< תהילים 119 >

אשרי תמימי-דרך-- ההלכים בתורת יהוה 1
आलेफ मुबारक हैं वह जो कामिल रफ़्तार है, जो ख़ुदा की शरी'अत पर 'अमल करते हैं!
אשרי נצרי עדתיו בכל-לב ידרשוהו 2
मुबारक हैं वह जो उसकी शहादतों को मानते हैं, और पूरे दिल से उसके तालिब हैं!
אף לא-פעלו עולה בדרכיו הלכו 3
उन से नारास्ती नहीं होती, वह उसकी राहों पर चलते हैं।
אתה צויתה פקדיך-- לשמר מאד 4
तूने अपने क़वानीन दिए हैं, ताकि हम दिल लगा कर उनकी मानें।
אחלי יכנו דרכי-- לשמר חקיך 5
काश कि तेरे क़ानून मानने के लिए, मेरी चाल चलन दुरुस्त हो जाएँ!
אז לא-אבוש-- בהביטי אל-כל-מצותיך 6
जब मैं तेरे सब अहकाम का लिहाज़ रख्खूँगा, तो शर्मिन्दा न हूँगा।
אודך בישר לבב-- בלמדי משפטי צדקך 7
जब मैं तेरी सदाक़त के अहकाम सीख लूँगा, तो सच्चे दिल से तेरा शुक्र अदा करूँगा।
את-חקיך אשמר אל-תעזבני עד-מאד 8
मैं तेरे क़ानून मानूँगा; मुझे बिल्कुल छोड़ न दे! बेथ
במה יזכה-נער את-ארחו-- לשמר כדברך 9
जवान अपने चाल चलन किस तरह पाक रख्खे? तेरे कलाम के मुताबिक़ उस पर निगाह रखने से।
בכל-לבי דרשתיך אל-תשגני ממצותיך 10
मैं पूरे दिल से तेरा तालिब हुआ हूँ: मुझे अपने फ़रमान से भटकने न दे।
בלבי צפנתי אמרתך-- למען לא אחטא-לך 11
मैंने तेरे कलाम को अपने दिल में रख लिया है ताकि मैं तेरे ख़िलाफ़ गुनाह न करूँ।
ברוך אתה יהוה-- למדני חקיך 12
ऐ ख़ुदावन्द! तू मुबारक है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
בשפתי ספרתי-- כל משפטי-פיך 13
मैंने अपने लबों से, तेरे फ़रमूदा अहकाम को बयान किया।
בדרך עדותיך ששתי-- כעל כל-הון 14
मुझे तेरी शहादतों की राह से ऐसी ख़ुशी हुई, जैसी हर तरह की दौलत से होती है।
בפקודיך אשיחה ואביטה ארחתיך 15
मैं तेरे क़वानीन पर ग़ौर करूँगा, और तेरी राहों का लिहाज़ रख्खूँगा।
בחקתיך אשתעשע לא אשכח דברך 16
मैं तेरे क़ानून में मसरूर रहूँगा; मैं तेरे कलाम को न भूलूँगा। गिमेल
גמל על-עבדך אחיה ואשמרה דברך 17
अपने बन्दे पर एहसान कर ताकि मैं जिन्दा रहूँ और तेरे कलाम को मानता रहूँ।
גל-עיני ואביטה-- נפלאות מתורתך 18
मेरी आँखे खोल दे, ताकि मैं तेरी शरीअत के 'अजायब देखूँ।
גר אנכי בארץ אל-תסתר ממני מצותיך 19
मैं ज़मीन पर मुसाफ़िर हूँ, अपने फ़रमान मुझ से छिपे न रख।
גרסה נפשי לתאבה-- אל-משפטיך בכל-עת 20
मेरा दिल तेरे अहकाम के इश्तियाक में, हर वक़्त तड़पता रहता है।
גערת זדים ארורים-- השגים ממצותיך 21
तूने उन मला'ऊन मग़रूरों को झिड़क दिया, जो तेरे फ़रमान से भटकते रहते हैं।
גל מעלי חרפה ובוז כי עדתיך נצרתי 22
मलामत और हिक़ारत को मुझ से दूर कर दे, क्यूँकि मैंने तेरी शहादतें मानी हैं।
גם ישבו שרים בי נדברו-- עבדך ישיח בחקיך 23
उमरा भी बैठकर मेरे ख़िलाफ़ बातें करते रहे, लेकिन तेरा बंदा तेरे क़ानून पर ध्यान लगाए रहा।
גם-עדתיך שעשעי-- אנשי עצתי 24
