+ בראשית 1 >

בראשית ברא אלהים את השמים ואת הארץ 1
आदि में परमेश्वर ने आकाश एवं पृथ्वी को रचा.
והארץ היתה תהו ובהו וחשך על פני תהום ורוח אלהים מרחפת על פני המים 2
पृथ्वी बिना आकार के तथा खाली थी, और पानी के ऊपर अंधकार था तथा परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर मंडरा रहा था.
ויאמר אלהים יהי אור ויהי אור 3
उसके बाद परमेश्वर ने कहा, “प्रकाश हो जाए,” और प्रकाश हो गया.
וירא אלהים את האור כי טוב ויבדל אלהים בין האור ובין החשך 4
परमेश्वर ने प्रकाश को देखा कि अच्छा है. परमेश्वर ने प्रकाश को अंधकार से अलग किया.
ויקרא אלהים לאור יום ולחשך קרא לילה ויהי ערב ויהי בקר יום אחד 5
परमेश्वर ने प्रकाश को “दिन” तथा अंधकार को “रात” कहा और शाम हुई, फिर सुबह हुई—इस प्रकार पहला दिन हो गया.
ויאמר אלהים יהי רקיע בתוך המים ויהי מבדיל בין מים למים 6
फिर परमेश्वर ने कहा, “जल के बीच ऐसा विभाजन हो कि जल दो भागों में हो जाए.”
ויעש אלהים את הרקיע ויבדל בין המים אשר מתחת לרקיע ובין המים אשר מעל לרקיע ויהי כן 7
इस प्रकार परमेश्वर ने नीचे के जल और ऊपर के जल को अलग किया. यह वैसा ही हो गया.
ויקרא אלהים לרקיע שמים ויהי ערב ויהי בקר יום שני 8
परमेश्वर ने इस अंतर को “आकाश” नाम दिया. और शाम हुई, फिर सुबह हुई—इस प्रकार दूसरा दिन हो गया.
ויאמר אלהים יקוו המים מתחת השמים אל מקום אחד ותראה היבשה ויהי כן 9
फिर परमेश्वर ने कहा, “आकाश के नीचे का पानी एक जगह इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे” और वैसा ही हो गया.
ויקרא אלהים ליבשה ארץ ולמקוה המים קרא ימים וירא אלהים כי טוב 10
परमेश्वर ने सूखी भूमि को “धरती” तथा जो जल इकट्ठा हुआ उसको “सागर” कहा और परमेश्वर ने देखा कि वह अच्छा है.
ויאמר אלהים תדשא הארץ דשא עשב מזריע זרע עץ פרי עשה פרי למינו אשר זרעו בו על הארץ ויהי כן 11
फिर परमेश्वर ने कहा, “पृथ्वी से हरी घास तथा पेड़ उगने लगें: और पृथ्वी पर फलदाई वृक्षों में फल लगने लगें.” और वैसा हो गया.
ותוצא הארץ דשא עשב מזריע זרע למינהו ועץ עשה פרי אשר זרעו בו למינהו וירא אלהים כי טוב 12
पृथ्वी हरी-हरी घास, बीजयुक्त पौधे, जिनमें अपनी-अपनी जाति का बीज होता है तथा फलदाई वृक्ष, जिनके फलों में अपनी-अपनी जाति के बीज होते हैं, उगने लगे. परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है.
ויהי ערב ויהי בקר יום שלישי 13
फिर शाम हुई, फिर सुबह हुई—इस प्रकार तीसरा दिन हो गया.
ויאמר אלהים יהי מארת ברקיע השמים להבדיל בין היום ובין הלילה והיו לאתת ולמועדים ולימים ושנים 14
फिर परमेश्वर ने कहा, “दिन को रात से अलग करने के लिए आकाश में ज्योतियां हों, और ये चिन्हों, समयों, दिनों एवं वर्षों के लिए होगा.
והיו למאורת ברקיע השמים להאיר על הארץ ויהי כן 15
और आकाश में ज्योतियां हों, जिससे पृथ्वी को प्रकाश मिले,” और ऐसा ही हो गया.
ויעש אלהים את שני המארת הגדלים את המאור הגדל לממשלת היום ואת המאור הקטן לממשלת הלילה ואת הכוכבים 16
परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाई—बड़ी ज्योति को दिन में तथा छोटी ज्योति को रात में राज करने हेतु बनाया. और परमेश्वर ने तारे भी बनाये.
ויתן אתם אלהים ברקיע השמים להאיר על הארץ 17
इन सभी को परमेश्वर ने आकाश में स्थिर किया कि ये पृथ्वी को रोशनी देते रहें,
ולמשל ביום ובלילה ולהבדיל בין האור ובין החשך וירא אלהים כי טוב 18
ताकि दिन और रात अपना काम पूरा कर सकें और रोशनी अंधकार से अलग हो. और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है.
