< מִשְׁלֵי 23 >
כי-תשב ללחום את-מושל-- בין תבין את-אשר לפניך | 1 |
जब तू हाकिम के साथ खाने बैठे, तो खू़ब ग़ौर कर, कि तेरे सामने कौन है?
ושמת שכין בלעך-- אם-בעל נפש אתה | 2 |
अगर तू खाऊ है, तो अपने गले पर छुरी रख दे।
אל-תתאו למטעמותיו והוא לחם כזבים | 3 |
उसके मज़ेदार खानों की तमन्ना न कर, क्यूँकि वह दग़ा बाज़ी का खाना है।
אל-תיגע להעשיר מבינתך חדל | 4 |
मालदार होने के लिए परेशान न हो; अपनी इस 'अक़्लमन्दी से बाज़ आ।
התעוף (התעיף) עיניך בו ואיננו כי עשה יעשה-לו כנפים כנשר ועיף (יעוף) השמים | 5 |
क्या तू उस चीज़ पर आँख लगाएगा जो है ही नहीं? लेकिन लगा कर आसमान की तरफ़ उड़ जाती है?
אל-תלחם--את-לחם רע עין ואל-תתאו למטעמתיו | 6 |
तू तंग चश्म की रोटी न खा, और उसके मज़ेदार खानों की तमन्ना न कर;
כי כמו שער בנפשו-- כן-הוא אכול ושתה יאמר לך ולבו בל-עמך | 7 |
क्यूँकि जैसे उसके दिल के ख़याल हैं वह वैसा ही है। वह तुझ से कहता है खा और पी, लेकिन उसका दिल तेरी तरफ़ नहीं
פתך-אכלת תקיאנה ושחת דבריך הנעימים | 8 |
जो निवाला तूने खाया है तू उसे उगल देगा, और तेरी मीठी बातें बे मतलब होंगी
באזני כסיל אל-תדבר כי-יבוז לשכל מליך | 9 |
अपनी बातें बेवक़ूफ़ को न सुना, क्यूँकि वह तेरे 'अक़्लमंदी के कलाम की ना क़द्री करेगा।
אל-תסג גבול עולם ובשדי יתומים אל-תבא | 10 |
पुरानी हदों को न सरका, और यतीमों के खेतों में दख़ल न कर,
כי-גאלם חזק הוא-יריב את-ריבם אתך | 11 |
क्यूँकि उनका रिहाई बख़्शने वाला ज़बरदस्त है; वह खुद ही तेरे ख़िलाफ़ उनकी वक़ालत करेगा।
הביאה למוסר לבך ואזנך לאמרי-דעת | 12 |
तरबियत पर दिल लगा, और 'इल्म की बातें सुन।
אל-תמנע מנער מוסר כי-תכנו בשבט לא ימות | 13 |
लड़के से तादीब को दरेग़ न कर; अगर तू उसे छड़ी से मारेगा तो वह मर न जाएगा।
אתה בשבט תכנו ונפשו משאול תציל (Sheol ) | 14 |
तू उसे छड़ी से मारेगा, और उसकी जान को पाताल से बचाएगा। (Sheol )
בני אם-חכם לבך-- ישמח לבי גם-אני | 15 |
ऐ मेरे बेटे, अगर तू 'अक़्लमंद दिल है, तो मेरा दिल, हाँ मेरा दिल ख़ुश होगा।
ותעלזנה כליותי-- בדבר שפתיך מישרים | 16 |
और जब तेरे लबों से सच्ची बातें निकलेंगी, तो मेरा दिल शादमान होगा।
אל-יקנא לבך בחטאים כי אם-ביראת-יהוה כל-היום | 17 |
तेरा दिल गुनहगारों पर रश्क न करे, बल्कि तू दिन भर ख़ुदावन्द से डरता रह।
כי אם-יש אחרית ותקותך לא תכרת | 18 |
क्यूँकि बदला यक़ीनी है, और तेरी आस नहीं टूटेगी।
שמע-אתה בני וחכם ואשר בדרך לבך | 19 |
