< במדבר 23 >

ויאמר בלעם אל בלק בנה לי בזה שבעה מזבחת והכן לי בזה שבעה פרים ושבעה אילים 1
तब बिलआम ने बालाक से विनती की, “मेरे लिए यहां सात वेदियां बनवाइए, और वहां मेरे लिए सात बछड़े एवं सात मेढ़े तैयार रखिए.”
ויעש בלק כאשר דבר בלעם ויעל בלק ובלעם פר ואיל במזבח 2
बालाक ने यही किया. फिर बालाक एवं बिलआम ने मिलकर हर एक वेदी पर एक-एक बछड़ा एवं मेढ़ा भेंट किया.
ויאמר בלעם לבלק התיצב על עלתך ואלכה אולי יקרה יהוה לקראתי ודבר מה יראני והגדתי לך וילך שפי 3
फिर बिलआम ने बालाक से विनती की, “आप अपनी होमबलि के निकट ठहरे रहिए, मैं याहवेह के सामने जाऊंगा, हो सकता है कि याहवेह मुझसे भेंट करने आएं. वह मुझ पर, जो कुछ स्पष्ट करेंगे, मैं आप पर प्रकट कर दूंगा.” यह कहकर बिलआम एक सुनसान पहाड़ी पर चला गया.
ויקר אלהים אל בלעם ויאמר אליו את שבעת המזבחת ערכתי ואעל פר ואיל במזבח 4
यहां बिलआम ने परमेश्वर से बातें करनी शुरू की, “मैंने सात वेदियां बनवाई हैं, और मैंने हर एक पर एक-एक बछड़ा तथा मेढ़ा भेंट चढ़ाया है.”
וישם יהוה דבר בפי בלעם ויאמר שוב אל בלק וכה תדבר 5
याहवेह ने बिलआम को वह वचन सौंप दिया और उसे आज्ञा दी, “बालाक के पास जाओ तथा उससे यही कह देना.”
וישב אליו והנה נצב על עלתו--הוא וכל שרי מואב 6
फिर बिलआम बालाक के पास लौट गया. बालाक अपनी होमबलि के पास खड़ा हुआ था, उसके साथ मोआब के सारे प्रधान भी थे.
וישא משלו ויאמר מן ארם ינחני בלק מלך מואב מהררי קדם--לכה ארה לי יעקב ולכה זעמה ישראל 7
बिलआम ने अपना वचन शुरू किया, “अराम देश से बालाक मुझे यहां ले आया है, बालाक, जो पूर्वी पर्वतों में से मोआब का राजा है, उसका आदेश है, ‘मेरी ओर से याकोब को शाप दो; यहां आकर इस्राएल की बुराई करो.’
מה אקב לא קבה אל ומה אזעם לא זעם יהוה 8
मैं उन्हें शाप कैसे दे दूं, जिन्हें परमेश्वर ने शापित नहीं किया? मैं उनकी बुराई कैसे करूं, जिनकी बुराई याहवेह ने नहीं की है?
כי מראש צרים אראנו ומגבעות אשורנו הן עם לבדד ישכן ובגוים לא יתחשב 9
मैं यहां चट्टानों के शिखर से उन्हें देख रहा हूं, मैं यहां पहाड़ियों से उन्हें देख रहा हूं; ये वे लोग हैं, जो सबसे अलग हैं, ये अन्य देशों में मिलाए नहीं जा सकते.
מי מנה עפר יעקב ומספר את רבע ישראל תמת נפשי מות ישרים ותהי אחריתי כמהו 10
किसमें क्षमता है, याकोब के धूलि के कणों की गिनती करने की, या इस्राएल के एक चौथाई भाग की गिनती करने की भी? मेरी कामना यही है कि मैं धर्मी की मृत्यु को प्राप्‍त हो जाऊं. हां, ऐसा ही हो मेरा अंत!”
ויאמר בלק אל בלעם מה עשית לי לקב איבי לקחתיך והנה ברכת ברך 11
यह सुन बालाक ने बिलआम से कहा, “आपने मेरे साथ यह क्या कर डाला है? मैंने तो आपको यहां इसलिये आमंत्रित किया था, कि आप मेरे शत्रुओं को शाप दें, किंतु आपने तो वस्तुतः उन्हें आशीर्वाद दे दिया है!”
ויען ויאמר הלא את אשר ישים יהוה בפי--אתו אשמר לדבר 12
बिलआम ने उत्तर दिया, “क्या, ज़रूरी नहीं कि मैं वही कहूं, जो याहवेह ने मुझे बोलने के लिए सौंपा है?”
ויאמר אליו בלק לך נא אתי אל מקום אחר אשר תראנו משם--אפס קצהו תראה וכלו לא תראה וקבנו לי משם 13
फिर बालाक ने बिलआम से आग्रह किया, “कृपा कर आप इस दूसरी जगह पर आ जाइए, जहां से ये लोग आपको दिखाई दे सकें, हालांकि यहां से आप उनका पास वाला छोर ही देख सकेंगे, पूरे समूह को नहीं. आप उन्हें वहीं से शाप दे दीजिए.”
ויקחהו שדה צפים אל ראש הפסגה ויבן שבעה מזבחת ויעל פר ואיל במזבח 14
तब बालाक बिलआम को ज़ोफिम के मैदान में, पिसगाह की चोटी पर ले गया. वहां उसने सात वेदियां बनवाई और हर एक पर एक-एक बछड़ा तथा एक-एक मेढ़ा भेंट चढ़ाया.
