< דברים 21 >
כִּי־יִמָּצֵא חָלָל בָּאֲדָמָה אֲשֶׁר יְהֹוָה אֱלֹהֶיךָ נֹתֵן לְךָ לְרִשְׁתָּהּ נֹפֵל בַּשָּׂדֶה לֹא נוֹדַע מִי הִכָּֽהוּ׃ | 1 |
अगर उस मुल्क में जिसे ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको क़ब्ज़ा करने को देता है, किसी मक़्तूल की लाश मैदान में पड़ी हुई मिले और यह मा'लूम न हो कि उसका क़ातिल कौन है;
וְיָצְאוּ זְקֵנֶיךָ וְשֹׁפְטֶיךָ וּמָדְדוּ אֶל־הֶעָרִים אֲשֶׁר סְבִיבֹת הֶחָלָֽל׃ | 2 |
तो तेरे बुज़ुर्ग और क़ाज़ी निकल कर उस मक़्तूल के चारों तरफ़ के शहरों के फ़ासले को नापें,
וְהָיָה הָעִיר הַקְּרֹבָה אֶל־הֶחָלָל וְלָֽקְחוּ זִקְנֵי הָעִיר הַהִוא עֶגְלַת בָּקָר אֲשֶׁר לֹֽא־עֻבַּד בָּהּ אֲשֶׁר לֹא־מָשְׁכָה בְּעֹֽל׃ | 3 |
और जो शहर उस मक़्तूल के सब से नज़दीक हो, उस शहर के बुज़ुर्ग एक बछिया लें जिससे कभी कोई काम न लिया गया हो और न वह जुए में जोती गई हो;
וְהוֹרִדוּ זִקְנֵי הָעִיר הַהִוא אֶת־הָֽעֶגְלָה אֶל־נַחַל אֵיתָן אֲשֶׁר לֹא־יֵעָבֵד בּוֹ וְלֹא יִזָּרֵעַ וְעָֽרְפוּ־שָׁם אֶת־הָעֶגְלָה בַּנָּֽחַל׃ | 4 |
और उस शहर के बुज़ुर्ग उस बछिया को बहते पानी की वादी में, जिसमें न हल चला हो और न उसमें कुछ बोया गया हो ले जाएँ, और वहाँ उस वादी में उस बछिया की गर्दन तोड़ दें।
וְנִגְּשׁוּ הַכֹּהֲנִים בְּנֵי לֵוִי כִּי בָם בָּחַר יְהֹוָה אֱלֹהֶיךָ לְשָׁרְתוֹ וּלְבָרֵךְ בְּשֵׁם יְהֹוָה וְעַל־פִּיהֶם יִהְיֶה כׇּל־רִיב וְכׇל־נָֽגַע׃ | 5 |
तब बनी लावी जो काहिन है नज़दीक आयें क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने उनको चुन लिया है कि ख़ुदावन्द की ख़िदमत करें और उसके नाम से बरकत दिया करें, और उन ही के कहने के मुताबिक़ हर झगड़े और मार पीट के मुक़द्दमे का फ़ैसला हुआ करे।
וְכֹל זִקְנֵי הָעִיר הַהִוא הַקְּרֹבִים אֶל־הֶחָלָל יִרְחֲצוּ אֶת־יְדֵיהֶם עַל־הָעֶגְלָה הָעֲרוּפָה בַנָּֽחַל׃ | 6 |
फिर इस शहर के सब बुज़ुर्ग जो उस मक़्तूल के सब से नज़दीक रहने वाले हों, उस बछिया के ऊपर जिसकी गर्दन उस वादी में तोड़ी गई अपने अपने हाथ धोएँ,
וְעָנוּ וְאָמְרוּ יָדֵינוּ לֹא (שפכה) [שָֽׁפְכוּ] אֶת־הַדָּם הַזֶּה וְעֵינֵינוּ לֹא רָאֽוּ׃ | 7 |
और यूँ कहें, 'हमारे हाथ से यह ख़ून नहीं हुआ और न यह हमारी आँखों का देखा हुआ है।
כַּפֵּר לְעַמְּךָ יִשְׂרָאֵל אֲשֶׁר־פָּדִיתָ יְהֹוָה וְאַל־תִּתֵּן דָּם נָקִי בְּקֶרֶב עַמְּךָ יִשְׂרָאֵל וְנִכַּפֵּר לָהֶם הַדָּֽם׃ | 8 |
