< נחמיה 8 >

ויאספו כל העם כאיש אחד אל הרחוב אשר לפני שער המים ויאמרו לעזרא הספר--להביא את ספר תורת משה אשר צוה יהוה את ישראל 1
एक बड़ी भीड़ के रूप में पूरा इस्राएल उस चौक में इकट्ठा हो गया, जो जल फाटक के सामने है. उन्होंने व्यवस्था के ज्ञानी पुरोहित एज़्रा से विनती की थी, कि वह याहवेह द्वारा इस्राएल के लिए दी हुई मोशेह की व्यवस्था की पुस्तक अपने साथ लाएं.
ויביא עזרא הכהן את התורה לפני הקהל מאיש ועד אשה וכל מבין לשמע--ביום אחד לחדש השביעי 2
तब पुरोहित एज़्रा सातवें महीने के पहले दिन उन सभी स्त्री-पुरुषों की सभा के सामने वह व्यवस्था की पुस्तक लेकर आए, जो सुनकर समझ सकते थे.
ויקרא בו לפני הרחוב אשר לפני שער המים מן האור עד מחצית היום--נגד האנשים והנשים והמבינים ואזני כל העם אל ספר התורה 3
एज़्रा सुबह से लेकर दोपहर तक जल फाटक के सामने इकट्ठा भीड़ के सामने उन स्त्री-पुरुषों के लिए पढ़कर सुनाते रहे, जो सुनकर समझ सकते थे, ये सभी व्यवस्था की पुस्तक पर ध्यान लगाए थे.
ויעמד עזרא הספר על מגדל עץ אשר עשו לדבר ויעמד אצלו מתתיה ושמע ועניה ואוריה וחלקיה ומעשיה על ימינו ומשמאלו פדיה ומישאל ומלכיה וחשם וחשבדנה--זכריה משלם 4
एज़्रा एक लकड़ी की चौकी पर खड़े हुए थे, जो इसी मौके के लिए खास तौर पर बनाई गई थी. इस मौके पर उनके दाईं ओर मत्तीथियाह, शेमा, अनाइयाह, उरियाह, हिलकियाह और मआसेइयाह खड़े हुए थे और उनके बाईं ओर थे पेदाइयाह, मिषाएल, मालखियाह, हाषूम, हासबद्दानाह, ज़करयाह और मेशुल्लाम.
ויפתח עזרא הספר לעיני כל העם כי מעל כל העם היה וכפתחו עמדו כל העם 5
एज़्रा ने पूरी भीड़ के देखते इस पुस्तक को खोला, क्योंकि वह उस ऊंची चौकी पर खड़े हुए थे. जैसे ही उन्होंने पुस्तक खोली, पूरी भीड़ खड़ी हो गई.
ויברך עזרא את יהוה האלהים הגדול ויענו כל העם אמן אמן במעל ידיהם ויקדו וישתחוו ליהוה אפים ארצה 6
तब एज़्रा ने याहवेह, महान परमेश्वर की स्तुति की और भीड़ ने कहा: “आमेन, आमेन!” उन सभी लोगों ने अपने हाथ उठाए हुए थे, तब बड़े ही आदर के साथ भीड़ ने भूमि की ओर झुककर याहवेह की स्तुति की उनके मुंह ज़मीन पर ही लगे रहे.
וישוע ובני ושרביה ימין עקוב שבתי הודיה מעשיה קליטא עזריה יוזבד חנן פלאיה והלוים--מבינים את העם לתורה והעם על עמדם 7
जब सभी लोग अपनी-अपनी जगह पर ठहरे हुए थे, येशुआ, बानी, शेरेबियाह, यामिन, अक्कूब, शब्बेथाइ, होदियाह, मआसेइयाह, केलिता, अज़रियाह, योज़ाबाद, हानन, पेलाइयाह और लेवी लोगों को व्यवस्था की पुस्तक का मतलब साफ़-साफ़ समझाते जाते थे.
ויקראו בספר בתורת האלהים מפרש ושום שכל ויבינו במקרא 8
वे इस पुस्तक से पढ़ते जाते-परमेश्वर की व्यवस्था में से और वे उसका अनुवाद भी करते जाते थे कि सभी लोग पढ़े गए भाग को समझते भी जाएं.
ויאמר נחמיה הוא התרשתא ועזרא הכהן הספר והלוים המבינים את העם לכל העם היום קדש הוא ליהוה אלהיכם--אל תתאבלו ואל תבכו כי בוכים כל העם כשמעם את דברי התורה 9
तब नेहेमियाह ने, जो राज्यपाल थे, पुरोहित एज़्रा ने, जो व्यवस्था के ज्ञानी थे और लेवियों ने, जो सभी लोगों के शिक्षक थे, घोषणा की: “याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के सामने यह दिन पवित्र है; न तो शोकित होओ, और न ही रोओ,” क्योंकि व्यवस्था के वचन सुनकर सभी लोग रोने लगे थे.
