< שופטים 21 >
ואיש ישראל נשבע במצפה לאמר איש ממנו לא יתן בתו לבנימן לאשה | 1 |
इस्राएल वंशजों ने मिज़पाह में यह संकल्प लिया था, “हममें से कोई भी अपनी पुत्री बिन्यामिन वंशज को विवाह में नहीं देगा.”
ויבא העם בית אל וישבו שם עד הערב לפני האלהים וישאו קולם ויבכו בכי גדול | 2 |
इसलिये प्रजा के लोग बेथेल जाकर शाम तक परमेश्वर के सामने बैठे रहे, और ऊंची आवाज में रोते रहे.
ויאמרו--למה יהוה אלהי ישראל היתה זאת בישראל להפקד היום מישראל שבט אחד | 3 |
वे इसी विषय पर विचार करते रहे थे, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, इस्राएल में क्यों ऐसी स्थिति आ गई, कि आज इस्राएल में से एक गोत्र मिट गया है?”
ויהי ממחרת וישכימו העם ויבנו שם מזבח ויעלו עלות ושלמים | 4 |
दूसरे दिन लोगों ने तड़के उठकर एक वेदी बनाई तथा उस पर होमबलि तथा मेल बलि भेंट की.
ויאמרו בני ישראל מי אשר לא עלה בקהל מכל שבטי ישראל אל יהוה כי השבועה הגדולה היתה לאשר לא עלה אל יהוה המצפה לאמר--מות יומת | 5 |
इस्राएल वंशजों ने यह पूछताछ की, “इस्राएल के सारे गोत्रों में से ऐसा कौन है, जो इस सभा में याहवेह के सामने नहीं आया है?” क्योंकि उन्होंने बड़ी गंभीरता पूर्वक यह शपथ ली थी, “जो कोई मिज़पाह में याहवेह के सामने उपस्थित न होगा, उसे निश्चित ही प्राण-दंड दिया जाएगा.”
וינחמו בני ישראל אל בנימן אחיו ויאמרו נגדע היום שבט אחד מישראל | 6 |
इस्राएल वंशज अपने बंधु बिन्यामिन वंशजों के लिए खेदित होकर यही विचार कर रहे थे, “आज इस्राएल में से एक गोत्र मिटा दिया गया है.
מה נעשה להם לנותרים לנשים ואנחנו נשבענו ביהוה לבלתי תת להם מבנותינו לנשים | 7 |
अब वे, जो बाकी रह गए हैं, उनकी पत्नियों के लिए हम क्या करें, क्योंकि हमने याहवेह के सामने यह शपथ ले रखी है, कि हममें से कोई भी विवाह के लिए उन्हें अपनी पुत्रियां नहीं देगा?”
ויאמרו--מי אחד משבטי ישראל אשר לא עלה אל יהוה המצפה והנה לא בא איש אל המחנה מיביש גלעד--אל הקהל | 8 |
जब वे पूछताछ कर रहे थे, “इस्राएल के गोत्रों में वह कौन है, जो मिज़पाह में याहवेह के सामने उपस्थित नहीं हुआ है?” यह पाया गया कि याबेश-गिलआद से इस सभा के लिए शिविर में कोई भी उपस्थित न हुआ था.
ויתפקד העם והנה אין שם איש מיושבי יבש גלעד | 9 |
क्योंकि जब गिनती की गई, यह मालूम हुआ कि याबेश-गिलआद का एक भी निवासी वहां न था.
וישלחו שם העדה שנים עשר אלף איש--מבני החיל ויצוו אותם לאמר לכו והכיתם את יושבי יבש גלעד לפי חרב והנשים והטף | 10 |
इसलिये इस सभा के द्वारा बारह हज़ार वीर योद्धाओं के दल को वहां भेजा गया. उनके लिए आदेश था, “जाओ, और याबेश-गिलआदवासियों को स्त्रियों और बालकों सहित तलवार से मार डालो.
וזה הדבר אשר תעשו כל זכר וכל אשה ידעת משכב זכר--תחרימו | 11 |
तुम्हें करना यह होगा: तुम्हें हर एक पुरुष को मार गिराना है और हर एक उस स्त्री को भी, जो पुरुष से संबंध बना चुकी है.”
וימצאו מיושבי יביש גלעד ארבע מאות נערה בתולה אשר לא ידעה איש למשכב זכר ויבאו אותם אל המחנה שלה אשר בארץ כנען | 12 |
उन्हें याबेश-गिलआद निवासियों में चार सौ ऐसी कुंवारी कन्याएं मिलीं जिनका किसी पुरुष से संबंध नहीं हुआ था. इन्हें वे शीलो की छावनी में ले आए, यह कनान देश में था.
וישלחו כל העדה וידברו אל בני בנימן אשר בסלע רמון ויקראו להם שלום | 13 |
तब सारी सभा ने उन बिन्यामिन वंशजों को, जो रिम्मोन चट्टान के क्षेत्र में आसरा लिए हुए थे, संदेश भेजा और उनके साथ शांति की घोषणा की.
