< אסתר 10 >

וַיָּשֶׂם הַמֶּלֶךְ (אחשרש) [אֲחַשְׁוֵרוֹשׁ] ׀ מַס עַל־הָאָרֶץ וְאִיֵּי הַיָּֽם׃ 1
राजा अहषवेरोष ने समस्त साम्राज्य पर, हां, दूरस्त सागर तट, टापू के क्षेत्रों तक कर लगा दिया.
וְכׇל־מַעֲשֵׂה תׇקְפּוֹ וּגְבוּרָתוֹ וּפָרָשַׁת גְּדֻלַּת מׇרְדֳּכַי אֲשֶׁר גִּדְּלוֹ הַמֶּלֶךְ הֲלוֹא־הֵם כְּתוּבִים עַל־סֵפֶר דִּבְרֵי הַיָּמִים לְמַלְכֵי מָדַי וּפָרָֽס׃ 2
राजा के सभी उल्लेखनीय एवं वैभवशाली उपलब्धियों का विवरण एवं मोरदकय की महानता का पूर्ण वर्णन, जिस उदात्त पद पर राजा ने उसे नियुक्त किया था, उनका उल्लेख मेदिया एवं फारस के राजाओं के इतिहास के ग्रंथ में लिखा है.
כִּי ׀ מׇרְדֳּכַי הַיְּהוּדִי מִשְׁנֶה לַמֶּלֶךְ אֲחַשְׁוֵרוֹשׁ וְגָדוֹל לַיְּהוּדִים וְרָצוּי לְרֹב אֶחָיו דֹּרֵשׁ טוֹב לְעַמּוֹ וְדֹבֵר שָׁלוֹם לְכׇל־זַרְעֽוֹ׃ 3
मात्र राजा अहषवेरोष ही पद में यहूदी मोरदकय से उच्चतर था. वह यहूदियों में अति आदरमान था तथा वह अपने जातियों में प्रिय था. वह सर्वदा प्रजा के लाभ का ही प्रयास करता, तथा समस्त राष्ट्र की भलाई के पक्ष में ही याचना करता था.

< אסתר 10 >