तेरी शहादतें मुझे पसन्द, और मेरी मुशीर हैं। दाल्थ
דבקה לעפר נפשי חיני כדברך 25
मेरी जान ख़ाक में मिल गई: तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
דרכי ספרתי ותענני למדני חקיך 26
मैंने अपने चाल चलन का इज़हार किया और तूने मुझे जवाब दिया; मुझे अपने क़ानून की ता'लीम दे।
דרך-פקודיך הבינני ואשיחה בנפלאותיך 27
अपने क़वानीन की राह मुझे समझा दे, और मैं तेरे 'अजायब पर ध्यान करूँगा।
דלפה נפשי מתוגה קימני כדברך 28
ग़म के मारे मेरी जान घुली जाती है; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ताक़त दे।
דרך-שקר הסר ממני ותורתך חנני 29
झूट की राह से मुझे दूर रख, और मुझे अपनी शरी'अत इनायत फ़रमा।
דרך-אמונה בחרתי משפטיך שויתי 30
मैंने वफ़ादारी की राह इख़्तियार की है, मैंने तेरे अहकाम अपने सामने रख्खे हैं।
דבקתי בעדותיך יהוה אל-תבישני 31
मैं तेरी शहादतों से लिपटा हुआ हूँ, ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शर्मिन्दा न होने दे!
דרך-מצותיך ארוץ כי תרחיב לבי 32
जब तू मेरा हौसला बढ़ाएगा, तो मैं तेरे फ़रमान की राह में दौड़ूँगा। हे
הורני יהוה דרך חקיך ואצרנה עקב 33
ऐ ख़ुदावन्द, मुझे अपने क़ानून की राह बता, और मैं आख़िर तक उस पर चलूँगा।
הבינני ואצרה תורתך ואשמרנה בכל-לב 34
मुझे समझ 'अता कर और मैं तेरी शरी'अत पर चलूँगा, बल्कि मैं पूरे दिल से उसको मानूँगा।
הדריכני בנתיב מצותיך כי-בו חפצתי 35
मुझे अपने फ़रमान की राह पर चला, क्यूँकि इसी में मेरी ख़ुशी है।
הט-לבי אל-עדותיך ואל אל-בצע 36
मेरे दिल की अपनी शहादतों की तरफ़ रुजू' दिला; न कि लालच की तरफ़।
העבר עיני מראות שוא בדרכך חיני 37
मेरी आँखों को बेकारी पर नज़र करने से बाज़ रख, और मुझे अपनी राहों में ज़िन्दा कर।
הקם לעבדך אמרתך-- אשר ליראתך 38
अपने बन्दे के लिए अपना वह क़ौल पूरा कर, जिस से तेरा खौफ़ पैदा होता है।
העבר חרפתי אשר יגרתי כי משפטיך טובים 39
मेरी मलामत को जिस से मैं डरता हूँ दूर कर दे; क्यूँकि तेरे अहकाम भले हैं।
הנה תאבתי לפקדיך בצדקתך חיני 40
देख, मैं तेरे क़वानीन का मुश्ताक़ रहा हूँ; मुझे अपनी सदाक़त से ज़िन्दा कर। वाव
ויבאני חסדך יהוה תשועתך כאמרתך 41
ऐ ख़ुदावन्द, तेरे क़ौल के मुताबिक़, तेरी शफ़क़त और तेरी नजात मुझे नसीब हों,
ואענה חרפי דבר כי-בטחתי בדברך 42
तब मैं अपने मलामत करने वाले को जवाब दे सकूँगा, क्यूँकि मैं तेरे कलाम पर भरोसा रखता हूँ।
ואל-תצל מפי דבר-אמת עד-מאד כי למשפטך יחלתי 43
और हक़ बात को मेरे मुँह से हरगिज़ जुदा न होने दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तेरे अहकाम पर है।
ואשמרה תורתך תמיד-- לעולם ועד 44
फिर मैं हमेशा से हमेशा तक, तेरी शरी'अत को मानता रहूँगा
ואתהלכה ברחבה כי פקדיך דרשתי 45
और मैं आज़ादी से चलूँगा, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