ויאמר אל בלק התיצב כה על עלתך ואנכי אקרה כה 15
फिर वहां बिलआम ने बालाक से कहा, “आप यहीं होमबलि के निकट ठहरिए और मैं वहां आगे जाकर याहवेह से भेंट करूंगा.”
ויקר יהוה אל בלעם וישם דבר בפיו ויאמר שוב אל בלק וכה תדבר 16
वहां याहवेह ने बिलआम से भेंट की तथा उसके मुख में अपने शब्द भर दिए और याहवेह ने बिलआम को यह आज्ञा दी, “बालाक के पास लौटकर तुम यह कहोगे.”
ויבא אליו והנו נצב על עלתו ושרי מואב אתו ויאמר לו בלק מה דבר יהוה 17
बिलआम बालाक के पास लौट आया, जो इस समय होमबलि के निकट खड़ा हुआ था, तथा मोआब के प्रधान भी उसके पास खड़े हुए थे. बालाक ने उससे पूछा, “क्या कहा है याहवेह ने तुमसे?”
וישא משלו ויאמר קום בלק ושמע האזינה עדי בנו צפר 18
तब बिलआम ने उसे सौंपा गया वचन दोहरा दिया: “उठो, बालाक, सुन लो; ज़ीप्पोर के पुत्र, मेरी ओर ध्यान दो!
לא איש אל ויכזב ובן אדם ויתנחם ההוא אמר ולא יעשה ודבר ולא יקימנה 19
परमेश्वर मनुष्य तो हैं नहीं, कि झूठी बात करें, न ही वह मानव की संतान हैं, कि उन्हें अपना मन बदलना पड़े. क्या, यह संभव है कि उन्होंने कुछ कहा है? और उन्हें वह पूरा करना असंभव हो गया?
הנה ברך לקחתי וברך ולא אשיבנה 20
सुन लीजिए, मुझे तो आदेश मिला है इन्हें आशीर्वाद देने का; जब याहवेह ने आशीर्वाद दे दिया है, तो उसे पलटा नहीं जा सकता.
לא הביט און ביעקב ולא ראה עמל בישראל יהוה אלהיו עמו ותרועת מלך בו 21
“याहवेह ने याकोब में अनर्थ नहीं पाया, न उन्हें इस्राएल में विपत्ति दिखी है; याहवेह, जो उनके परमेश्वर हैं, उनके साथ हैं; उनके साथ राजा की ललकार रहती है.
אל מוציאם ממצרים--כתועפת ראם לו 22
परमेश्वर ही हैं, मिस्र से उन्हें निकालने वाले; उनमें जंगली सांड़ के समान ताकत है.
כי לא נחש ביעקב ולא קסם בישראל כעת יאמר ליעקב ולישראל מה פעל אל 23
कोई अपशकुन नहीं है याकोब के विरुद्ध, न ही इस्राएल के विरुद्ध कोई भावी घोषणा. सही अवसर पर याकोब के विषय में कहा जाएगा, इस्राएल के विषय में कहा जाएगा, ‘याहवेह ने कैसा महान कार्य किया है!’
הן עם כלביא יקום וכארי יתנשא לא ישכב עד יאכל טרף ודם חללים ישתה 24
देखो, सिंहनी के समान यह दल उभर रहा है, एक शेर के समान यह स्वयं को खड़ा कर रहा है; जब तक वह आहार को खा न ले, वह विश्राम न करेगा, हां, तब तक, जब तक वह मारे हुओं का लहू न पी ले.”
ויאמר בלק אל בלעם גם קב לא תקבנו גם ברך לא תברכנו 25
यह सुन बालाक ने बिलआम से कहा, “ऐसा करो, अब न तो शाप दो और न ही आशीर्वाद!”
ויען בלעם ויאמר אל בלק הלא דברתי אליך לאמר כל אשר ידבר יהוה אתו אעשה 26
किंतु बिलआम ने बालाक को उत्तर दिया, “क्या मैंने आपको बताया न था, जो कुछ याहवेह मुझसे कहेंगे, वही करना मेरे लिए ज़रूरी है?”
ויאמר בלק אל בלעם לכה נא אקחך אל מקום אחר אולי יישר בעיני האלהים וקבתו לי משם 27
तब बालाक ने बिलआम से विनती की, “कृपा कर आइए, मैं आपको एक दूसरी जगह पर ले चलूंगा. हो सकता है यह परमेश्वर को ठीक लगे और आप मेरी ओर से उन्हें शाप दे दें.”
ויקח בלק את בלעם ראש הפעור הנשקף על פני הישימן 28
फिर बालाक बिलआम को पेओर की चोटी पर ले गया, जहां से उजाड़ क्षेत्र दिखाई देता है.
ויאמר בלעם אל בלק בנה לי בזה שבעה מזבחת והכן לי בזה שבעה פרים ושבעה אילם 29
बिलआम ने बालाक को उत्तर दिया, “अब आप यहां मेरे लिए सात वेदियां बना दीजिए तथा मेरे लिए यहां सात बछड़े एवं सात मेढ़े तैयार कीजिए.”
ויעש בלק כאשר אמר בלעם ויעל פר ואיל במזבח 30
बालाक ने ठीक वैसा ही किया, जैसा बिलआम ने विनती की थी. उसने हर एक वेदी पर एक-एक मेढ़ा चढ़ाया.

< במדבר 23 >