< ויקרא 26 >
לא תעשו לכם אלילם ופסל ומצבה לא תקימו לכם ואבן משכית לא תתנו בארצכם להשתחות עליה כי אני יהוה אלהיכם | 1 |
१“तुम अपने लिये मूरतें न बनाना, और न कोई खुदी हुई मूर्ति या स्तम्भ अपने लिये खड़ा करना, और न अपने देश में दण्डवत् करने के लिये नक्काशीदार पत्थर स्थापित करना; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
את שבתתי תשמרו ומקדשי תיראו אני יהוה | 2 |
२तुम मेरे विश्रामदिनों का पालन करना और मेरे पवित्रस्थान का भय मानना; मैं यहोवा हूँ।
אם בחקתי תלכו ואת מצותי תשמרו ועשיתם אתם | 3 |
३“यदि तुम मेरी विधियों पर चलो और मेरी आज्ञाओं को मानकर उनका पालन करो,
ונתתי גשמיכם בעתם ונתנה הארץ יבולה ועץ השדה יתן פריו | 4 |
४तो मैं तुम्हारे लिये समय-समय पर मेंह बरसाऊँगा, तथा भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने-अपने फल दिया करेंगे;
והשיג לכם דיש את בציר ובציר ישיג את זרע ואכלתם לחמכם לשבע וישבתם לבטח בארצכם | 5 |
५यहाँ तक कि तुम दाख तोड़ने के समय भी दाँवनी करते रहोगे, और बोने के समय भी भर पेट दाख तोड़ते रहोगे, और तुम मनमानी रोटी खाया करोगे, और अपने देश में निश्चिन्त बसे रहोगे।
ונתתי שלום בארץ ושכבתם ואין מחריד והשבתי חיה רעה מן הארץ וחרב לא תעבר בארצכם | 6 |
६और मैं तुम्हारे देश में सुख चैन दूँगा, और तुम सोओगे और तुम्हारा कोई डरानेवाला न होगा; और मैं उस देश में खतरनाक जन्तुओं को न रहने दूँगा, और तलवार तुम्हारे देश में न चलेगी।
ורדפתם את איביכם ונפלו לפניכם לחרב | 7 |
७और तुम अपने शत्रुओं को मार भगा दोगे, और वे तुम्हारी तलवार से मारे जाएँगे।
ורדפו מכם חמשה מאה ומאה מכם רבבה ירדפו ונפלו איביכם לפניכם לחרב | 8 |
८तुम में से पाँच मनुष्य सौ को और सौ मनुष्य दस हजार को खदेड़ेंगे; और तुम्हारे शत्रु तलवार से तुम्हारे आगे-आगे मारे जाएँगे;
ופניתי אליכם--והפריתי אתכם והרביתי אתכם והקימתי את בריתי אתכם | 9 |
९और मैं तुम्हारी ओर कृपादृष्टि रखूँगा और तुम को फलवन्त करूँगा और बढ़ाऊँगा, और तुम्हारे संग अपनी वाचा को पूर्ण करूँगा।
ואכלתם ישן נושן וישן מפני חדש תוציאו | 10 |
१०और तुम रखे हुए पुराने अनाज को खाओगे, और नये के रहते भी पुराने को निकालोगे।
ונתתי משכני בתוככם ולא תגעל נפשי אתכם | 11 |
११और मैं तुम्हारे बीच अपना निवास-स्थान बनाए रखूँगा, और मेरा जी तुम से घृणा नहीं करेगा।
והתהלכתי בתוככם והייתי לכם לאלהים ואתם תהיו לי לעם | 12 |
१२और मैं तुम्हारे मध्य चला फिरा करूँगा, और तुम्हारा परमेश्वर बना रहूँगा, और तुम मेरी प्रजा बने रहोगे।
אני יהוה אלהיכם אשר הוצאתי אתכם מארץ מצרים מהית להם עבדים ואשבר מטת עלכם ואולך אתכם קוממיות | 13 |
१३मैं तो तुम्हारा वह परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुम को मिस्र देश से इसलिए निकाल ले आया कि तुम मिस्रियों के दास न बने रहो; और मैंने तुम्हारे जूए को तोड़ डाला है, और तुम को सीधा खड़ा करके चलाया है।
