< איוב 6 >

ויען איוב ויאמר 1
यह सुन अय्योब ने यह कहा:
לו--שקול ישקל כעשי והיתי (והותי) במאזנים ישאו-יחד 2
“कैसा होता यदि मेरी पीड़ा मापी जा सकती, इसे तराजू में रखा जाता!
כי-עתה--מחול ימים יכבד על-כן דברי לעו 3
तब तो इसका माप सागर तट की बालू से अधिक होता. इसलिये मेरे शब्द मूर्खता भरे लगते हैं.
כי חצי שדי עמדי--אשר חמתם שתה רוחי בעותי אלוה יערכוני 4
क्योंकि सर्वशक्तिमान के बाण मुझे बेधे हुए हैं, उनका विष रिसकर मेरी आत्मा में पहुंच रहा है. परमेश्वर का आतंक आक्रमण के लिए मेरे विरुद्ध खड़ा है!
הינהק-פרא עלי-דשא אם יגעה-שור על-בלילו 5
क्या जंगली गधा घास के सामने आकर रेंकता है? क्या बछड़ा अपना चारा देख रम्भाता है?
היאכל תפל מבלי-מלח אם-יש-טעם בריר חלמות 6
क्या किसी स्वादरहित वस्तु का सेवन नमक के बिना संभव है? क्या अंडे की सफेदी में कोई भी स्वाद होता है?
מאנה לנגוע נפשי המה כדוי לחמי 7
मैं उनका स्पर्श ही नहीं चाहता; मेरे लिए ये घृणित भोजन-समान हैं.
מי-יתן תבוא שאלתי ותקותי יתן אלוה 8
“कैसा होता यदि मेरा अनुरोध पूर्ण हो जाता तथा परमेश्वर मेरी लालसा को पूर्ण कर देते,
ויאל אלוה וידכאני יתר ידו ויבצעני 9
तब ऐसा हो जाता कि परमेश्वर मुझे कुचलने के लिए तत्पर हो जाते, कि वह हाथ बढ़ाकर मेरा नाश कर देते!
ותהי-עוד נחמתי-- ואסלדה בחילה לא יחמול כי-לא כחדתי אמרי קדוש 10
किंतु तब भी मुझे तो संतोष है, मैं असह्य दर्द में भी आनंदित होता हूं, क्योंकि मैंने पवित्र वचनों के आदेशों का विरोध नहीं किया है.
מה-כחי כי-איחל ומה-קצי כי-אאריך נפשי 11
“क्या है मेरी शक्ति, जो मैं आशा करूं? क्या है मेरी नियति, जो मैं धैर्य रखूं?
אם-כח אבנים כחי אם-בשרי נחוש 12
क्या मेरा बल वह है, जो चट्टानों का होता है? अथवा क्या मेरी देह की रचना कांस्य से हुई है?
האם אין עזרתי בי ותשיה נדחה ממני 13
क्या मेरी सहायता का मूल मेरे अंतर में निहित नहीं, क्या मेरी विमुक्ति मुझसे दूर हो चुकी?
למס מרעהו חסד ויראת שדי יעזוב 14
“जो अपने दुःखी मित्र पर करुणा नहीं दिखाता, वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रति श्रद्धा छोड़ देता है.
אחי בגדו כמו-נחל כאפיק נחלים יעברו 15
मेरे भाई तो जलधाराओं समान विश्वासघाती ही प्रमाणित हुए, वे जलधाराएं, जो विलीन हो जाती हैं,
הקדרים מני-קרח עלימו יתעלם-שלג 16
जिनमें हिम पिघल कर जल बनता है और उनका जल छिप जाता है.
בעת יזרבו נצמתו בחמו נדעכו ממקומם 17
वे जलहीन शांत एवं सूनी हो जाती हैं, वे ग्रीष्मऋतु में अपने स्थान से विलीन हो जाती हैं.
ילפתו ארחות דרכם יעלו בתהו ויאבדו 18
वे अपने रास्ते से भटक जाते हैं; उसके बाद वे मरुभूमि में विलीन हो जाती हैं.
הביטו ארחות תמא הליכת שבא קוו-למו 19
तेमा के यात्री दल उन्हें खोजते रहे, शीबा के यात्रियों ने उन पर आशा रखी थी.
בשו כי-בטח באו עדיה ויחפרו 20
उन पर भरोसा कर उन्हें पछतावा हुआ; वे वहां पहुंचे और निराश हो गए.
כי-עתה הייתם לא תראו חתת ותיראו 21
अब स्थिति यह है, कि तुम इन्हीं जलधाराओं के समान हो चुके हो; तुम आतंक को देखकर डर जाते हो.
הכי-אמרתי הבו לי ומכחכם שחדו בעדי 22
क्या मैंने कभी यह आग्रह किया है, ‘कुछ तो दे दो मुझे, अथवा, अपनी संपत्ति में से कुछ देकर मुझे मुक्त करा लो,
ומלטוני מיד-צר ומיד עריצים תפדוני 23
अथवा, शत्रु के बंधन से मुझे मुक्त करा लो, इस उपद्रव करनेवाले व्यक्ति के अधिकार से मुझे छुड़ा लो?’
הורוני ואני אחריש ומה-שגיתי הבינו לי 24
“मुझे शिक्षा दीजिए, मैं चुप रहूंगा; मेरी त्रुटियां मुझ पर प्रकट कर दीजिए.
מה-נמרצו אמרי-ישר ומה-יוכיח הוכח מכם 25
सच्चाई में कहे गए उद्गार कितने सुखदायक होते हैं! किंतु आपके विवाद से क्या प्रकट होता है?
הלהוכח מלים תחשבו ולרוח אמרי נואש 26
क्या तुम्हारा अभिप्राय मेरे कहने की निंदा करना है, निराश व्यक्ति के उद्गार तो निरर्थक ही होते हैं?
אף-על-יתום תפילו ותכרו על-ריעכם 27
तुम तो पितृहीनों के लिए चिट्ठी डालोगे तथा अपने मित्र को ही बेच दोगे.
ועתה הואילו פנו-בי ועל-פניכם אם-אכזב 28
“अब कृपा करो और मेरी ओर देखो. फिर देखना कि क्या मैं तुम्हारे मुख पर झूठ बोल सकूंगा?
שובו-נא אל-תהי עולה ושבי (ושבו) עוד צדקי-בה 29
अब कोई अन्याय न होने पाए; छोड़ दो यह सब, मैं अब भी सत्यनिष्ठ हूं.
היש-בלשוני עולה אם-חכי לא-יבין הוות 30
क्या मेरी जीभ अन्यायपूर्ण है? क्या मुझमें बुराई और अच्छाई का बोध न रहा?

< איוב 6 >