ואדברה בעדתיך נגד מלכים ולא אבוש 46
मैं बादशाहों के सामने तेरी शहादतों का बयान करूँगा, और शर्मिन्दा न हूँगा।
ואשתעשע במצותיך אשר אהבתי 47
तेरे फ़रमान मुझे अज़ीज़ हैं, मैं उनमें मसरूर रहूँगा।
ואשא-כפי--אל-מצותיך אשר אהבתי ואשיחה בחקיך 48
मैं अपने हाथ तेरे फ़रमान की तरफ़ जो मुझे 'अज़ीज़ है उठाऊँगा, और तेरे क़ानून पर ध्यान करूँगा। ज़ैन
זכר-דבר לעבדך-- על אשר יחלתני 49
जो कलाम तूने अपने बन्दे से किया उसे याद कर, क्यूँकि तूने मुझे उम्मीद दिलाई है।
זאת נחמתי בעניי כי אמרתך חיתני 50
मेरी मुसीबत में यही मेरी तसल्ली है, कि तेरे कलाम ने मुझे ज़िन्दा किया
זדים הליצני עד-מאד מתורתך לא נטיתי 51
मग़रूरों ने मुझे बहुत ठठ्ठों में उड़ाया, तोभी मैंने तेरी शरी'अत से किनारा नहीं किया
זכרתי משפטיך מעולם יהוה ואתנחם 52
ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे क़दीम अहकाम को याद करता, और इत्मीनान पाता रहा हूँ।
זלעפה אחזתני מרשעים-- עזבי תורתך 53
उन शरीरों की वजह से जो तेरी शरी'अत को छोड़ देते हैं, मैं सख़्त ग़ुस्से में आ गया हूँ।
זמרות היו-לי חקיך-- בבית מגורי 54
मेरे मुसाफ़िर ख़ाने में, तेरे क़ानून मेरी हम्द रहे हैं।
זכרתי בלילה שמך יהוה ואשמרה תורתך 55
ऐ ख़ुदावन्द, रात को मैंने तेरा नाम याद किया है, और तेरी शरी'अत पर 'अमल किया है।
זאת היתה-לי כי פקדיך נצרתי 56
यह मेरे लिए इसलिए हुआ, कि मैंने तेरे क़वानीन को माना। हेथ
חלקי יהוה אמרתי-- לשמר דבריך 57
ख़ुदावन्द मेरा बख़रा है; मैंने कहा है मैं तेरी बातें मानूँगा।
חליתי פניך בכל-לב חנני כאמרתך 58
मैं पूरे दिल से तेरे करम का तलब गार हुआ; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझ पर रहम कर!
חשבתי דרכי ואשיבה רגלי אל-עדתיך 59
मैंने अपनी राहों पर ग़ौर किया, और तेरी शहादतों की तरफ़ अपने कदम मोड़े।
חשתי ולא התמהמהתי-- לשמר מצותיך 60
मैंने तेरे फ़रमान मानने में, जल्दी की और देर न लगाई।
חבלי רשעים עודני תורתך לא שכחתי 61
शरीरों की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, लेकिन मैं तेरी शरी'अत को न भूला।
חצות-לילה--אקום להודות לך על משפטי צדקך 62
तेरी सदाकत के अहकाम के लिए, मैं आधी रात को तेरा शुक्र करने को उठूँगा।
חבר אני לכל-אשר יראוך ולשמרי פקודיך 63
मैं उन सबका साथी हूँ जो तुझ से डरते हैं, और उनका जो तेरे क़वानीन को मानते हैं।
חסדך יהוה מלאה הארץ חקיך למדני 64
ऐ ख़ुदावन्द, ज़मीन तेरी शफ़क़त से मा'मूर है; मुझे अपने क़ानून सिखा! टेथ
טוב עשית עם-עבדך-- יהוה כדברך 65
ऐ ख़ुदावन्द! तूने अपने कलाम के मुताबिक़, अपने बन्दे के साथ भलाई की है।
טוב טעם ודעת למדני כי במצותיך האמנתי 66
मुझे सही फ़र्क़ और 'अक़्ल सिखा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान पर ईमान लाया हूँ।