इसलिए ऐ ख़ुदावन्द, अपनी क़ौम इस्राईल को जिसे तुने छुड़ाया है मु'आफ़ कर, और बेगुनाह के ख़ून को अपनी क़ौम इस्राईल के ज़िम्में न लगा। तब वह ख़ून उनको मु'आफ़ कर दिया जाएगा।
וְאַתָּה תְּבַעֵר הַדָּם הַנָּקִי מִקִּרְבֶּךָ כִּֽי־תַעֲשֶׂה הַיָּשָׁר בְּעֵינֵי יְהֹוָֽה׃ | 9 |
यूँ तू उस काम को करके जो ख़ुदावन्द के नज़दीक दुरुस्त है, बेगुनाह के ख़ून की जवाबदेही को अपने ऊपर से दूर — ओ — दफ़ा' करना।
כִּֽי־תֵצֵא לַמִּלְחָמָה עַל־אֹיְבֶיךָ וּנְתָנוֹ יְהֹוָה אֱלֹהֶיךָ בְּיָדֶךָ וְשָׁבִיתָ שִׁבְיֽוֹ׃ | 10 |
'जब तू अपने दुश्मनों से जंग करने को निकले और ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा उनको तेरे हाथ में कर दे, और तू उनको ग़ुलाम कर लाए,
וְרָאִיתָ בַּשִּׁבְיָה אֵשֶׁת יְפַת־תֹּאַר וְחָשַׁקְתָּ בָהּ וְלָקַחְתָּ לְךָ לְאִשָּֽׁה׃ | 11 |
और उन ग़ुलामों में किसी ख़ूबसूरत 'औरत को देख कर तुम उस पर फ़रेफ़्ता हो जाओ और उसको ब्याह लेना चाहो,
וַהֲבֵאתָהּ אֶל־תּוֹךְ בֵּיתֶךָ וְגִלְּחָה אֶת־רֹאשָׁהּ וְעָשְׂתָה אֶת־צִפׇּרְנֶֽיהָ׃ | 12 |
तो तू उसे अपने घर ले आना और वह अपना सिर मुण्डवाए और अपने नाख़ून तरशवाए,
וְהֵסִירָה אֶת־שִׂמְלַת שִׁבְיָהּ מֵעָלֶיהָ וְיָֽשְׁבָה בְּבֵיתֶךָ וּבָכְתָה אֶת־אָבִיהָ וְאֶת־אִמָּהּ יֶרַח יָמִים וְאַחַר כֵּן תָּבוֹא אֵלֶיהָ וּבְעַלְתָּהּ וְהָיְתָה לְךָ לְאִשָּֽׁה׃ | 13 |
और अपनी ग़ुलामी का लिबास उतार कर तेरे घर में रहे और एक महीने तक अपने माँ बाप के लिए मातम करे; इसके बाद तू उसके पास जाकर उसका शौहर होना और वह तेरी बीवी बने।
וְהָיָה אִם־לֹא חָפַצְתָּ בָּהּ וְשִׁלַּחְתָּהּ לְנַפְשָׁהּ וּמָכֹר לֹא־תִמְכְּרֶנָּה בַּכָּסֶף לֹא־תִתְעַמֵּר בָּהּ תַּחַת אֲשֶׁר עִנִּיתָֽהּ׃ | 14 |
और अगर वह तुझको न भाए तो जहाँ वह चाहे उसको जाने देना, लेकिन रुपये की ख़ातिर उसको हरगिज़ न बेचना और उससे लौंडी का सा सुलूक न करना, इसलिए कि तूने उसकी हुरमत ले ली है।
כִּֽי־תִהְיֶיןָ לְאִישׁ שְׁתֵּי נָשִׁים הָאַחַת אֲהוּבָה וְהָאַחַת שְׂנוּאָה וְיָֽלְדוּ־לוֹ בָנִים הָאֲהוּבָה וְהַשְּׂנוּאָה וְהָיָה הַבֵּן הַבְּכֹר לַשְּׂנִיאָֽה׃ | 15 |
'अगर किसी मर्द की दो बीवियाँ हों और एक महबूबा और दूसरी ग़ैर महबूबा हो, और महबूबा और ग़ैर महबूबा दोनों से लड़के हों और पहलौठा बेटा ग़ैर महबूबा से हो,
וְהָיָה בְּיוֹם הַנְחִילוֹ אֶת־בָּנָיו אֵת אֲשֶׁר־יִהְיֶה לוֹ לֹא יוּכַל לְבַכֵּר אֶת־בֶּן־הָאֲהוּבָה עַל־פְּנֵי בֶן־הַשְּׂנוּאָה הַבְּכֹֽר׃ | 16 |
