< דניאל 4 >
נְבוּכַדְנֶצַּר מַלְכָּא לְֽכׇל־עַֽמְמַיָּא אֻמַּיָּא וְלִשָּׁנַיָּא דִּֽי־[דָיְרִין] (דארין) בְּכׇל־אַרְעָא שְׁלָמְכוֹן יִשְׂגֵּֽא׃ | 1 |
राजा नबूकदनेज्ज़र की ओर से, सारी पृथ्वी पर रहनेवाले जाति-जाति और हर भाषा के लोगों को यह वचन: आप सब की बहुत उन्नति हो!
אָֽתַיָּא וְתִמְהַיָּא דִּי עֲבַד עִמִּי אֱלָהָא (עליא) [עִלָּאָה] שְׁפַר קׇֽדָמַי לְהַחֲוָיָֽה׃ | 2 |
सर्वोच्च परमेश्वर द्वारा मेरे लिये किए गए उन अद्भुत चिन्हों और आश्चर्य कर्मों के बारे में तुम्हें बताते हुए मुझे खुशी हो रही है.
אָתוֹהִי כְּמָה רַבְרְבִין וְתִמְהוֹהִי כְּמָה תַקִּיפִין מַלְכוּתֵהּ מַלְכוּת עָלַם וְשׇׁלְטָנֵהּ עִם־דָּר וְדָֽר׃ | 3 |
क्या ही बड़े हैं उसके दिखाए चिन्ह,
אֲנָה נְבוּכַדְנֶצַּר שְׁלֵה הֲוֵית בְּבֵיתִי וְרַעְנַן בְּהֵיכְלִֽי׃ | 4 |
मैं, नबूकदनेज्ज़र अपने महल में संतुष्ट और सम्पन्न था.
חֵלֶם חֲזֵית וִֽידַחֲלִנַּנִי וְהַרְהֹרִין עַֽל־מִשְׁכְּבִי וְחֶזְוֵי רֵאשִׁי יְבַהֲלֻנַּֽנִי׃ | 5 |
मैंने एक स्वप्न देखा, जिससे मैं भयभीत हो गया. जब मैं अपने पलंग पर लेटा हुआ था, तो जो चित्र और दर्शन मेरे मन में आये, उनसे मैं भयभीत हो गया.
וּמִנִּי שִׂים טְעֵם לְהַנְעָלָה קׇֽדָמַי לְכֹל חַכִּימֵי בָבֶל דִּֽי־פְשַׁר חֶלְמָא יְהֽוֹדְעֻנַּֽנִי׃ | 6 |
इसलिये मैंने आज्ञा दी कि बाबेल के सारे बुद्धिमान लोग मेरे सामने लाए जाएं कि वे मेरे स्वप्न का अर्थ बताएं.
בֵּאדַיִן (עללין) [עׇלִּין] חַרְטֻמַּיָּא אָֽשְׁפַיָּא (כשדיא) [כַּשְׂדָּאֵי] וְגָזְרַיָּא וְחֶלְמָא אָמַר אֲנָה קֳדָמֵיהוֹן וּפִשְׁרֵהּ לָא־מְהוֹדְעִין לִֽי׃ | 7 |
जब जादूगर, टोन्हे, तांत्रिक, ज्योतिषी और दैवीय शक्तिवाले मेरे पास आये, तो मैंने उन्हें अपना स्वप्न बताया, पर वे मुझको उसका अर्थ नहीं बता सके.
וְעַד אׇחֳרֵין עַל קׇֽדָמַי דָּנִיֵּאל דִּֽי־שְׁמֵהּ בֵּלְטְשַׁאצַּר כְּשֻׁם אֱלָהִי וְדִי רֽוּחַ־אֱלָהִין קַדִּישִׁין בֵּהּ וְחֶלְמָא קׇֽדָמוֹהִי אַמְרֵֽת׃ | 8 |
आखिर में, दानिएल मेरे सामने आया और मैंने उसे अपना स्वप्न बताया. (उसका नाम मेरे देवता के नाम से बैलशत्सर रखा गया है, और पवित्र देवताओं की आत्मा उसमें है.)