טרם אענה אני שגג ועתה אמרתך שמרתי 67
मैं मुसीबत उठाने से पहले गुमराह था; लेकिन अब तेरे कलाम को मानता हूँ।
טוב-אתה ומטיב למדני חקיך 68
तू भला है और भलाई करता है; मुझे अपने क़ानून सिखा।
טפלו עלי שקר זדים אני בכל-לב אצר פקודיך 69
मग़रूरों ने मुझ पर बहुतान बाँधा है; मैं पूरे दिल से तेरे क़वानीन को मानूँगा।
טפש כחלב לבם אני תורתך שעשעתי 70
उनके दिल चिकनाई से फ़र्बा हो गए, लेकिन मैं तेरी शरी'अत में मसरूर हूँ।
טוב-לי כי-עניתי-- למען אלמד חקיך 71
अच्छा हुआ कि मैंने मुसीबत उठाई, ताकि तेरे क़ानून सीख लूँ।
טוב-לי תורת-פיך-- מאלפי זהב וכסף 72
तेरे मुँह की शरी'अत मेरे लिए, सोने चाँदी के हज़ारों सिक्कों से बेहतर है। योध
ידיך עשוני ויכוננוני הבינני ואלמדה מצותיך 73
तेरे हाथों ने मुझे बनाया और तरतीब दी; मुझे समझ 'अता कर ताकि तेरे फ़रमान सीख लें।
יראיך יראוני וישמחו כי לדברך יחלתי 74
तुझ से डरने वाले मुझे देख कर इसलिए कि मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
ידעתי יהוה כי-צדק משפטיך ואמונה עניתני 75
ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरे अहकाम की सदाक़त को जानता हूँ, और यह कि वफ़ादारी ही से तूने मुझे दुख; में डाला।
יהי-נא חסדך לנחמני-- כאמרתך לעבדך 76
उस कलाम के मुताबिक़ जो तूनेअपने बन्दे से किया, तेरी शफ़क़त मेरी तसल्ली का ज़रिया' हो।
יבאוני רחמיך ואחיה כי-תורתך שעשעי 77
तेरी रहमत मुझे नसीब हो ताकि मैं ज़िन्दा रहूँ। क्यूँकि तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
יבשו זדים כי-שקר עותוני אני אשיח בפקודיך 78
मग़रूर शर्मिन्दा हों, क्यूँकि उन्होंने नाहक़ मुझे गिराया, लेकिन मैं तेरे क़वानीन पर ध्यान करूँगा।
ישובו לי יראיך וידעו (וידעי) עדתיך 79
तुझ से डरने वाले मेरी तरफ़ रुजू हों, तो वह तेरी शहादतों को जान लेंगे।
יהי-לבי תמים בחקיך-- למען לא אבוש 80
मेरा दिल तेरे क़ानून मानने में कामिल रहे, ताकि मैं शर्मिन्दगी न उठाऊँ। क़ाफ
כלתה לתשועתך נפשי לדברך יחלתי 81
मेरी जान तेरी नजात के लिए बेताब है, लेकिन मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
כלו עיני לאמרתך-- לאמר מתי תנחמני 82
तेरे कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई, मैं यही कहता रहा कि तू मुझे कब तसल्ली देगा?
כי-הייתי כנאד בקיטור-- חקיך לא שכחתי 83
मैं उस मश्कीज़े की तरह हो गया जो धुएँ में हो, तोभी मैं तेरे क़ानून को नहीं भूलता।
כמה ימי-עבדך מתי תעשה ברדפי משפט 84
तेरे बन्दे के दिन ही कितने हैं? तू मेरे सताने वालों पर कब फ़तवा देगा?
כרו-לי זדים שיחות-- אשר לא כתורתך 85
मग़रूरों ने जो तेरी शरी'अत के पैरौ नहीं, मेरे लिए गढ़े खोदे हैं।
כל-מצותיך אמונה שקר רדפוני עזרני 86
तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं: वह नाहक़ मुझे सताते हैं; तू मेरी मदद कर!
