< תהילים 62 >
למנצח על-ידותון-- מזמור לדוד ב אך אל-אלהים דומיה נפשי ממנו ישועתי | 1 |
संगीत निर्देशक के लिये. यदूथून धुन पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र. मात्र परमेश्वर में मेरे प्राणों की विश्रान्ति है; वही मेरे उद्धार के कारण हैं.
אך-הוא צורי וישועתי משגבי לא-אמוט רבה | 2 |
वही मेरे लिए एक स्थिर चट्टान और मेरा उद्धार हैं; वह मेरे सुरक्षा-दुर्ग हैं, अब मेरा विचलित होना संभव नहीं.
עד-אנה תהותתו על-איש-- תרצחו כלכם כקיר נטוי גדר הדחויה | 3 |
तुम कब तक उस पुरुष पर प्रहार करते रहोगे, मैं जो झुकी हुई दीवार अथवा गिरते बाड़े समान हूं? क्या तुम मेरी हत्या करोगे?
אך משאתו יעצו להדיח-- ירצו כזב בפיו יברכו ובקרבם יקללו-סלה | 4 |
उन्होंने मुझे मेरी उन्नत जगह से उखाड़ डालने का निश्चय कर लिया है. झूठाचार में ही उनका संतोष मगन होता है. अपने मुख से वे आशीर्वचन उच्चारते तो हैं, किंतु मन ही मन वे उसे शाप देते रहते हैं.
אך לאלהים דומי נפשי כי-ממנו תקותי | 5 |
मेरे प्राण, शांत होकर परमेश्वर के उठने की प्रतीक्षा कर; उन्हीं में तुम्हारी एकमात्र आशा मगन है.
אך-הוא צורי וישועתי משגבי לא אמוט | 6 |
वही मेरे लिए एक स्थिर चट्टान और मेरा उद्धार हैं; वह मेरे सुरक्षा-रच हैं, अब मेरा विचलित होना संभव नहीं.
על-אלהים ישעי וכבודי צור-עזי מחסי באלהים | 7 |
मेरा उद्धार और मेरा सम्मान परमेश्वर पर अवलंबित हैं; मेरे लिए वह सुदृढ़ चट्टान तथा आश्रय-स्थल है.
בטחו בו בכל-עת עם-- שפכו-לפניו לבבכם אלהים מחסה-לנו סלה | 8 |
मेरे लोगो, हर एक परिस्थिति में उन्हीं पर भरोसा रखो; उन्हीं के सम्मुख अपना हृदय उंडेल दो, क्योंकि परमेश्वर ही हमारा आश्रय-स्थल हैं.
אך הבל בני-אדם-- כזב בני-איש במאזנים לעלות המה מהבל יחד | 9 |
साधारण पुरुष श्वास मात्र हैं, विशिष्ट पुरुष मात्र भ्रान्ति. इन्हें तुला पर रखकर तौला जाए तो वे नगण्य उतरेंगे; एक श्वास मात्र.
אל-תבטחו בעשק ובגזל אל-תהבלו חיל כי-ינוב-- אל-תשיתו לב | 10 |
न तो हिंसा-अत्याचार से कुछ उपलब्ध होगा, न लूटमार से प्राप्त संपत्ति कोई गर्व का विषय है; जब तुम्हारी समृद्धि में बढ़ती होने लगे, तो संपत्ति से मन न जोड़ लेना.
אחת דבר אלהים--שתים-זו שמעתי כי עז לאלהים | 11 |
परमेश्वर ने एक बात प्रकाशित की, मैंने दो बातें ग्रहण की: “परमेश्वर, आप सर्वसामर्थ्यी हैं.
ולך-אדני חסד כי-אתה תשלם לאיש כמעשהו | 12 |
तथा प्रभु, आपका प्रेम अमोघ”; इसमें संदेह नहीं, “आप हर एक पुरुष को उसके कर्मों के अनुरूप प्रतिफल प्रदान करेंगे.”