< זכריה 2 >

ואשא עיני וארא והנה איש ובידו חבל מדה 1
फिर मैंने अपनी आँखें उठाई तो क्या देखा, कि हाथ में नापने की डोरी लिए हुए एक पुरुष है।
ואמר אנה אתה הלך ויאמר אלי למד את ירושלם לראות כמה רחבה וכמה ארכה 2
तब मैंने उससे पूछा, “तू कहाँ जाता है?” उसने मुझसे कहा, “यरूशलेम को नापने जाता हूँ कि देखूँ उसकी चौड़ाई कितनी, और लम्बाई कितनी है।”
והנה המלאך הדבר בי--יצא ומלאך אחר יצא לקראתו 3
तब मैंने क्या देखा, कि जो दूत मुझसे बातें करता था वह चला गया, और दूसरा दूत उससे मिलने के लिये आकर,
ויאמר אלו--רץ דבר אל הנער הלז לאמר פרזות תשב ירושלם מרב אדם ובהמה בתוכה 4
उससे कहता है, “दौड़कर उस जवान से कह, ‘यरूशलेम मनुष्यों और घरेलू पशुओं की बहुतायत के मारे शहरपनाह के बाहर-बाहर भी बसेगी।
ואני אהיה לה נאם יהוה חומת אש סביב ולכבוד אהיה בתוכה 5
और यहोवा की यह वाणी है, कि मैं आप उसके चारों ओर आग के समान शहरपनाह ठहरूँगा, और उसके बीच में तेजोमय होकर दिखाई दूँगा।’”
הוי הוי ונסו מארץ צפון--נאם יהוה כי כארבע רוחות השמים פרשתי אתכם--נאם יהוה 6
यहोवा की यह वाणी है, “देखो, सुनो उत्तर के देश में से भाग जाओ, क्योंकि मैंने तुम को आकाश की चारों वायुओं के समान तितर-बितर किया है।
הוי ציון המלטי--יושבת בת בבל 7
हे बाबेल जाति के संग रहनेवाली, सिय्योन को बचकर निकल भाग!
כי כה אמר יהוה צבאות אחר כבוד שלחני אל הגוים השללים אתכם כי הנגע בכם נגע בבבת עינו 8
क्योंकि सेनाओं का यहोवा यह कहता है, उस तेज के प्रगट होने के बाद उसने मुझे उन जातियों के पास भेजा है जो तुम्हें लूटती थीं, क्योंकि जो तुम को छूता है, वह मेरी आँख की पुतली ही को छूता है।
כי הנני מניף את ידי עליהם והיו שלל לעבדיהם וידעתם כי יהוה צבאות שלחני 9
देखो, मैं अपना हाथ उन पर उठाऊँगा, तब वे उन्हीं से लूटे जाएँगे जो उनके दास हुए थे। तब तुम जानोगे कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे भेजा है।
רני ושמחי בת ציון--כי הנני בא ושכנתי בתוכך נאם יהוה 10
१०हे सिय्योन की बेटी, ऊँचे स्वर से गा और आनन्द कर, क्योंकि देख, मैं आकर तेरे बीच में निवास करूँगा, यहोवा की यही वाणी है।
ונלוו גוים רבים אל יהוה ביום ההוא והיו לי לעם ושכנתי בתוכך--וידעת כי יהוה צבאות שלחני אליך 11
११उस समय बहुत सी जातियाँ यहोवा से मिल जाएँगी, और मेरी प्रजा हो जाएँगी; और मैं तेरे बीच में वास करूँगा,
ונחל יהוה את יהודה חלקו על אדמת הקדש ובחר עוד בירושלם 12
१२और तू जानेगी कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे तेरे पास भेज दिया है। और यहोवा यहूदा को पवित्र देश में अपना भागकर लेगा, और यरूशलेम को फिर अपना ठहराएगा।
הס כל בשר מפני יהוה--כי נעור ממעון קדשו 13
१३“हे सब प्राणियों! यहोवा के सामने चुप रहो; क्योंकि वह जागकर अपने पवित्र निवास-स्थान से निकला है।”

< זכריה 2 >