< תהילים 130 >
שיר המעלות ממעמקים קראתיך יהוה | 1 |
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. याहवेह, गहराइयों में से मैं आपको पुकार रहा हूं;
אדני שמעה בקולי תהיינה אזניך קשבות-- לקול תחנוני | 2 |
हे प्रभु, मेरा स्वर सुन लीजिए, कृपा के लिए मेरी नम्र विनती की ओर आपके कान लगे रहें.
אם-עונות תשמר-יה-- אדני מי יעמד | 3 |
याहवेह, यदि आप अपराधों का लेखा रखने लगें, तो प्रभु, कौन ठहर सकेगा?
כי-עמך הסליחה-- למען תורא | 4 |
किंतु आप क्षमा शील हैं, तब आप श्रद्धा के योग्य हैं.
קויתי יהוה קותה נפשי ולדברו הוחלתי | 5 |
मुझे, मेरे प्राणों को, याहवेह की प्रतीक्षा रहती है, उनके वचन पर मैंने आशा रखी है.
נפשי לאדני-- משמרים לבקר שמרים לבקר | 6 |
मुझे प्रभु की प्रतीक्षा है उन रखवालों से भी अधिक, जिन्हें सूर्योदय की प्रतीक्षा रहती है, वस्तुतः उन रखवालों से कहीं अधिक जिन्हें भोर की प्रतीक्षा रहती है.
יחל ישראל אל-יהוה כי-עם-יהוה החסד והרבה עמו פדות | 7 |
इस्राएल, याहवेह पर भरोसा रखो, क्योंकि जहां याहवेह हैं वहां करुणा-प्रेम भी है और वही पूरा छुटकारा देनेवाले हैं.
והוא יפדה את-ישראל-- מכל עונתיו | 8 |
स्वयं वही इस्राएल को, उनके अपराधों को क्षमा करेंगे.