< מיכה 4 >
והיה באחרית הימים יהיה הר בית יהוה נכון בראש ההרים ונשא הוא מגבעות ונהרו עליו עמים | 1 |
लेकिन आख़िरी दिनों में यूँ होगा कि ख़ुदावन्द के घर का पहाड़ पहाड़ों की चोटियों पर क़ाईम किया जाएगा, और सब टीलों से बलंद होगा और उम्मतें वहाँ पहुँचेंगी।
והלכו גוים רבים ואמרו לכו ונעלה אל הר יהוה ואל בית אלהי יעקב ויורנו מדרכיו ונלכה בארחתיו כי מציון תצא תורה ודבר יהוה מירושלם | 2 |
और बहुत सी क़ौमें आएँगी, और कहेंगी, 'आओ, ख़ुदावन्द के पहाड़ पर चढ़ें, और या'क़ूब के ख़ुदा के घर में दाख़िल हों, और वह अपनी राहें हम को बताएगा और हम उसके रास्तों पर चलेंगे। क्यूँकि शरी'अत सिय्यून से, और ख़ुदावन्द का कलाम येरूशलेम से सादिर होगा।
ושפט בין עמים רבים והוכיח לגוים עצמים עד רחוק וכתתו חרבתיהם לאתים וחניתתיהם למזמרות--לא ישאו גוי אל גוי חרב ולא ילמדון עוד מלחמה | 3 |
और वह बहुत सी उम्मतों के बीच 'अदालत करेगा, और दूर की ताक़तवर क़ौमों को डाँटेगा; और वह अपनी तलवारों को तोड़ कर फालें, और अपने भालों को हँसुवे बना डालेंगे; और क़ौम — क़ौम पर तलवार न चलाएगी, और वह फिर कभी जंग करना न सीखेंगे।
וישבו איש תחת גפנו ותחת תאנתו--ואין מחריד כי פי יהוה צבאות דבר | 4 |
तब हर एक आदमी अपनी ताक और अपने अंजीर के दरख़्त के नीचे बैठेगा, और उनको कोई न डराएगा, क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़वाज ने अपने मुँह से ये फ़रमाया है।
כי כל העמים ילכו איש בשם אלהיו ואנחנו נלך בשם יהוה אלהינו--לעולם ועד | 5 |
क्यूँकि सब उम्मतें अपने — अपने मा'बूद के नाम से चलेंगी, लेकिन हम हमेशा से हमेशा तक ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के नाम से चलेंगे।
ביום ההוא נאם יהוה אספה הצלעה והנדחה אקבצה ואשר הרעתי | 6 |
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि मैं उस रोज़ लंगड़ों को जमा' करूँगा और जो हाँक दिए गए और जिनको मैंने दुख दिया, इकठ्ठा करूँगा;
ושמתי את הצלעה לשארית והנהלאה לגוי עצום ומלך יהוה עליהם בהר ציון מעתה ועד עולם | 7 |
और लंगड़ों को बक़िया, और जिलावतनों को ताक़तवर क़ौम बनाऊँगा; और ख़ुदावन्द कोह — ए — सिय्यून पर अब से हमेशा हमेश तक उन पर सल्तनत करेगा।
ואתה מגדל עדר עפל בת ציון--עדיך תאתה ובאה הממשלה הראשנה ממלכת לבת ירושלם | 8 |
ऐ गल्ले की दीदगाह, ऐ बिन्त — ए — सिय्यून की पहाड़ी, ये तेरे ही लिए है; क़दीम सल्तनत, या'नी दुख्तर — ए — येरूशलेम की बादशाही तुझे मिलेगी।
עתה למה תריעי רע המלך אין בך אם יועצך אבד--כי החזיקך חיל כיולדה | 9 |
अब तू क्यूँ चिल्लाती है, जैसे दर्द — ए — ज़िह में मुब्तिला है? क्या तुझ में कोई बादशाह नहीं? क्या तेरा सलाहकार हलाक हो गया?
חולי וגחי בת ציון כיולדה כי עתה תצאי מקריה ושכנת בשדה ובאת עד בבל שם תנצלי--שם יגאלך יהוה מכף איביך | 10 |
ऐ बिन्त — ए — सिय्यून, ज़च्चा की तरह तकलीफ़ उठा और पैदाइश के दर्द में मुब्तिला हो; क्यूँकि अब तू शहर से निकल कर मैदान में रहेगी और बाबुल तक जाएगी वहाँ तू रिहाई पायेगी। और वहीं ख़ुदावन्द तुझ को तेरे दुश्मनों के हाथ से छुड़ाएगा।
ועתה נאספו עליך גוים רבים--האמרים תחנף ותחז בציון עינינו | 11 |
अब बहुत सी क़ौमें तेरे ख़िलाफ़ जमा' हुई हैं और कहती हैं “सिय्यून नापाक हो और हमारी आँखें उसकी रुस्वाई देखें।”
והמה לא ידעו מחשבות יהוה ולא הבינו עצתו כי קבצם כעמיר גרנה | 12 |
लेकिन वह ख़ुदावन्द की तदबीर से आगाह नहीं, और उसकी मसलहत को नहीं समझतीं; क्यूँकि वह उनको खलीहान के पूलों की तरह जमा' करेगा।
קומי ודושי בת ציון כי קרנך אשים ברזל ופרסתיך אשים נחושה והדקות עמים רבים והחרמתי ליהוה בצעם וחילם לאדון כל הארץ | 13 |
ऐ बिन्त — ए — सिय्यून, उठ और पायमाल कर, क्यूँकि मैं तेरे सींग को लोहा और तेरे खुरों को पीतल बनाऊँगा, और तू बहुत सी उम्मतों को टुकड़े — टुकड़े करेगी; उनके ज़ख़ीरे ख़ुदावन्द को नज़्र करेगी और उनका माल रब्ब — उल — 'आलमीन के सामने लाएगी।