< חבקוק 1 >
המשא אשר חזה חבקוק הנביא | 1 |
हबक़्क़ूक़क़ नबी के ख़्वाब की नबुव्वत के बारे में:
עד אנה יהוה שועתי ולא תשמע אזעק אליך חמס ולא תושיע | 2 |
ऐ ख़ुदावन्द, मैं कब तक फ़रियाद करूँगा, और तू न सुनेगा? मैं तेरे सामने कब तक चिल्लाऊँगा “ज़ुल्म”, “ज़ुल्म” और तू न बचाएगा?
למה תראני און ועמל תביט ושד וחמס לנגדי ויהי ריב ומדון ישא | 3 |
तू क्यूँ मुझे बद किरदारी और टेढ़ी रविश दिखाता है? क्यूँकि ज़ुल्म और सितम मेरे सामने हैं फ़ितना — ओ — फ़साद खड़े होते रहते हैं।
על כן תפוג תורה ולא יצא לנצח משפט כי רשע מכתיר את הצדיק על כן יצא משפט מעקל | 4 |
इसलिए शरी'अत कमज़ोर हो गई, और इन्साफ़ मुतलक़ जारी नहीं होता। क्यूँकि शरीर सादिक़ो को घेर लेते हैं; इसलिए इन्साफ़ का खू़न हो रहा है।
ראו בגוים והביטו והתמהו תמהו כי פעל פעל בימיכם לא תאמינו כי יספר | 5 |
क़ौमों पर नज़र करो, और देखो; और हैरान हो; क्यूँकि मैं तुम्हारे दिनों में एक ऐसा काम करने को हूँ कि अगर कोई तुम से उसका बयान करे तो तुम हरगिज़ उम्मीद न करोगे।
כי הנני מקים את הכשדים הגוי המר והנמהר ההולך למרחבי ארץ לרשת משכנות לא לו | 6 |
क्यूँकि देखो, मैं कसदियों को चढ़ालाऊँगा: वह गु़स्सावर और कम'अक़्ल क़ौम हैं, जो चौड़ी ज़मीन से होकर गुज़रते हैं, ताकि उन बस्तियों पर जो उनकी नहीं हैं, क़ब्ज़ा कर लें।
אים ונורא הוא ממנו משפטו ושאתו יצא | 7 |
वह डरावने और ख़ौफ़नाक हैं: वह खु़द ही अपनी 'अदालत और शान का मसदर हैं।
וקלו מנמרים סוסיו וחדו מזאבי ערב ופשו פרשיו ופרשיו מרחוק יבאו--יעפו כנשר חש לאכול | 8 |
उनके घोड़े चीतों से भी तेज़ रफ़्तार, और शाम को निकलने वाले भेड़ियों से ज़्यादा खू़ँख़्वार हैं; और उनके सवार कूदते फाँदते आते हैं। हाँ, वह दूर से चले आते हैं, वह उक़ाब की तरह हैं, जो अपने शिकार पर झपटता है।
כלה לחמס יבוא מגמת פניהם קדימה ויאסף כחול שבי | 9 |
वह सब ग़ारतगरी को आते हैं, वह सीधे बढ़े चले आते हैं; और उनके गु़लाम रेत के ज़र्रों की तरह बेशुमार होते हैं।
והוא במלכים יתקלס ורזנים משחק לו הוא לכל מבצר ישחק ויצבר עפר וילכדה | 10 |
वह बादशाहों को ठठ्ठों में उड़ाते, और 'उमरा को मसख़रा बनाते हैं। वह क़िलों' को हक़ीर जानते हैं, क्यूँकि वह मिट्टी से दमदमें बाँधकर उनको फ़तह कर लेते हैं।
אז חלף רוח ויעבר ואשם זו כחו לאלהו | 11 |
तब वह हवा के झोंके की तरह गुज़रते और ख़ता करके गुनहगार होते हैं, क्यूँकि उनका ज़ोर ही उनका ख़ुदा है।
הלוא אתה מקדם יהוה אלהי קדשי--לא נמות יהוה למשפט שמתו וצור להוכיח יסדתו | 12 |
ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, ऐ मेरे कु़द्दूस, क्या तू अज़ल से नहीं है? हम नहीं मरेंगे। ऐ ख़ुदावन्द, तूने उनको 'अदालत के लिए ठहराया है, और ऐ चट्टान, तू ने उनको तादीब के लिए मुक़र्रर किया है।
טהור עינים מראות רע והביט אל עמל לא תוכל למה תביט בוגדים--תחריש בבלע רשע צדיק ממנו | 13 |
तेरी आँखें ऐसी पाक हैं कि तू गुनाह को देख नहीं सकता, और टेढ़ी रविश पर निगाह नहीं कर सकता। फिर तू दग़ाबाज़ों पर क्यूँ नज़र करता है, और जब शरीर अपने से ज़्यादा सादिक़ को निगल जाता है, तब तू क्यूँ ख़ामोश रहता है?
ותעשה אדם כדגי הים--כרמש לא משל בו | 14 |
और बनी आदम को समन्दर की मछलियों, और कीड़े — मकौड़ों की तरह बनाता है जिन पर कोई हुकूमत करने वाला नहीं?
כלה בחכה העלה--יגרהו בחרמו ויאספהו במכמרתו על כן ישמח ויגיל | 15 |
वह उन सब को शस्त से उठा लेते हैं, और अपने जाल में फँसाते हैं; और महाजाल में जमा' करते हैं, इसलिए वह शादमान और ख़ुश वक़्त हैं।
על כן יזבח לחרמו ויקטר למכמרתו כי בהמה שמן חלקו ומאכלו בראה | 16 |
इसीलिए वह अपने जाल के आगे क़ुर्बानी अदा करते हैं और अपने बड़े जाल के आगे ख़ुश्बू जलाते हैं, क्यूँकि इनके वसीले से उनका हिस्सा लज़ीज़, और उनकी ग़िज़ा चिकनी है।
העל כן יריק חרמו ותמיד להרג גוים לא יחמול | 17 |
इसलिए क्या वह अपने जाल को ख़ाली करने और क़ौमों को बराबर क़त्ल करने से बाज़ न आएँगे?