< ויקרא 27 >
फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
דבר אל בני ישראל ואמרת אלהם איש כי יפלא נדר--בערכך נפשת ליהוה | 2 |
“बनी — इस्राईल से कह, कि जब कोई शख़्स अपनी मिन्नत पूरी करने लगे, तो मिन्नत के आदमी तेरी क़ीमत ठहराने के मुताबिक़ ख़ुदावन्द के होंगे।
והיה ערכך הזכר מבן עשרים שנה ועד בן ששים שנה והיה ערכך חמשים שקל כסף--בשקל הקדש | 3 |
इसलिए बीस बरस की उम्र से लेकर साठ बरस की उम्र तक के मर्द के लिए तेरी ठहराई हुई क़ीमत हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से चाँदी की पचास मिस्क़ाल हों।
ואם נקבה הוא--והיה ערכך שלשים שקל | 4 |
और अगर वह 'औरत हो, तो तेरी ठहराई हुई क़ीमत तीस मिस्क़ाल हों।
ואם מבן חמש שנים ועד בן עשרים שנה--והיה ערכך הזכר עשרים שקלים ולנקבה עשרת שקלים | 5 |
और अगर पाँच बरस से लेकर बीस बरस तक की उम्र हो, तो तेरी ठहराई हुई क़ीमत मर्द के लिए बीस मिस्क़ाल और 'औरत के लिए दस मिस्क़ाल हों।
ואם מבן חדש ועד בן חמש שנים--והיה ערכך הזכר חמשה שקלים כסף ולנקבה ערכך שלשת שקלים כסף | 6 |
लेकिन अगर उम्र एक महीने से लेकर पाँच बरस तक की हो, तो लड़के के लिए चाँदी के पाँच मिस्क़ाल और लड़की के लिए चाँदी के तीन मिस्क़ाल ठहराई जाएँ।
ואם מבן ששים שנה ומעלה אם זכר--והיה ערכך חמשה עשר שקל ולנקבה עשרה שקלים | 7 |
और अगर साठ बरस से लेकर ऊपर ऊपर की उम्र हो, तो मर्द के लिए पन्द्रह मिस्क़ाल और 'औरत के लिए दस मिस्क़ाल मुक़र्रर हों।
ואם מך הוא מערכך--והעמידו לפני הכהן והעריך אתו הכהן על פי אשר תשיג יד הנדר--יעריכנו הכהן | 8 |
लेकिन अगर कोई तेरे अन्दाज़े की निस्बत कम मक़दूर रखता हो, तो वह काहिन के सामने हाज़िर किया जाए और काहिन उसकी क़ीमत ठहराए, या'नी जिस शख़्स ने मिन्नत मानी है उसकी जैसी हैसियत ही वैसी ही क़ीमत काहिन उसके लिए ठहराए।
ואם בהמה--אשר יקריבו ממנה קרבן ליהוה כל אשר יתן ממנו ליהוה יהיה קדש | 9 |
'और अगर वह मिन्नत किसी ऐसे जानवर की है जिसकी क़ुर्बानी लोग ख़ुदावन्द के सामने चढ़ाया करते हैं, तो जो जानवर कोई ख़ुदावन्द की नज़्र करे वह पाक ठहरेगा।
לא יחליפנו ולא ימיר אתו טוב ברע--או רע בטוב ואם המר ימיר בהמה בבהמה והיה הוא ותמורתו יהיה קדש | 10 |
वह उसे फिर किसी तरह न बदले, न तो अच्छे की बदले बुरा दे और न बुरे की बदले अच्छा दे; और अगर वह किसी हाल में एक जानवर के बदले दूसरा जानवर दे तो वह और उसका बदल दोनों पाक ठहरेंगे।
ואם כל בהמה טמאה אשר לא יקריבו ממנה קרבן ליהוה--והעמיד את הבהמה לפני הכהן | 11 |
और अगर वह कोई नापाक जानवर हो जिसकी क़ुर्बानी ख़ुदावन्द के सामने नहीं पेश करते, तो वह उसे काहिन के सामने खड़ा करे,
והעריך הכהן אתה בין טוב ובין רע כערכך הכהן כן יהיה | 12 |
और चाहे वह अच्छा हो या बुरा काहिन उसकी क़ीमत ठहराए और ऐ काहिन, जो कुछ तू उसका दाम ठहराएगा वही रहेगा।
