< ויקרא 14 >

וידבר יהוה אל משה לאמר 1
याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया,
זאת תהיה תורת המצרע ביום טהרתו והובא אל הכהן 2
“किसी कोढ़ी के शुद्ध हो जाने की पुष्टि की विधि यह है: जब उसे पुरोहित के सामने लाया जाए,
ויצא הכהן אל מחוץ למחנה וראה הכהן והנה נרפא נגע הצרעת מן הצרוע 3
पुरोहित छावनी के बाहर जाकर इसकी जांच करे और यदि उस कोढ़ी की व्याधि स्वस्थ हो गयी है,
וצוה הכהן ולקח למטהר שתי צפרים חיות טהרות ועץ ארז ושני תולעת ואזב 4
तब पुरोहित उस व्यक्ति के लिए, जिसको शुद्ध किया जाना है, दो जीवित शुद्ध पक्षी, देवदार की लकड़ी, जूफ़ा और लाल डोरी लाने का आदेश दे.
וצוה הכהן ושחט את הצפור האחת--אל כלי חרש על מים חיים 5
फिर पुरोहित बहते हुए जल पर मिट्टी के एक पात्र में एक पक्षी को बलि करने का आदेश भी दे.
את הצפר החיה יקח אתה ואת עץ הארז ואת שני התולעת ואת האזב וטבל אותם ואת הצפר החיה בדם הצפר השחטה על המים החיים 6
इसके बाद वह उस जीवित पक्षी को देवदार की लकड़ी, लाल डोरी और जूफ़ा के साथ लेकर उन्हें, तथा उस जीवित पक्षी को उस पक्षी के लहू में डूबा दे, जिसे बहते हुए जल पर बलि किया गया था.
והזה על המטהר מן הצרעת--שבע פעמים וטהרו ושלח את הצפר החיה על פני השדה 7
पुरोहित इसे सात बार उस व्यक्ति पर छिड़क दे, जिसे कोढ़ से शुद्ध किया जा रहा है. फिर पुरोहित उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे और उस जीवित पक्षी को खुले मैदान में छोड़ दे.
וכבס המטהר את בגדיו וגלח את כל שערו ורחץ במים וטהר ואחר יבוא אל המחנה וישב מחוץ לאהלו שבעת ימים 8
“फिर वह व्यक्ति जिसे शुद्ध किया जा रहा है, अपने वस्त्रों को धो डाले, अपने सारे बाल मुंडवा ले और स्‍नान करके शुद्ध हो जाए. इसके बाद वह छावनी में तो प्रवेश कर सकता है किंतु सात दिन तक वह अपने घर से बाहर ही निवास करे.
והיה ביום השביעי יגלח את כל שערו את ראשו ואת זקנו ואת גבת עיניו ואת כל שערו יגלח וכבס את בגדיו ורחץ את בשרו במים--וטהר 9
सातवें दिन वह अपने सिर के बाल, दाढ़ी तथा भौंहें, और हां, अपने समस्त बाल मुंडवा ले; अपने वस्त्रों को धो डाले और स्‍नान कर स्वच्छ हो जाए.
וביום השמיני יקח שני כבשים תמימם וכבשה אחת בת שנתה תמימה ושלשה עשרנים סלת מנחה בלולה בשמן ולג אחד שמן 10
“आठवें दिन वह एक वर्षीय दो निर्दोष नर मेमने, एक वर्षीय निर्दोष मादा भेड़, अन्‍नबलि के लिए तेल मिला हुआ पांच किलो मैदा और एक तिहाई लीटर तेल ले;
והעמיד הכהן המטהר את האיש המטהר--ואתם לפני יהוה פתח אהל מועד 11
फिर जो पुरोहित उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर रहा है, वह मिलनवाले तंबू के प्रवेश स्थल पर उस व्यक्ति और इन वस्तुओं को याहवेह के सामने भेंट करे.
