< יהושע 2 >
וישלח יהושע בן נון מן השטים שנים אנשים מרגלים חרש לאמר לכו ראו את הארץ ואת יריחו וילכו ויבאו בית אשה זונה ושמה רחב--וישכבו שמה | 1 |
तब नून के बेटे यशू'अ ने शित्तीम से दो आदमियों को चुपके से जासूस के तौर पर भेजा और उन से कहा, कि जा कर उस मुल्क को और यरीहू को देखो भालो। चुनाँचे वह रवाना हुए और एक कस्बी के घर में जिसका नाम राहब था आए और वहीं सोए।
ויאמר למלך יריחו לאמר הנה אנשים באו הנה הלילה מבני ישראל--לחפר את הארץ | 2 |
और यरीहू के बादशाह को ख़बर मिली कि देख आज की रात बनी इस्राईल में से कुछ आदमी इस मुल्क की जासूसी करने को यहाँ आए हैं।
וישלח מלך יריחו אל רחב לאמר הוציאי האנשים הבאים אליך אשר באו לביתך--כי לחפר את כל הארץ באו | 3 |
और यरीहू के बादशाह ने राहब को कहला भेजा कि उन लोगों को जो तेरे पास आये और तेरे घर में दाख़िल हुए हैं निकाल ला इस लिए कि वह इस सारे मुल्क की जासूसी करने को आए हैं।
ותקח האשה את שני האנשים ותצפנו ותאמר כן באו אלי האנשים ולא ידעתי מאין המה | 4 |
तब उस 'औरत ने उन दोनों आदमियों को लेकर और उनको छिपा कर यूँ कह दिया कि वह आदमी मेरे पास आए तो थे लेकिन मुझे मा'लूम न हुआ कि वह कहाँ के थे।
ויהי השער לסגור בחשך והאנשים יצאו--לא ידעתי אנה הלכו האנשים רדפו מהר אחריהם כי תשיגום | 5 |
और फाटक बंद होने के वक़्त के क़रीब जब अँधेरा हो गया, वह आदमी चल दिए और मैं नहीं जानती हूँ कि वह कहाँ गये। इसलिए जल्द उनका पीछा करो क्यूँकि तुम ज़रूर उनको पा लोगे।
והיא העלתם הגגה ותטמנם בפשתי העץ הערכות לה על הגג | 6 |
लेकिन उसने उनको अपनी छत पर चढ़ा कर सन की लकड़ियों के नीचे जो छत पर तरतीब से धरी थीं छिपा दिया था।
והאנשים רדפו אחריהם דרך הירדן על המעברות והשער סגרו--אחרי כאשר יצאו הרדפים אחריהם | 7 |
और यह लोग यरदन के रास्ते पर पाँव के निशानों तक उनके पीछे गये और जूँही उनका पीछा करने वाले फाटक से निकले उन्होंने फाटक बंद कर लिया।
והמה טרם ישכבון והיא עלתה עליהם על הגג | 8 |
तब राहब छत पर उन आदमियों के लेट जाने से पहले उन के पास गई
ותאמר אל האנשים--ידעתי כי נתן יהוה לכם את הארץ וכי נפלה אימתכם עלינו וכי נמגו כל ישבי הארץ מפניכם | 9 |
और उन से यूँ कहने लगी कि मुझे यक़ीन है कि ख़ुदावन्द ने यह मुल्क तुमको दिया है और तुम्हारा रौ'ब हम लोगों पर छा गया है और इस मुल्क के सब बाशिन्दे तुम्हारे आगे डरे जा रहे हैं।
כי שמענו את אשר הוביש יהוה את מי ים סוף מפניכם בצאתכם ממצרים ואשר עשיתם לשני מלכי האמרי אשר בעבר הירדן לסיחן ולעוג--אשר החרמתם אותם | 10 |
क्यँकि हम ने सुन लिया है कि जब तुम मिस्र से निकले तो ख़ुदावन्द ने तुम्हारे आगे बहर — ए — कु़लजु़म के पानी को सुखा दिया, और तुम ने अमूरियों के दोनों बादशाहों सीहोन और 'ओज़ से जो यरदन के उस पार थे और जिनको तुमने बिल्कुल हलाक कर डाला क्या क्या किया।
ונשמע וימס לבבנו ולא קמה עוד רוח באיש מפניכם כי יהוה אלהיכם--הוא אלהים בשמים ממעל ועל הארץ מתחת | 11 |
यह सब कुछ सुनते ही हमारे दिल पिघल गये और तुम्हारी वजह से फिर किसी शख़्स में जान बाक़ी न रही क्यँकि खु़दावन्द तुम्हारा ख़ुदा ही ऊपर आसमान का और नीचे ज़मीन का ख़ुदा है।
ועתה השבעו נא לי ביהוה כי עשיתי עמכם חסד ועשיתם גם אתם עם בית אבי חסד ונתתם לי אות אמת | 12 |
इसलिए अब मैं तुम्हारी मिन्नत करती हूँ कि मुझ से ख़ुदावन्द की क़सम खाओ कि चूँकि मैंने तुम पर मेहरबानी की है तुम भी मेरे बाप के घराने पर मेहरबानी करोगे और मुझे कोई सच्चा निशान दो;
