< תהילים 13 >

למנצח מזמור לדוד 1
ऐ ख़ुदावन्द, कब तक? क्या तू हमेशा मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना चेहरा मुझ से छिपाए रख्खेगा?
עד-אנה יהוה תשכחני נצח עד-אנה תסתיר את-פניך ממני 2
कब तक मैं जी ही जी में मन्सूबा बाँधता रहूँ, और सारे दिन अपने दिल में ग़म किया करू? कब तक मेरा दुश्मन मुझ पर सर बुलन्द रहेगा?
עד-אנה אשית עצות בנפשי-- יגון בלבבי יומם עד-אנה ירום איבי עלי 3
ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझे जवाब दे। मेरी आँखे रोशन कर, ऐसा न हो कि मुझे मौत की नींद आ जाए
הביטה ענני יהוה אלהי האירה עיני פן-אישן המות 4
ऐसा न हो कि मेरा दुश्मन कहे, कि मैं इस पर ग़ालिब आ गया। ऐसा न हो कि जब मैं जुम्बिश खाऊँ तो मेरे मुखालिफ़ ख़ुश हों।
פן-יאמר איבי יכלתיו צרי יגילו כי אמוט 5
लेकिन मैंने तो तेरी रहमत पर भरोसा किया है; मेरा दिल तेरी नजात से खु़श होगा।
ואני בחסדך בטחתי-- יגל לבי בישועתך אשירה ליהוה כי גמל עלי 6
मैं ख़ुदावन्द का हम्द गाऊँगा क्यूँकि उसने मुझ पर एहसान किया है।

< תהילים 13 >