ואם לא תשמעו לי ולא תעשו את כל המצות האלה | 14 |
१४“यदि तुम मेरी न सुनोगे, और इन सब आज्ञाओं को न मानोगे,
ואם בחקתי תמאסו ואם את משפטי תגעל נפשכם לבלתי עשות את כל מצותי להפרכם את בריתי | 15 |
१५और मेरी विधियों को निकम्मा जानोगे, और तुम्हारी आत्मा मेरे निर्णयों से घृणा करे, और तुम मेरी सब आज्ञाओं का पालन न करोगे, वरन् मेरी वाचा को तोड़ोगे,
אף אני אעשה זאת לכם והפקדתי עליכם בהלה את השחפת ואת הקדחת מכלות עינים ומדיבת נפש וזרעתם לריק זרעכם ואכלהו איביכם | 16 |
१६तो मैं तुम से यह करूँगा; अर्थात् मैं तुम को बेचैन करूँगा, और क्षयरोग और ज्वर से पीड़ित करूँगा, और इनके कारण तुम्हारी आँखें धुंधली हो जाएँगी, और तुम्हारा मन अति उदास होगा। और तुम्हारा बीज बोना व्यर्थ होगा, क्योंकि तुम्हारे शत्रु उसकी उपज खा लेंगे;
ונתתי פני בכם ונגפתם לפני איביכם ורדו בכם שנאיכם ונסתם ואין רדף אתכם | 17 |
१७और मैं भी तुम्हारे विरुद्ध हो जाऊँगा, और तुम अपने शत्रुओं से हार जाओगे; और तुम्हारे बैरी तुम्हारे ऊपर अधिकार करेंगे, और जब कोई तुम को खदेड़ता भी न होगा तब भी तुम भागोगे।
ואם עד אלה--לא תשמעו לי ויספתי ליסרה אתכם שבע על חטאתיכם | 18 |
१८और यदि तुम इन बातों के उपरान्त भी मेरी न सुनो, तो मैं तुम्हारे पापों के कारण तुम्हें सातगुना ताड़ना और दूँगा,
ושברתי את גאון עזכם ונתתי את שמיכם כברזל ואת ארצכם כנחשה | 19 |
१९और मैं तुम्हारे बल का घमण्ड तोड़ डालूँगा, और तुम्हारे लिये आकाश को मानो लोहे का और भूमि को मानो पीतल की बना दूँगा;
ותם לריק כחכם ולא תתן ארצכם את יבולה ועץ הארץ לא יתן פריו | 20 |
२०और तुम्हारा बल अकारथ गँवाया जाएगा, क्योंकि तुम्हारी भूमि अपनी उपज न उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने फल न देंगे।
ואם תלכו עמי קרי ולא תאבו לשמע לי--ויספתי עליכם מכה שבע כחטאתיכם | 21 |
२१“यदि तुम मेरे विरुद्ध चलते ही रहो, और मेरा कहना न मानो, तो मैं तुम्हारे पापों के अनुसार तुम्हारे ऊपर और सात गुणा संकट डालूँगा।
והשלחתי בכם את חית השדה ושכלה אתכם והכריתה את בהמתכם והמעיטה אתכם ונשמו דרכיכם | 22 |
२२और मैं तुम्हारे बीच वन पशु भेजूँगा, जो तुम को निर्वंश करेंगे, और तुम्हारे घरेलू पशुओं को नाश कर डालेंगे, और तुम्हारी गिनती घटाएँगे, जिससे तुम्हारी सड़कें सूनी पड़ जाएँगी।
ואם באלה--לא תוסרו לי והלכתם עמי קרי | 23 |
२३“फिर यदि तुम इन बातों पर भी मेरी ताड़ना से न सुधरो, और मेरे विरुद्ध चलते ही रहो,
והלכתי אף אני עמכם בקרי והכיתי אתכם גם אני שבע על חטאתיכם | 24 |
२४तो मैं भी तुम्हारे विरुद्ध चलूँगा, और तुम्हारे पापों के कारण मैं आप ही तुम को सात गुणा मारूँगा।
והבאתי עליכם חרב נקמת נקם ברית ונאספתם אל עריכם ושלחתי דבר בתוככם ונתתם ביד אויב | 25 |
२५और मैं तुम पर एक ऐसी तलवार चलवाऊँगा, जो वाचा तोड़ने का पूरा-पूरा पलटा लेगी; और जब तुम अपने नगरों में जा जाकर इकट्ठे होंगे तब मैं तुम्हारे बीच मरी फैलाऊँगा, और तुम अपने शत्रुओं के वश में सौंप दिए जाओगे।
