< בראשית 48 >

ויהי אחרי הדברים האלה ויאמר ליוסף הנה אביך חלה ויקח את שני בניו עמו--את מנשה ואת אפרים 1
इन बातों के पश्चात् किसी ने यूसुफ से कहा, “सुन, तेरा पिता बीमार है।” तब वह मनश्शे और एप्रैम नामक अपने दोनों पुत्रों को संग लेकर उसके पास चला।
ויגד ליעקב--ויאמר הנה בנך יוסף בא אליך ויתחזק ישראל וישב על המטה 2
किसी ने याकूब को बता दिया, “तेरा पुत्र यूसुफ तेरे पास आ रहा है,” तब इस्राएल अपने को सम्भालकर खाट पर बैठ गया।
ויאמר יעקב אל יוסף אל שדי נראה אלי בלוז בארץ כנען ויברך אתי 3
और याकूब ने यूसुफ से कहा, “सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने कनान देश के लूज नगर के पास मुझे दर्शन देकर आशीष दी,
ויאמר אלי הנני מפרך והרביתך ונתתיך לקהל עמים ונתתי את הארץ הזאת לזרעך אחריך--אחזת עולם 4
और कहा, ‘सुन, मैं तुझे फलवन्त करके बढ़ाऊँगा, और तुझे राज्य-राज्य की मण्डली का मूल बनाऊँगा, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को यह देश दूँगा, जिससे कि वह सदा तक उनकी निज भूमि बनी रहे।’
ועתה שני בניך הנולדים לך בארץ מצרים עד באי אליך מצרימה--לי הם אפרים ומנשה--כראובן ושמעון יהיו לי 5
और अब तेरे दोनों पुत्र, जो मिस्र में मेरे आने से पहले उत्पन्न हुए हैं, वे मेरे ही ठहरेंगे; अर्थात् जिस रीति से रूबेन और शिमोन मेरे हैं, उसी रीति से एप्रैम और मनश्शे भी मेरे ठहरेंगे।
ומולדתך אשר הולדת אחריהם לך יהיו על שם אחיהם יקראו בנחלתם 6
और उनके पश्चात् तेरे जो सन्तान उत्पन्न हो, वह तेरे तो ठहरेंगे; परन्तु बँटवारे के समय वे अपने भाइयों ही के वंश में गिने जाएँगे।
ואני בבאי מפדן מתה עלי רחל בארץ כנען בדרך בעוד כברת ארץ לבא אפרתה ואקברה שם בדרך אפרת הוא בית לחם 7
जब मैं पद्दान से आता था, तब एप्राता पहुँचने से थोड़ी ही दूर पहले राहेल कनान देश में, मार्ग में, मेरे सामने मर गई; और मैंने उसे वहीं, अर्थात् एप्राता जो बैतलहम भी कहलाता है, उसी के मार्ग में मिट्टी दी।”
וירא ישראל את בני יוסף ויאמר מי אלה 8
तब इस्राएल को यूसुफ के पुत्र देख पड़े, और उसने पूछा, “ये कौन हैं?”
ויאמר יוסף אל אביו בני הם אשר נתן לי אלהים בזה ויאמר קחם נא אלי ואברכם 9
यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “ये मेरे पुत्र हैं, जो परमेश्वर ने मुझे यहाँ दिए हैं।” उसने कहा, “उनको मेरे पास ले आ कि मैं उन्हें आशीर्वाद दूँ।”
ועיני ישראל כבדו מזקן לא יוכל לראות ויגש אתם אליו וישק להם ויחבק להם 10
१०इस्राएल की आँखें बुढ़ापे के कारण धुन्धली हो गई थीं, यहाँ तक कि उसे कम सूझता था। तब यूसुफ उन्हें उसके पास ले गया; और उसने उन्हें चूमकर गले लगा लिया।
ויאמר ישראל אל יוסף ראה פניך לא פללתי והנה הראה אתי אלהים גם את זרעך 11
११तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “मुझे आशा न थी, कि मैं तेरा मुख फिर देखने पाऊँगा: परन्तु देख, परमेश्वर ने मुझे तेरा वंश भी दिखाया है।”
ויוצא יוסף אתם מעם ברכיו וישתחו לאפיו ארצה 12
१२तब यूसुफ ने उन्हें अपने पिता के घुटनों के बीच से हटाकर और अपने मुँह के बल भूमि पर गिरकर दण्डवत् की।
ויקח יוסף את שניהם--את אפרים בימינו משמאל ישראל ואת מנשה בשמאלו מימין ישראל ויגש אליו 13