כמעט כלוני בארץ ואני לא-עזבתי פקדיך 87
उन्होंने मुझे ज़मीन पर से फ़नाकर ही डाला था, लेकिन मैंने तेरे कवानीन को न छोड़ा।
כחסדך חיני ואשמרה עדות פיך 88
तू मुझे अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ ज़िन्दा कर, तो मैं तेरे मुँह की शहादत को मानूँगा। लामेध
לעולם יהוה-- דברך נצב בשמים 89
ऐ ख़ुदावन्द! तेरा कलाम, आसमान पर हमेशा तक क़ाईम है।
לדר ודר אמונתך כוננת ארץ ותעמד 90
तेरी वफ़ादारी नसल दर नसल है; तूने ज़मीन को क़याम बख़्शा और वह क़ाईम है।
למשפטיך עמדו היום כי הכל עבדיך 91
वह आज तेरे अहकाम के मुताबिक़ क़ाईम हैं क्यूँकि सब चीजें तेरी ख़िदमत गुज़ार हैं।
לולי תורתך שעשעי-- אז אבדתי בעניי 92
अगर तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी न होती, तो मैं अपनी मुसीबत में हलाक हो जाता।
לעולם לא-אשכח פקודיך כי בם חייתני 93
मैं तेरे क़वानीन को कभी न भूलूँगा, क्यूँकि तूने उन्ही के वसीले से मुझे ज़िन्दा किया है।
לך-אני הושיעני כי פקודיך דרשתי 94
मैं तेरा ही हूँ मुझे बचा ले, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
לי קוו רשעים לאבדני עדתיך אתבונן 95
शरीर मुझे हलाक करने को घात में लगे रहे, लेकिन मैं तेरी शहादतों पर ग़ौर करूँगा।
לכל-תכלה ראיתי קץ רחבה מצותך מאד 96
मैंने देखा कि हर कमाल की इन्तिहा है, लेकिन तेरा हुक्म बहुत वसी'अ है। मीम
מה-אהבתי תורתך כל-היום היא שיחתי 97
आह! मैं तेरी शरी'अत से कैसी मुहब्बत रखता हूँ, मुझे दिन भर उसी का ध्यान रहता है।
מאיבי תחכמני מצותך כי לעולם היא-לי 98
तेरे फ़रमान मुझे मेरे दुश्मनों से ज़्यादा 'अक़्लमंद बनाते हैं, क्यूँकि वह हमेशा मेरे साथ हैं।
מכל-מלמדי השכלתי כי עדותיך שיחה לי 99
मैं अपने सब उस्तादों से 'अक़्लमंद हैं, क्यूँकि तेरी शहादतों पर मेरा ध्यान रहता है।
מזקנים אתבונן כי פקודיך נצרתי 100
मैं उम्र रसीदा लोगों से ज़्यादा समझ रखता हूँ क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन को माना है।
מכל-ארח רע כלאתי רגלי-- למען אשמר דברך 101
मैंने हर बुरी राह से अपने क़दम रोक रख्खें हैं, ताकि तेरी शरी'अत पर 'अमल करूँ।
ממשפטיך לא-סרתי כי-אתה הורתני 102
मैंने तेरे अहकाम से किनारा नहीं किया, क्यूँकि तूने मुझे ता'लीम दी है।
מה-נמלצו לחכי אמרתך-- מדבש לפי 103
तेरी बातें मेरे लिए कैसी शीरीन हैं, वह मेरे मुँह को शहद से भी मीठी मा'लूम होती हैं!
מפקודיך אתבונן על כן שנאתי כל-ארח שקר 104
तेरे क़वानीन से मुझे समझ हासिल होता है, इसलिए मुझे हर झूटी राह से नफ़रत है। नून
נר-לרגלי דברך ואור לנתיבתי 105
तेरा कलाम मेरे क़दमों के लिए चराग़, और मेरी राह के लिए रोशनी है।
נשבעתי ואקימה-- לשמר משפטי צדקך 106
मैंने क़सम खाई है और उस पर क़ाईम हूँ, कि तेरी सदाक़त के अहकाम पर'अमल करूँगा।
נעניתי עד-מאד יהוה חיני כדברך 107
मैं बड़ी मुसीबत में हूँ। ऐ ख़ुदावन्द! अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
נדבות פי רצה-נא יהוה ומשפטיך למדני 108
ऐ ख़ुदावन्द, मेरे मुँह से रज़ा की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल फ़रमा और मुझे अपने अहकाम की ता'लीम दे।
נפשי בכפי תמיד ותורתך לא שכחתי 109
मेरी जान हमेशा हथेली पर है, तोभी मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
נתנו רשעים פח לי ומפקודיך לא תעיתי 110
शरीरों ने मेरे लिए फंदा लगाया है, तोभी मैं तेरे क़वानीन से नहीं भटका।
נחלתי עדותיך לעולם כי-ששון לבי המה 111
मैंने तेरी शहादतों को अपनी हमेशा की मीरास बनाया है, क्यूँकि उनसे मेरे दिल को ख़ुशी होती है।
נטיתי לבי לעשות חקיך-- לעולם עקב 112
मैंने हमेशा के लिए आख़िर तक, तेरे क़ानून मानने पर दिल लगाया है। सामेख
סעפים שנאתי ותורתך אהבתי 113
मुझे दो दिलों से नफ़रत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखता हूँ।
סתרי ומגני אתה לדברך יחלתי 114
तू मेरे छिपने की जगह और मेरी ढाल है; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
סורו-ממני מרעים ואצרה מצות אלהי 115
ऐ बदकिरदारो! मुझ से दूर हो जाओ, ताकि मैं अपने ख़ुदा के फ़रमान पर'अमल करूँ!
