< ירמיה 14 >
אשר היה דבר יהוה אל ירמיהו על דברי הבצרות | 1 |
ख़ुदावन्द का कलाम जो ख़ुश्कसाली के बारे में यरमियाह पर नाज़िल हुआ
אבלה יהודה ושעריה אמללו קדרו לארץ וצוחת ירושלם עלתה | 2 |
“यहूदाह मातम करता है और उसके फाटकों पर उदासी छाई है, वह मातमी लिबास में ख़ाक पर बैठे हैं; और येरूशलेम का नाला बलन्द हुआ है।
ואדריהם שלחו צעוריהם (צעיריהם) למים באו על גבים לא מצאו מים שבו כליהם ריקם--בשו והכלמו וחפו ראשם | 3 |
उनके हाकिम अपने अदना लोगों को पानी के लिए भेजते हैं; वह चश्मों तक जाते हैं पर पानी नहीं पाते, और ख़ाली घड़े लिए लौट आते हैं, वह शर्मिन्दा — ओ — पशेमान होकर अपने सिर ढाँपते हैं।
בעבור האדמה חתה כי לא היה גשם בארץ בשו אכרים חפו ראשם | 4 |
चूँकि मुल्क में बारिश न हुई, इसलिए ज़मीन फट गई और किसान सरासीमा हुए, वह अपने सिर छिपाते हैं।
כי גם אילת בשדה ילדה ועזוב כי לא היה דשא | 5 |
चुनाँचे हिरनी मैदान में बच्चा देकर उसे छोड़ देती है क्यूँकि घास नहीं मिलती।
ופראים עמדו על שפים שאפו רוח כתנים כלו עיניהם כי אין עשב | 6 |
और गोरख़र ऊँची जगहों पर खड़े होकर गीदड़ों की तरह हाँफते हैं उनकी आँखे रह जाती हैं, क्यूँकि घास नहीं है।
אם עונינו ענו בנו--יהוה עשה למען שמך כי רבו משובתינו לך חטאנו | 7 |
'अगरचे हमारी बदकिरदारी हम पर गवाही देती है, तो भी ऐ ख़ुदावन्द अपने नाम की ख़ातिर कुछ कर; क्यूँकि हमारी नाफ़रमानी बहुत है, हम तेरे ख़ताकार हैं।
מקוה ישראל מושיעו בעת צרה--למה תהיה כגר בארץ וכארח נטה ללון | 8 |
ऐ इस्राईल की उम्मीद, मुसीबत के वक़्त उसके बचानेवाले, तू क्यूँ मुल्क में परदेसी की तरह बना, और उस मुसाफ़िर की तरह जो रात काटने के लिए डेरा डाले?
למה תהיה כאיש נדהם כגבור לא יוכל להושיע ואתה בקרבנו יהוה ושמך עלינו נקרא--אל תנחנו | 9 |
तू क्यूँ इंसान की तरह हक्का — बक्का है, और उस बहादुर की तरह जो रिहाई नहीं दे सकता? बहर — हाल, ऐ ख़ुदावन्द, तू तो हमारे बीच है और हम तेरे नाम से कहलाते हैं; तू हमको मत छोड़।”
כה אמר יהוה לעם הזה כן אהבו לנוע--רגליהם לא חשכו ויהוה לא רצם--עתה יזכר עונם ויפקד חטאתם | 10 |
ख़ुदावन्द इन लोगों से यूँ फ़रमाता है कि “इन्होंने गुमराही को यूँ दोस्त रख्खा है और अपने पाँव को नहीं रोका, इसलिए ख़ुदावन्द इनको क़ुबूल नहीं करता; अब वह इनकी बदकिरदारी याद करेगा और इनके गुनाह की सज़ा देगा।”
ויאמר יהוה אלי אל תתפלל בעד העם הזה לטובה | 11 |
और ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया, इन लोगों के लिए दु'आ — ए — ख़ैर न कर।
כי יצמו אינני שמע אל רנתם וכי יעלו עלה ומנחה אינני רצם כי בחרב וברעב ובדבר אנכי מכלה אותם | 12 |
क्यूँकि जब यह रोज़ा रख्खें तो मैं इनकी फ़रियाद न सुनूँगा और जब सोख़्तनी क़ुर्बानी और हदिया पेश करें तो क़ुबूल न करूँगा, बल्कि मैं तलवार और काल और वबा से इनको हलाक करूँगा।
ואמר אהה אדני יהוה הנה הנבאים אמרים להם לא תראו חרב ורעב לא יהיה לכם כי שלום אמת אתן לכם במקום הזה | 13 |
तब मैंने कहा, 'आह, ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, देख, अम्बिया उनसे कहते हैं, तुम तलवार न देखोगे, और तुम में काल न पड़ेगा; बल्कि मैं इस मक़ाम में तुम को हक़ीक़ी सलामती बख्शूँगा।