ולקח הכהן את הכבש האחד והקריב אתו לאשם--ואת לג השמן והניף אתם תנופה לפני יהוה 12
“फिर पुरोहित एक नर मेमने और एक तिहाई लीटर तेल को दोष बलि स्वरूप लेकर लहराने की बलि के रूप में याहवेह के सामने भेंट करे.
ושחט את הכבש במקום אשר ישחט את החטאת ואת העלה--במקום הקדש כי כחטאת האשם הוא לכהן--קדש קדשים הוא 13
इसके बाद पुरोहित उस नर मेमने का पवित्र स्थान के उस स्थान में वध करे, जहां पापबलि और होमबलि वध की जाती हैं; क्योंकि दोष बलि, पापबलि के समान पुरोहित का निर्धारित अंश है; यह परम पवित्र है.
ולקח הכהן מדם האשם ונתן הכהן על תנוך אזן המטהר הימנית ועל בהן ידו הימנית ועל בהן רגלו הימנית 14
पुरोहित उस दोष बलि के रक्त का कुछ भाग लेकर उसे उस व्यक्ति के दाएं कान के सिरे पर, दाएं हाथ के अंगूठे और दाएं पांव के अंगूठे पर लगा दे, जिसको शुद्ध किया जा रहा है.
ולקח הכהן מלג השמן ויצק על כף הכהן השמאלית 15
इसके बाद पुरोहित उस एक तिहाई तेल में से कुछ भाग लेकर उसे अपने बायीं हथेली पर उंडेल दे;
וטבל הכהן את אצבעו הימנית מן השמן אשר על כפו השמאלית והזה מן השמן באצבעו שבע פעמים לפני יהוה 16
फिर पुरोहित अपनी बायीं हथेली में रखे बचे हुए तेल में अपने दाएं हाथ की उंगली डुबाकर याहवेह के सामने उस तेल में से कुछ तेल को सात बार छिड़क दे.
ומיתר השמן אשר על כפו יתן הכהן על תנוך אזן המטהר הימנית ועל בהן ידו הימנית ועל בהן רגלו הימנית--על דם האשם 17
अब जो तेल उसकी हथेली में बचा रह गया है, पुरोहित शुद्ध होनेवाले व्यक्ति के दाएं कान के सिरे पर, दाएं हाथ के अंगूठे और दाएं पांव के अंगूठे पर लगा दे, जिन पर दोष बलि का रक्त लगा हुआ है;
והנותר בשמן אשר על כף הכהן יתן על ראש המטהר וכפר עליו הכהן לפני יהוה 18
जबकि पुरोहित की हथेली में रखे बचे हुए तेल को पुरोहित उस व्यक्ति के सिर पर भी लगा दे, जिसे शुद्ध किया जा रहा है. फिर पुरोहित उस व्यक्ति की ओर से याहवेह के सामने प्रायश्चित करे.
ועשה הכהן את החטאת וכפר על המטהר מטמאתו ואחר ישחט את העלה 19
“इसके बाद पुरोहित पापबलि भेंट करे, और उस व्यक्ति के लिए प्रायश्चित करे, जिसे उसकी अशुद्धता से परिशोधन किया जा रहा है. यह सब करने के बाद वह होमबलि पशु का वध कर दे.
והעלה הכהן את העלה ואת המנחה המזבחה וכפר עליו הכהן וטהר 20
पुरोहित उस होमबलि एवं अन्‍नबलि को वेदी पर भेंट कर दे. इस प्रकार पुरोहित उस व्यक्ति के लिए प्रायश्चित करे, और वह व्यक्ति शुद्ध हो जाएगा.
ואם דל הוא ואין ידו משגת--ולקח כבש אחד אשם לתנופה לכפר עליו ועשרון סלת אחד בלול בשמן למנחה--ולג שמן 21
“किंतु यदि वह व्यक्ति दरिद्र और लाने के लायक न हो, तो वह अपने लिए प्रायश्चित के लिए, हिलाने की बलि के रूप में भेंट दोष बलि के लिए एक नर मेमना और अन्‍नबलि के लिए तेल मिला हुआ डेढ़ किलो मैदा और एक तिहाई लीटर तेल,
ושתי תרים או שני בני יונה אשר תשיג ידו והיה אחד חטאת והאחד עלה 22
दो कबूतर अथवा दो कबूतर के बच्‍चे; एक पापबलि के लिए तथा एक होमबलि के लिए, इनमें से वह जो कुछ भी देने में समर्थ हो, ले लें.