בשברי לכם מטה לחם ואפו עשר נשים לחמכם בתנור אחד והשיבו לחמכם במשקל ואכלתם ולא תשבעו | 26 |
२६जब मैं तुम्हारे लिये अन्न के आधार को दूर कर डालूँगा, तब दस स्त्रियाँ तुम्हारी रोटी एक ही तंदूर में पकाकर तौल-तौलकर बाँट देंगी; और तुम खाकर भी तृप्त न होंगे।
ואם בזאת--לא תשמעו לי והלכתם עמי בקרי | 27 |
२७“फिर यदि तुम इसके उपरान्त भी मेरी न सुनोगे, और मेरे विरुद्ध चलते ही रहोगे,
והלכתי עמכם בחמת קרי ויסרתי אתכם אף אני שבע על חטאתיכם | 28 |
२८तो मैं अपने न्याय में तुम्हारे विरुद्ध चलूँगा, और तुम्हारे पापों के कारण तुम को सातगुना ताड़ना और भी दूँगा।
ואכלתם בשר בניכם ובשר בנתיכם תאכלו | 29 |
२९और तुम को अपने बेटों और बेटियों का माँस खाना पड़ेगा।
והשמדתי את במתיכם והכרתי את חמניכם ונתתי את פגריכם על פגרי גלוליכם וגעלה נפשי אתכם | 30 |
३०और मैं तुम्हारे पूजा के ऊँचे स्थानों को ढा दूँगा, और तुम्हारे सूर्य की प्रतिमाएँ तोड़ डालूँगा, और तुम्हारी लोथों को तुम्हारी तोड़ी हुई मूरतों पर फेंक दूँगा; और मेरी आत्मा को तुम से घृणा हो जाएगी।
ונתתי את עריכם חרבה והשמותי את מקדשיכם ולא אריח בריח ניחחכם | 31 |
३१और मैं तुम्हारे नगरों को उजाड़ दूँगा, और तुम्हारे पवित्रस्थानों को उजाड़ दूँगा, और तुम्हारा सुखदायक सुगन्ध ग्रहण न करूँगा।
והשמתי אני את הארץ ושממו עליה איביכם הישבים בה | 32 |
३२और मैं तुम्हारे देश को सूना कर दूँगा, और तुम्हारे शत्रु जो उसमें रहते हैं वे इन बातों के कारण चकित होंगे।
ואתכם אזרה בגוים והריקתי אחריכם חרב והיתה ארצכם שממה ועריכם יהיו חרבה | 33 |
३३और मैं तुम को जाति-जाति के बीच तितर-बितर करूँगा, और तुम्हारे पीछे-पीछे तलवार खींचे रहूँगा; और तुम्हारा देश सुना हो जाएगा, और तुम्हारे नगर उजाड़ हो जाएँगे।
אז תרצה הארץ את שבתתיה כל ימי השמה ואתם בארץ איביכם אז תשבת הארץ והרצת את שבתתיה | 34 |
३४“तब जितने दिन वह देश सूना पड़ा रहेगा और तुम अपने शत्रुओं के देश में रहोगे उतने दिन वह अपने विश्रामकालों को मानता रहेगा। तब ही वह देश विश्राम पाएगा, अर्थात् अपने विश्रामकालों को मानता रहेगा।
כל ימי השמה תשבת את אשר לא שבתה בשבתתיכם בשבתכם עליה | 35 |
३५जितने दिन वह सूना पड़ा रहेगा उतने दिन उसको विश्राम रहेगा, अर्थात् जो विश्राम उसको तुम्हारे वहाँ बसे रहने के समय तुम्हारे विश्रामकालों में न मिला होगा वह उसको तब मिलेगा।
והנשארים בכם--והבאתי מרך בלבבם בארצת איביהם ורדף אתם קול עלה נדף ונסו מנסת חרב ונפלו ואין רדף | 36 |
३६और तुम में से जो बचा रहेंगे और अपने शत्रुओं के देश में होंगे उनके हृदय में मैं कायरता उपजाऊँगा; और वे पत्ते के खड़कने से भी भाग जाएँगे, और वे ऐसे भागेंगे जैसे कोई तलवार से भागे, और किसी के बिना पीछा किए भी वे गिर पड़ेंगे।
וכשלו איש באחיו כמפני חרב ורדף אין ולא תהיה לכם תקומה לפני איביכם | 37 |
