< ירמיה 3 >
לאמר הן ישלח איש את אשתו והלכה מאתו והיתה לאיש אחר הישוב אליה עוד--הלוא חנוף תחנף הארץ ההיא ואת זנית רעים רבים--ושוב אלי נאם יהוה | 1 |
१“वे कहते हैं, ‘यदि कोई अपनी पत्नी को त्याग दे, और वह उसके पास से जाकर दूसरे पुरुष की हो जाए, तो वह पहला क्या उसके पास फिर जाएगा?’ क्या वह देश अति अशुद्ध न हो जाएगा? यहोवा की यह वाणी है कि तूने बहुत से प्रेमियों के साथ व्यभिचार किया है, क्या तू अब मेरी ओर फिरेगी?
שאי עיניך על שפים וראי איפה לא שגלת (שכבת)--על דרכים ישבת להם כערבי במדבר ותחניפי ארץ בזנותיך וברעתך | 2 |
२मुँण्ड़े टीलों की ओर आँखें उठाकर देख! ऐसा कौन सा स्थान है जहाँ तूने कुकर्म न किया हो? मार्गों में तू ऐसी बैठी जैसे एक अरबी जंगल में। तूने देश को अपने व्यभिचार और दुष्टता से अशुद्ध कर दिया है।
וימנעו רבבים ומלקוש לוא היה ומצח אשה זונה היה לך מאנת הכלם | 3 |
३इसी कारण वर्षा रोक दी गई और पिछली बरसात नहीं होती; तो भी तेरा माथा वेश्या के समान है, तू लज्जित होना ही नहीं चाहती।
הלוא מעתה קראתי (קראת) לי אבי אלוף נערי אתה | 4 |
४क्या तू अब मुझे पुकारकर कहेगी, ‘हे मेरे पिता, तू ही मेरी जवानी का साथी है?
הינטר לעולם אם ישמר לנצח הנה דברת ותעשי הרעות ותוכל | 5 |
५क्या वह सदा क्रोधित रहेगा? क्या वह उसको सदा बनाए रहेगा?’ तूने ऐसा कहा तो है, परन्तु तूने बुरे काम प्रबलता के साथ किए हैं।”
ויאמר יהוה אלי בימי יאשיהו המלך הראית אשר עשתה משבה ישראל הלכה היא על כל הר גבה ואל תחת כל עץ רענן--ותזני שם | 6 |
६फिर योशिय्याह राजा के दिनों में यहोवा ने मुझसे यह भी कहा, “क्या तूने देखा कि भटकनेवाली इस्राएल ने क्या किया है? उसने सब ऊँचे पहाड़ों पर और सब हरे पेड़ों के तले जा जाकर व्यभिचार किया है।
ואמר אחרי עשותה את כל אלה אלי תשוב--ולא שבה ותראה (ותרא) בגודה אחותה יהודה | 7 |
७तब मैंने सोचा, जब ये सब काम वह कर चुके तब मेरी ओर फिरेगी; परन्तु वह न फिरी, और उसकी विश्वासघाती बहन यहूदा ने यह देखा।
וארא כי על כל אדות אשר נאפה משבה ישראל שלחתיה ואתן את ספר כריתתיה אליה ולא יראה בגדה יהודה אחותה--ותלך ותזן גם היא | 8 |
८फिर मैंने देखा, जब मैंने भटकनेवाली इस्राएल को उसके व्यभिचार करने के कारण त्याग कर उसे त्यागपत्र दे दिया; तो भी उसकी विश्वासघाती बहन यहूदा न डरी, वरन् जाकर वह भी व्यभिचारिणी बन गई।
והיה מקל זנותה ותחנף את הארץ ותנאף את האבן ואת העץ | 9 |
९उसके निर्लज्ज-व्यभिचारिणी होने के कारण देश भी अशुद्ध हो गया, उसने पत्थर और काठ के साथ भी व्यभिचार किया।
וגם בכל זאת לא שבה אלי בגודה אחותה יהודה--בכל לבה כי אם בשקר נאם יהוה | 10 |
१०इतने पर भी उसकी विश्वासघाती बहन यहूदा पूर्ण मन से मेरी ओर नहीं फिरी, परन्तु कपट से, यहोवा की यही वाणी है।”
ויאמר יהוה אלי צדקה נפשה משבה ישראל מבגדה יהודה | 11 |
११यहोवा ने मुझसे कहा, “भटकनेवाली इस्राएल, विश्वासघातिन यहूदा से कम दोषी निकली है।
הלך וקראת את הדברים האלה צפונה ואמרת שובה משבה ישראל נאם יהוה--לוא אפיל פני בכם כי חסיד אני נאם יהוה לא אטור לעולם | 12 |
१२तू जाकर उत्तर दिशा में ये बातें प्रचार कर, ‘यहोवा की यह वाणी है, हे भटकनेवाली इस्राएल लौट आ, मैं तुझ पर क्रोध की दृष्टि न करूँगा; क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, मैं करुणामय हूँ; मैं सर्वदा क्रोध न रखे रहूँगा।
אך דעי עונך כי ביהוה אלהיך פשעת ותפזרי את דרכיך לזרים תחת כל עץ רענן ובקולי לא שמעתם נאם יהוה | 13 |
१३केवल अपना यह अधर्म मान ले कि तू अपने परमेश्वर यहोवा से फिर गई और सब हरे पेड़ों के तले इधर-उधर दूसरों के पास गई, और मेरी बातों को नहीं माना, यहोवा की यह वाणी है।