והביא אתם ביום השמיני לטהרתו--אל הכהן אל פתח אהל מועד לפני יהוה 23
“आठवें दिन अपने शुद्ध होने के लिए वह इन्हें मिलनवाले तंबू के द्वार पर याहवेह के सामने पुरोहित के पास लेकर आए.
ולקח הכהן את כבש האשם ואת לג השמן והניף אתם הכהן תנופה לפני יהוה 24
पुरोहित दोष बलि के इस मेमने और एक तिहाई लीटर तेल को ले और याहवेह के सामने लहराने की बलि के रूप में भेंट करे.
ושחט את כבש האשם ולקח הכהן מדם האשם ונתן על תנוך אזן המטהר הימנית ועל בהן ידו הימנית ועל בהן רגלו הימנית 25
फिर पुरोहित दोष बलि के इस मेमने का वध करे; पुरोहित इस दोष बलि के लहू में से कुछ लहू को लेकर उस व्यक्ति के दाएं कान के सिरे पर, दाएं हाथ के अंगूठे और दाएं पांव के अंगूठे पर लगा दे, जिसको शुद्ध किया जाना है.
ומן השמן יצק הכהן על כף הכהן השמאלית 26
पुरोहित अपनी बायीं हथेली में कुछ तेल उण्डेले;
והזה הכהן באצבעו הימנית מן השמן אשר על כפו השמאלית--שבע פעמים לפני יהוה 27
और अपनी दाएं हाथ की उंगली से अपनी बायीं हथेली में रखे तेल में से कुछ तेल को सात बार याहवेह के सामने छिड़के.
ונתן הכהן מן השמן אשר על כפו על תנוך אזן המטהר הימנית ועל בהן ידו הימנית ועל בהן רגלו הימנית--על מקום דם האשם 28
अब पुरोहित जो तेल उसकी हथेली में बचा रह गया है, उससे कुछ तेल जिस व्यक्ति को शुद्ध किया जा रहा है उसके दाएं कान के सिरे पर लगाएगा, कुछ तेल व्यक्ति के दाएं हाथ के अंगूठे और उसके दाएं पैर के अंगूठे पर लगाएगा. दोष बलि के खून लगे स्थान पर ही पुरोहित तेल लगाएगा.
והנותר מן השמן אשר על כף הכהן יתן על ראש המטהר--לכפר עליו לפני יהוה 29
पुरोहित की हथेली में रखे बचे हुए तेल को पुरोहित उस व्यक्ति के सिर पर लगा दे, जिसको शुद्ध किया जा रहा है कि पुरोहित उस व्यक्ति की ओर से याहवेह के सामने प्रायश्चित करे.
ועשה את האחד מן התרים או מן בני היונה מאשר תשיג ידו 30
इसके बाद पुरोहित एक कबूतर अथवा एक युवा कबूतर, जो भी वह व्यक्ति देने में समर्थ हो, भेंट करे;
את אשר תשיג ידו את האחד חטאת ואת האחד עלה--על המנחה וכפר הכהן על המטהר לפני יהוה 31
अन्‍नबलि के साथ, पापबलि के लिए एक तथा होमबलि के लिए एक. फिर पुरोहित उस व्यक्ति की ओर से याहवेह के सामने प्रायश्चित करे, जिसको शुद्ध किया जाना है.
זאת תורת אשר בו נגע צרעת אשר לא תשיג ידו בטהרתו 32
“यह उस व्यक्ति के लिए एक विधि है, जिसमें कोढ़ रोग का संक्रमण है और जिसके अपने शुद्ध होने की आवश्यकताओं के लिए साधन सीमित हैं.”