ואם גאל יגאלנה--ויסף חמישתו על ערכך | 13 |
और अगर वह चाहे कि उसका फ़िदिया देकर उसे छुड़ाए, तो जो क़ीमत तूने ठहराई है उसमें उसका पाँचवा हिस्सा वह और मिला कर दे।
ואיש כי יקדש את ביתו קדש ליהוה--והעריכו הכהן בין טוב ובין רע כאשר יעריך אתו הכהן כן יקום | 14 |
'और अगर कोई अपने घर को पाक क़रार दे ताकि वह ख़ुदावन्द के लिए पाक हो, तो ख़्वाह वह अच्छा हो या बुरा काहिन उसकी क़ीमत ठहराए, और जो कुछ वह ठहराए वही उसकी क़ीमत रहेगी।
ואם המקדיש--יגאל את ביתו ויסף חמישית כסף ערכך עליו--והיה לו | 15 |
और जिसने उस घर को पाक क़रार दिया है अगर वह चाहे कि घर का फ़िदिया देकर उसे छुड़ाए, तो तेरी ठहराई हुई क़ीमत में उसका पाँचवाँ हिस्सा और मिला दे तब वह घर उसी का रहेगा।
ואם משדה אחזתו יקדיש איש ליהוה--והיה ערכך לפי זרעו זרע חמר שערים בחמשים שקל כסף | 16 |
और अगर कोई शख़्स अपने मौरूसी खेत का कोई हिस्सा ख़ुदावन्द के लिए पाक क़रार दे, तो तू क़ीमत का अन्दाज़ा करते यह देखना कि उसमें कितना बीज बोया जाएगा। जितनी ज़मीन में एक ख़ोमर के वज़न के बराबर जौ बो सकें उसकी क़ीमत चाँदी की पचास मिस्क़ाल हो।
אם משנת היבל יקדיש שדהו--כערכך יקום | 17 |
अगर कोई साल — ए — यूबली से अपना खेत पाक करार दे, तो उसकी क़ीमत जो तू ठहराए वही रहेगी।
ואם אחר היבל יקדיש שדהו--וחשב לו הכהן את הכסף על פי השנים הנותרת עד שנת היבל ונגרע מערכך | 18 |
लेकिन अगर वह साल — ए — यूबली के बाद अपने खेत को पाक क़रार दे, तो जितने बरस दूसरे साल — ए — यूबली के बाक़ी हों उन्ही के मुताबिक़ काहिन उसके लिए रुपये का हिसाब करे; और जितना हिसाब में आए उतना तेरी ठहराई हुई क़ीमत से कम किया जाए।
ואם גאל יגאל את השדה המקדיש אתו ויסף חמשית כסף ערכך עליו--וקם לו | 19 |
और अगर वह जिसने उस खेत को पाक करार दिया है यह चाहे कि उसका फ़िदिया देकर उसे छुड़ाए, वह तेरी ठहराई हुई क़ीमत का पाँचवाँ हिस्सा उसके साथ और मिला कर दे तो वह खेत उसी का रहेगा।
ואם לא יגאל את השדה ואם מכר את השדה לאיש אחר--לא יגאל עוד | 20 |
और अगर वह उस खेत का फ़िदिया देकर उसे न छुड़ाए या किसी दूसरे शख़्स के हाथ उसे बेच दे, तो फिर वह खेत कभी न छुड़ाया जाए;
והיה השדה בצאתו ביבל קדש ליהוה--כשדה החרם לכהן תהיה אחזתו | 21 |
बल्कि वह खेत जब साल — ए — यूबली में छूटे तो वक्फ़ किए हुए खेत की तरह वह ख़ुदावन्द के लिए पाक होगा, और काहिन की मिल्कियत ठहरेगा
ואם את שדה מקנתו אשר לא משדה אחזתו--יקדיש ליהוה | 22 |
और अगर कोई शख़्स किसी ख़रीदे हुए खेत को जो उसका मौरूसी नहीं, ख़ुदावन्द के लिए पाक क़रार दे,
וחשב לו הכהן את מכסת הערכך עד שנת היבל ונתן את הערכך ביום ההוא קדש ליהוה | 23 |