בֵּלְטְשַׁאצַּר רַב חַרְטֻמַּיָּא דִּי ׀ אֲנָה יִדְעֵת דִּי רוּחַ אֱלָהִין קַדִּישִׁין בָּךְ וְכׇל־רָז לָא־אָנֵס לָךְ חֶזְוֵי חֶלְמִי דִֽי־חֲזֵית וּפִשְׁרֵהּ אֱמַֽר׃ | 9 |
मैंने कहा, “हे बैलशत्सर, जादूगरों का मुखिया, मैं जानता हूं कि पवित्र देवताओं की आत्मा तुममें है और कोई भी रहस्य तुम्हारे लिये कठिन नहीं है. यह मेरा स्वप्न है; मुझे इसका अर्थ बताओ.
וְחֶזְוֵי רֵאשִׁי עַֽל־מִשְׁכְּבִי חָזֵה הֲוֵית וַאֲלוּ אִילָן בְּגוֹא אַרְעָא וְרוּמֵהּ שַׂגִּֽיא׃ | 10 |
ये वे दर्शन हैं जिन्हें मैंने पलंग पर लेटे हुए देखा: मैंने देखा कि पृथ्वी के बीच एक पेड़ लगा है. वह बहुत ऊंचा था.
רְבָה אִֽילָנָא וּתְקִף וְרוּמֵהּ יִמְטֵא לִשְׁמַיָּא וַחֲזוֹתֵהּ לְסוֹף כׇּל־אַרְעָֽא׃ | 11 |
वह पेड़ बड़ा होकर मजबूत हो गया और इसका सिरा आकाश को छूने लगा; इसे सारी पृथ्वी के छोर से भी देखा जा सकता था.
עׇפְיֵהּ שַׁפִּיר וְאִנְבֵּהּ שַׂגִּיא וּמָזוֹן לְכֹלָּא־בֵהּ תְּחֹתוֹהִי תַּטְלֵל ׀ חֵיוַת בָּרָא וּבְעַנְפוֹהִי (ידרון) [יְדוּרָן] צִפְּרֵי שְׁמַיָּא וּמִנֵּהּ יִתְּזִין כׇּל־בִּשְׂרָֽא׃ | 12 |
इसकी पत्तियां सुंदर थी और इसमें बहुत सारे फल लगे थे, और इसमें सबके लिये भोजन था. इसके नीचे जंगली जानवर रहते थे, और आकाश के पक्षी इसकी शाखाओं पर बसेरा करते थे; इसमें से हर एक जीव-जन्तु भोजन पाते थे.
חָזֵה הֲוֵית בְּחֶזְוֵי רֵאשִׁי עַֽל־מִשְׁכְּבִי וַאֲלוּ עִיר וְקַדִּישׁ מִן־שְׁמַיָּא נָחִֽת׃ | 13 |
“पलंग पर लेटे हुए मैंने दर्शन में देखा कि स्वर्ग से एक पवित्र जन, एक संदेशवाहक नीचे आ रहा था.
קָרֵא בְחַיִל וְכֵן אָמַר גֹּדּוּ אִֽילָנָא וְקַצִּצוּ עַנְפוֹהִי אַתַּרוּ עׇפְיֵהּ וּבַדַּרוּ אִנְבֵּהּ תְּנֻד חֵֽיוְתָא מִן־תַּחְתּוֹהִי וְצִפְּרַיָּא מִן־עַנְפֽוֹהִי׃ | 14 |
उसने ऊंची आवाज में कहा: ‘काट डालो इस पेड़ को और इसकी शाखाओं को अलग कर दो; इसकी पत्तियों को गिरा दो और इसके फल को बिखरा दो. जानवर इसके नीचे से भाग जाएं और चिड़िया इसकी शाखाओं से उड़ जाएं.
בְּרַם עִקַּר שׇׁרְשׁוֹהִי בְּאַרְעָא שְׁבֻקוּ וּבֶֽאֱסוּר דִּֽי־פַרְזֶל וּנְחָשׁ בְּדִתְאָא דִּי בָרָא וּבְטַל שְׁמַיָּא יִצְטַבַּע וְעִם־חֵיוְתָא חֲלָקֵהּ בַּעֲשַׂב אַרְעָֽא׃ | 15 |
पर पेड़ के ठूंठ और इसकी जड़ों को लोहे और कांसा से बंधे रहकर ज़मीन के घास पर, भूमि में रहने दो. “‘उसे आकाश की ओस से भीगने दो, और उसे पृथ्वी के पौधों के बीच जानवरों के साथ रहने दो.