१३तब यूसुफ ने उन दोनों को लेकर, अर्थात् एप्रैम को अपने दाहिने हाथ से, कि वह इस्राएल के बाएँ हाथ पड़े, और मनश्शे को अपने बाएँ हाथ से, कि इस्राएल के दाहिने हाथ पड़े, उन्हें उसके पास ले गया।
וישלח ישראל את ימינו וישת על ראש אפרים והוא הצעיר ואת שמאלו על ראש מנשה שכל את ידיו כי מנשה הבכור 14
१४तब इस्राएल ने अपना दाहिना हाथ बढ़ाकर एप्रैम के सिर पर जो छोटा था, और अपना बायाँ हाथ बढ़ाकर मनश्शे के सिर पर रख दिया; उसने तो जान बूझकर ऐसा किया; नहीं तो जेठा मनश्शे ही था।
ויברך את יוסף ויאמר האלהים אשר התהלכו אבתי לפניו אברהם ויצחק--האלהים הרעה אתי מעודי עד היום הזה 15
१५फिर उसने यूसुफ को आशीर्वाद देकर कहा, “परमेश्वर जिसके सम्मुख मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक चलते थे वही परमेश्वर मेरे जन्म से लेकर आज के दिन तक मेरा चरवाहा बना है;
המלאך הגאל אתי מכל רע יברך את הנערים ויקרא בהם שמי ושם אבתי אברהם ויצחק וידגו לרב בקרב הארץ 16
१६और वही दूत मुझे सारी बुराई से छुड़ाता आया है, वही अब इन लड़कों को आशीष दे; और ये मेरे और मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक के कहलाएँ; और पृथ्वी में बहुतायत से बढ़ें।”
וירא יוסף כי ישית אביו יד ימינו על ראש אפרים--וירע בעיניו ויתמך יד אביו להסיר אתה מעל ראש אפרים--על ראש מנשה 17
१७जब यूसुफ ने देखा कि मेरे पिता ने अपना दाहिना हाथ एप्रैम के सिर पर रखा है, तब यह बात उसको बुरी लगी; इसलिए उसने अपने पिता का हाथ इस मनसा से पकड़ लिया, कि एप्रैम के सिर पर से उठाकर मनश्शे के सिर पर रख दे।
ויאמר יוסף אל אביו לא כן אבי כי זה הבכר שים ימינך על ראשו 18
१८और यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “हे पिता, ऐसा नहीं; क्योंकि जेठा यही है; अपना दाहिना हाथ इसके सिर पर रख।”
וימאן אביו ויאמר ידעתי בני ידעתי--גם הוא יהיה לעם וגם הוא יגדל ואולם אחיו הקטן יגדל ממנו וזרעו יהיה מלא הגוים 19
१९उसके पिता ने कहा, “नहीं, सुन, हे मेरे पुत्र, मैं इस बात को भली भाँति जानता हूँ यद्यपि इससे भी मनुष्यों की एक मण्डली उत्पन्न होगी, और यह भी महान हो जाएगा, तो भी इसका छोटा भाई इससे अधिक महान हो जाएगा, और उसके वंश से बहुत सी जातियाँ निकलेंगी।”
ויברכם ביום ההוא לאמור בך יברך ישראל לאמר ישמך אלהים כאפרים וכמנשה וישם את אפרים לפני מנשה 20
२०फिर उसने उसी दिन यह कहकर उनको आशीर्वाद दिया, “इस्राएली लोग तेरा नाम ले लेकर ऐसा आशीर्वाद दिया करेंगे, ‘परमेश्वर तुझे एप्रैम और मनश्शे के समान बना दे,’” और उसने मनश्शे से पहले एप्रैम का नाम लिया।
ויאמר ישראל אל יוסף הנה אנכי מת והיה אלהים עמכם והשיב אתכם אל ארץ אבתיכם 21
२१तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “देख, मैं तो मरने पर हूँ परन्तु परमेश्वर तुम लोगों के संग रहेगा, और तुम को तुम्हारे पितरों के देश में फिर पहुँचा देगा।
ואני נתתי לך שכם אחד--על אחיך אשר לקחתי מיד האמרי בחרבי ובקשתי 22
२२और मैं तुझको तेरे भाइयों से अधिक भूमि का एक भाग देता हूँ, जिसको मैंने एमोरियों के हाथ से अपनी तलवार और धनुष के बल से ले लिया है।”

< בראשית 48 >