סמכני כאמרתך ואחיה ואל-תבישני משברי 116
तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे संभाल ताकि ज़िन्दा रहूँ, और मुझे अपने भरोसा से शर्मिन्दगी न उठाने दे।
סעדני ואושעה ואשעה בחקיך תמיד 117
मुझे संभाल और मैं सलामत रहूँगा, और हमेशा तेरे क़ानून का लिहाज़ रखूँगा।
סלית כל-שוגים מחקיך כי-שקר תרמיתם 118
तूने उन सबको हक़ीर जाना है, जो तेरे क़ानून से भटक जाते हैं; क्यूँकि उनकी दग़ाबाज़ी 'बेकार है।
סגים--השבת כל-רשעי-ארץ לכן אהבתי עדתיך 119
तू ज़मीन के सब शरीरों को मैल की तरह छाँट देता है; इसलिए में तेरी शहादतों को 'अज़ीज़ रखता हूँ।
סמר מפחדך בשרי וממשפטיך יראתי 120
मेरा जिस्म तेरे ख़ौफ़ से काँपता है, और मैं तेरे अहकाम से डरता हूँ। ऐन
עשיתי משפט וצדק בל-תניחני לעשקי 121
मैंने 'अद्ल और इन्साफ़ किया है; मुझे उनके हवाले न कर जो मुझ पर ज़ुल्म करते हैं।
ערב עבדך לטוב אל-יעשקני זדים 122
भलाई के लिए अपने बन्दे का ज़ामिन हो, मग़रूर मुझ पर ज़ुल्म न करें।
עיני כלו לישועתך ולאמרת צדקך 123
तेरी नजात और तेरी सदाक़त के कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई।
עשה עם-עבדך כחסדך וחקיך למדני 124
अपने बन्दे से अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ सुलूक कर, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
עבדך-אני הבינני ואדעה עדתיך 125
मैं तेरा बन्दा हूँ! मुझ को समझ 'अता कर, ताकि तेरी शहादतों को समझ लूँ।
עת לעשות ליהוה-- הפרו תורתך 126
अब वक़्त आ गया, कि ख़ुदावन्द काम करे, क्यूँकि उन्होंने तेरी शरी'अत को बेकार कर दिया है।
על-כן אהבתי מצותיך-- מזהב ומפז 127
इसलिए मैं तेरे फ़रमान को सोने से बल्कि कुन्दन से भी ज़्यादा अज़ीज़ रखता हूँ।
על-כן כל-פקודי כל ישרתי כל-ארח שקר שנאתי 128
इसलिए मैं तेरे सब कवानीन को बरहक़ जानता हूँ, और हर झूटी राह से मुझे नफ़रत है। पे
פלאות עדותיך על-כן נצרתם נפשי 129
तेरी शहादतें 'अजीब हैं, इसलिए मेरा दिल उनको मानता है।
פתח דבריך יאיר מבין פתיים 130
तेरी बातों की तशरीह नूर बख़्शती है, वह सादा दिलों को 'अक़्लमन्द बनाती है।
פי-פערתי ואשאפה כי למצותיך יאבתי 131
मैं खू़ब मुँह खोलकर हाँपता रहा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान का मुश्ताक़ था।
פנה-אלי וחנני-- כמשפט לאהבי שמך 132
मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझ पर रहम फ़रमा, जैसा तेरे नाम से मुहब्बत रखने वालों का हक़ है।
פעמי הכן באמרתך ואל-תשלט-בי כל-און 133
अपने कलाम में मेरी रहनुमाई कर, कोई बदकारी मुझ पर तसल्लुत न पाए।
פדני מעשק אדם ואשמרה פקודיך 134
इंसान के ज़ुल्म से मुझे छुड़ा ले, तो तेरे क़वानीन पर 'अमल करूँगा।
פניך האר בעבדך ולמדני את-חקיך 135
अपना चेहरा अपने बन्दे पर जलवागर फ़रमा, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
פלגי-מים ירדו עיני-- על לא-שמרו תורתך 136