לִבְבֵהּ מִן־[אֲנָשָׁא] (אנושא) יְשַׁנּוֹן וּלְבַב חֵיוָה יִתְיְהִב לֵהּ וְשִׁבְעָה עִדָּנִין יַחְלְפוּן עֲלֽוֹהִי׃ | 16 |
उसका मन बदल दिया जाए और एक मनुष्य के समान उसका मन न रहे और उसे सात कालखण्ड बीतने तक एक जानवर का मन दिया जाए.
בִּגְזֵרַת עִירִין פִּתְגָמָא וּמֵאמַר קַדִּישִׁין שְׁאֵֽלְתָא עַד־דִּבְרַת דִּי יִנְדְּעוּן חַיַּיָּא דִּֽי־שַׁלִּיט (עליא) [עִלָּאָה] בְּמַלְכוּת (אנושא) [אֲנָשָׁא] וּלְמַן־דִּי יִצְבֵּא יִתְּנִנַּהּ וּשְׁפַל אֲנָשִׁים יְקִים (עליה) [עֲלַֽהּ]׃ | 17 |
“‘इस निर्णय का ऐलान संदेशवाहकों के द्वारा किया जाता है, पवित्र जन इस निर्णय की घोषणा करते हैं, ताकि जीवित लोग इस बात को जानें कि वह जो सर्वोच्च हैं, वे ही पृथ्वी पर सब राज्यों के ऊपर परम प्रधान हैं और वे जिसे चाहते हैं, उसे उन राज्यों को दे देते हैं और छोटे से छोटे व्यक्ति को उनके ऊपर नियुक्त कर देते हैं.’
דְּנָה חֶלְמָא חֲזֵית אֲנָה מַלְכָּא נְבוּכַדְנֶצַּר (ואנתה) [וְאַנְתְּ] בֵּלְטְשַׁאצַּר פִּשְׁרֵא ׀ אֱמַר כׇּל־קֳבֵל דִּי ׀ כׇּל־חַכִּימֵי מַלְכוּתִי לָֽא־יָכְלִין פִּשְׁרָא לְהוֹדָעוּתַנִי (ואנתה) [וְאַנְתְּ] כָּהֵל דִּי רֽוּחַ־אֱלָהִין קַדִּישִׁין בָּֽךְ׃ | 18 |
“यही है वह स्वप्न जिसे मैं, राजा नबूकदनेज्ज़र ने देखा. अब, हे बैलशत्सर, मुझे बताओ कि इसका क्या अर्थ है, क्योंकि मेरे राज्य का कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति मुझे इसका अर्थ नहीं बता सकता. पर तुम बता सकते हो, क्योंकि तुममें पवित्र देवताओं की आत्मा है.”
אֱדַיִן דָּֽנִיֵּאל דִּֽי־שְׁמֵהּ בֵּלְטְשַׁאצַּר אֶשְׁתּוֹמַם כְּשָׁעָה חֲדָה וְרַעְיֹנֹהִי יְבַהֲלֻנֵּהּ עָנֵה מַלְכָּא וְאָמַר בֵּלְטְשַׁאצַּר חֶלְמָא וּפִשְׁרֵא אַֽל־יְבַהֲלָךְ עָנֵה בֵלְטְשַׁאצַּר וְאָמַר מָרִאי חֶלְמָא (לשנאיך) [לְשָֽׂנְאָךְ] וּפִשְׁרֵהּ (לעריך) [לְעָרָֽךְ]׃ | 19 |
तब दानिएल (जिसे बैलशत्सर भी कहा जाता था) थोड़ी देर के लिये व्याकुल हो गया, और उसके विचार उसे भयभीत करने लगे. इसलिये राजा ने कहा, “हे बैलशत्सर, मेरे स्वप्न या इसके अर्थ से भयभीत न हो.” बैलशत्सर ने उत्तर दिया, “हे मेरे प्रभु, काश, यह स्वप्न सिर्फ आपके शत्रुओं और इसका अर्थ आपके विरोधियों पर लागू होता!