וישב בנימן בעת ההיא ויתנו להם הנשים אשר חיו מנשי יבש גלעד ולא מצאו להם כן | 14 |
तब बिन्यामिन के वे वंशज लौट आए और उन्हें वे कन्याएं दे दी गईं, जिन्हें याबेश-गिलआद में सुरक्षित रखा गया था. फिर भी कन्याओं की संख्या उनके लिए पूरी न थी.
והעם נחם לבנימן כי עשה יהוה פרץ בשבטי ישראל | 15 |
ये सभी बिन्यामिन गोत्र की स्थिति के लिए दुःखी थे, क्योंकि याहवेह ने इस्राएल के गोत्रों के बीच फूट पैदा कर दी थी.
ויאמרו זקני העדה מה נעשה לנותרים לנשים כי נשמדה מבנימן אשה | 16 |
तब सभा के प्रमुखों ने विचार-विमर्श किया, “बचे हुए पुरुषों के लिए पत्नियों का प्रबंध करने के लिए अब क्या किया जाए, क्योंकि बिन्यामिन प्रदेश से स्त्रियों को मारा जा चुका है?”
ויאמרו ירשת פליטה לבנימן ולא ימחה שבט מישראל | 17 |
उन्होंने विचार किया, “बिन्यामिन के बचे हुओं के लिए उत्तराधिकार का होना ज़रूरी है, कि इस्राएल का एक गोत्र मिट न जाए.
ואנחנו לא נוכל לתת להם נשים--מבנותינו כי נשבעו בני ישראל לאמר ארור נתן אשה לבנימן | 18 |
यह तो संभव नहीं है कि हम उन्हें विवाह में अपनी पुत्रियां दे दें. क्योंकि इस्राएल वंशजों ने यह शपथ ली थी, ‘शापित होगा वह, जो बिन्यामिन वंशजों को विवाह में अपनी पुत्री देगा.’
ויאמרו הנה חג יהוה בשלו מימים ימימה אשר מצפונה לבית אל מזרחה השמש למסלה העלה מבית אל שכמה--ומנגב ללבונה | 19 |
इसलिये उन्होंने विचार किया, शीलो में, जो बेथेल के उत्तर में, याहवेह का सालाना उत्सव होनेवाला है. यह बेथेल से शेकेम जाते हुए राजमार्ग के पूर्वी ओर लेबोनाह के दक्षिण में है.”
ויצו (ויצוו) את בני בנימן לאמר לכו וארבתם בכרמים | 20 |
उन्होंने बिन्यामिन वंशजों को आदेश दिया, “जाकर अंगूर के बगीचों में छिप जाओ.
וראיתם והנה אם יצאו בנות שילו לחול במחלות ויצאתם מן הכרמים וחטפתם לכם איש אשתו מבנות שילו והלכתם ארץ בנימן | 21 |
इंतजार करते रहना. यह देखना कि जैसे ही शीलो की युवतियां नृत्य में शामिल होने आएं, तुम अंगूर के बगीचों से बाहर निकल आना, और तुममें से हर एक शीलो की इन नवयुवतियों में से अपनी पत्नी बनाने के लिए एक नवयुवती उठा लेना. फिर बिन्यामिन की भूमि पर लौट जाना.
והיה כי יבאו אבותם או אחיהם לרוב (לריב) אלינו ואמרנו אליהם חנונו אותם--כי לא לקחנו איש אשתו במלחמה כי לא אתם נתתם להם כעת תאשמו | 22 |
फलस्वरूप उनके पिता और भाई हमारे पास शिकायत लेकर आएंगे. तब हम उन्हें उत्तर देंगे, ‘अब अपनी इच्छा से ही अपनी पुत्रियां उन्हीं के पास रहने दीजिए. युद्ध के समय हमने बिन्यामिन वंशजों के लिए कन्याएं नहीं छोड़ी, और न ही आपने अपनी पुत्रियां उन्हें दी, नहीं तो आप दोषी हो जाते.’”
ויעשו כן בני בנימן וישאו נשים למספרם מן המחללות אשר גזלו וילכו וישובו אל נחלתם ויבנו את הערים וישבו בהם | 23 |
बिन्यामिन वंशजों ने ऐसा ही किया. उन्होंने अपनी गिनती के अनुसार नृत्य करती युवतियों में से युवतियां उठा लीं और अपने साथ उन्हें ले गए. वे अपने तय किए गए विरासत में लौट गए. उन्होंने नगरों को दोबारा बनाया और वे उनमें बस गए.
ויתהלכו משם בני ישראל בעת ההיא איש לשבטו ולמשפחתו ויצאו משם איש לנחלתו | 24 |
इस समय शेष इस्राएल वंशज वहां से चले गए, हर एक अपने-अपने कुल और परिवार को, हर एक अपनी-अपनी मीरास को.
בימים ההם אין מלך בישראל איש הישר בעיניו יעשה | 25 |
उन दिनों इस्राएल देश में राजा नहीं होता था. हर एक व्यक्ति वही करता था, जो उसे सही लगता था.