שובו בנים שובבים נאם יהוה כי אנכי בעלתי בכם ולקחתי אתכם אחד מעיר ושנים ממשפחה והבאתי אתכם ציון | 14 |
१४“हे भटकनेवाले बच्चों, लौट आओ, क्योंकि मैं तुम्हारा स्वामी हूँ; यहोवा की यह वाणी है। तुम्हारे प्रत्येक नगर से एक, और प्रत्येक कुल से दो को लेकर मैं सिय्योन में पहुँचा दूँगा।
ונתתי לכם רעים כלבי ורעו אתכם דעה והשכיל | 15 |
१५“मैं तुम्हें अपने मन के अनुकूल चरवाहे दूँगा, जो ज्ञान और बुद्धि से तुम्हें चराएँगे।
והיה כי תרבו ופריתם בארץ בימים ההמה נאם יהוה--לא יאמרו עוד ארון ברית יהוה ולא יעלה על לב ולא יזכרו בו ולא יפקדו ולא יעשה עוד | 16 |
१६उन दिनों में जब तुम इस देश में बढ़ो, और फूलो-फलो, तब लोग फिर ऐसा न कहेंगे, यहोवा की वाचा का सन्दूक; यहोवा की यह भी वाणी है। उसका विचार भी उनके मन में न आएगा, न लोग उसके न रहने से चिन्ता करेंगे; और न उसकी मरम्मत होगी।
בעת ההיא יקראו לירושלם כסא יהוה ונקוו אליה כל הגוים לשם יהוה לירושלם ולא ילכו עוד--אחרי שררות לבם הרע | 17 |
१७उस समय यरूशलेम यहोवा का सिंहासन कहलाएगा, और सब जातियाँ उसी यरूशलेम में मेरे नाम के निमित्त इकट्ठी हुआ करेंगी, और, वे फिर अपने बुरे मन के हठ पर न चलेंगी।
בימים ההמה ילכו בית יהודה על בית ישראל ויבאו יחדו מארץ צפון על הארץ אשר הנחלתי את אבותיכם | 18 |
१८उन दिनों में यहूदा का घराना इस्राएल के घराने के साथ चलेगा और वे दोनों मिलकर उत्तर के देश से इस देश में आएँगे जिसे मैंने उनके पूर्वजों को निज भाग करके दिया था।
ואנכי אמרתי איך אשיתך בבנים ואתן לך ארץ חמדה נחלת צבי צבאות גוים ואמר אבי תקראו (תקראי) לי ומאחרי לא תשובו (תשובי) | 19 |
१९“मैंने सोचा था, मैं कैसे तुझे लड़कों में गिनकर वह मनभावना देश दूँ जो सब जातियों के देशों का शिरोमणि है। मैंने सोचा कि तू मुझे पिता कहेगी, और मुझसे फिर न भटकेगी।
אכן בגדה אשה מרעה כן בגדתם בי בית ישראל נאם יהוה | 20 |
२०इसमें तो सन्देह नहीं कि जैसे विश्वासघाती स्त्री अपने प्रिय से मन फेर लेती है, वैसे ही हे इस्राएल के घराने, तू मुझसे फिर गया है, यहोवा की यही वाणी है।”
קול על שפיים נשמע בכי תחנוני בני ישראל כי העוו את דרכם שכחו את יהוה אלהיהם | 21 |
२१मुँण्ड़े टीलों पर से इस्राएलियों के रोने और गिड़गिड़ाने का शब्द सुनाई दे रहा है, क्योंकि वे टेढ़ी चाल चलते रहे हैं और अपने परमेश्वर यहोवा को भूल गए हैं।
שובו בנים שובבים ארפה משובתיכם הננו אתנו לך כי אתה יהוה אלהינו | 22 |
२२“हे भटकनेवाले बच्चों, लौट आओ, मैं तुम्हारा भटकना सुधार दूँगा। देख, हम तेरे पास आए हैं; क्योंकि तू ही हमारा परमेश्वर यहोवा है।
אכן לשקר מגבעות המון הרים אכן ביהוה אלהינו תשועת ישראל | 23 |
२३निश्चय पहाड़ों और पहाड़ियों पर का कोलाहल व्यर्थ ही है। इस्राएल का उद्धार निश्चय हमारे परमेश्वर यहोवा ही के द्वारा है।
והבשת אכלה את יגיע אבותינו--מנעורינו את צאנם ואת בקרם את בניהם ואת בנותיהם | 24 |
२४परन्तु हमारी जवानी ही से उस बदनामी की वस्तु ने हमारे पुरखाओं की कमाई अर्थात् उनकी भेड़-बकरी और गाय-बैल और उनके बेटे-बेटियों को निगल लिया है।
נשכבה בבשתנו ותכסנו כלמתנו--כי ליהוה אלהינו חטאנו אנחנו ואבותינו מנעורינו ועד היום הזה ולא שמענו בקול יהוה אלהינו | 25 |
२५हम लज्जित होकर लेट जाएँ, और हमारा संकोच हमारी ओढ़नी बन जाए; क्योंकि हमारे पुरखा और हम भी युवा अवस्था से लेकर आज के दिन तक अपने परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध पाप करते आए हैं; और हमने अपने परमेश्वर यहोवा की बातों को नहीं माना है।”