< מִשְׁלֵי 31 >

דברי למואל מלך-- משא אשר-יסרתו אמו 1
लमविएल बादशाह के पैग़ाम की बातें जो उसकी माँ ने उसको सिखाई:
מה-ברי ומה-בר-בטני ומה בר-נדרי 2
ऐ मेरे बेटे, ऐ मेरे रिहम के बेटे, तुझे, जिसे मैंने नज़्रे माँग कर पाया क्या कहूँ?
אל-תתן לנשים חילך ודרכיך למחות מלכין 3
अपनी क़ुव्वत 'औरतों को न दे, और अपनी राहें बादशाहों को बिगाड़ने वालियों की तरफ़ न निकाल।
אל למלכים למואל--אל למלכים שתו-יין ולרוזנים או (אי) שכר 4
बादशाहों को ऐ लमविएल, बादशाहों को मयख़्वारी ज़ेबा नहीं, और शराब की तलाश हाकिमों को शायान नहीं।
פן-ישתה וישכח מחקק וישנה דין כל-בני-עני 5
ऐसा न हो वह पीकर क़वानीन को भूल जाए, और किसी मज़लूम की हक़ तलफ़ी करें।
תנו-שכר לאובד ויין למרי נפש 6
शराब उसको पिलाओ जो मरने पर है, और मय उसको जो तल्ख़ जान है
ישתה וישכח רישו ועמלו לא יזכר-עוד 7
ताकि वह पिए और अपनी तंगदस्ती फ़रामोश करे, और अपनी तबाह हाली को फिर याद न करे
פתח-פיך לאלם אל-דין כל-בני חלוף 8
अपना मुँह गूँगे के लिए खोल उन सबकी वकालत को जो बेकस हैं।
פתח-פיך שפט-צדק ודין עני ואביון 9
अपना मुँह खोल, रास्ती से फ़ैसलाकर, और ग़रीबों और मुहताजों का इन्साफ़ कर।
אשת-חיל מי ימצא ורחק מפנינים מכרה 10
नेकोकार बीवी किसको मिलती है? क्यूँकि उसकी क़द्र मरजान से भी बहुत ज़्यादा है।
בטח בה לב בעלה ושלל לא יחסר 11
उसके शौहर के दिल को उस पर भरोसा है, और उसे मुनाफ़े' की कमी न होगी।
גמלתהו טוב ולא-רע-- כל ימי חייה 12
वह अपनी उम्र के तमाम दिनों में, उससे नेकी ही करेगी, बदी न करेगी।
דרשה צמר ופשתים ותעש בחפץ כפיה 13
वह ऊन और कतान ढूंडती है, और ख़ुशी के साथ अपने हाथों से काम करती है।
היתה כאניות סוחר ממרחק תביא לחמה 14
वह सौदागरों के जहाज़ों की तरह है, वह अपनी ख़ुराक दूर से ले आती है।
ותקם בעוד לילה--ותתן טרף לביתה וחק לנערתיה 15
वह रात ही को उठ बैठती है, और अपने घराने को खिलाती है, और अपनी लौंडियों को काम देती है।
זממה שדה ותקחהו מפרי כפיה נטע (נטעה) כרם 16
वह किसी खेत की बारे में सोचती हैऔर उसे ख़रीद लेती है; और अपने हाथों के नफ़े' से ताकिस्तान लगाती है।
חגרה בעוז מתניה ותאמץ זרועתיה 17
वह मज़बूती से अपनी कमर बाँधती है, और अपने बाज़ुओं को मज़बूत करती है।
טעמה כי-טוב סחרה לא-יכבה בליל (בלילה) נרה 18
वह अपनी सौदागरी को सूदमंद पाती है। रात को उसका चिराग़ नहीं बुझता।
ידיה שלחה בכישור וכפיה תמכו פלך 19
वह तकले पर अपने हाथ चलाती है, और उसके हाथ अटेरन पकड़ते हैं।
כפה פרשה לעני וידיה שלחה לאביון 20
वह ग़रीबों की तरफ़ अपना हाथ बढ़ाती है, हाँ, वह अपने हाथ मोहताजों की तरफ़ बढ़ाती है।
לא-תירא לביתה משלג כי כל-ביתה לבש שנים 21
वह अपने घराने के लिए बर्फ़ से नहीं डरती, क्यूँकि उसके ख़ान्दान में हर एक सुर्ख पोश है।
מרבדים עשתה-לה שש וארגמן לבושה 22
वह अपने लिए निगारीन बाला पोश बनाती है; उसकी पोशाक महीन कतानी और अर्गवानी है।
נודע בשערים בעלה בשבתו עם-זקני-ארץ 23
उसका शौहर फाटक में मशहूर है, जब वह मुल्क के बुज़ुगों के साथ बैठता है।
סדין עשתה ותמכר וחגור נתנה לכנעני 24
वह महीन कतानी कपड़े बनाकर बेचती है; और पटके सौदागरों के हवाले करती है।
עז-והדר לבושה ותשחק ליום אחרון 25
'इज़्ज़त और हुर्मत उसकी पोशाक हैं, और वह आइंदा दिनों पर हँसती है।
פיה פתחה בחכמה ותורת חסד על-לשונה 26
उसके मुँह से हिकमत की बातें निकलती हैं, उसकी ज़बान पर शफ़क़त की ता'लीम है।
צופיה הילכות (הליכות) ביתה ולחם עצלות לא תאכל 27
वह अपने घराने पर बख़ूबी निगाह रखती है, और काहिली की रोटी नहीं खाती।
קמו בניה ויאשרוה בעלה ויהללה 28
उसके बेटे उठते हैं और उसे मुबारक कहते हैं; उसका शौहर भी उसकी ता'रीफ़ करता है:
רבות בנות עשו חיל ואת עלית על-כלנה 29
“कि बहुतेरी बेटियों ने फ़ज़ीलत दिखाई है, लेकिन तू सब से आगे बढ़ गई।”
שקר החן והבל היפי אשה יראת-יהוה היא תתהלל 30
हुस्न, धोका और जमाल बेसबात है, लेकिन वह 'औरत जो ख़ुदावन्द से डरती है, सतुदा होगी।
תנו-לה מפרי ידיה ויהללוה בשערים מעשיה 31
उसकी मेहनत का बदला उसे दो, और उसके कामों से मजलिस में उसकी ता'रीफ़ हो।

< מִשְׁלֵי 31 >