< מִשְׁלֵי 8 >

הלא-חכמה תקרא ותבונה תתן קולה 1
क्या हिकमत पुकार नहीं रही, और समझ आवाज़ बलंद नहीं कर रहा?
בראש-מרמים עלי-דרך בית נתיבות נצבה 2
वह राह के किनारे की ऊँची जगहों की चोटियों पर, जहाँ सड़कें मिलती हैं, खड़ी होती है।
ליד-שערים לפי-קרת מבוא פתחים תרנה 3
फाटकों के पास शहर के दहलीज़ पर, या'नी दरवाज़ों के मदख़ल पर वह ज़ोर से पुकारती है,
אליכם אישים אקרא וקולי אל-בני אדם 4
“ऐ आदमियो, मैं तुम को पुकारती हूँ, और बनी आदम को आवाज़ देती
הבינו פתאים ערמה וכסילים הבינו לב 5
ऐ सादा दिली होशियारी सीखो; और ऐ बेवकुफ़ों 'अक़्ल दिल बनो।
שמעו כי-נגידים אדבר ומפתח שפתי מישרים 6
सुनो, क्यूँकि मैं लतीफ़ बातें कहूँगी, और मेरे लबों से रास्ती की बातें निकलेगी;
כי-אמת יהגה חכי ותועבת שפתי רשע 7
इसलिए कि मेरा मुँह सच्चाई को बयान करेगा; और मेरे होंटों को शरारत से नफ़रत है।
בצדק כל-אמרי-פי אין בהם נפתל ועקש 8
मेरे मुँह की सब बातें सदाक़त की हैं, उनमें कुछ टेढ़ा तिरछा नहीं है।
כלם נכחים למבין וישרים למצאי דעת 9
समझने वाले के लिए वह सब साफ़ हैं, और 'इल्म हासिल करने वालों के लिए रास्त हैं।
קחו-מוסרי ואל-כסף ודעת מחרוץ נבחר 10
चाँदी को नहीं, बल्कि मेरी तरबियत को कु़बूल करो, और कुंदन से बढ़कर 'इल्म को;
כי-טובה חכמה מפנינים וכל-חפצים לא ישוו-בה 11
क्यूँकि हिकमत मरजान से अफ़ज़ल है, और सब पसन्दीदा चीज़ों में बेमिसाल।
אני-חכמה שכנתי ערמה ודעת מזמות אמצא 12
मुझ हिकमत ने होशियारी को अपना मस्कन बनाया है, और 'इल्म और तमीज़ को पा लेती हूँ।
יראת יהוה שנאת-רע גאה וגאון ודרך רע ופי תהפכות שנאתי 13
ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ बदी से 'अदावत है। गु़रूर और घमण्ड और बुरी राह, और टेढ़ी बात से मुझे नफ़रत है।
לי-עצה ותושיה אני בינה לי גבורה 14
मशवरत और हिमायत मेरी है, समझ मैं ही हूँ मुझ में क़ुदरत है।
בי מלכים ימלכו ורזנים יחקקו צדק 15
मेरी बदौलत बादशाह सल्तनत करते, और उमरा इन्साफ़ का फ़तवा देते हैं।
בי שרים ישרו ונדיבים כל-שפטי צדק 16
मेरी ही बदौलत हाकिम हुकूमत करते हैं, और सरदार या'नी दुनिया के सब काज़ी भी।
אני אהביה (אהבי) אהב ומשחרי ימצאנני 17
जो मुझ से मुहब्बत रखते हैं मैं उनसे मुहब्बत रखती हूँ, और जो मुझे दिल से ढूंडते हैं, वह मुझे पा लेंगे।
עשר-וכבוד אתי הון עתק וצדקה 18
दौलत — ओ — 'इज़्ज़त मेरे साथ हैं, बल्कि हमेशा दौलत और सदाक़त भी।
טוב פריי מחרוץ ומפז ותבואתי מכסף נבחר 19
मेरा फल सोने से बल्कि कुन्दन से भी बेहतर है, और मेरा हासिल ख़ालिस चाँदी से।