אִֽילָנָא דִּי חֲזַיְתָ דִּי רְבָה וּתְקִף וְרוּמֵהּ יִמְטֵא לִשְׁמַיָּא וַחֲזוֹתֵהּ לְכׇל־אַרְעָֽא׃ | 20 |
वह पेड़ जिसे आपने देखा, जो बड़ा होकर मजबूत हो गया, जिसका सिरा आकाश को छूने लगा था, और जिसे सारी पृथ्वी से देखा जा सकता था,
וְעׇפְיֵהּ שַׁפִּיר וְאִנְבֵּהּ שַׂגִּיא וּמָזוֹן לְכֹלָּא־בֵהּ תְּחֹתוֹהִי תְּדוּר חֵיוַת בָּרָא וּבְעַנְפוֹהִי יִשְׁכְּנָן צִפְּרֵי שְׁמַיָּֽא׃ | 21 |
जिसकी पत्तियां सुंदर और जिसमें बहुत सारे फल थे, जिससे सबको भोजन मिलता था, जो जंगली जानवरों को आश्रय देता था, और चिड़ियां जिसकी शाखाओं पर घोंसला बनाती थीं—
(אנתה) [אַנְתְּ־]הוּא מַלְכָּא דִּי (רבית) [רְבַת] וּתְקֵפְתְּ וּרְבוּתָךְ רְבָת וּמְטָת לִשְׁמַיָּא וְשׇׁלְטָנָךְ לְסוֹף אַרְעָֽא׃ | 22 |
हे महाराज, वह पेड़ आप हैं! आप बड़े और मजबूत हो गये हैं; आपकी महानता इतनी हो गई है कि यह आकाश को छूने लगी है, और आपका राज्य पृथ्वी में दूर-दूर तक फैल गया है.
וְדִי חֲזָה מַלְכָּא עִיר וְקַדִּישׁ נָחִת ׀ מִן־שְׁמַיָּא וְאָמַר גֹּדּוּ אִֽילָנָא וְחַבְּלוּהִי בְּרַם עִקַּר שׇׁרְשׁוֹהִי בְּאַרְעָא שְׁבֻקוּ וּבֶאֱסוּר דִּֽי־פַרְזֶל וּנְחָשׁ בְּדִתְאָא דִּי בָרָא וּבְטַל שְׁמַיָּא יִצְטַבַּע וְעִם־חֵיוַת בָּרָא חֲלָקֵהּ עַד דִּֽי־שִׁבְעָה עִדָּנִין יַחְלְפוּן עֲלֽוֹהִי׃ | 23 |
“हे महाराज, आपने एक पवित्र जन, एक संदेशवाहक को स्वर्ग से नीचे उतरते हुए देखा जो यह कह रहा था, ‘इस पेड़ को काट डालो और इसे नष्ट कर दो, पर इसके ठूंठ को, लोहा और कांसा से बंधे हुए ज़मीन के घांस में रहने दो तथा इसके जड़ों को भूमि में छोड़ दो. उसे आकाश की ओस से भीगने दो; उसे जंगली जानवरों के साथ रहने दो, जब तक कि उसके लिये सात कालखण्ड पूरे न हो जाएं.’
דְּנָה פִשְׁרָא מַלְכָּא וּגְזֵרַת (עליא) [עִלָּאָה] הִיא דִּי מְטָת עַל־מָרִאי מַלְכָּֽא׃ | 24 |
“हे महाराज, यह उसका अर्थ है, और यह वह फैसला है, जिसे सर्वोच्च परमेश्वर ने मेरे प्रभु राजा के विरुद्ध दिया है:
וְלָךְ טָֽרְדִין מִן־אֲנָשָׁא וְעִם־חֵיוַת בָּרָא לֶהֱוֵה מְדֹרָךְ וְעִשְׂבָּא כְתוֹרִין ׀ לָךְ יְטַֽעֲמוּן וּמִטַּל שְׁמַיָּא לָךְ מְצַבְּעִין וְשִׁבְעָה עִדָּנִין יַחְלְפוּן (עליך) [עֲלָךְ] עַד דִּֽי־תִנְדַּע דִּֽי־שַׁלִּיט (עליא) [עִלָּאָה] בְּמַלְכוּת אֲנָשָׁא וּלְמַן־דִּי יִצְבֵּא יִתְּנִנַּֽהּ׃ | 25 |
आपको लोगों के बीच से भगा दिया जाएगा और आप जंगली जानवरों के साथ रहेंगे; आप बैल की तरह घांस खाएंगे और आकाश की ओस से भीगेंगे. सात कालखण्ड के बीतने तक आप इसी स्थिति में रहेंगे, और तब आप यह मान लेंगे कि पृथ्वी पर सारे राज्यों के ऊपर सर्वोच्च परमेश्वर ही परम प्रधान हैं और वे जिसे चाहते हैं उसे ये राज्य दे देते हैं.