मेरी आँखों से पानी के चश्मे जारी हैं, इसलिए कि लोग तेरी शरी'अत को नहीं मानते। सांदे
צדיק אתה יהוה וישר משפטיך 137
ऐ ख़ुदावन्द तू सादिक़ है, और तेरे अहकाम बरहक़ हैं।
צוית צדק עדתיך ואמונה מאד 138
तूने सदाक़त और कमाल वफ़ादारी से, अपनी शहादतों को ज़ाहिर फ़रमाया है।
צמתתני קנאתי כי-שכחו דבריך צרי 139
मेरी गै़रत मुझे खा गई, क्यूँकि मेरे मुख़ालिफ़ तेरी बातें भूल गए।
צרופה אמרתך מאד ועבדך אהבה 140
तेरा कलाम बिल्कुल ख़ालिस है, इसलिए तेरे बन्दे को उससे मुहब्बत है।
צעיר אנכי ונבזה פקדיך לא שכחתי 141
मैं अदना और हक़ीर हूँ, तौ भी मैं तेरे क़वानीन को नहीं भूलता।
צדקתך צדק לעולם ותורתך אמת 142
तेरी सदाक़त हमेशा की सदाक़त है, और तेरी शरी'अत बरहक़ है।
צר-ומצוק מצאוני מצותיך שעשעי 143
मैं तकलीफ़ और ऐज़ाब में मुब्तिला, हूँ तोभी तेरे फ़रमान मेरी ख़ुशनूदी हैं।
צדק עדותיך לעולם הבינני ואחיה 144
तेरी शहादतें हमेशा रास्त हैं; मुझे समझ 'अता कर तो मैं ज़िन्दा रहूँगा। क़ाफ
קראתי בכל-לב ענני יהוה חקיך אצרה 145
मैं पूरे दिल से दुआ करता हूँ, ऐ ख़ुदावन्द, मुझे जवाब दे। मैं तेरे क़ानून पर 'अमल करूँगा।
קראתיך הושיעני ואשמרה עדתיך 146
मैंने तुझ से दुआ की है, मुझे बचा ले, और मैं तेरी शहादतों को मानूँगा।
קדמתי בנשף ואשועה לדבריך (לדברך) יחלתי 147
मैंने पौ फटने से पहले फ़रियाद की; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
קדמו עיני אשמרות-- לשיח באמרתך 148
मेरी आँखें रात के हर पहर से पहले खुल गई, ताकि तेरे कलाम पर ध्यान करूँ।
קולי שמעה כחסדך יהוה כמשפטך חיני 149
अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मेरी फ़रियाद सुन: ऐ ख़ुदावन्द! अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
קרבו רדפי זמה מתורתך רחקו 150
जो शरारत के दर पै रहते हैं, वह नज़दीक आ गए; वह तेरी शरी'अत से दूर हैं।
קרוב אתה יהוה וכל-מצותיך אמת 151
ऐ ख़ुदावन्द, तू नज़दीक है, और तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
קדם ידעתי מעדתיך כי לעולם יסדתם 152
तेरी शहादतों से मुझे क़दीम से मा'लूम हुआ, कि तूने उनको हमेशा के लिए क़ाईम किया है। रेश
ראה-עניי וחלצני כי-תורתך לא שכחתי 153
मेरी मुसीबत का ख़याल करऔर मुझे छुड़ा, क्यूँकि मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
ריבה ריבי וגאלני לאמרתך חיני 154
मेरी वकालत कर और मेरा फ़िदिया दे: अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
רחוק מרשעים ישועה כי חקיך לא דרשו 155
नजात शरीरों से दूर है, क्यूँकि वह तेरे क़ानून के तालिब नहीं हैं।
רחמיך רבים יהוה כמשפטיך חיני 156
ऐ ख़ुदावन्द! तेरी रहमत बड़ी है; अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
רבים רדפי וצרי מעדותיך לא נטיתי 157
मेरे सताने वाले और मुखालिफ़ बहुत हैं, तोभी मैंने तेरी शहादतों से किनारा न किया।
