< איוב 20 >
לכן שעפי ישיבוני ובעבור חושי בי | 2 |
२“मेरा जी चाहता है कि उत्तर दूँ, और इसलिए बोलने में फुर्ती करता हूँ।
מוסר כלמתי אשמע ורוח מבינתי יענני | 3 |
३मैंने ऐसी डाँट सुनी जिससे मेरी निन्दा हुई, और मेरी आत्मा अपनी समझ के अनुसार तुझे उत्तर देती है।
הזאת ידעת מני-עד מני שים אדם עלי-ארץ | 4 |
४क्या तू यह नियम नहीं जानता जो प्राचीन और उस समय का है, जब मनुष्य पृथ्वी पर बसाया गया,
כי רננת רשעים מקרוב ושמחת חנף עדי-רגע | 5 |
५दुष्टों की विजय क्षण भर का होता है, और भक्तिहीनों का आनन्द पल भर का होता है?
אם-יעלה לשמים שיאו וראשו לעב יגיע | 6 |
६चाहे ऐसे मनुष्य का माहात्म्य आकाश तक पहुँच जाए, और उसका सिर बादलों तक पहुँचे,
כגללו לנצח יאבד ראיו יאמרו איו | 7 |
७तो भी वह अपनी विष्ठा के समान सदा के लिये नाश हो जाएगा; और जो उसको देखते थे वे पूछेंगे कि वह कहाँ रहा?
כחלום יעוף ולא ימצאהו וידד כחזיון לילה | 8 |
८वह स्वप्न के समान लोप हो जाएगा और किसी को फिर न मिलेगा; रात में देखे हुए रूप के समान वह रहने न पाएगा।
עין שזפתו ולא תוסיף ולא-עוד תשורנו מקומו | 9 |
९जिसने उसको देखा हो फिर उसे न देखेगा, और अपने स्थान पर उसका कुछ पता न रहेगा।
בניו ירצו דלים וידיו תשבנה אונו | 10 |
१०उसके बच्चे कंगालों से भी विनती करेंगे, और वह अपना छीना हुआ माल फेर देगा।
עצמותיו מלאו עלומו ועמו על-עפר תשכב | 11 |
११उसकी हड्डियों में जवानी का बल भरा हुआ है परन्तु वह उसी के साथ मिट्टी में मिल जाएगा।
אם-תמתיק בפיו רעה-- יכחידנה תחת לשנו | 12 |
१२“चाहे बुराई उसको मीठी लगे, और वह उसे अपनी जीभ के नीचे छिपा रखे,
יחמל עליה ולא יעזבנה וימנענה בתוך חכו | 13 |
१३और वह उसे बचा रखे और न छोड़े, वरन् उसे अपने तालू के बीच दबा रखे,
לחמו במעיו נהפך מרורת פתנים בקרבו | 14 |
१४तो भी उसका भोजन उसके पेट में पलटेगा, वह उसके अन्दर नाग का सा विष बन जाएगा।
חיל בלע ויקאנו מבטנו ירשנו אל | 15 |
१५उसने जो धन निगल लिया है उसे वह फिर उगल देगा; परमेश्वर उसे उसके पेट में से निकाल देगा।
ראש-פתנים יינק תהרגהו לשון אפעה | 16 |
१६वह नागों का विष चूस लेगा, वह करैत के डसने से मर जाएगा।
אל-ירא בפלגות-- נהרי נחלי דבש וחמאה | 17 |
१७वह नदियों अर्थात् मधु और दही की नदियों को देखने न पाएगा।
משיב יגע ולא יבלע כחיל תמורתו ולא יעלס | 18 |
१८जिसके लिये उसने परिश्रम किया, उसको उसे लौटा देना पड़ेगा, और वह उसे निगलने न पाएगा; उसकी मोल ली हुई वस्तुओं से जितना आनन्द होना चाहिये, उतना तो उसे न मिलेगा।
כי-רצץ עזב דלים בית גזל ולא יבנהו | 19 |
१९क्योंकि उसने कंगालों को पीसकर छोड़ दिया, उसने घर को छीन लिया, जिसे उसने नहीं बनाया।
כי לא-ידע שלו בבטנו בחמודו לא ימלט | 20 |
२०“लालसा के मारे उसको कभी शान्ति नहीं मिलती थी, इसलिए वह अपनी कोई मनभावनी वस्तु बचा न सकेगा।
אין-שריד לאכלו על-כן לא-יחיל טובו | 21 |
२१कोई वस्तु उसका कौर बिना हुए न बचती थी; इसलिए उसका कुशल बना न रहेगा
במלאות שפקו יצר לו כל-יד עמל תבאנו | 22 |
२२पूरी सम्पत्ति रहते भी वह सकेती में पड़ेगा; तब सब दुःखियों के हाथ उस पर उठेंगे।
יהי למלא בטנו--ישלח-בו חרון אפו וימטר עלימו בלחומו | 23 |
२३ऐसा होगा, कि उसका पेट भरने पर होगा, परमेश्वर अपना क्रोध उस पर भड़काएगा, और रोटी खाने के समय वह उस पर पड़ेगा।
יברח מנשק ברזל תחלפהו קשת נחושה | 24 |
२४वह लोहे के हथियार से भागेगा, और पीतल के धनुष से मारा जाएगा।
שלף ויצא מגוה וברק ממררתו יהלך עליו אמים | 25 |
२५वह उस तीर को खींचकर अपने पेट से निकालेगा, उसकी चमकीली नोंक उसके पित्त से होकर निकलेगी, भय उसमें समाएगा।
כל-חשך טמון לצפוניו תאכלהו אש לא-נפח ירע שריד באהלו | 26 |
२६उसके गड़े हुए धन पर घोर अंधकार छा जाएगा। वह ऐसी आग से भस्म होगा, जो मनुष्य की फूँकी हुई न हो; और उसी से उसके डेरे में जो बचा हो वह भी भस्म हो जाएगा।
יגלו שמים עונו וארץ מתקוממה לו | 27 |
२७आकाश उसका अधर्म प्रगट करेगा, और पृथ्वी उसके विरुद्ध खड़ी होगी।
יגל יבול ביתו נגרות ביום אפו | 28 |
२८उसके घर की बढ़ती जाती रहेगी, वह परमेश्वर के क्रोध के दिन बह जाएगी।
זה חלק-אדם רשע--מאלהים ונחלת אמרו מאל | 29 |
२९परमेश्वर की ओर से दुष्ट मनुष्य का अंश, और उसके लिये परमेश्वर का ठहराया हुआ भाग यही है।”