וְדִי אֲמַרוּ לְמִשְׁבַּק עִקַּר שׇׁרְשׁוֹהִי דִּי אִֽילָנָא מַלְכוּתָךְ לָךְ קַיָּמָא מִן־דִּי תִנְדַּע דִּי שַׁלִּטִן שְׁמַיָּֽא׃ | 26 |
पेड़ के ठूंठ को इसके जड़ों सहित छोड़ने की जो आज्ञा दी गई है, उसका अर्थ यह है कि आपको आपका राज्य लौटा दिया जाएगा, जब आप यह बात मान लेंगे कि स्वर्ग ही शासन करता है.
לָהֵן מַלְכָּא מִלְכִּי יִשְׁפַּר (עליך) [עֲלָךְ] (וחטיך) [וַחֲטָאָךְ] בְּצִדְקָה פְרֻק וַעֲוָיָתָךְ בְּמִחַן עֲנָיִן הֵן תֶּהֱוֵה אַרְכָה לִשְׁלֵוְתָֽךְ׃ | 27 |
इसलिये, हे महाराज, खुशी से मेरी सलाह को मान लीजिये: आप अपने पापों को छोड़कर भले काम करिये, और दुष्टता को छोड़कर सताये हुए लोगों पर दया कीजिये. तब यह हो सकता है कि आपकी समृद्धि होने लगे.”
כֹּלָּא מְּטָא עַל־נְבוּכַדְנֶצַּר מַלְכָּֽא׃ | 28 |
ये सब बातें राजा नबूकदनेज्ज़र के साथ हुई.
לִקְצָת יַרְחִין תְּרֵֽי־עֲשַׂר עַל־הֵיכַל מַלְכוּתָא דִּי בָבֶל מְהַלֵּךְ הֲוָֽה׃ | 29 |
बारह महीनों के बाद, जब राजा बाबेल के राजमहल के छत पर टहल रहा था,
עָנֵה מַלְכָּא וְאָמַר הֲלָא דָא־הִיא בָּבֶל רַבְּתָא דִּֽי־אֲנָה בֱנַיְתַהּ לְבֵית מַלְכוּ בִּתְקָף חִסְנִי וְלִיקָר הַדְרִֽי׃ | 30 |
तब उसने कहा, “क्या यह वह बड़ा बाबेल नहीं है, जिसे मैंने अपने बड़े शक्ति से शाही निवास के रूप में अपने वैभव की महिमा के लिये बनाया है?”
עוֹד מִלְּתָא בְּפֻם מַלְכָּא קָל מִן־שְׁמַיָּא נְפַל לָךְ אָֽמְרִין נְבוּכַדְנֶצַּר מַלְכָּא מַלְכוּתָא עֲדָת מִנָּֽךְ׃ | 31 |
अभी राजा के ये वचन उसके मुंह से निकले भी नहीं थे कि स्वर्ग से एक आवाज आई, “हे राजा नबूकदनेज्ज़र, तुम्हारे लिए यह फैसला किया जाता है: तुम्हारा शाही अधिकार तुमसे छीन लिया गया है.
וּמִן־אֲנָשָׁא לָךְ טָֽרְדִין וְֽעִם־חֵיוַת בָּרָא מְדֹרָךְ עִשְׂבָּא כְתוֹרִין לָךְ יְטַעֲמוּן וְשִׁבְעָה עִדָּנִין יַחְלְפוּן (עליך) [עֲלָךְ] עַד דִּֽי־תִנְדַּע דִּֽי־שַׁלִּיט (עליא) [עִלָּאָה] בְּמַלְכוּת אֲנָשָׁא וּלְמַן־דִּי יִצְבֵּא יִתְּנִנַּֽהּ׃ | 32 |
तुम्हें लोगों के बीच से भगा दिया जाएगा और तुम जंगली जानवरों के साथ रहोगे; तुम बैल की तरह घांस खाओगे. इसी स्थिति में तुम्हारे लिये सात कालखण्ड बीतेगा और तब तुम यह मान लोगे कि सर्वोच्च परमेश्वर ही पृथ्वी पर सब राज्यों के ऊपर परम प्रधान हैं और वे जिसे चाहते हैं उसे इन राज्यों को दे देते हैं.”