३७जब कोई पीछा करनेवाला न हो तब भी मानो तलवार के भय से वे एक दूसरे से ठोकर खाकर गिरते जाएँगे, और तुम को अपने शत्रुओं के सामने ठहरने की कुछ शक्ति न होगी।
ואבדתם בגוים ואכלה אתכם ארץ איביכם | 38 |
३८तब तुम जाति-जाति के बीच पहुँचकर नाश हो जाओगे, और तुम्हारे शत्रुओं की भूमि तुम को खा जाएगी।
והנשארים בכם ימקו בעונם בארצת איביכם ואף בעונת אבתם אתם ימקו | 39 |
३९और तुम में से जो बचे रहेंगे वे अपने शत्रुओं के देशों में अपने अधर्म के कारण गल जाएँगे; और अपने पुरखाओं के अधर्म के कामों के कारण भी वे उन्हीं के समान गल जाएँगे।
והתודו את עונם ואת עון אבתם במעלם אשר מעלו בי ואף אשר הלכו עמי בקרי | 40 |
४०“पर यदि वे अपने और अपने पितरों के अधर्म को मान लेंगे, अर्थात् उस विश्वासघात को जो उन्होंने मेरे विरुद्ध किया, और यह भी मान लेंगे, कि हम यहोवा के विरुद्ध चले थे,
אף אני אלך עמם בקרי והבאתי אתם בארץ איביהם או אז יכנע לבבם הערל ואז ירצו את עונם | 41 |
४१इसी कारण वह हमारे विरुद्ध होकर हमें शत्रुओं के देश में ले आया है। यदि उस समय उनका खतनारहित हृदय दब जाएगा और वे उस समय अपने अधर्म के दण्ड को अंगीकार करेंगे;
וזכרתי את בריתי יעקוב ואף את בריתי יצחק ואף את בריתי אברהם אזכר--והארץ אזכר | 42 |
४२तब जो वाचा मैंने याकूब के संग बाँधी थी उसको मैं स्मरण करूँगा, और जो वाचा मैंने इसहाक से और जो वाचा मैंने अब्राहम से बाँधी थी उनको भी स्मरण करूँगा, और इस देश को भी मैं स्मरण करूँगा।
והארץ תעזב מהם ותרץ את שבתתיה בהשמה מהם והם ירצו את עונם יען וביען--במשפטי מאסו ואת חקתי געלה נפשם | 43 |
४३पर वह देश उनसे रहित होकर सूना पड़ा रहेगा, और उनके बिना सूना रहकर भी अपने विश्रामकालों को मानता रहेगा; और वे लोग अपने अधर्म के दण्ड को अंगीकार करेंगे, इसी कारण से कि उन्होंने मेरी आज्ञाओं का उल्लंघन किया था, और उनकी आत्माओं को मेरी विधियों से घृणा थी।
ואף גם זאת בהיותם בארץ איביהם לא מאסתים ולא געלתים לכלתם--להפר בריתי אתם כי אני יהוה אלהיהם | 44 |
४४इतने पर भी जब वे अपने शत्रुओं के देश में होंगे, तब मैं उनको इस प्रकार नहीं छोड़ूँगा, और न उनसे ऐसी घृणा करूँगा कि उनका सर्वनाश कर डालूँ और अपनी उस वाचा को तोड़ दूँ जो मैंने उनसे बाँधी है; क्योंकि मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ;
וזכרתי להם ברית ראשנים אשר הוצאתי אתם מארץ מצרים לעיני הגוים להיות להם לאלהים--אני יהוה | 45 |
४५परन्तु मैं उनकी भलाई के लिये उनके पितरों से बाँधी हुई वाचा को स्मरण करूँगा, जिन्हें मैं अन्यजातियों की आँखों के सामने मिस्र देश से निकालकर लाया कि मैं उनका परमेश्वर ठहरूँ; मैं यहोवा हूँ।”
אלה החקים והמשפטים והתורת אשר נתן יהוה בינו ובין בני ישראל--בהר סיני ביד משה | 46 |
४६जो-जो विधियाँ और नियम और व्यवस्था यहोवा ने अपनी ओर से इस्राएलियों के लिये सीनै पर्वत पर मूसा के द्वारा ठहराई थीं वे ये ही हैं।