעוֹת תֵּלַכְנָה חָלָב וְכׇל־אֲפִיקֵי יְהוּדָה יֵלְכוּ מָיִם וּמַעְיָן מִבֵּית יְהֹוָה יֵצֵא וְהִשְׁקָה אֶת־נַחַל הַשִּׁטִּֽים׃ 18
और उस दिन पहाड़ों पर से नई मय टपकेगी, और टीलों पर से दूध बहेगा, और यहूदाह की सब नदियों में पानी जारी होगा; और ख़ुदावन्द के घर से एक चश्मा फूट निकलेगा और वादी — ए — शित्तीम को सेराब करेगा।
מִצְרַיִם לִשְׁמָמָה תִֽהְיֶה וֶאֱדוֹם לְמִדְבַּר שְׁמָמָה תִּֽהְיֶה מֵֽחֲמַס בְּנֵי יְהוּדָה אֲשֶׁר־שָׁפְכוּ דָם־נָקִיא בְּאַרְצָֽם׃ 19
मिस्र वीराना होगा और अदोम सुनसान बियाबान, क्यूँकि उन्होंने बनी यहूदाह पर ज़ुल्म किया, और उनके मुल्क में बेगुनाहों का ख़ून बहाया।
וִיהוּדָה לְעוֹלָם תֵּשֵׁב וִירוּשָׁלַ͏ִם לְדוֹר וָדֽוֹר׃ 20
लेकिन यहूदाह हमेशा आबाद और येरूशलेम नसल — दर — नसल क़ाईम रहेगा।
וְנִקֵּיתִי דָּמָם לֹֽא־נִקֵּיתִי וַיהֹוָה שֹׁכֵן בְּצִיּֽוֹן׃ 21
क्यूँकि मैं उनका ख़ून पाक क़रार दूँगा, जो मैंने अब तक पाक क़रार नहीं दिया था; क्यूँकि ख़ुदावन्द सिय्यून में सुकूनत करता है।”

< יואל 3 >