< רות 1 >
ויהי בימי שפט השפטים ויהי רעב בארץ וילך איש מבית לחם יהודה לגור בשדי מואב--הוא ואשתו ושני בניו | 1 |
उन ही दिनों में जब क़ाज़ी इन्साफ़ किया करते थे, ऐसा हुआ कि उस सरज़मीन में काल पड़ा, यहूदाह बैतलहम का एक आदमी अपनी बीवी और दो बेटों को लेकर चला कि मोआब के मुल्क में जाकर बसे।
ושם האיש אלימלך ושם אשתו נעמי ושם שני בניו מחלון וכליון אפרתים--מבית לחם יהודה ויבאו שדי מואב ויהיו שם | 2 |
उस आदमी का नाम इलीमलिक और उसकी बीवी का नाम न'ओमी उसके दोनों बेटों के नाम महलोन और किलयोन थे। ये यहूदाह के बैतलहम के इफ़्राती थे। तब वह मोआब के मुल्क में आकर रहने लगे।
וימת אלימלך איש נעמי ותשאר היא ושני בניה | 3 |
और न'ओमी का शौहर इलीमलिक मर गया, वह और उसके दोनों बेटे बाक़ी रह गए।
וישאו להם נשים מאביות--שם האחת ערפה ושם השנית רות וישבו שם כעשר שנים | 4 |
उन दोनों ने एक एक मोआबी ''औरत ब्याह ली। इनमें से एक का नाम 'उर्फ़ा और दूसरी का रूत था; और वह दस बरस के क़रीब वहाँ रहे।
וימתו גם שניהם מחלון וכליון ותשאר האשה משני ילדיה ומאישה | 5 |
और महलोन और किलयोन दोनों मर गए, तब वह 'औरत अपने दोनों बेटों और शौहर से महरूम हो गई।
ותקם היא וכלתיה ותשב משדי מואב כי שמעה בשדה מואב--כי פקד יהוה את עמו לתת להם לחם | 6 |
तब वह अपनी दोनों बहुओं को लेकर उठी कि मोआब के मुल्क से लौट जाएँ इसलिए कि उस ने मोआब के मुल्क में यह हाल सुना कि ख़ुदावन्द ने अपने लोगों को रोटी दी और यूँ उनकी ख़बर ली।
ותצא מן המקום אשר היתה שמה ושתי כלותיה עמה ותלכנה בדרך לשוב אל ארץ יהודה | 7 |
इसलिए वह उस जगह से जहाँ वह थी, दोनों बहुओं को साथ लेकर चल निकली, और वह सब यहूदाह की सरज़मीन को लौटने के लिए रास्ते पर हो लीं।
ותאמר נעמי לשתי כלתיה לכנה שבנה אשה לבית אמה יעשה (יעש) יהוה עמכם חסד כאשר עשיתם עם המתים ועמדי | 8 |
और न'ओमी ने अपनी दोनों बहुओं से कहा, दोनों अपने अपने मैके को जाओ। जैसा तुम ने मरहूमों के साथ और मेरे साथ किया, वैसा ही ख़ुदावन्द तुम्हारे साथ मेहरबानी से पेश आए।
יתן יהוה לכם ומצאן מנוחה אשה בית אישה ותשק להן ותשאנה קולן ותבכינה | 9 |
ख़ुदावन्द यह करे कि तुम को अपने अपने शौहर के घर में आराम मिले। तब उसने उनको चूमा और वह ज़ोर — ज़ोर से रोने लगीं।
ותאמרנה לה כי אתך נשוב לעמך | 10 |
फिर उन दोनों ने उससे कहा, “नहीं! बल्कि हम तेरे साथ लौट कर तेरे लोगों में जाएँगी।”
ותאמר נעמי שבנה בנתי למה תלכנה עמי העוד לי בנים במעי והיו לכם לאנשים | 11 |
न'ओमी ने कहा, ऐ मेरी बेटियों, लौट जाओ! मेरे साथ क्यूँ चलो? क्या मेरे रिहम में और बेटे हैं जो तुम्हारे शौहर हों?