בַּהּ־שַׁעֲתָא מִלְּתָא סָפַת עַל־נְבוּכַדְנֶצַּר וּמִן־אֲנָשָׁא טְרִיד וְעִשְׂבָּא כְתוֹרִין יֵאכֻל וּמִטַּל שְׁמַיָּא גִּשְׁמֵהּ יִצְטַבַּע עַד דִּי שַׂעְרֵהּ כְּנִשְׁרִין רְבָה וְטִפְרוֹהִי כְצִפְּרִֽין׃ | 33 |
नबूकदनेज्ज़र के बारे में जो बात कही गई, वह उसी घड़ी पूरी हो गई. उसे लोगों के बीच से भगा दिया गया और वह बैल की तरह घांस खाने लगा. उसका शरीर आकाश की ओस से भीगता था, यहां तक कि उसके बाल बढ़कर गरुड़ के पंखों के समान और उसके नाखून चिड़ियों के पंजों के समान हो गये.
וְלִקְצָת יֽוֹמַיָּא אֲנָה נְבוּכַדְנֶצַּר עַיְנַי ׀ לִשְׁמַיָּא נִטְלֵת וּמַנְדְּעִי עֲלַי יְתוּב (ולעליא) [וּלְעִלָּאָה] בָּרְכֵת וּלְחַי עָלְמָא שַׁבְּחֵת וְהַדְּרֵת דִּי שׇׁלְטָנֵהּ שׇׁלְטָן עָלַם וּמַלְכוּתֵהּ עִם־דָּר וְדָֽר׃ | 34 |
निर्धारित समय के अंत में, मैं, नबूकदनेज्ज़र ने स्वर्ग की ओर अपनी दृष्टि उठाई, और मेरी मानसिक अवस्था फिर पहले जैसे हो गई. तब मैंने सर्वोच्च परमेश्वर की महिमा की; मैंने उसका आदर और प्रशंसा किया, जो सदाकाल तक जीवित रहता है.
וְכׇל־[דָּיְרֵי] (דארי) אַרְעָא כְּלָה חֲשִׁיבִין וּֽכְמִצְבְּיֵהּ עָבֵד בְּחֵיל שְׁמַיָּא (ודארי) [וְדָיְרֵי] אַרְעָא וְלָא אִיתַי דִּֽי־יְמַחֵא בִידֵהּ וְיֵאמַר לֵהּ מָה עֲבַֽדְתְּ׃ | 35 |
पृथ्वी के सारे लोगों का
בֵּהּ־זִמְנָא מַנְדְּעִי ׀ יְתוּב עֲלַי וְלִיקַר מַלְכוּתִי הַדְרִי וְזִיוִי יְתוּב עֲלַי וְלִי הַדָּֽבְרַי וְרַבְרְבָנַי יְבַעוֹן וְעַל־מַלְכוּתִי הׇתְקְנַת וּרְבוּ יַתִּירָה הוּסְפַת לִֽי׃ | 36 |
जिस समय मेरी मानसिक अवस्था पहले जैसी हो गई, उसी समय मेरा सम्मान और वैभव भी मेरे राज्य के गौरव हेतु मेरे पास लौट आया. मेरे सलाहकारों और कुलीन लोगों ने मुझे ढूंढ़ निकाला, और मुझे फिर से मेरे सिंहासन पर बैठाया गया और मैं पहले से भी ज्यादा महान हो गया.
כְּעַן אֲנָה נְבֻכַדְנֶצַּר מְשַׁבַּח וּמְרוֹמֵם וּמְהַדַּר לְמֶלֶךְ שְׁמַיָּא דִּי כׇל־מַעֲבָדוֹהִי קְשֹׁט וְאֹרְחָתֵהּ דִּין וְדִי מַהְלְכִין בְּגֵוָה יָכִל לְהַשְׁפָּלָֽה׃ | 37 |
अब मैं, नबूकदनेज्ज़र स्वर्ग के राजा की स्तुति, महिमा और प्रशंसा करता हूं, क्योंकि वे जो भी करते हैं, सही करते हैं और उनके सब युक्तियां न्याय संगत होती हैं. और जो घमंड से चलते हैं, उन्हें वह नम्र बनाने में समर्थ है.