בארח-צדקה אהלך בתוך נתיבות משפט 20
मैं सदाक़त की राह पर, इन्साफ़ के रास्तों में चलती हूँ।
להנחיל אהבי יש ואצרתיהם אמלא 21
ताकि मैं उनको जो मुझ से मुहब्बत रखते हैं, माल के वारिस बनाऊँ, और उनके ख़ज़ानों को भर दूँ।
יהוה--קנני ראשית דרכו קדם מפעליו מאז 22
“ख़ुदावन्द ने इन्तिज़ाम — ए — 'आलम के शुरू' में, अपनी क़दीमी सन'अतों से पहले मुझे पैदा किया।
מעולם נסכתי מראש-- מקדמי-ארץ 23
मैं अज़ल से या'नी इब्तिदा ही से मुक़र्रर हुई, इससे पहले के ज़मीन थी।
באין-תהמות חוללתי באין מעינות נכבדי-מים 24
मैं उस वक़्त पैदा हुई जब गहराओ न थे; जब पानी से भरे हुए चश्मे भी न थे।
בטרם הרים הטבעו לפני גבעות חוללתי 25
मैं पहाड़ों के क़ाईम किए जाने से पहले, और टीलों से पहले पैदा हुई।
עד-לא עשה ארץ וחוצות וראש עפרות תבל 26
जब कि उसने अभी न ज़मीन को बनाया था न मैदानों को, और न ज़मीन की ख़ाक की शुरु'आत थी।
בהכינו שמים שם אני בחקו חוג על-פני תהום 27
जब उसने आसमान को क़ाईम किया मैं वहीं थी; जब उसने समुन्दर की सतह पर दायरा खींचा;
באמצו שחקים ממעל בעזוז עינות תהום 28
जब उसने ऊपर अफ़लाक को बराबर किया, और गहराओ के सोते मज़बूत हो गए;
בשומו לים חקו ומים לא יעברו-פיו בחוקו מוסדי ארץ 29
जब उसने समुन्दर की हद ठहराई, ताकि पानी उसके हुक्म को न तोड़े; जब उसने ज़मीन की बुनियाद के निशान लगाए।
ואהיה אצלו אמון ואהיה שעשועים יום יום משחקת לפניו בכל-עת 30
उस वक़्त माहिर कारीगर की तरह मैं उसके पास थी, और मैं हर रोज़ उसकी ख़ुशनूदी थी, और हमेशा उसके सामने शादमान रहती थी।
משחקת בתבל ארצו ושעשעי את-בני אדם 31
आबादी के लायक़ ज़मीन से शादमान थी, और मेरी ख़ुशनूदी बनी आदम की सुहबत में थी।
ועתה בנים שמעו-לי ואשרי דרכי ישמרו 32
“इसलिए ऐ बेटो, मेरी सुनो, क्यूँकि मुबारक हैं वह जो मेरी राहों पर चलते हैं।
שמעו מוסר וחכמו ואל-תפרעו 33
तरबियत की बात सुनो, और 'अक़्लमंद बनो, और इसको रद्द न करो।
אשרי אדם שמע-לי לשקד על-דלתתי יום יום--לשמר מזוזת פתחי 34
मुबारक है वह आदमी जो मेरी सुनता है, और हर रोज़ मेरे फाटकों पर इन्तिज़ार करता है, और मेरे दरवाज़ों की चौखटों पर ठहरा रहता है।
כי מצאי מצאי (מצא) חיים ויפק רצון מיהוה 35
क्यूँकि जो मुझ को पाता है, ज़िन्दगी पाता है, और वह ख़ुदावन्द का मक़बूल होगा।
וחטאי חמס נפשו כל-משנאי אהבו מות 36
लेकिन जो मुझ से भटक जाता है, अपनी ही जान को नुक़सान पहुँचाता है; मुझ से 'अदावत रखने वाले, सब मौत से मुहब्बत रखते हैं।”

< מִשְׁלֵי 8 >