ויאמר יהוה אלי שקר הנבאים נבאים בשמי--לא שלחתים ולא צויתים ולא דברתי אליהם חזון שקר וקסם ואלול (ואליל) ותרמות (ותרמית) לבם המה מתנבאים לכם | 14 |
तब ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया कि अम्बिया मेरा नाम लेकर झूटी नबुव्वत करते हैं; मैंने न उनको भेजा और न हुक्म दिया और न उनसे कलाम किया, वह झूठा ख़्वाब और झूठा 'इल्म — ए — ग़ैब और बतालत और अपने दिलों की मक्कारी, नबुव्वत की सूरत में तुम पर ज़ाहिर करते हैं।
לכן כה אמר יהוה על הנבאים הנבאים בשמי ואני לא שלחתים והמה אמרים חרב ורעב לא יהיה בארץ הזאת בחרב וברעב יתמו הנבאים ההמה | 15 |
इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि वह नबी जिनको मैंने नहीं भेजा, जो मेरा नाम लेकर नबुव्वत करते और कहते हैं कि तलवार और काल इस मुल्क में न आएँगे, वह तलवार और काल ही से हलाक होंगे।
והעם אשר המה נבאים להם יהיו משלכים בחצות ירושלם מפני הרעב והחרב ואין מקבר להמה--המה נשיהם ובניהם ובנתיהם ושפכתי עליהם את רעתם | 16 |
और जिन लोगों से वह नबुव्वत करते हैं, तो काल और तलवार की वजह से येरूशलेम के गलियों में फेंक दिए जाएँगे; उनको और उनकी बीवियों और उनके बेटों और उनकी बेटियों को दफ़्न करने वाला कोई न होगा। मैं उनकी बुराई उन पर उँडेल दूँगा।
ואמרת אליהם את הדבר הזה תרדנה עיני דמעה לילה ויומם ואל תדמינה כי שבר גדול נשברה בתולת בת עמי--מכה נחלה מאד | 17 |
“और तू उनसे यूँ कहना: 'मेरी आँखें रात दिन आँसू बहाएँ और हरगिज़ न थमें, क्यूँके मेरी कुँवारी दुख़्तर — ए — क़ौम ख़श्तगी और ज़र्ब — ए — शदीद से शिकस्ता है।
אם יצאתי השדה והנה חללי חרב ואם באתי העיר והנה תחלואי רעב כי גם נביא גם כהן סחרו אל ארץ ולא ידעו | 18 |
अगर मैं बाहर मैदान में जाऊँ, तो वहाँ तलवार के मक़्तूल हैं; और अगर मैं शहर में दाख़िल होऊँ, तो वहाँ काल के मारे हैं! हाँ, नबी और काहिन दोनों एक ऐसे मुल्क को जाएँगे, जिसे वह नहीं जानते।”
המאס מאסת את יהודה אם בציון געלה נפשך--מדוע הכיתנו ואין לנו מרפא קוה לשלום ואין טוב ולעת מרפא והנה בעתה | 19 |
क्या तूने यहूदाह को बिल्कुल रद्द कर दिया? क्या तेरी जान को सिय्यून से नफ़रत है? तूने हमको क्यूँ मारा और हमारे लिए शिफ़ा नहीं? सलामती का इन्तिज़ार था, लेकिन कुछ फ़ायदा न हुआ; और शिफ़ा के वक़्त का, लेकिन देखो, दहशत!
ידענו יהוה רשענו עון אבותינו כי חטאנו לך | 20 |
ऐ ख़ुदावन्द, हम अपनी शरारत और अपने बाप — दादा की बदकिरदारी का इक़रार करते हैं; क्यूँकि हम ने तेरा गुनाह किया है।
אל תנאץ למען שמך אל תנבל כסא כבודך זכר אל תפר בריתך אתנו | 21 |
अपने नाम की ख़ातिर रद्द न कर, और अपने जलाल के तख़्त की तहक़ीर न कर; याद फ़रमा और हम से रिश्ता — ए — 'अहद को न तोड़।
היש בהבלי הגוים מגשמים ואם השמים יתנו רבבים הלא אתה הוא יהוה אלהינו ונקוה לך--כי אתה עשית את כל אלה | 22 |
क़ौमों के बुतों में कोई है जो मेंह बरसा सके? या आसमान बरिश पर क़ादिर हैं? ऐ ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा, क्या वह तू ही नहीं है? इसलिए हम तुझ ही पर उम्मीद रख्खेंगे, क्यूँकि तू ही ने यह सब काम किए हैं।