< איוב 21 >
שמעו שמוע מלתי ותהי-זאת תנחומתיכם | 2 |
२“चित्त लगाकर मेरी बात सुनो; और तुम्हारी शान्ति यही ठहरे।
שאוני ואנכי אדבר ואחר דברי תלעיג | 3 |
३मेरी कुछ तो सहो, कि मैं भी बातें करूँ; और जब मैं बातें कर चुकूँ, तब पीछे ठट्ठा करना।
האנכי לאדם שיחי ואם-מדוע לא-תקצר רוחי | 4 |
४क्या मैं किसी मनुष्य की दुहाई देता हूँ? फिर मैं अधीर क्यों न होऊँ?
פנו-אלי והשמו ושימו יד על-פה | 5 |
५मेरी ओर चित्त लगाकर चकित हो, और अपनी-अपनी उँगली दाँत तले दबाओ।
ואם-זכרתי ונבהלתי ואחז בשרי פלצות | 6 |
६जब मैं कष्टों को स्मरण करता तब मैं घबरा जाता हूँ, और मेरी देह काँपने लगती है।
מדוע רשעים יחיו עתקו גם-גברו חיל | 7 |
७क्या कारण है कि दुष्ट लोग जीवित रहते हैं, वरन् बूढ़े भी हो जाते, और उनका धन बढ़ता जाता है?
זרעם נכון לפניהם עמם וצאצאיהם לעיניהם | 8 |
८उनकी सन्तान उनके संग, और उनके बाल-बच्चे उनकी आँखों के सामने बने रहते हैं।
בתיהם שלום מפחד ולא שבט אלוה עליהם | 9 |
९उनके घर में भयरहित कुशल रहता है, और परमेश्वर की छड़ी उन पर नहीं पड़ती।
שורו עבר ולא יגעל תפלט פרתו ולא תשכל | 10 |
१०उनका साँड़ गाभिन करता और चूकता नहीं, उनकी गायें बियाती हैं और बच्चा कभी नहीं गिराती।
ישלחו כצאן עויליהם וילדיהם ירקדון | 11 |
११वे अपने लड़कों को झुण्ड के झुण्ड बाहर जाने देते हैं, और उनके बच्चे नाचते हैं।
ישאו כתף וכנור וישמחו לקול עוגב | 12 |
१२वे डफ और वीणा बजाते हुए गाते, और बांसुरी के शब्द से आनन्दित होते हैं।
יבלו (יכלו) בטוב ימיהם וברגע שאול יחתו (Sheol ) | 13 |
१३वे अपने दिन सुख से बिताते, और पल भर ही में अधोलोक में उतर जाते हैं। (Sheol )
ויאמרו לאל סור ממנו ודעת דרכיך לא חפצנו | 14 |
१४तो भी वे परमेश्वर से कहते थे, ‘हम से दूर हो! तेरी गति जानने की हमको इच्छा नहीं है।
מה-שדי כי-נעבדנו ומה-נועיל כי נפגע-בו | 15 |
१५सर्वशक्तिमान क्या है, कि हम उसकी सेवा करें? और यदि हम उससे विनती भी करें तो हमें क्या लाभ होगा?’
הן לא בידם טובם עצת רשעים רחקה מני | 16 |
१६देखो, उनका कुशल उनके हाथ में नहीं रहता, दुष्ट लोगों का विचार मुझसे दूर रहे।
כמה נר-רשעים ידעך-- ויבא עלימו אידם חבלים יחלק באפו | 17 |
१७“कितनी बार ऐसे होता है कि दुष्टों का दीपक बुझ जाता है, या उन पर विपत्ति आ पड़ती है; और परमेश्वर क्रोध करके उनके हिस्से में शोक देता है,
יהיו כתבן לפני-רוח וכמץ גנבתו סופה | 18 |
१८वे वायु से उड़ाए हुए भूसे की, और बवण्डर से उड़ाई हुई भूसी के समान होते हैं।
אלוה יצפן-לבניו אונו ישלם אליו וידע | 19 |
१९तुम कहते हो ‘परमेश्वर उसके अधर्म का दण्ड उसके बच्चों के लिये रख छोड़ता है,’ वह उसका बदला उसी को दे, ताकि वह जान ले।
יראו עינו כידו ומחמת שדי ישתה | 20 |
२०दुष्ट अपना नाश अपनी ही आँखों से देखे, और सर्वशक्तिमान की जलजलाहट में से आप पी ले।
כי מה-חפצו בביתו אחריו ומספר חדשיו חצצו | 21 |
२१क्योंकि जब उसके महीनों की गिनती कट चुकी, तो अपने बादवाले घराने से उसका क्या काम रहा।
הלאל ילמד-דעת והוא רמים ישפוט | 22 |
२२क्या परमेश्वर को कोई ज्ञान सिखाएगा? वह तो ऊँचे पद पर रहनेवालों का भी न्याय करता है।
זה--ימות בעצם תמו כלו שלאנן ושליו | 23 |
२३कोई तो अपने पूरे बल में बड़े चैन और सुख से रहता हुआ मर जाता है।
עטיניו מלאו חלב ומח עצמותיו ישקה | 24 |
२४उसकी देह दूध से और उसकी हड्डियाँ गूदे से भरी रहती हैं।
וזה--ימות בנפש מרה ולא-אכל בטובה | 25 |
२५और कोई अपने जीव में कुढ़कुढ़कर बिना सुख भोगे मर जाता है।
יחד על-עפר ישכבו ורמה תכסה עליהם | 26 |
२६वे दोनों बराबर मिट्टी में मिल जाते हैं, और कीड़े उन्हें ढांक लेते हैं।
הן ידעתי מחשבותיכם ומזמות עלי תחמסו | 27 |
२७“देखो, मैं तुम्हारी कल्पनाएँ जानता हूँ, और उन युक्तियों को भी, जो तुम मेरे विषय में अन्याय से करते हो।
כי תאמרו איה בית-נדיב ואיה אהל משכנות רשעים | 28 |
२८तुम कहते तो हो, ‘रईस का घर कहाँ रहा? दुष्टों के निवास के तम्बू कहाँ रहे?’
הלא שאלתם עוברי דרך ואתתם לא תנכרו | 29 |
२९परन्तु क्या तुम ने बटोहियों से कभी नहीं पूछा? क्या तुम उनके इस विषय के प्रमाणों से अनजान हो,
כי ליום איד יחשך רע ליום עברות יובלו | 30 |
३०कि विपत्ति के दिन के लिये दुर्जन सुरक्षित रखा जाता है; और महाप्रलय के समय के लिये ऐसे लोग बचाए जाते हैं?
מי-יגיד על-פניו דרכו והוא-עשה מי ישלם-לו | 31 |
३१उसकी चाल उसके मुँह पर कौन कहेगा? और उसने जो किया है, उसका पलटा कौन देगा?
והוא לקברות יובל ועל-גדיש ישקוד | 32 |
३२तो भी वह कब्र को पहुँचाया जाता है, और लोग उस कब्र की रखवाली करते रहते हैं।
מתקו-לו רגבי-נחל ואחריו כל-אדם ימשוך ולפניו אין מספר | 33 |
३३नाले के ढेले उसको सुखदायक लगते हैं; और जैसे पूर्वकाल के लोग अनगिनत जा चुके, वैसे ही सब मनुष्य उसके बाद भी चले जाएँगे।
ואיך תנחמוני הבל ותשובתיכם נשאר-מעל | 34 |
३४तुम्हारे उत्तरों में तो झूठ ही पाया जाता है, इसलिए तुम क्यों मुझे व्यर्थ शान्ति देते हो?”