ויהי ערב ויהי בקר יום רביעי 19
और शाम हुई, फिर सुबह हुई—इस प्रकार चौथा दिन हो गया.
ויאמר אלהים--ישרצו המים שרץ נפש חיה ועוף יעופף על הארץ על פני רקיע השמים 20
फिर परमेश्वर ने कहा, “पानी में पानी के जंतु और आकाश में उड़नेवाले पक्षी भर जायें.”
ויברא אלהים את התנינם הגדלים ואת כל נפש החיה הרמשת אשר שרצו המים למינהם ואת כל עוף כנף למינהו וירא אלהים כי טוב 21
परमेश्वर ने बड़े-बड़े समुद्री-जीवों तथा सब जातियों के जंतुओं को भी बनाया, और समुद्र को समुद्री-जीवों से भर दिया तथा सब जाति के पक्षियों की भी सृष्टि की और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है.
ויברך אתם אלהים לאמר פרו ורבו ומלאו את המים בימים והעוף ירב בארץ 22
इन्हें परमेश्वर ने यह कहकर आशीष दी, “समुद्र में सभी जंतु, तथा पृथ्वी में पक्षी भर जायें.”
ויהי ערב ויהי בקר יום חמישי 23
तब शाम हुई, फिर सुबह हुई—पांचवां दिन हो गया.
ויאמר אלהים תוצא הארץ נפש חיה למינה בהמה ורמש וחיתו ארץ למינה ויהי כן 24
फिर परमेश्वर ने कहा, “पृथ्वी से प्रत्येक जाति के जीवित प्राणी उत्पन्‍न हों: पालतू पशु, रेंगनेवाले जंतु तथा हर एक जाति के वन पशु उत्पन्‍न हों.”
ויעש אלהים את חית הארץ למינה ואת הבהמה למינה ואת כל רמש האדמה למינהו וירא אלהים כי טוב 25
परमेश्वर ने हर एक जाति के वन-पशुओं को, हर एक जाति के पालतू पशुओं को तथा भूमि पर रेंगनेवाले हर एक जाति के जीवों को बनाया. और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है.
ויאמר אלהים נעשה אדם בצלמנו כדמותנו וירדו בדגת הים ובעוף השמים ובבהמה ובכל הארץ ובכל הרמש הרמש על הארץ 26
फिर परमेश्वर ने कहा, “हम अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में मनुष्य की रचना करें कि वे सागर की मछलियों, आकाश के पक्षियों, पालतू पशुओं, भूमि पर रेंगनेवाले हर एक जीव तथा सारी पृथ्वी पर राज करें.”
ויברא אלהים את האדם בצלמו בצלם אלהים ברא אתו זכר ונקבה ברא אתם 27
इसलिये परमेश्वर ने अपने स्वरूप में मनुष्य को बनाया, परमेश्वर के ही स्वरूप में परमेश्वर ने उन्हें बनाया; नर और नारी करके उसने उन्हें बनाया.
ויברך אתם אלהים ויאמר להם אלהים פרו ורבו ומלאו את הארץ וכבשה ורדו בדגת הים ובעוף השמים ובכל חיה הרמשת על הארץ 28
परमेश्वर ने उन्हें यह आशीष दी, “फूलो फलो और संख्या में बढ़ो और पृथ्वी में भर जाओ और सब पर अधिकार कर लो. सागर की मछलियों, आकाश के पक्षियों व पृथ्वी के सब रेंगनेवाले जीव-जन्तुओं पर तुम्हारा अधिकार हो.”
ויאמר אלהים הנה נתתי לכם את כל עשב זרע זרע אשר על פני כל הארץ ואת כל העץ אשר בו פרי עץ זרע זרע לכם יהיה לאכלה 29
तब परमेश्वर ने उनसे कहा, “मैंने तुम्हारे खाने के लिए बीज वाले पौधे और बीज वाले फल के पेड़ आदि दिये हैं जो तुम्हारे भोजन के लिये होंगे.
ולכל חית הארץ ולכל עוף השמים ולכל רומש על הארץ אשר בו נפש חיה את כל ירק עשב לאכלה ויהי כן 30
और पृथ्वी के प्रत्येक पशुओं, आकाश के सब पक्षियों और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जीव-जन्तुओं को—प्रत्येक प्राणी को जिसमें जीवन का श्वास है—मैं प्रत्येक हरे पौधे भोजन के लिये देता हूं.” और वैसा ही हो गया.
וירא אלהים את כל אשר עשה והנה טוב מאד ויהי ערב ויהי בקר יום הששי 31
परमेश्वर ने अपनी बनाई हर चीज़ को देखा, और वह बहुत ही अच्छी थी. और शाम हुई, फिर सुबह हुई—इस प्रकार छठवां दिन हो गया.

+ בראשית 1 >