והחיתם את אבי ואת אמי ואת אחי ואת אחותי (אחיותי) ואת כל אשר להם והצלתם את נפשתינו ממות | 13 |
कि तुम मेरे बाप और माँ और भाइयों और बहनों को और जो कुछ उनका है सबको सलामत बचा लोगे और हमारी जानों को मौत से महफ़ूज़ रखोगे।
ויאמרו לה האנשים נפשנו תחתיכם למות אם לא תגידו את דברנו זה והיה בתת יהוה לנו את הארץ ועשינו עמך חסד ואמת | 14 |
उन आदमियों ने उस से कहा कि हमारी जान तुम्हारी जान की ज़िम्मेदार होगी बशर्ते कि तुम हमारे इस काम का ज़िक्र न कर दो और ऐसा होगा कि जब ख़ुदावन्द इस मुल्क को हमारे क़ब्ज़े में कर देगा तो हम तेरे साथ मेहरबानी और वफ़ादारी से पेश आयेंगे।
ותורדם בחבל בעד החלון כי ביתה בקיר החומה ובחומה היא יושבת | 15 |
तब उस 'औरत ने उनको खिड़की के रास्ते रस्सी से नीचे उतार दिया क्यूँकि उस का घर शहर की दीवार पर बना था और वह दीवार पर रहती थी।
ותאמר להם ההרה לכו פן יפגעו בכם הרדפים ונחבתם שמה שלשת ימים עד שוב הרדפים ואחר תלכו לדרככם | 16 |
और उस ने उस से कहा कि पहाड़ को चल दो ऐसा न हो कि पीछा करने वाले तुम को मिल जायें; और तीन दिन तक वहीं छिपे रहना जब तक पीछा करने वाले लौट न आयें, इस के बाद अपना रास्ता लेना।
ויאמרו אליה האנשים נקים אנחנו משבעתך הזה אשר השבעתנו | 17 |
तब उन आदमियों ने उस से कहा कि हम तो उस क़सम की तरफ़ से जो तूने हम को खिलाई है बे इलज़ाम रहेंगे।
הנה אנחנו באים בארץ את תקות חוט השני הזה תקשרי בחלון אשר הורדתנו בו ואת אביך ואת אמך ואת אחיך ואת כל בית אביך תאספי אליך הביתה | 18 |
इसलिए देख! जब हम इस मुल्क में आंएँ तो तू सुर्ख़ रंग के सूत की इस डोरी को उस खिड़की में जिससे तूने हम को नीचे उतारा है बांध देना; और अपने बाप और माँ और भाईयों बल्कि अपने बाप के सारे घराने को अपने पास घर में जमा' कर रखना।
והיה כל אשר יצא מדלתי ביתך החוצה דמו בראשו--ואנחנו נקים וכל אשר יהיה אתך בבית--דמו בראשנו אם יד תהיה בו | 19 |
फिर जो कोई तेरे घर के दरवाज़ों से निकल कर गली में जाये, उस का ख़ून उसी के सर पर होगा और हम बे गुनाह ठहरेंगे; और जो कोई तेरे साथ घर में होगा उस पर अगर किसी का हाथ चले, तो उसका ख़ून हमारे सर पर होगा।
ואם תגידי את דברנו זה--והיינו נקים משבעתך אשר השבעתנו | 20 |
और अगर तू हमारे इस काम का ज़िक्र कर दे, तो हम उस क़सम की तरफ़ से जो तूने हम को खिलाई है बेइल्ज़ाम हो जाएँगे।
ותאמר כדבריכם כן הוא ותשלחם וילכו ותקשר את תקות השני בחלון | 21 |
उसने कहा, “जैसा तुम कहते हो वैसा ही हो।” इसलिए उसने उनको रवाना किया और वह चल दिए; तब उसने सुर्ख़ रंग की वह डोरी खिड़की में बाँध दी।
וילכו ויבאו ההרה וישבו שם שלשת ימים עד שבו הרדפים ויבקשו הרדפים בכל הדרך ולא מצאו | 22 |
और वह जाकर पहाड़ पर पहुँचे और तीन दिन तक वहीं ठहरे रहे, जब तक उनका पीछा करने वाले लौट न आए; और उन पीछा करने वालों ने उनको सारे रास्ते ढूंढा पर कहीं न पाया।
וישבו שני האנשים וירדו מההר ויעברו ויבאו אל יהושע בן נון ויספרו לו--את כל המצאות אותם | 23 |
फिर यह दोनों आदमी लौटे और पहाड़ से उतर कर पार गये, और नून के बेटे यशु'अ के पास जाकर सब कुछ जो उन पर गुज़रा था उसे बताया।
ויאמרו אל יהושע כי נתן יהוה בידנו את כל הארץ וגם נמגו כל ישבי הארץ מפנינו | 24 |
और उन्होंने यशू'अ से कहा “यक़ीनन ख़ुदावन्द ने वह सारा मुल्क हमारे क़ब्ज़े में कर दिया है क्यूँकि उस मुल्क के सब बाशिंदे हमारे आगे डरे जा रहे हैं।”