< איוב 26 >

ויען איוב ויאמר 1
तब अय्यूब ने जवाब दिया,
מה-עזרת ללא-כח הושעת זרוע לא-עז 2
“जो बे ताक़त उसकी तूने कैसी मदद की; जिस बाज़ू में कु़व्वत न थी, उसको तू ने कैसा संभाला।
מה-יעצת ללא חכמה ותשיה לרב הודעת 3
नादान को तूने कैसी सलाह दी, और हक़ीक़ी पहचान ख़ूब ही बताई।
את-מי הגדת מלין ונשמת-מי יצאה ממך 4
तू ने जो बातें कहीं? इसलिए किस से और किसकी रूह तुझ में से हो कर निकली?”
הרפאים יחוללו-- מתחת מים ושכניהם 5
“मुर्दों की रूहें पानी और उसके रहने वालों के नीचे काँपती हैं।
ערום שאול נגדו ואין כסות לאבדון (Sheol h7585) 6
पाताल उसके सामने खुला है, और जहन्नुम बेपर्दा है। (Sheol h7585)
נטה צפון על-תהו תלה ארץ על-בלימה 7
वह शिमाल को फ़ज़ा में फैलाता है, और ज़मीन को ख़ला में लटकाता है।
צרר-מים בעביו ולא-נבקע ענן תחתם 8
वह अपने पानी से भरे हुए बादलों पानी को बाँध देता और बादल उसके बोझ से फटता नहीं।
מאחז פני-כסה פרשז עליו עננו 9
वह अपने तख़्त को ढांक लेता है और उसके ऊपर अपने बादल को तान देता है।
חק-חג על-פני-מים-- עד-תכלית אור עם-חשך 10
उसने रोशनी और अंधेरे के मिलने की जगह तक, पानी की सतह पर हद बाँध दी है।
עמודי שמים ירופפו ויתמהו מגערתו 11
आसमान के सुतून काँपते, और और झिड़की से हैरान होते हैं।
בכחו רגע הים ובתובנתו (ובתבונתו) מחץ רהב 12
वह अपनी क़ुदरत से समन्दर को तूफ़ानी करता, और अपने फ़हम से रहब को छेद देता है।
ברוחו שמים שפרה חללה ידו נחש ברח 13
उसके दम से आसमान आरास्ता होता है, उसके हाथ ने तेज़रू साँप को छेदा है।
הן-אלה קצות דרכו-- ומה-שמץ דבר נשמע-בו ורעם גבורתו מי יתבונן 14
देखो, यह तो उसकी राहों के सिर्फ़ किनारे हैं, और उसकी कैसी धीमी आवाज़ हम सुनते हैं। लेकिन कौन उसकी क़ुदरत की गरज़ को समझ सकता है?”

< איוב 26 >