< איוב 25 >
המשל ופחד עמו עשה שלום במרומיו | 2 |
२“प्रभुता करना और डराना यह उसी का काम है; वह अपने ऊँचे-ऊँचे स्थानों में शान्ति रखता है।
היש מספר לגדודיו ועל-מי לא-יקום אורהו | 3 |
३क्या उसकी सेनाओं की गिनती हो सकती? और कौन है जिस पर उसका प्रकाश नहीं पड़ता?
ומה-יצדק אנוש עם-אל ומה-יזכה ילוד אשה | 4 |
४फिर मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है? और जो स्त्री से उत्पन्न हुआ है वह कैसे निर्मल हो सकता है?
הן עד-ירח ולא יאהיל וכוכבים לא-זכו בעיניו | 5 |
५देख, उसकी दृष्टि में चन्द्रमा भी अंधेरा ठहरता, और तारे भी निर्मल नहीं ठहरते।
אף כי-אנוש רמה ובן-אדם תולעה | 6 |
६फिर मनुष्य की क्या गिनती जो कीड़ा है, और आदमी कहाँ रहा जो केंचुआ है!”