तो जब वह अपने बेटों को अपने माल का वारिस करे, तो वह महबूबा के बेटे को ग़ैर महबूबा के बेटे पर जो हक़ीक़त में पहलौठा है तर्जीह देकर पहलौठा न ठहराए।
כִּי אֶת־הַבְּכֹר בֶּן־הַשְּׂנוּאָה יַכִּיר לָתֶת לוֹ פִּי שְׁנַיִם בְּכֹל אֲשֶׁר־יִמָּצֵא לוֹ כִּי־הוּא רֵאשִׁית אֹנוֹ לוֹ מִשְׁפַּט הַבְּכֹרָֽה׃ | 17 |
बल्कि वह ग़ैर महबूबा के बेटे को अपने सब माल का दूना हिस्सा दे कर उसे पहलौठा माने, क्यूँकि वह उसकी क़ुव्वत की शुरू'आत है और पहलौठे का हक़ उसी का है।
כִּֽי־יִהְיֶה לְאִישׁ בֵּן סוֹרֵר וּמוֹרֶה אֵינֶנּוּ שֹׁמֵעַ בְּקוֹל אָבִיו וּבְקוֹל אִמּוֹ וְיִסְּרוּ אֹתוֹ וְלֹא יִשְׁמַע אֲלֵיהֶֽם׃ | 18 |
अगर किसी आदमी का ज़िद्दी और बाग़ी, बेटा हो, जो अपने बाप या माँ की बात न मानता हो और उनके तम्बीह करने पर भी उनकी न सुनता हो,
וְתָפְשׂוּ בוֹ אָבִיו וְאִמּוֹ וְהוֹצִיאוּ אֹתוֹ אֶל־זִקְנֵי עִירוֹ וְאֶל־שַׁעַר מְקֹמֽוֹ׃ | 19 |
तो उसके माँ बाप उसे पकड़ कर और निकाल कर उस शहर के बुज़ुर्गों के पास उस जगह के फाटक पर ले जाएँ,
וְאָמְרוּ אֶל־זִקְנֵי עִירוֹ בְּנֵנוּ זֶה סוֹרֵר וּמֹרֶה אֵינֶנּוּ שֹׁמֵעַ בְּקֹלֵנוּ זוֹלֵל וְסֹבֵֽא׃ | 20 |
और वह उसके शहर के बुज़ुर्गों से 'अर्ज़ करें कि यह हमारा बेटा ज़िद्दी और बाग़ी है, यह हमारी बात नहीं मानता और उड़ाऊ और शराबी है।
וּרְגָמֻהוּ כׇּל־אַנְשֵׁי עִירוֹ בָֽאֲבָנִים וָמֵת וּבִֽעַרְתָּ הָרָע מִקִּרְבֶּךָ וְכׇל־יִשְׂרָאֵל יִשְׁמְעוּ וְיִרָֽאוּ׃ | 21 |
तब उसके शहर के सब लोग उसे संगसार करें कि वह मर जाए, यूँ तू ऐसी बुराई को अपने बीच से दूर करना। तब सब इस्राईली सुन कर डर जाएँगे।
וְכִֽי־יִהְיֶה בְאִישׁ חֵטְא מִשְׁפַּט־מָוֶת וְהוּמָת וְתָלִיתָ אֹתוֹ עַל־עֵֽץ׃ | 22 |
और अगर किसी ने कोई ऐसा गुनाह किया हो जिससे उसका क़त्ल वाजिब हो, और तू उसे मारकर दरख़्त से टाँग दे,
לֹא־תָלִין נִבְלָתוֹ עַל־הָעֵץ כִּֽי־קָבוֹר תִּקְבְּרֶנּוּ בַּיּוֹם הַהוּא כִּֽי־קִלְלַת אֱלֹהִים תָּלוּי וְלֹא תְטַמֵּא אֶת־אַדְמָתְךָ אֲשֶׁר יְהֹוָה אֱלֹהֶיךָ נֹתֵן לְךָ נַחֲלָֽה׃ | 23 |
तो उसकी लाश रात भर दरख़्त पर लटकी न रहे बल्कि तू उसी दिन उसे दफ़्न कर देना, क्यूँकि जिसे फाँसी मिलती है वह ख़ुदा की तरफ़ से मला'ऊन है; ऐसा न हो कि तू उस मुल्क को नापाक कर दे जिसे ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको मीरास के तौर पर देता है।