< רות 3 >
ותאמר לה נעמי חמותה בתי הלא אבקש לך מנוח אשר ייטב לך | 1 |
एक दिन रूथ की सास नावोमी ने रूथ से कहा, “मेरी बेटी, क्या यह मेरी जवाबदारी नहीं कि मैं तुम्हारा घर बसाने का प्रबंध करूं, कि अब इसमें तुम्हारा भला हो.
ועתה הלא בעז מדעתנו אשר היית את נערותיו הנה הוא זרה את גרן השערים--הלילה | 2 |
सुनो, बोअज़ हमारे रिश्तेदार हैं, जिनकी दासियों के साथ तुम काम कर रही थी. देखो, आज शाम वह खलिहान में जौ फटकेंगे.
ורחצת וסכת ושמת שמלתך (שמלתיך) עליך--וירדתי (וירדת) הגרן אל תודעי לאיש עד כלתו לאכל ולשתות | 3 |
सो अच्छी तरह से स्नान करके तैयार हो जा, सबसे अच्छे कपड़े पहनकर खलिहान में जाना, किंतु ध्यान रहे, जब तक बोअज़ भोजन खत्म न कर लें, तुम उन्हें अपनी उपस्थिति का अहसास न होने देना.
ויהי בשכבו וידעת את המקום אשר ישכב שם ובאת וגלית מרגלתיו ושכבתי (ושכבת) והוא יגיד לך את אשר תעשין | 4 |
किंतु तुम उस स्थान को अच्छी तरह से देख लेना, जहां वह सोने के लिए गए हैं. इसके बाद तुम वहां जाना, और उनके पैरों की चादर उठाकर तुम खुद भी वहीं लेट जाना. इसके बाद तुम्हारा क्या करना सही है, वही तुम्हें बताएंगे.”
ותאמר אליה כל אשר תאמרי (אלי) אעשה | 5 |
“जो जो आपने कहा है, मैं ठीक वैसा ही करूंगी,” रूथ ने इसके उत्तर में कहा.
ותרד הגרן ותעש ככל אשר צותה חמותה | 6 |
सो रूथ खलिहान में गई और वहां उसने ठीक वही किया, जैसा उसकी सास ने उसे कहा था.
ויאכל בעז וישת וייטב לבו ויבא לשכב בקצה הערמה ותבא בלט ותגל מרגלתיו ותשכב | 7 |
बोअज़ बहुत ही खुश थे, जब उन्होंने खाना-पीना खत्म किया, वह अनाज के ढेर के पास सोने के लिए चले गए. तब रूथ दबे पांव वहां आई, और बोअज़ के पैरों की चादर उठाकर वहां लेट गई.
ויהי בחצי הלילה ויחרד האיש וילפת והנה אשה שכבת מרגלתיו | 8 |
बीच रात में जब बोअज़ ने करवट ली तो वह चौंक पड़े, कि एक स्त्री उनके पैरों के निकट लेटी हुई थी!
ויאמר מי את ותאמר אנכי רות אמתך ופרשת כנפך על אמתך כי גאל אתה | 9 |
उन्होंने पूछा, “कौन हो तुम?” “मैं रूथ हूं, आपकी दासी.” रूथ ने उत्तर दिया. “आप हमारे छुड़ानेवाले हैं, सो अपनी दासी को अपने पंखों की शरण प्रदान करें.”
ויאמר ברוכה את ליהוה בתי--היטבת חסדך האחרון מן הראשון לבלתי לכת אחרי הבחורים--אם דל ואם עשיר | 10 |
“बेटी,” बोअज़ ने इसके उत्तर में कहा, “याहवेह की कृपादृष्टि तुम पर बनी रहे. समर्पण और निष्ठा की तुम्हारी यह प्रीति तुम्हारी पहले की प्रीति से बढ़कर है. तुमने यहां के किसी भी धनी या साधारण युवक से विवाह का विचार नहीं किया.
ועתה בתי אל תיראי כל אשר תאמרי אעשה לך כי יודע כל שער עמי כי אשת חיל את | 11 |
अब, मेरी बेटी, किसी भी विषय की चिंता न करो. तुम्हारी इच्छा के अनुसार मैं सभी कुछ करूंगा, क्योंकि नगर में सभी को यह मालूम है कि तुम अच्छे चरित्र की स्त्री हो.
ועתה כי אמנם כי אם גאל אנכי וגם יש גאל קרוב ממני | 12 |
यह सही है कि मैं तुम्हारा छुड़ाने वाला हूं, किंतु इस रीति में एक और व्यक्ति है, जिसका अधिकार मुझसे पहले है.
ליני הלילה והיה בבקר אם יגאלך טוב יגאל ואם לא יחפץ לגאלך וגאלתיך אנכי חי יהוה שכבי עד הבקר | 13 |
अभी तुम यहीं ठहरो, सुबह यदि वह व्यक्ति अपना दायित्व पूरा करता है तो बहुत अच्छा, नहीं तो जीवित याहवेह की शपथ, मैं तुमसे प्रतिज्ञा करता हूं, कि मैं तुम्हें छुड़ाऊंगा. सुबह होने तक यहीं सोती रहो.”
ותשכב מרגלותו עד הבקר ותקם בטרום (בטרם) יכיר איש את רעהו ויאמר אל יודע כי באה האשה הגרן | 14 |
सो रूथ सुबह होने तक बोअज़ के पैताने सोती रहीं, किंतु इसके पहले कि उजाला हो और कोई उन्हें पहचान सके, वह उठ गई. बोअज़ ने उससे कहा, “किसी को यह पता न चले कि तुम खलिहान में आई थी.”
ויאמר הבי המטפחת אשר עליך ואחזי בה--ותאחז בה וימד שש שערים וישת עליה ויבא העיר | 15 |
तब बोअज़ ने उससे आगे कहा, “अपनी ओढ़नी आगे फैलाओ.” सो उसने अपनी ओढ़नी वहां बिछा दी, बोअज़ ने छः माप जौ उसकी ओढ़नी में डाल दिए और उसे उसके कंधे पर रख दिया, और वह नगर में चली गयी.
ותבוא אל חמותה ותאמר מי את בתי ותגד לה--את כל אשר עשה לה האיש | 16 |
जब रूथ अपनी सास के पास पहुंची, नावोमी ने उससे पूछा, “मेरी पुत्री, बताओ कैसा रहा?” तब रूथ ने अपनी सास को वह सब बता दिया, जो बोअज़ ने उसके लिए किया था.
ותאמר שש השערים האלה נתן לי כי אמר (אלי) אל תבואי ריקם אל חמותך | 17 |
रूथ ने आगे कहा, “उन्होंने मुझे ये छः माप जौ भी यह कहते हुए दिए हैं, ‘अपनी सास के पास खाली हाथ न जाना.’”
ותאמר שבי בתי עד אשר תדעין איך יפל דבר כי לא ישקט האיש כי אם כלה הדבר היום | 18 |
इस पर नावोमी ने रूथ से कहा, “मेरी पुत्री, अब धीरज धरकर देखती जाओ कि आगे क्या-क्या होता है. क्योंकि वह व्यक्ति आज इस विषय को सुलझाए बिना शांत न बैठेगा.”