तो काहिन जितने बरस दूसरे साल — ए — यूबली के बाक़ी हों उनके मुताबिक़ तेरी ठहराई हुई क़ीमत का हिसाब उसके लिए करे, और वह उसी दिन तेरी ठहराई हुई क़ीमत को ख़ुदावन्द के लिए पाक जानकर दे दे।
בשנת היובל ישוב השדה לאשר קנהו מאתו--לאשר לו אחזת הארץ | 24 |
और साल — ए — यूबली में वह खेत उसी को वापस हो जाए जिससे वह ख़रीदा गया था और जिसकी वह मिल्कियत है।
וכל ערכך--יהיה בשקל הקדש עשרים גרה יהיה השקל | 25 |
और तेरे सारे क़ीमत के अन्दाज़े हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से हों; और एक मिस्क़ाल बीस जीरह का हो।
אך בכור אשר יבכר ליהוה בבהמה--לא יקדיש איש אתו אם שור אם שה ליהוה הוא | 26 |
लेकिन सिर्फ़ चौपायों के पहलौठों को जो पहलौठे होने की वजह से ख़ुदावन्द के ठहर चुके हैं, कोई शख़्स पाक क़रार न दे, चाहे वह बैल हो या भेड़ — बकरी वह तो ख़ुदावन्द ही का है।
ואם בבהמה הטמאה ופדה בערכך ויסף חמשתו עליו ואם לא יגאל ונמכר בערכך | 27 |
लेकिन अगर वह किसी नापाक जानवर का पहलौठा हो तो वह शख़्स तेरी ठहराई हुई क़ीमत का पाँचवा हिस्सा क़ीमत में और मिलाकर उसका फ़िदिया दे और उसे छुड़ाए; और अगर उसका फ़िदिया न दिया जाए तो वह तेरी ठहराई हुई क़ीमत पर बेचा जाए।
אך כל חרם אשר יחרם איש ליהוה מכל אשר לו מאדם ובהמה ומשדה אחזתו--לא ימכר ולא יגאל כל חרם קדש קדשים הוא ליהוה | 28 |
“तोभी कोई मख़्सूस की हुई चीज़ जिसे कोई शख़्स अपने सारे माल में से ख़ुदावन्द के लिए मख़्सूस करे, चाहे वह उसका आदमी या जानवर या मौरूसी ज़मीन ही बेची न जाए और न उसका फ़िदिया दिया जाए; हर एक मख़्सूस की हुई चीज़ ख़ुदावन्द के लिए बहुत पाक है।
כל חרם אשר יחרם מן האדם--לא יפדה מות יומת | 29 |
अगर आदमियों में से कोई मख़्सूस किया जाए तो उसका फ़िदिया न दिया जाए, वह ज़रूर जान से मारा जाए।
וכל מעשר הארץ מזרע הארץ מפרי העץ--ליהוה הוא קדש ליהוה | 30 |
और ज़मीन की पैदावार की सारी दहेकी चाहे वह ज़मीन के बीज की या दरख़्त के फल की हो, ख़ुदावन्द की है और ख़ुदावन्द के लिए पाक है।
ואם גאל יגאל איש ממעשרו--חמשיתו יסף עליו | 31 |
और अगर कोई अपनी दहेकी में से कुछ छुड़ाना चाहे, तो वह उसका पाँचवाँ हिस्सा उसमें और मिला कर उसे छुड़ाए।
וכל מעשר בקר וצאן כל אשר יעבר תחת השבט--העשירי יהיה קדש ליהוה | 32 |
और गाय, बैल और भेड़ बकरी, या जो जानवर चरवाहे की लाठी के नीचे से गुज़रता हो, उनकी दहेकी या'नी दस पीछे एक — एक जानवर ख़ुदावन्द के लिए पाक ठहरे।
לא יבקר בין טוב לרע ולא ימירנו ואם המר ימירנו והיה הוא ותמורתו יהיה קדש לא יגאל | 33 |
कोई उसकी देख भाल न करे कि वह अच्छा है या बुरा है और न उसे बदलें और अगर कहीं कोई उसे बदले तो वह असल और बदल दोनों के दोनों पाक ठहरे और उसका फ़िदिया भी न दिया जाए।
אלה המצות אשר צוה יהוה את משה--אל בני ישראל בהר סיני | 34 |
जो हुक्म ख़ुदावन्द ने कोह-ए-सीना पर बनी इस्राईल के लिए मूसा को दिए वह यही हैं।