ויאמר להם לכו אכלו משמנים ושתו ממתקים ושלחו מנות לאין נכון לו--כי קדוש היום לאדנינו ואל תעצבו כי חדות יהוה היא מעזכם 10
नेहेमियाह ने उन्हें आदेश दिया “जाइए, अच्छा-अच्छा भोजन कीजिए, मीठा-मीठा रस पीजिए और कुछ भाग उसे भी दे दीजिए, जिसके पास यह सब तैयार किया हुआ नहीं है; क्योंकि यह दिन हमारे याहवेह के सामने पवित्र है. दुःखी न रहिए; क्योंकि याहवेह के दिए हुए आनंद में ही आपका बल है.”
והלוים מחשים לכל העם לאמר הסו--כי היום קדש ואל תעצבו 11
इस प्रकार लेवियों ने सभी को यह कहकर साथ शांत किया, “आप शांत हो जाइए. आप दुःखी न हों; क्योंकि यह पवित्र दिन है.”
וילכו כל העם לאכל ולשתות ולשלח מנות ולעשות שמחה גדולה כי הבינו בדברים אשר הודיעו להם 12
तब सभी लोग खाने-पीने के लिए चले गए और उन्होंने उत्सव के लिए कुछ भाग दूसरों को भी दिए; क्योंकि यह एक खास उत्सव था. यह इसलिये कि उन्होंने पवित्र व्यवस्था-विधान का मतलब समझ लिया था.
וביום השני נאספו ראשי האבות לכל העם הכהנים והלוים אל עזרא הספר--ולהשכיל אל דברי התורה 13
इसके बाद दूसरे दिन सारी प्रजा के पितरों के प्रधान पुरोहित और लेवी व्यवस्था के ज्ञानी एज़्रा के सामने इकट्ठा हुए, कि यह मालूम कर सकें कि व्यवस्था के वचनों का मतलब क्या है.
וימצאו כתוב בתורה אשר צוה יהוה ביד משה אשר ישבו בני ישראל בסכות בחג בחדש השביעי 14
उनके विचार करने का विषय था मोशेह के द्वारा याहवेह की आज्ञा अनुसार सातवें महीने में झोपड़ियों के उत्सव के मौके पर इस्राएल वंशजों का रहन-सहन कैसा हो.
ואשר ישמיעו ויעבירו קול בכל עריהם ובירושלם לאמר--צאו ההר והביאו עלי זית ועלי עץ שמן ועלי הדס ועלי תמרים ועלי עץ עבת לעשת סכת ככתוב 15
इसलिये उन्होंने घोषणा करके येरूशलेम में और राज्य के सभी नगरों में यह घोषणा करवा दी, “पहाड़ों पर जाकर ज़ैतून, जंगली जैतून, मेहन्दी, खजूर और अन्य पत्तियों के पेड़ों की डालियां लाई जाएं कि इनका इस्तेमाल व्यवस्था में लिखी हुई विधि के अनुसार झोपड़ियां बनाने के लिए किया जा सके.”
ויצאו העם ויביאו ויעשו להם סכות איש על גגו ובחצרתיהם ובחצרות בית האלהים--וברחוב שער המים וברחוב שער אפרים 16
तब लोग बाहर गए, और डालियां लेकर आए और अपने-अपने लिए झोपड़ियां बना लीं; हर एक ने अपनी छत पर और अपने आंगन में और परमेश्वर के भवन के आंगन में, उस चौक में जो जल फाटक के सामने है और एफ्राईम फाटक के सामने के चौक पर.
ויעשו כל הקהל השבים מן השבי סכות וישבו בסכות--כי לא עשו מימי ישוע בן נון כן בני ישראל עד היום ההוא ותהי שמחה גדולה מאד 17
बंधुआई से लौटे हुओं की पूरी भीड़ ने झोपड़ियां बनाईं और उनमें रहे भी. बल्कि इस्राएल वंशजों ने नून के पुत्र यहोशू के शासनकाल से अब तक यह नहीं किया था. यह बहुत बड़ा आनंद का उत्सव हो गया.
ויקרא בספר תורת האלהים יום ביום--מן היום הראשון עד היום האחרון ויעשו חג שבעת ימים וביום השמיני עצרת כמשפט 18
एज़्रा हर रोज़, पहले दिन से आखिरी दिन तक परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में से सुनाया करते थे. आदेश के अनुसार आठवें दिन विशेष महासभा बुलाई गई.

< נחמיה 8 >