ראיתי בגדים ואתקוטטה-- אשר אמרתך לא שמרו 158
मैं दग़ाबाज़ों को देख कर मलूल हुआ, क्यूँकि वह तेरे कलाम को नहीं मानते।
ראה כי-פקודיך אהבתי יהוה כחסדך חיני 159
ख़याल फ़रमा कि मुझे तेरे क़वानीन से कैसी मुहब्बत है! ऐ ख़ुदावन्द! अपनी शफ़क़त के मुताबिक मुझे ज़िन्दा कर।
ראש-דברך אמת ולעולם כל-משפט צדקך 160
तेरे कलाम का ख़ुलासा सच्चाई है, तेरी सदाक़त के कुल अहकाम हमेशा के हैं। शीन
שרים רדפוני חנם ומדבריך (ומדברך) פחד לבי 161
उमरा ने मुझे बे वजह सताया है, लेकिन मेरे दिल में तेरी बातों का ख़ौफ़ है।
שש אנכי על-אמרתך-- כמוצא שלל רב 162
मैं बड़ी लूट पाने वाले की तरह, तेरे कलाम से ख़ुश हूँ।
שקר שנאתי ואתעבה תורתך אהבתי 163
मुझे झूट से नफ़रत और कराहियत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत है।
שבע ביום הללתיך-- על משפטי צדקך 164
मैं तेरी सदाक़त के अहकाम की वजह से, दिन में सात बार तेरी सिताइश करता हूँ।
שלום רב לאהבי תורתך ואין-למו מכשול 165
तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखने वाले मुत्मइन हैं; उनके लिए ठोकर खाने का कोई मौक़ा' नहीं।
שברתי לישועתך יהוה ומצותיך עשיתי 166
ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का उम्मीदवार रहा हूँ और तेरे फ़रमान बजा लाया हूँ।
שמרה נפשי עדתיך ואהבם מאד 167
मेरी जान ने तेरी शहादतें मानी हैं, और वह मुझे बहुत 'अज़ीज़ हैं।
שמרתי פקודיך ועדתיך כי כל-דרכי נגדך 168
मैंने तेरे क़वानीन और शहादतों को माना है, क्यूँकि मेरे सब चाल चलन तेरे सामने हैं। ताव
תקרב רנתי לפניך יהוה כדברך הבינני 169
ऐ ख़ुदावन्द! मेरी फ़रियाद तेरे सामने पहुँचे; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे समझ 'अता कर।
תבוא תחנתי לפניך כאמרתך הצילני 170
मेरी इल्तिजा तेरे सामने पहुँचे, अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे छुड़ा।
תבענה שפתי תהלה כי תלמדני חקיך 171
मेरे लबों से तेरी सिताइश हो। क्यूँकि तू मुझे अपने क़ानून सिखाता है।
תען לשוני אמרתך כי כל-מצותיך צדק 172
मेरी ज़बान तेरे कलाम का हम्द गाए, क्यूँकि तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
תהי-ידך לעזרני כי פקודיך בחרתי 173
तेरा हाथ मेरी मदद को तैयार है क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन इख़्तियार, किए हैं।
תאבתי לישועתך יהוה ותורתך שעשעי 174
ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का मुश्ताक़ रहा हूँ, और तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
תחי-נפשי ותהללך ומשפטך יעזרני 175
मेरी जान ज़िन्दा रहे तो वह तेरी सिताइश करेगी, और तेरे अहकाम मेरी मदद करें।
תעיתי-- כשה אבד בקש עבדך כי מצותיך לא שכחתי 176
मैं खोई हुई भेड़ की तरह भटक गया हूँ अपने बन्दे की तलाश कर, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान को नहीं भूलता।

< תהילים 119 >