< מִשְׁלֵי 6 >
בני אם-ערבת לרעך תקעת לזר כפיך | 1 |
ऐ मेरे बेटे, अगर तू अपने पड़ोसी का ज़ामिन हुआ है, अगर तू हाथ पर हाथ मारकर किसी बेगाने का ज़िम्मेदार हुआ है,
נוקשת באמרי-פיך נלכדת באמרי-פיך | 2 |
तो तू अपने ही मुँह की बातों में फंसा, तू अपने ही मुँह की बातों से पकड़ा गया।
עשה זאת אפוא בני והנצל-- כי באת בכף-רעך לך התרפס ורהב רעיך | 3 |
इसलिए ऐ मेरे बेटे, क्यूँकि तू अपने पड़ोसी के हाथ में फँस गया है, अब यह कर और अपने आपको बचा ले, जा, ख़ाकसार बनकर अपने पड़ोसी से इसरार कर।
אל-תתן שנה לעיניך ותנומה לעפעפיך | 4 |
तू न अपनी आँखों में नींद आने दे, और न अपनी पलकों में झपकी।
הנצל כצבי מיד וכצפור מיד יקוש | 5 |
अपने आपको हरनी की तरह और सय्याद के हाथ से, और चिड़िया की तरह चिड़ीमार के हाथ से छुड़ा।
לך-אל-נמלה עצל ראה דרכיה וחכם | 6 |
ऐ काहिल, चींटी के पास जा, चाल चलन पर ग़ौर कर और 'अक़्लमंद बन।
אשר אין-לה קצין-- שטר ומשל | 7 |
जो बावजूद यह कि उसका न कोई सरदार, न नाज़िर न हाकिम है,
תכין בקיץ לחמה אגרה בקציר מאכלה | 8 |
गर्मी के मौसिम में अपनी खू़राक मुहय्या करती है, और फ़सल कटने के वक़्त अपनी ख़ुराक जमा' करती है।
עד-מתי עצל תשכב מתי תקום משנתך | 9 |
ऐ काहिल, तू कब तक पड़ा रहेगा? तू नींद से कब उठेगा?
מעט שנות מעט תנומות מעט חבק ידים לשכב | 10 |
थोड़ी सी नींद, एक और झपकी, ज़रा पड़े रहने को हाथ पर हाथ:
ובא-כמהלך ראשך ומחסרך כאיש מגן | 11 |
इसी तरह तेरी ग़रीबी राहज़न की तरह, और तेरी तंगदस्ती हथियारबन्द आदमी की तरह आ पड़ेगी।
אדם בליעל איש און הולך עקשות פה | 12 |
ख़बीस — ओ — बदकार आदमी, टेढ़ी तिरछी ज़बान लिए फिरता है।
קרץ בעינו מלל ברגלו מרה באצבעתיו | 13 |
वह आँख मारता है, वह पाँव से बातें, और ऊँगलियों से इशारा करता है।
תהפכות בלבו--חרש רע בכל-עת מדנים (מדינים) ישלח | 14 |
उसके दिल में कजी है, वह बुराई के मन्सूबे बाँधता रहता है, वह फ़ितना अंगेज़ है।
על-כן--פתאם יבוא אידו פתע ישבר ואין מרפא | 15 |
इसलिए आफ़त उस पर अचानक आ पड़ेगी, वह एकदम तोड़ दिया जाएगा और कोई चारा न होगा।
שש-הנה שנא יהוה ושבע תועבות (תועבת) נפשו | 16 |
छ: चीजें हैं जिनसे ख़ुदावन्द को नफ़रत है, बल्कि सात हैं जिनसे उसे नफ़रत है:
עינים רמות לשון שקר וידים שפכות דם-נקי | 17 |
ऊँची आँखें, झूटी ज़बान, बेगुनाह का खू़न बहाने वाले हाथ,
לב--חרש מחשבות און רגלים ממהרות לרוץ לרעה | 18 |
बुरे मन्सूबे बाँधने वाला दिल, शरारत के लिए तेज़ रफ़्तार पाँव,
