< שיר השירים 7 >
מה יפו פעמיך בנעלים בת נדיב חמוקי ירכיך--כמו חלאים מעשה ידי אמן | 1 |
ऐ अमीरज़ादी तेरे पाँव जूतियों में कैसे खू़बसूरत हैं! तेरी रानों की गोलाई उन ज़ेवरों की तरह है, जिनको किसी उस्ताद कारीगर ने बनाया हो।
שררך אגן הסהר אל יחסר המזג בטנך ערמת חטים סוגה בשושנים | 2 |
तेरी नाफ़ गोल प्याला है, जिसमें मिलाई हुई मय की कमी नहीं। तेरा पेट गेहूँ का अम्बार है, जिसके आस — पास सोसन हों।
שני שדיך כשני עפרים תאמי צביה | 3 |
तेरी दोनों छातियाँ दो आहू बच्चे हैं जो तोअम पैदा हुए हों।
צוארך כמגדל השן עיניך ברכות בחשבון על שער בת רבים--אפך כמגדל הלבנון צופה פני דמשק | 4 |
तेरी गर्दन हाथी दाँत का बुर्ज है। तेरी आँखें बैत — रबीम के फाटक के पास हस्बून के चश्मे हैं। तेरी नाक लुबनान के बुर्ज की मिसाल है जो दमिश्क़ के रुख़ बना है।
ראשך עליך ככרמל ודלת ראשך כארגמן מלך אסור ברהטים | 5 |
तेरा सिर तुझ पर कर्मिल की तरह है, और तेरे सिर के बाल अर्ग़वानी हैं; बादशाह तेरी जुल्फ़ों में क़ैदी है।
מה יפית ומה נעמת--אהבה בתענוגים | 6 |
ऐ महबूबा ऐश — ओ — इश्रत के लिए तू कैसी जमीला और जाँफ़ज़ा है।
זאת קומתך דמתה לתמר ושדיך לאשכלות | 7 |
यह तेरी क़ामत खजूर की तरह है, और तेरी छातियाँ अंगूर के गुच्छे हैं।
אמרתי אעלה בתמר אחזה בסנסניו ויהיו נא שדיך כאשכלות הגפן וריח אפך כתפוחים | 8 |
मैंने कहा, मैं इस खजूर पर चढूँगा, और इसकी शाख़ों को पकड़ूँगा। तेरी छातियाँ अंगूर के गुच्छे हों और तेरे साँस की ख़ुशबू सेब के जैसी हो,
וחכך כיין הטוב הולך לדודי למישרים דובב שפתי ישנים | 9 |
और तेरा मुँह' बेहतरीन शराब की तरह हो जो मेरे महबूब की तरफ़ सीधी चली जाती है, और सोने वालों के होंटों पर से आहिस्ता आहिस्ता बह जाती है।
मैं अपने महबूब की हूँऔर वह मेरा मुश्ताक़ है।
לכה דודי נצא השדה נלינה בכפרים | 11 |
ऐ मेरे महबूब, चल हम खेतों में सैर करेंऔर गाँव में रात काटें।
נשכימה לכרמים--נראה אם פרחה הגפן פתח הסמדר הנצו הרמונים שם אתן את דדי לך | 12 |
फिर तड़के अंगूरिस्तानों में चलें, और देखें कि आया ताक शिगुफ़्ता है, और उसमे फूल निकले हैं, और अनार की कलियाँ खिली हैं या नहीं। वहाँ मैं तुझे अपनी मुहब्बत दिखाउंगी।
הדודאים נתנו ריח ועל פתחינו כל מגדים--חדשים גם ישנים דודי צפנתי לך | 13 |
मर्दुमग्याह की ख़ुशबू फ़ैल रही है, और हमारे दरवाज़ों पर हर क़िस्म के तर — ओ — ख़ुश्क मेवे हैं जो मैंने तेरे लिए जमा' कर रख्खे हैं, ऐ मेरे महबूब।