ऐ मेरे बेटे, तू सुन और 'अक़्लमंद बन, और अपने दिल की रहबरी कर।
אל-תהי בסבאי-יין-- בזללי בשר למו | 20 |
तू शराबियों में शामिल न हो, और न हरीस कबाबियों में,
כי-סבא וזולל יורש וקרעים תלביש נומה | 21 |
क्यूँकि शराबी और खाऊ कंगाल हो जाएँगे और नींद उनको चीथड़े पहनाएगी।
שמע לאביך זה ילדך ואל-תבוז כי-זקנה אמך | 22 |
अपने बाप का जिससे तू पैदा हुआ सुनने वाला हो, और अपनी माँ को उसके बुढ़ापे में हक़ीर न जान।
אמת קנה ואל-תמכר חכמה ומוסר ובינה | 23 |
सच्चाई की मोल ले और उसे बेच न डाल; हिकमत और तरबियत और समझ को भी।
גול (גיל) יגיל אבי צדיק יולד (ויולד) חכם וישמח- (ישמח-) בו | 24 |
सादिक़ का बाप निहायत ख़ुश होगा; और अक़्लमंद का बाप उससे शादमानी करेगा।
ישמח-אביך ואמך ותגל יולדתך | 25 |
अपने माँ बाप को ख़ुश कर, अपनी वालिदा को शादमान रख।
תנה-בני לבך לי ועיניך דרכי תרצנה (תצרנה) | 26 |
ऐ मेरे बेटे, अपना दिल मुझ को दे, और मेरी राहों से तेरी आँखें ख़ुश हों।
כי-שוחה עמקה זונה ובאר צרה נכריה | 27 |
क्यूँकि फ़ाहिशा गहरी ख़न्दक़ है, और बेगाना 'औरत तंग गढ़ा है।
אף-היא כחתף תארב ובוגדים באדם תוסף | 28 |
वह राहज़न की तरह घात में लगी है, और बनी आदम में बदकारों का शुमार बढ़ाती है।
למי אוי למי אבוי למי מדונים (מדינים) למי שיח-- למי פצעים חנם למי חכללות עינים | 29 |
कौन अफ़सोस करता है? कौन ग़मज़दा है? कौन झगड़ालू है? कौन शाकी है? कौन बे वजह घायल है? और किसकी आँखों में सुर्ख़ी है?
למאחרים על-היין-- לבאים לחקר ממסך | 30 |
वही जो देर तक मयनोशी करते हैं; वही जो मिलाई हुई मय की तलाश में रहते हैं।
אל-תרא יין כי יתאדם כי-יתן בכיס (בכוס) עינו יתהלך במישרים | 31 |
जब मय लाल लाल हो, जब उसका बर'अक्स जाम पर पड़े, और जब वह रवानी के साथ नीचे उतरे, तो उस पर नज़र न कर।
אחריתו כנחש ישך וכצפעני יפרש | 32 |
क्यूँकि अन्जाम कार वह साँप की तरह काटती, और अज़दहे की तरह डस जाती है।
עיניך יראו זרות ולבך ידבר תהפכות | 33 |
तेरी आँखें 'अजीब चीज़ें देखेंगी, और तेरे मुँह से उलटी सीधी बातें निकलेगी।
והיית כשכב בלב-ים וכשכב בראש חבל | 34 |
बल्कि तू उसकी तरह होगा जो समन्दर के बीच में लेट जाए, या उसकी तरह जो मस्तूल के सिरे पर सो रहे।
הכוני בל-חליתי-- הלמוני בל-ידעתי מתי אקיץ אוסיף אבקשנו עוד | 35 |
तू कहेगा उन्होंने तो मुझे मारा है, लेकिन मुझ को चोट नहीं लगी; उन्होंने मुझे पीटा है लेकिन मुझे मा'लूम भी नहीं हुआ। मैं कब बेदार हूँगा? मैं फिर उसका तालिब हूँगा।