יפיח כזבים עד שקר ומשלח מדנים בין אחים | 19 |
झूटा गवाह जो दरोग़गोई करता है, और जो भाइयों में निफ़ाक़ डालता है।
נצר בני מצות אביך ואל-תטש תורת אמך | 20 |
ऐ मेरे बेटे, अपने बाप के फ़रमान को बजा ला, और अपनी माँ की ता'लीम को न छोड़।
קשרם על-לבך תמיד ענדם על-גרגרתך | 21 |
इनको अपने दिल पर बाँधे रख, और अपने गले का तौक़ बना ले।
בהתהלכך תנחה אתך-- בשכבך תשמר עליך והקיצות היא תשיחך | 22 |
यह चलते वक़्त तेरी रहबरी, और सोते वक़्त तेरी निगहबानी, और जागते वक़्त तुझ से बातें करेगी।
כי נר מצוה ותורה אור ודרך חיים תוכחות מוסר | 23 |
क्यूँकि फ़रमान चिराग़ है और ता'लीम नूर, और तरबियत की मलामत ज़िन्दगी की राह है,
לשמרך מאשת רע מחלקת לשון נכריה | 24 |
ताकि तुझ को बुरी 'औरत से बचाए, या'नी बेगाना 'औरत की ज़बान की चापलूसी से।
אל-תחמד יפיה בלבבך ואל-תקחך בעפעפיה | 25 |
तू अपने दिल में उसके हुस्न पर 'आशिक़ न हो, और वह तुझ को अपनी पलकों से शिकार न करे।
כי בעד-אשה זונה עד-ככר-לחם ואשת איש-- נפש יקרה תצוד | 26 |
क्यूँकि धोके की वजह से आदमी टुकड़े का मुहताज हो जाता है, और ज़ानिया क़ीमती जान का शिकार करती है।
היחתה איש אש בחיקו ובגדיו לא תשרפנה | 27 |
क्या मुम्किन है कि आदमी अपने सीने में आग रख्खे, और उसके कपड़े न जलें?
אם-יהלך איש על-הגחלים ורגליו לא תכוינה | 28 |
या कोई अंगारों पर चले, और उसके पाँव न झुलसें?
כן--הבא אל-אשת רעהו לא-ינקה כל-הנגע בה | 29 |
वह भी ऐसा है जो अपने पड़ोसी की बीवी के पास जाता है; जो कोई उसे छुए बे सज़ा न रहेगा।
לא-יבוזו לגנב כי יגנוב-- למלא נפשו כי ירעב | 30 |
चोर अगर भूक के मारे अपना पेट भरने को चोरी करे, तो लोग उसे हक़ीर नहीं जानते;
ונמצא ישלם שבעתים את-כל-הון ביתו יתן | 31 |
लेकिन अगर वह पकड़ा जाए तो सात गुना भरेगा, उसे अपने घर का सारा माल देना पड़ेगा।
נאף אשה חסר-לב משחית נפשו הוא יעשנה | 32 |
जो किसी 'औरत से ज़िना करता है वह बे'अक़्ल है; वही ऐसा करता है जो अपनी जान को हलाक करना चाहता है।
נגע-וקלון ימצא וחרפתו לא תמחה | 33 |
वह ज़ख़्म और ज़िल्लत उठाएगा, और उसकी रुस्वाई कभी न मिटेगी।
כי-קנאה חמת-גבר ולא-יחמול ביום נקם | 34 |
क्यूँकि गै़रत से आदमी ग़ज़बनाक होता है, और वह इन्तिक़ाम के दिन नहीं छोड़ेगा।
לא-ישא פני כל-כפר ולא-יאבה כי תרבה-שחד | 35 |
वह कोई फ़िदिया मंजूर नहीं करेगा, और चाहे तू बहुत से इन'आम भी दे तोभी वह राज़ी न होगा।