שבנה בנתי לכן כי זקנתי מהיות לאיש כי אמרתי יש לי תקוה--גם הייתי הלילה לאיש וגם ילדתי בנים | 12 |
ऐ मेरी बेटियों, लौट जाओ! अपना रास्ता लो, क्यूँकि मैं ज़्यादा बुढ़िया हूँ और शौहर करने के लायक़ नहीं। अगर मैं कहती कि मुझे उम्मीद है बल्कि अगर आज की रात मेरे पास शौहर भी होता, और मेरे लड़के पैदा होते;
הלהן תשברנה עד אשר יגדלו הלהן תעגנה לבלתי היות לאיש אל בנתי כי מר לי מאד מכם--כי יצאה בי יד יהוה | 13 |
तो भी क्या तुम उनके बड़े होने तक इंतज़ार करतीं और शौहर कर लेने से बाज़ रहतीं? नहीं मेरी बेटियों मैं तुम्हारी वजह से ज़ियादा दुखी हूँ इसलिए कि ख़ुदावन्द का हाथ मेरे ख़िलाफ़ बढ़ा हुआ है
ותשנה קולן ותבכינה עוד ותשק ערפה לחמותה ורות דבקה בה | 14 |
वह फिर ज़ोर ज़ोर से रोईं, और उर्फ़ा ने अपनी सास को चूमा लेकिन रूत उससे लिपटी रही।
ותאמר הנה שבה יבמתך אל עמה ואל אלהיה שובי אחרי יבמתך | 15 |
तब उसने कहा, “जिठानी अपने कुन्बे और अपने मा'बूद के पास लौट गई; तू भी अपनी जिठानी के पीछे चली जा।”
ותאמר רות אל תפגעי בי לעזבך לשוב מאחריך כי אל אשר תלכי אלך ובאשר תליני אלין--עמך עמי ואלהיך אלהי | 16 |
रुत ने कहा, “तू मिन्नत न कर कि मैं तुझे छोडूं और तेरे पीछे से लौट जाऊँ; क्यूँकि जहाँ तू जाएगीं मै जाऊँगी और जहाँ तू रहेगी मैं रहूँगी, तेरे लोग मेरे लोग और तेरा ख़ुदा मेरा ख़ुदा होगा।
באשר תמותי אמות ושם אקבר כה יעשה יהוה לי וכה יוסיף--כי המות יפריד ביני ובינך | 17 |
जहाँ तू मरेगी मैं मरूँगीं और वहीं दफ़्न भी हूँगी; ख़ुदावन्द मुझ से ऐसा ही बल्कि इस से भी ज़्यादा करे, अगर मौत के अलावा कोई और चीज़ मुझ को तुझ से जुदा न कर दे।”
ותרא כי מתאמצת היא ללכת אתה ותחדל לדבר אליה | 18 |
जब उसने देखा कि उसने उसके साथ चलने की ठान ली है, तो उससे और कुछ न कहा।
ותלכנה שתיהם עד בואנה בית לחם ויהי כבואנה בית לחם ותהם כל העיר עליהן ותאמרנה הזאת נעמי | 19 |
इसलिए वह दोनों चलते चलते बैतलहम में आईं। जब वह बैतलहम में दाख़िल हुई तो सारे शहर में धूम मची, और 'औरतें कहने लगीं, कि क्या ये न'ओमी है?
ותאמר אליהן אל תקראנה לי נעמי קראן לי מרא כי המר שדי לי מאד | 20 |
उसने उनसे कहा, “मुझ को न'ओमी नहीं बल्कि मारह कहो, कि क़ादिर — ए — मुतलक मेरे साथ बहुत तल्ख़ी से पेश आया है।
אני מלאה הלכתי וריקם השיבני יהוה למה תקראנה לי נעמי ויהוה ענה בי ושדי הרע לי | 21 |
मैं भरी पूरी गई, ख़ुदावन्द मुझ को ख़ाली लौटा लाया। इसलिए तुम क्यूँ मुझे न'ओमी कहती हो, हालाँकि ख़ुदावन्द मेरे ख़िलाफ़ दा'वेदार हुआ और क़ादिर — ए — मुतलक ने मुझे दुख दिया?”
ותשב נעמי ורות המואביה כלתה עמה השבה משדי מואב והמה באו בית לחם בתחלת קציר שערים | 22 |
ग़रज़ न'ओमी लौटी और उसके साथ उसकी बहू मोआबी रूत थी, जो मोआब के मुल्क से यहाँ आई। और वह दोनों जौ काटने के मौसम में बैतलहम में दाख़िल हुईं।