וידבר יהוה אל משה ואל אהרן לאמר 33
फिर याहवेह ने मोशेह और अहरोन को यह आदेश दिया
כי תבאו אל ארץ כנען אשר אני נתן לכם לאחזה ונתתי נגע צרעת בבית ארץ אחזתכם 34
“जब तुम कनान देश में प्रवेश करो, जिसका अधिकारी मैंने तुम्हें बनाया है, तुम्हारे आधिपत्य देश के एक आवास में कोढ़ रोग की फफूंदी मैं लगा दूंगा,
ובא אשר לו הבית והגיד לכהן לאמר כנגע נראה לי בבית 35
तब वह गृहस्वामी पुरोहित के पास आकर यह सूचना देगा, ‘मुझे अपने घर में कोढ़ रोग के समान एक चिन्ह दिखाई दिया है.’
וצוה הכהן ופנו את הבית בטרם יבא הכהן לראות את הנגע ולא יטמא כל אשר בבית ואחר כן יבא הכהן לראות את הבית 36
इससे पहले कि पुरोहित उस घर में जाकर उस चिन्ह की जांच करे, वह यह आदेश दे कि वे उस घर को खाली कर दें, ऐसा न हो कि उस आवास में मौजूद सारी वस्तुएं अशुद्ध हो जाएं. उसके बाद पुरोहित उस आवास में प्रवेश कर उसकी जांच करे.
וראה את הנגע והנה הנגע בקירת הבית שקערורת ירקרקת או אדמדמת ומראיהן שפל מן הקיר 37
वह उस चिन्ह की जांच करे और यदि घर की दीवारों पर यह चिन्ह हरी अथवा लाल सतह से नीचे दबी हुई प्रतीत हो,
ויצא הכהן מן הבית אל פתח הבית והסגיר את הבית שבעת ימים 38
तो पुरोहित उस घर से बाहर निकलकर प्रवेश द्वार पर आकर उस घर को सात दिन के लिए उसे बंद कर दे.
ושב הכהן ביום השביעי וראה והנה פשה הנגע בקירת הבית 39
सातवें दिन पुरोहित उसको दोबारा जांचे. यदि वास्तव में वह चिन्ह घर की दीवारों में फैल गया है,
וצוה הכהן וחלצו את האבנים אשר בהן הנגע והשליכו אתהן אל מחוץ לעיר אל מקום טמא 40
तो पुरोहित उन्हें यह आदेश दे कि वे उन चिन्हयुक्त पत्थरों को निकालकर नगर से बाहर कूड़े के ढेर पर फेंक दें.
ואת הבית יקצע מבית סביב ושפכו את העפר אשר הקצו אל מחוץ לעיר אל מקום טמא 41
इसके बाद पुरोहित उस संपूर्ण घर को भीतर से खुरचवा दे और वे उस खुरचन को नगर के बाहर अशुद्ध स्थान पर फेंक दें.
ולקחו אבנים אחרות והביאו אל תחת האבנים ועפר אחר יקח וטח את הבית 42
फिर वे दूसरे पत्थर लेकर उन्हें निकाले गए पत्थरों के स्थान पर लगा दें और गारा लेकर उस आवास की पुनः लीपाई-पोताई कर दें.
ואם ישוב הנגע ופרח בבית אחר חלץ את האבנים ואחרי הקצות את הבית ואחרי הטוח 43
“किंतु यदि उसके द्वारा पत्थरों को निकालवाए जाने, घर को खुरचे जाने तथा पुनः पलस्तर लीपे पोते जाने के बाद उस घर में वह फफूंदी फूट पड़ती है,
ובא הכהן וראה והנה פשה הנגע בבית--צרעת ממארת הוא בבית טמא הוא 44
तो पुरोहित उसमें प्रवेश कर उसकी जांच करे. यदि उसे यह प्रतीत होता है कि वास्तव में वह चिन्ह आवास में फैल गया है, तो यह उस आवास में एक असाध्य रोग है; यह अशुद्ध है.
ונתץ את הבית את אבניו ואת עציו ואת כל עפר הבית והוציא אל מחוץ לעיר אל מקום טמא 45
इसलिये उस आवास को ढाह दिया जाए, वह उसके पत्थर, लकड़ी और संपूर्ण पलस्तर को नगर के बाहर अशुद्ध स्थान पर ले जाए.
והבא אל הבית כל ימי הסגיר אתו--יטמא עד הערב 46
“इसके अतिरिक्त, यदि कोई व्यक्ति उस समय में उस घर में प्रवेश कर ले, जिसे पुरोहित ने बंद कर दिया था, तो वह व्यक्ति शाम तक अशुद्ध रहेगा.
והשכב בבית יכבס את בגדיו והאכל בבית יכבס את בגדיו 47
इसी प्रकार जो कोई व्यक्ति उस घर में विश्राम करता है, या भोजन कर लेता है, वह भी अपने वस्त्रों को शुद्ध करे.
ואם בא יבא הכהן וראה והנה לא פשה הנגע בבית אחרי הטח את הבית--וטהר הכהן את הבית כי נרפא הנגע 48
“यदि इसके विपरीत, पुरोहित उस आवास में प्रवेश कर निरीक्षण करे, और यह पाए कि उस घर की पुनः पलस्तर करने के बाद वह फफूंदी वास्तव में नहीं फैली है, तो पुरोहित उस आवास को शुद्ध घोषित कर दे, क्योंकि यह रोग उसमें पुनः प्रकट नहीं हुआ है.
ולקח לחטא את הבית שתי צפרים ועץ ארז ושני תולעת ואזב 49
तब पुरोहित उस आवास को शुद्ध करने के लिए दो पक्षी, देवदार की लकड़ी, जूफ़ा और लाल डोरी लेकर,
ושחט את הצפר האחת אל כלי חרש על מים חיים 50
एक पक्षी को बहते हुए जल पर मिट्टी के एक पात्र में बलि करे.
ולקח את עץ הארז ואת האזב ואת שני התולעת ואת הצפר החיה וטבל אתם בדם הצפר השחוטה ובמים החיים והזה אל הבית שבע פעמים 51
इसके बाद वह उस जीवित पक्षी के साथ देवदार की लकड़ी, जूफ़ा और लाल डोरी को उस बलि किए हुए पक्षी के रक्त तथा बहते हुए जल में डुबाकर उस घर पर सात बार छिड़के.
וחטא את הבית--בדם הצפור ובמים החיים ובצפר החיה ובעץ הארז ובאזב--ובשני התולעת 52
इस प्रकार वह उस घर का शुद्धीकरण उस पक्षी के लहू तथा बहते हुए जल के साथ साथ देवदार की लकड़ी, जूफ़ा तथा लाल डोरी के साथ करे.
ושלח את הצפר החיה אל מחוץ לעיר--אל פני השדה וכפר על הבית וטהר 53
फिर वह उस जीवित पक्षी को नगर के बाहर खुले मैदान में छोड़ दे. इस प्रकार वह उस घर के लिए प्रायश्चित पूरा करे और वह आवास शुद्ध हो जाएगा.”
זאת התורה לכל נגע הצרעת ולנתק 54
किसी भी प्रकार के कोढ़ के रोग के लिए यही विधि है; सेहुंआ के लिए,
ולצרעת הבגד ולבית 55
कोढ़ से संक्रमित वस्त्र अथवा घर के लिए,
ולשאת ולספחת ולבהרת 56
सूजन के लिए, पपड़ी के लिए अथवा किसी भी प्रकार के चमकदार धब्बे के लिए;
להורת ביום הטמא וביום הטהר זאת תורת הצרעת 57
उन पर यह प्रकट हो जाए कि क्या अशुद्ध है अथवा क्या शुद्ध. कोढ़ रोग के लिए यही विधि है.

< ויקרא 14 >